आर्थिकी लेख अब गरीबी नहीं, अमीरी समस्या है December 4, 2019 / December 4, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:-देश की प्रति व्यक्ति आय मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत बढ़कर 10,534 रुपये महीना पहुंच जाने का अनुमान है। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में मासिक प्रति व्यक्ति आय 9,580 रुपये थी। प्रति व्यक्ति औसत आय का बढ़ना देश की समृद्धि का स्वाभाविक संकेत है। आम आदमी की औसत […] Read more » difference increasing between poverty snd rich poverty अमीर और ज्यादा अमीर गरीब और ज्यादा गरीब गरीबी प्रति व्यक्ति औसत आय
राजनीति राष्ट्रीय स्तर पर मोदी का विकल्प…. September 14, 2018 / September 21, 2018 by अनिल अनूप | 1 Comment on राष्ट्रीय स्तर पर मोदी का विकल्प…. अनिल अनूप भाजपा सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के ही सहारे है, बेशक वह करोड़ों के काडर की पार्टी है। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के बूते 2019 का चुनाव जीतने का ही दावा नहीं किया गया है, बल्कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि भाजपा को आने वाले 50 साल तक कोई सत्ता से हटा […] Read more » आतंकवाद और जातिवाद गरीबी प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार राष्ट्रीय स्तर पर मोदी का विकल्प संप्रदायवाद
समाज देश में पढ़े लिखे भिखारी September 11, 2018 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप भीख मांगते लोगों के बारे में अगर आपकी भी यही धारणा है कि वे अशिक्षित और लाचार होने की वजह से मांग कर अपना जीवन यापन करते हैं तो ध्यान दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार देश में बड़ी संख्या में डिग्री और डिप्लोमा वाले भिखारी हैं. भारत में सड़कों पर भीख मांगने […] Read more » अध्यक्ष आर.कृष्णैया असम गरीबी बेरोजगारी भिखारी मणिपुर और पश्चिम बंगाल
समाज देश में पढे लिखे भिखारी August 28, 2018 / August 29, 2018 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप भीख मांगते लोगों के बारे में अगर आपकी भी यही धारणा है कि वे अशिक्षित और लाचार होने की वजह से मांग कर अपना जीवन यापन करते हैं तो ध्यान दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार देश में बड़ी संख्या में डिग्री और डिप्लोमा वाले भिखारी हैं. भारत में सड़कों पर भीख मांगने […] Read more » feartured Featured गरीबी देश में पढे लिखे भिखारी बच्चों बेरोजगारी भिखारी शिक्षित महिलाओं
राजनीति राहुल की राजनीतिक अपरिपक्वता पर मुहर July 25, 2018 / July 25, 2018 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जिस तरह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री के समक्ष पहुंचकर उन्हें कुर्सी से उठाने की कोशिश के साथ गले पड़कर प्रायोजित प्रहसन को अंजाम दिया उससे न सिर्फ संसदीय गरिमा का क्षरण हुआ है बल्कि राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता […] Read more » Featured कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गरीबी डा0 मनमोहन सिंह नेता दिग्विजय सिंह नोटबंदी और जीएसटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण बेरोजगारी और महंगाई राहुल की राजनीतिक अपरिपक्वता पर मुहर
शख्सियत बिरसा मुंडा आज भी प्रासंगिक हैं June 6, 2018 / June 6, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे क आदिवासी नेता और लोकनायक थे जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। काले कानूनों को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती ही […] Read more » Featured अशिक्षा और बेरोजगारी आडम्बरों एवं अंधविश्वासों आदिवासी गरीबी झारखंड बिरसा मुंडा आज भी प्रासंगिक हैं ब्रिटिश हुकूमत भारतीय इतिहास रूढ़ियों
कविता आरक्षण के पीछे छिपा क्या है? April 11, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on आरक्षण के पीछे छिपा क्या है? आर के रस्तोगी क्यों लड़ते हो आरक्षण के मुद्दे पर ? असली मुद्दे पर क्यों नहीं लड़ते हो ? असली मुद्दा आरक्षण नहीं है जिसके की लिए तुम लड़ते हो असली मुद्दा सत्ता की लोलुपता है जिसके लिए आपस में लड़ते हो छोडो ये सत्ता की लोलुपता क्यों देश को तुम बर्बाद करते हो ? […] Read more » Featured आरक्षण गरीबी जातियों देश वासियों मुद्दा संविधान
कविता सत्तर साल का आरक्षण हो गया,कब तक इसे गोद खिलाओगे ? April 4, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी आरक्षण को अब बंद करो,कब तक इसे और आगे बढाओगे ? सत्तर साल का आरक्षण हो गया,कब तक इसे गोद खिलाओगे ? जाति का आधार है ये क्यों,गरीबी का आधार क्यों नहीं ? सवर्ण जाति जो गरीब है,उसको आरक्षण मिलता क्यों नहीं ? प्रतिभाओं का हनन हो रहा,सरकार उसकी जिम्मेदार क्यों नहीं […] Read more » featuerd आन्दोलन आरक्षण गरीबी गुंडा-गर्दी सत्तर साल सुप्रीम कोर्ट
राजनीति गुजरात में आदिवासी आन्दोलन क्यों? March 6, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्गः- असंवैधाानिक एवं गलत आधार पर गैर-आदिवासी को आदिवासी सूची में शामिल किये जाने एवं उन्हें लाभ पहुंचाने की गुजरात की वर्तमान एवं पूर्व सरकारों की नीतियों का विरोध इनदिनों गुजरात में आन्दोलन का रूप ले रहा है। समग्र देश के आदिवासी समुदाय का नेतृत्व करने वाले गुजरात के आदिवासी समुदाय के प्रेरणापुरुष गणि […] Read more » adiwasi Adiwasi andolan Featured अशिक्षा और बेरोजगारी आदिवासी गरीबी गुजरात विधानसभा
समाज गरीबी के दुश्चक्र में इतनी बड़ी आबादी क्यों ? June 3, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हम दिशा हीन शैली एवं दिशा हीन मार्ग पर कार्य कर रहे हैं। जिसके परिणाम आज यह दिखाई दे रहे हैं। एक लम्बी लाइन खिंची हुई है। एक तरफ धनाड्य एवं सम्पन्न व्यक्तियों की टोली एवं दूसरी तरफ गरीबों,दुर्बलों, मजलूमों की भयंकर भीड़।... मात्र कुछ लोगों की संपन्नता को आधार मानकर यदि हम देश की रूप रेखा को खींचना आरम्भ करते हैं तो यह देश एवं देश की जनता के प्रति शायद न्याय नहीं होगा।... इसका प्रतिरूप एवं प्रतिमान उसी ट्रेन की भाँति होगा जो मात्र इंजन की प्रबलता पर ध्यान केंन्द्रित करके किया गया। Read more » गरीबी
महत्वपूर्ण लेख पिंजरे में कैद सोने की चिड़िया : बौद्धिक आतंकवाद April 2, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment आजादी के 69 साल बाद भी हमारे देश का नागरिक आजाद नहीं है।देश आजाद हो गया लेकिन देशवासी अभी भी बेड़ियों के बन्धन में बन्धे हैं,ये बेड़ियाँ हैं अज्ञानता की,जातिवाद की,धर्म की,आरक्षण की,गरीबी की,सहनशीलता की,मिथ्या अवधारणाओं की आदि आदि। किसी भी देश की आजादी तब तक अधूरी होती है जब तक वहाँ के नागरिक […] Read more » Featured अज्ञानता आरक्षण गरीबी जातिवाद धर्म धर्म परिवर्तन पिंजरे में कैद सोने की चिड़िया बौद्धिक आतंकवाद सहनशीलता
आर्थिकी समाज अमीरी बनाम गरीबी July 11, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान जनगणना के ताजा आंकडों के मुताबिक ग्रामीण इलाकों के तीन चौथाई परिवारों की आमदनी पांच हजार रुपए महीने से ज्यादा नहीं है। गांवों में रहने वाले बानबे फीसद परिवारों की आय प्रतिमाह दस हजार रुपए से कम है। शहरी इलाकों के आंकड़े फिलहाल जारी नहीं किए गए हैं। पर वे जब भी सामने […] Read more » अमीरी गरीबी