लेख हिंदी दिवस अंग्रेजी हटाए बिना हिंदी कैसे लाएंगे ? September 19, 2020 / September 19, 2020 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत सरकार को हिंदी दिवस मनाते-मनाते 70 साल हो गए लेकिन कोई हमें बताए कि सरकारी काम-काज या जन-जीवन में हिंदी क्या एक कदम भी आगे बढ़ी? इसका मूल कारण यह है कि हमारे नेता नौकरशाहों के नौकर हैं। वे दावा करते हैं कि वे जनता के नौकर हैं। चुनावों के दौरान […] Read more » How to get Hindi without removing English? हिंदी
हिंदी दिवस डिजिटल इंडिया और फिट इंडिया में हिंदी। September 13, 2019 / September 13, 2019 by आई. पी ह्यूमन | Leave a Comment अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव और हिंदी की उपेक्षा को रोकने के लिए 14 सितंबर को हर वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है ।अन्य दिवसों की तरह इस दिन भी हिंदी की खूब चर्चा होती है और इसकी महानता पर व्याख्यान होता है ।और हिंदी को विलुप्त होने से बचाने के लिए आह्वान किया जाता […] Read more » 14th Sep Hindi diwas Hindi Diwas हिंदी
विविधा क्या हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व की विचारधारा भारत को बाँट रही है ? February 8, 2019 / February 8, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on क्या हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व की विचारधारा भारत को बाँट रही है ? डॉ. विनोद बब्बर, हाल ही में अमेरिका में पी.एच.डी. कर रहे एक तमिल छात्र अब्राहम सैमुअल को हिन्दी न बोल पाने के कारण मुंबई एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था। उसने प्रधान मंत्री, मंत्रियों और राजनेताओं को ट्वीट किया, जिनमें शशि थरूर भी थे। इसी की प्रतिक्रिया में कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने यह विवादास्पद ट्वीट कर दिया कि […] Read more » Shashi Tharoor हिंदी हिंदू हिंदुत्व
धर्म-अध्यात्म विनोद अग्रवाल: जिसके आँसुओं ने जीवित किया भक्ति काल November 10, 2018 / November 10, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment देवांशु मित्तल बचपन याद करता हूँ तो याद आता है के कृष्ण मेरे लिए वैसे नही थे जैसे आज है. मै कृष्ण को आज की भाँति महान बुद्धिजीवी नही बल्कि गोपियों के साथ नृत्य करने वाला एक साधारण ग्रामीण मानता था. लेकिन एक बार आस्था चैनल पर एक भजन गायक को देखा. वह गायक निरंतर […] Read more » कृष्ण पंजाबी श्री मुकुंद हरी हिंदी
विविधा हिन्दी को अब नहीं तो कब मिलेगा सम्मान ? December 19, 2017 / December 19, 2017 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की न्याय व्यवस्था के लिए सुझाव दिया है कि न्यायालय को अपने निर्णय स्थानीय एवं हिंदी भाषा में देने चाहिए। इस दिशा में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कदम भी बढ़ा दिए है, जो सराहनीय है। अब अन्य न्यायालयों की बारी है। गौरतलब है कि देश में आज भी 95 प्रतिशत […] Read more » Featured hindi hindi as national language छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय मातृभाषा हिंदी हिंदी का विरोध
विविधा हिंदी पर राष्ट्रपति का नया संदेश September 18, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 2 Comments on हिंदी पर राष्ट्रपति का नया संदेश डाॅ. वेदप्रताप वैदिक हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जो संदेश दिया है, यह मुझे ऐसा लगा, जैसे कि मैं ही बोल रहा हूं। उन्होंने राष्ट्र को वह सूत्र दे दिया है जिसे लागू कर दिया जाए तो जो बेचारी हिंदी राजभाषा बनकर हर जगह बेइज्जत हो रही है, वह सचमुच भारत […] Read more » हिंदी
लेख हिंदी दिवस हिंदी का राजनैतिक व मानसिक विरोध ? September 13, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on हिंदी का राजनैतिक व मानसिक विरोध ? मृत्युंजय दीक्षित हिंदी भारत की सबसे अधिक प्राचीन,सरल, लचीली ,लोकप्रिय व सीखने में आसान भाषा है। हिंदी का इतिहास भी बहुत ही प्राचीन है। हिंदी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। इसलिये यह भाषा देवनागरी लिपि भी कही जाती है। देवनागरी में 11 स्वर और 33 व्यंजन भी होते हंै। हिंदी भाषा का अब […] Read more » Featured हिंदी हिंदी को राष्ट्रभाषा
विविधा बिना हिंदी के हिन्दुस्तान की कल्पना नहीं की जा सकती September 13, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment 14 सितंबर 2017 हिंदी दिवस पर विशेष हिंदी शब्द है हमारी आवाज का हमारे बोलने का जो कि हिन्दुस्तान में बोली जाती है। आज देश में जितनी भी क्षेत्रीय भाषाएँ हैं उन सबकी जननी हिंदी है। और हिंदी को जन्म देने वाली भाषा का नाम संस्कृत है। जो कि आज देश में सिर्फ प्रतीकात्मक रूप […] Read more » Featured Hindi Diwas हिंदी
विविधा संकीर्णताओं के विरोध में खड़ी है हिंदी September 9, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment जब हम हिंदी की उपेक्षा की बात करते हैं और इसके संरक्षण-संवर्धन हेतु शासकीय सहयोग की आशा करते हैं तब हमें यह भी सोचना चाहिए कि कहीं हिंदी की शक्ति और उसके सामर्थ्य के प्रति हम स्वयं ही सशंकित तो नहीं हैं जिस कारण हममें असुरक्षा की भावना आ गई है। यह एक निर्विवाद तथ्य […] Read more » Featured hindi संकीर्णताओं के विरोध में हिंदी
विविधा हिंदी का एक उपेक्षित क्षेत्र August 8, 2017 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | 4 Comments on हिंदी का एक उपेक्षित क्षेत्र डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री हिंदी इस समय एक विचित्र दौर से गुज़र रही है। अनेक शताब्दियों से जो इस देश में अखिल भारतीय संपर्क भाषा थी, और इसीलिए संविधान सभा ने जिसे राजभाषा बनाने का निश्चय सर्वसम्मति से किया, उसे उस पद पर प्रतिष्ठित करना तो दूर, “ आधुनिक शिक्षित “ लोगों ने अखिल भारतीय संपर्क […] Read more » Featured उपेक्षित क्षेत्र हिंदी
विविधा राजनीतिक स्वार्थ की शिकार हमारी भाषाएँ January 21, 2017 / January 21, 2017 by निर्मल कुमार पाटोदी | 2 Comments on राजनीतिक स्वार्थ की शिकार हमारी भाषाएँ हिंदी पर स्वार्थ का हथोड़ा…..! दुनिया में एकमात्र स्वाधीन भारत राष्ट्र-राज्य है, जहाँ पर सत्तर साल बीत जाने पर भी राजनीति का इतना अधिक पराभव हुआ है कि इसकी अपनी राष्ट्रभाषा तक घोषित नहीं हो सकी है। इतिहास गवाह रहेगा कि राजनैतिक स्वार्थ ने भारत को जोड़ने वाली, उसकी एकता की वाहक, जन-जन के ह्रदय […] Read more » Featured हिंदी हिंदी पर स्वार्थ का हथोड़ा
विविधा सार्थक पहल हिंदी का स्वाभिमान बचाने समाचार-पत्रों का शुभ संकल्प November 29, 2016 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment ह सर्वविधित है कि हिंदी के समाचार माध्यमों में अंग्रेजी शब्दों का बढ़ता प्रयोग भारतीय मानस के लिए चिंता का विषय बन गया है। विशेषकर, हिंदी समाचार पत्रों में अंग्रेजी के शब्दों का चलन अधिक गंभीर समस्या है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि हिंदी समाचार पत्रों की भाषा से नवयुवक अपनी भाषा सुधारते थे। समाचार पत्र सूचना और अध्ययन सामग्री देने के साथ-साथ समाज को भाषा का संस्कार भी देते थे। Read more » हिंदी हिंदी का स्वाभिमान