राजनीति आदिवासियों को साधने की कोशिश November 18, 2024 / November 18, 2024 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णन जनजातीय गौरव दिवस, जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के साथ ही रोहिंग्या और घुसपैठिया का मसला संथाल परगना इलाके का बड़ा चुनावी मसला बना हुआ है। आगामी 20 नवंबर को संथाल परगना इलाके में मतदान है। उस बाबत नरेंद्र मोदी का झारखंड के गोड्डा में चुनावी सभा और बिहार के जमुई में जनजातीय गौरव […] Read more » Efforts to help the tribals आदिवासी
कविता आदिवासी नहीं कोई जाति यह एक अवस्था है August 10, 2021 / August 10, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआदिवासी नहीं कोई जाति यह एक अवस्था है,आदिवासी जनजातिकीअवस्था सेहर नस्लवर्णजातिवर्गकोगुजरना होता है! आज की वर्तमानवर्णाश्रमी जातिकल कबिलाईआर्यआदिवासी जनजातिथी! एक समय में अनेक आदिवासी जनजाति होसकती,वर्णाश्रमी जातियों जैसीसमकालीनआदिवासी जनजातियों मेंसमानता नहीं होती! आज भारतीय आदिवासी हैंसंथाल,पहाड़िया, मुंडा, उरांव,हो,कोल,भील,किरात,खरबार, मीना आदिजनजाति,जो आपस में तनिक मेल नहीं खाती! खरबार,मीना, मुंडा जनजाति का रीति रिवाजमिलता है […] Read more » Tribal no caste it is a state आदिवासी
समाज निशाने पर आदिवासी August 10, 2020 / August 10, 2020 by उत्तम मुखर्जी | Leave a Comment .#आदिवासी_दिवस_के_बहाने उत्तम मुखर्जी महारानी राज तुन्दु जाना , अबुआ राज एते आना…ख़ून की उल्टी कर रहे थे बिरसा मुंडा । फ़िर भी उनकी जुबां पर यह नारा गूंज रहा था । रानी विक्टोरिया के शासन का नाश होगा । अबुआ राज आएगा । राज तो मिला लेकिन जो सपने का हिंदुस्तान बनाने का ख़्वाब बिरसा […] Read more » adiwasi Tribal on target आदिवासी आदिवासी दिवस
समाज कल्याण दौड में भी आदिवासी बेचैन क्यों? November 25, 2019 / November 25, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग राजधानी दिल्ली में आदिवासी जनजीवन से जुड़ी संस्कृति का आदि महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 27 राज्यों के आदिवासियों की संस्कृति, जीवनशैली और भोजन की विविधता का प्रदर्शन करने वाले इस महोत्सव का उद्घाटन किया। एक तरफ सरकार आदिवासी जनजीवन के लिये बेहतर जीवन देने, उनके अधिकारों की […] Read more » आदिवासी
राजनीति प्रधानमंत्रियों से भी बड़ा काम December 22, 2018 / December 22, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on प्रधानमंत्रियों से भी बड़ा काम डॉ. वेदप्रताप वैदिकहमारे स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व-स्वास्थ्य संगठन के एक ताजा सर्वेक्षण ने मुझे चौंका दिया। उससे पता चला कि हमारे देश में सात करोड़ से भी ज्यादा लोग रोज बीड़ी पीते हैं। बीड़ी फूंककर वे खुद को फेफड़ों, दिल और केंसर का मरीज तो बनाते ही हैं, हवा में भी जहर फैलाते हैं। उनके […] Read more » अंग्रेजी अशिक्षित आदिवासी गरीब ग्रामीण धूम्रपान नशे पिछड़े मांसाहार स्वास्थ्य मंत्रालय
समाज आदिवासी मूक बधिर बेटियों से दुष्कर्म व्यवस्था पर तमाचा August 10, 2018 / August 10, 2018 by विवेक कुमार पाठक | Leave a Comment विवेक कुमार पाठक स्वतंत्र पत्रकार मध्यप्रदेश में आदिवासी मूक बधिर युवतियों के साथ दुष्कर्म के खुलासे ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। बिहार के मुजफफपुर का वहशियाना कृत्य लोग भूल भी न पाए थे कि मध्यप्रदेश में मूक बधिर युवतियों से दुष्कर्म का मामला अखबारों के प्रथम पेज पर रौंगटे खड़ा करने वाला […] Read more » Featured आईटीआई आदिवासी आदिवासी मूक बधिर बेटियों से दुष्कर्म व्यवस्था पर तमाचा बधिर बालिकाओं भोपाल के अवधपुरी मध्यप्रदेश
राजनीति समाज भारत में आदिवासी उपेक्षित क्यों है? August 7, 2018 / August 7, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment गणि राजेन्द्र विजय अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस सिर्फ उत्सव मनाने के लिए नहीं, बल्कि आदिवासी अस्तित्व, संघर्ष, हक-अधिकारों और इतिहास को याद करने के साथ-साथ जिम्मेदारियों और कर्तव्यों की समीक्षा करने का भी दिन है। आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निराकरण, भाषा संस्कृति, इतिहास आदि के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ […] Read more » Featured अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस आदिवासी कनाडा कल्याण कांग्रेसी एवं भाजपा बिरसा मुंडा भारत में आदिवासी उपेक्षित क्यों है? भाषा मेक्सिको और रूस विकास शिक्षा संसाधनों संस्कृति स्वरोजगार एवं विकास स्वास्थ्य
शख्सियत बिरसा मुंडा आज भी प्रासंगिक हैं June 6, 2018 / June 6, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे क आदिवासी नेता और लोकनायक थे जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती ही […] Read more » Featured अशिक्षा और बेरोजगारी आडम्बरों एवं अंधविश्वासों आदिवासी गरीबी झारखंड बिरसा मुंडा आज भी प्रासंगिक हैं ब्रिटिश हुकूमत भारतीय इतिहास रूढ़ियों
राजनीति गुजरात में आदिवासी आन्दोलन क्यों? March 6, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्गः- असंवैधाानिक एवं गलत आधार पर गैर-आदिवासी को आदिवासी सूची में शामिल किये जाने एवं उन्हें लाभ पहुंचाने की गुजरात की वर्तमान एवं पूर्व सरकारों की नीतियों का विरोध इनदिनों गुजरात में आन्दोलन का रूप ले रहा है। समग्र देश के आदिवासी समुदाय का नेतृत्व करने वाले गुजरात के आदिवासी समुदाय के प्रेरणापुरुष गणि […] Read more » adiwasi Adiwasi andolan Featured अशिक्षा और बेरोजगारी आदिवासी गरीबी गुजरात विधानसभा
पर्यावरण समाज सार्थक पहल धरा को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं आदिवासी August 6, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment विगत 100 वर्षों में विकास की सबसे ज्यादा कीमत किसी ने चुकाई है तो वे आदिवासी हैं। किसी को उसके घर से विस्थापित कर दिया जाए, उसकी आजीविका के जरिये छीन लिए जाएं और उसकी पहचान बदल कर इस धर्म या उस धर्म की बना दी जाए तो उससे दुर्भाग्यशाली भला और कौन होगा? आदिवासी […] Read more » adiwasi saving environment Featured आदिवासी
विविधा कौन है आदिवासी : एक विश्लेषण January 8, 2017 by अनिल अनूप | 5 Comments on कौन है आदिवासी : एक विश्लेषण अनिल अनूप आदिवासियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी की वजह क्या है? इस बात के ढेरों जवाब हो सकते हैं लेकिन आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, आसाम, झारखंड और ओडिशा के आदिवासियों की हालत देखें तो इसका सीधा जवाब मिलता है- जल, जंगल और जमीन। आजादी के बाद से लगातार जल, जंगल और जमीन के कारण उन्हें बार-बार […] Read more » who are adiwasis आदिवासी आदिवासी नृत्य
समाज जंगली जीवन जी रहे हैं बिहार-झारखंड के आदिवासी April 11, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment बिहार के गया जिले के फतेहपुर विकासखंड की कठौतिया केवाल पंचायत बिहार और झारखंड राज्य की सीमा पर बसी हुई है। इस पंचायत के गिद्धनी गांव में 9 आदिवासी टोलों में 990 आदिवासी परिवार रहते हैं। गिद्धनी गांव और वहां के आदिवासियों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। किसी सरकार या सियासी दल के […] Read more » आदिवासी जंगली जीवन झारखंड बिहार