विविधा अनाज नहीं, लोकतंत्र सड़ रहा है प्रधान मंत्री जी September 11, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 13 Comments on अनाज नहीं, लोकतंत्र सड़ रहा है प्रधान मंत्री जी – पंकज झा सामान्यतः जब कोई शालीन माना जाने वाला व्यक्ति अपना आपा खो दे तो समझिए कि उसके मर्म पर कोई जबरदस्त चोट पहुची है. उसे किसी व्यक्तिगत क्षति की आशंका या अंदाजा है. या फिर अपनी अक्षमता के प्रति जबरदस्त बौखलाहट. जैसे गृह मंत्री के ‘भगवा आतंकवाद’ वाले बयान को याद करें. आश्चर्यजनक […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा शक्कर के विनियंत्रण से मँहगाई के तेवर और भी तीखे होंगे September 11, 2010 / December 22, 2011 by सतीश सिंह | 1 Comment on शक्कर के विनियंत्रण से मँहगाई के तेवर और भी तीखे होंगे -सतीश सिंह एक बार फिर खाद्य व कृषि मंत्री श्री शरद पवार चर्चा में हैं। अब श्री पवार शक्कर के क्षेत्र को विनियंत्रित करने की जुगाड़ में हैं। श्री पवार ने 3 सितम्बर को प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के समक्ष शक्कर के क्षेत्र को विनियंत्रित करने की योजना प्रस्तुत की है। इस खाके को अन्य […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा और अब देश के भावी कर्णधारों ने चलाई ‘महंगाई विरोधी मिसाईल’ September 10, 2010 / December 22, 2011 by निर्मल रानी | 5 Comments on और अब देश के भावी कर्णधारों ने चलाई ‘महंगाई विरोधी मिसाईल’ -निर्मल रानी केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में महंगाई को लेकर किया जाने वाला विरोध तथा शोर-शराबा कोई नई बात नहीं है। मुंबई फिल्म उद्योग के प्रसिद्ध नायक एंव निर्देशक मनोज कुमार ने 1974 में बनाई गई अपनी एक सुपरहिट फिल्म ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ में भी ‘महंगाई मार गई’ शीर्षक […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा सखी सइयां कहां कमात हैं! September 8, 2010 / December 22, 2011 by राकेश उपाध्याय | 2 Comments on सखी सइयां कहां कमात हैं! -राकेश उपाध्याय महंगाई डायन खाय जात है, गीत उनके लिए तो ठीक है जो सचमुच कुछ अच्छा कमाते हैं। उनकी बीवियां तो अपनी पड़ोसन को कह सकती हैं कि उनके श्रीमान जी अच्छा कमाते हैं, खूब कमाते हैं लेकिन विकराल और कमर तोड़ महंगाई घर में कुछ बचने नहीं देती। लेकिन उन महिलाओं के मुंह […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा खाद्यान्न महंगाई और विषम होती परिस्तिथियाँ August 19, 2010 / December 22, 2011 by पंकज चतुर्वेदी | 6 Comments on खाद्यान्न महंगाई और विषम होती परिस्तिथियाँ -पंकज चतुर्वेदी सन २००८ में आयी आर्थिक मंदी के बाद से विश्व भर में तमाम देशों की आर्थिक सेहत खराब बनी हुई है, कभी ऐसा लगता है कि अब हालत ठीक है तो कभी स्तिथि खराब लगने लगती है। इस बड़े आर्थिक प्रहार के बाद से दो वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी आर्थिक […] Read more » Inflation महंगाई
राजनीति महंगाई व नक्सलवाद मुद्दे पर उलझी लोकसभा व विधानसभा July 28, 2010 / December 23, 2011 by अशोक बजाज | 2 Comments on महंगाई व नक्सलवाद मुद्दे पर उलझी लोकसभा व विधानसभा -अशोक बजाज देश की दो बड़़ी राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी, दो बड़ी पंचायतें लोकसभा व छत्तीसगढ़ की विधानसभा देश के दो बड़े मुद्दे महंगाई और नक्सलवाद पर गरम हैं। एक ओर जहां देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने महंगाई को लेकर काम रोको […] Read more » Inflation नक्सलवाद महंगाई
विविधा महंगाई डायन खाय जात है July 23, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 9 Comments on महंगाई डायन खाय जात है -पंकज झा आजकल जहां सभी समाचार माध्यमों पर जन-सरोकारों से दूर चले जाने का आरोप लग रहा है, वही कथात्मक माध्यम ‘सिनेमा’ कभी-कभार बड़ा सन्देश दे जाता है. अभी आमिर खान की फिल्म “पिपली लाइव” अपने एक गीत द्वारा ऐसा ही सन्देश देने में सफल रही है. “सखी सैयां तो खूबे कमात हैं, महंगाई डायन […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा न महंगाई की फिक्र, न बंद से मतलब July 23, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment -गौतम मोरारका पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों और चौतरफा बढ़ती महंगाई के विरोध में विपक्षी दलों ने प्रभावशाली एकता दिखाते हुए सफलतापूर्वक भारत बंद को अंजाम दिया। लेकिन दूसरी ओर सरकार का रुख ऐसा है जैसे उसे देश भर में इस मुद्दे पर उबल रहे आक्रोश और असंतोष की कोई परवाह ही न हो। उसने न […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा कमरतोड़ महंगाई के मध्य राष्ट्रमंडल खेल July 6, 2010 / December 23, 2011 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on कमरतोड़ महंगाई के मध्य राष्ट्रमंडल खेल -तनवीर जाफरी मात्र तीन महीने के बाद अर्थात् आगामी अक्टूबर माह में राजधानी दिल्ली में आयोजित होने जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों जैसे ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय आयोजन के बाद भारत विश्व के उन समृध्द,संपन्न तथा इस प्रकार के किसी बड़े आयोजन को करवा सकने वाले दुनिया के कुछ महत्वपूर्ण देशों में गिना जाने लगेगा। खबर है कि […] Read more » Inflation महंगाई
राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान/मंहगाई से दम तोडा ”गैस कांड” ने June 28, 2010 / December 23, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on ये है दिल्ली मेरी जान/मंहगाई से दम तोडा ”गैस कांड” ने -लिमटी खरे 26 साल घिसटने के उपरांत भोपाल गैस कांड का जो फैसला आया उसने 2 और 3 दिसंबर 1984 को भोपाल में रिसी गैस से ज्यादा दम घोंटा है पीडितों और मृतकों के परिवारों का। जैसे तैसे इस मामले की आग को हवा मिली और यह पूरी तरह सुलगने लगा। मीडिया, स्वयंसेवी संगठनों ने […] Read more » Bhopal Gas Tragedy अर्जुन सिंह भोपाल गैस कांड महंगाई
विविधा बाजार के हवाले ‘हम भारत के लोग’ June 28, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on बाजार के हवाले ‘हम भारत के लोग’ बढ़ती कीमतों ने जाहिर किया आम आदमी की चिंता किसी को नहीं – संजय द्विवेदी एक लोककल्याणकारी राज्य जब खुद को बाजार के हवाले कर दे तो कहने के लिए क्या बचता है। इसके मायने यही हैं कि राज्य ने बाजार की ताकतों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है और जनता को महंगाई की ऐसी […] Read more » Inflation बाजार महंगाई
विविधा उफ् ये आम आदमी भी न..? June 28, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 5 Comments on उफ् ये आम आदमी भी न..? -गिरीश पंकज ” उफ् ये आम आदमी भी न..? मिस्टर मनमोहन, व्हॉट डू यू थिंक अबाउट दिस डर्टी कॉमन मेन?” संसद के गलियारे में श्रीमान् ”क” ने अपनी बात शुरू की, ” जिसे देखो, इन दिनों महंगाई को रो रहा है। हम यहाँ ग्लोबल वार्मिंग की चिंता करने के लिए विदेश जा-जा कर टेंशनाएँ जा […] Read more » Inflation आम आदमी महंगाई