धर्म-अध्यात्म सनातन वांग्मय के वैज्ञानिक आधार

सनातन वांग्मय के वैज्ञानिक आधार

वैसे तो सनातन व्यवस्था अति प्राचीन मानी जाती है। इतिहासवेत्ताओं के अनुसार भी विश्व में सबसे पुरानी सनातन सभ्यता ही रही है। जिसका आधार बीसवीं…

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मीडिया पत्रकारिता के पुरोधा : विद्यार्थी जी

पत्रकारिता के पुरोधा : विद्यार्थी जी

”जो कलम सरीखे टूट गये पर झुके नहीं, उनके आगे यह दुनिया शीश झुकाती है जो कलम किसी कीमत पर बेची नहीं गई, वह तो…

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खेत-खलिहान रेत के धोरों में सब्ज़ियों की खेती

रेत के धोरों में सब्ज़ियों की खेती

आज जहां बंजर भूमि के क्षेत्र में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने पर्यावरण और कृषि विशेषज्ञों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं,…

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राजनीति जसवंत सिंह! ये देश के साथ बौद्धिक गद्दारी है

जसवंत सिंह! ये देश के साथ बौद्धिक गद्दारी है

मोहम्मद अली जिन्ना के जीवन पर आधारित बीजेपी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह की किताब जिन्ना: इंडिया-पार्टीशन इंडीपेंडेंस हाल ही में प्रकाशित हुई है. पुस्तक…

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राजनीति हरियाणा विधान सभा भंग,फिर जनकोष से सरकार का ढिंढोरा क्यों?

हरियाणा विधान सभा भंग,फिर जनकोष से सरकार का ढिंढोरा क्यों?

हमारे देश में कानून और परम्पराओं के नाम पर मात्र एक ढकोसला है, अजीब गोरखधंधा। जो हमारे राजनीतिज्ञों को ठीक बैठता है, वही है कानून…

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धर्म-अध्यात्म पंथ निरपेक्षता बनाम धर्म निरपेक्षता को लेकर छिडी बहस के सही संदर्भ

पंथ निरपेक्षता बनाम धर्म निरपेक्षता को लेकर छिडी बहस के सही संदर्भ

किसी एक शब्द की गलत व्याख्या या उसका गलत अनुवाद किस प्रकार पूरे परिदृश्य को धुमिल कर सकता है और चिंतन को प्रदूषित कर सकता…

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समाज दिल्ली का दर्द

दिल्ली का दर्द

शुक्रवार की वारिस और लम्बे जाम में दिल्ली वालों को सरकारी दावों का असली रुप देखने को मिला।जलभराव का नजारा भंयकर था। एक घन्टे की…

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विविधा जसवंत सिंह की पुस्तक इतिहास लेखन पर कलंक – राकेश उपाध्याय

जसवंत सिंह की पुस्तक इतिहास लेखन पर कलंक – राकेश उपाध्याय

जसवंत सिंह अब भारतीय जनता पार्टी में नहीं हैं। उनके जिन्ना प्रेम ने अंतत: उन्हें अपने राजनीतिक जीवन के सबसे बुरे दौर में लाकर खड़ा…

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कविता मेरा पहला प्यार…………

मेरा पहला प्यार…………

मेरा पहला प्यार………… एक दिन यूं ही ख्याल आया अलग तरिके से देखूं ये संसार क्या सबकी सोच एक जैसी है? क्या सबके लिये खास…

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कविता महँगाई का दंश – पुनीता सिंह

महँगाई का दंश – पुनीता सिंह

बरसात आती है या महँगाई बरसती है बाजार मे हर चीज बहुत मंहगी है। बाहर बाढ जैसा नज़ारा है इधर घर की नाव डूबने को…

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कविता आईना

आईना

मानवीय मूल्यों के प्रसंग में आदर्शो की बात करते है सब, एक आईना लगा है हर घर के आँगन मे दूसरो के दोष उसमें दिखते…

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राजनीति एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में

एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में

जिन्ना लेकर उत्पन्न ताजा विवादों ने एक बार फ़िर इतिहास को कटघरे में ला खड़ा किया है । बात आडवानी की हो या जसवंत की…

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