राजनीति राजनीति में सत्ता लक्ष्य ही सर्वोच्च लक्ष्य August 11, 2018 / August 11, 2018 by विजन कुमार पाण्डेय | Leave a Comment विवेक कुमार पाठक स्वतंत्र पत्रकार सबका साथ सबका विकास का नारा बुलंद करने वाली केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने आखिरकार एससी एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संसद में पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत पर मुहर लगाते हुए ऐतिहासिक फैसला दिया था कि एससी […] Read more » Featured अमित शाह एससी/एसटी एक्ट मोदी राजनीति में सत्ता लक्ष्य ही सर्वोच्च लक्ष्य सुप्रीम कोर्ट
राजनीति इमरान सिद्ध करें कि वे फौज के मुखौटा नहीं July 28, 2018 / July 28, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक पाकिस्तान तहरीके-इंसाफ के नेता इमरान खान अब प्रधानमंत्री बनेंगे, इसमें जरा भी शक नहीं रह गया है। उन्हें स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है लेकिन कई छोटी-मोटी पार्टियां और निर्दलीय उम्मीदवार उन्हें समर्थन देने के लिए बेताब हैं। नवाज शरीफ की मुस्लिम लीग और बिलावल भुट्टो की पीपल्स पार्टी को इतनी करारी शिकस्त […] Read more » Featured आतंकी संगठनों इमरान खान इमरान सिद्ध करें कि वे फौज के मुखौटा नहीं जुल्फिकार अली भुट्टो दक्षिण एशिया नवाज की मुस्लिम लीग पाकिस्तान पीपल्स पार्टी बलूचिस्तान भ्रष्टाचार मोदी रावलपिंडी में फौज
कविता सन 19 का चुनाव July 14, 2018 / July 14, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी जो कर सके देश का विकास उनको 19 का चुनाव जिताना है अगली बार फिर से मोदी जी को भारत का प्रधान मंत्री बनाना है जो करते है जोड़ तोड़ की राजनीती उनको अगली बार चुनाव हराना है जो लड़ते प्रधानमंत्री पद के लिये उनको किसी को नहीं बनाना है जो एक […] Read more » देश का विकास प्रधानमंत्री मोदी सन 19 का चुनाव
राजनीति समान विचारधारा वाले दल July 14, 2018 / July 14, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment – विजय कुमार इन दिनों भारत में घमासान राजनीतिक मंथन हो रहा है। विपक्षी दलों को लगता है कि 2019 में यदि वे मिलकर लड़ें, तो मोदी को हरा सकते हैं। इसलिए समान विचारधारा के नाम पर वे घर से लेकर होटल तक और खाने से लेकर पीने तक लगातार बैठकें कर रहे हैं। दिल्ली […] Read more » Featured पार्टी मुख्य विपक्षी दल मोदी विचारधारा समान विचारधारा वाले दल
राजनीति कश्मीर की पंचामृत सरकार का विसर्जन June 20, 2018 / June 20, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी सीजफायर केवल सेना व आतंवादियों में नहीं था, भाजपा व पीडीपी में भी था. संघर्ष विराम पिछले रमजान माह मात्र में नहीं था बल्कि साढ़े तीन वर्षों से चल रहा था. सीजफायर छः वर्षों के लिए किया गया था जिसे साढ़े तीन वर्षों में अब योजना बद्ध नीति से तोड़ा गया है. विराम […] Read more » Featured कश्मीर की पंचामृत सरकार का विसर्जन जम्मू-कश्मीर मोदी रमजान माह राम माधव शाह
राजनीति समाज भारतीय संस्कृति का प्रतीक है देश की पहली मस्जिद May 22, 2018 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on भारतीय संस्कृति का प्रतीक है देश की पहली मस्जिद तनवीर जाफ़री भारतवर्ष के सत्तालोभी चतुर राजनीतिज्ञों द्वारा भारतीय समाज को हिंदू-मुस्लिम व मंदिर-मस्जिद के नाम पर विभाजित कर सत्ता शक्ति प्राप्त की जा रही है। देश में कई जगह से इस प्रकार के विवादों की ख़बर आती रहती है। पिछले दिनों तो कुछ मनचले तथाकथित स्वयंभू हिंदुत्ववादी नवयुवकों द्वारा कुछ ऐसी हरकतें की गईं […] Read more » Featured ग़ैर मुस्लिम समुदाय पहली मस्जिद प्रतीक है देश भारतीय संस्कृति मंदिरों व गुरुद्वारों मोदी सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल हिंदुओं
राजनीति नक्सलवाद को हराती सरकारी नीतियाँ April 28, 2018 / April 28, 2018 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment डॉ नीलम महेंद्र 24 अप्रैल 2017 को जब “नक्सली हमले में देश के 25 जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे” यह वाक्य देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, तो देशवासियों के जहन में सेना द्वारा 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक की यादें ताजा हो गई थीं। लेकिन नक्सलियों का कोई […] Read more » Featured आक्रोश आतंकवाद आदिवासियों कश्मीर नक्सलवाद पश्चिम बंगाल महाराष्ट्र मार्क्सवादियों मोदी सरकारी नीतियाँ
राजनीति हिंदुस्तान की राजनीति का शेर कौन है? लोमड़ी और भेड़िया कौन है? April 10, 2018 by डॉ. मनीष कुमार | Leave a Comment जब से अमित शाह ने जानवरों से नेताओं की तुलना की तो विवाद बन गया. लेकिन इस पोस्ट का जानवरों से लेना देना नहीं है. शीर्षक में लिखे जानवरों के नाम पर न जाएं. ये किसी नेता को नीचा दिखाने के लिए नहीं बल्कि राजनीति शास्त्र के मानक सिद्धांतों पर नेताओं के वर्गीकरण का […] Read more » Featured अमित शाह केजरीवाल नेताओं मुलायम सिंह मोदी राहुल गांधी लालू प्रसाद लोमड़ी शेर हिंदुस्तान
कविता अगर 19 का चुनाव जीतना है प्रिये ! April 9, 2018 / April 9, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment तुम चली आ आना मेरे पास प्रिये भले ही दुश्मनी रही हो कभी हमारी पार्टी के दर खुले है हमेशा तुम्हारे लिए भले ही साईकिल में पंचर हो जाये प्रिये ! पक्का पंचर लगवा दूंगा, सुनो तो प्रिये ! गददी पर बैठा कर संसद ले जाऊँगा तुझे ये साईकिल तुम्हारी है तुम्हारी रहेगी प्रिये ! […] Read more » Featured गठबंधन पंक्चर प्रधानमंत्री मोदी साईकिल हाथी
राजनीति मोदी की फिलिस्तीनी यात्रा: संबंधों में नये सूर्योदय की शुरुआत February 19, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment – डॉ. सुभाष सिंह यह सर्वविदित है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिमी एशिया (जॉर्डन, फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान) की यात्रा पर गए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले शुक्रवार को जार्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की। भारत की विदेश नीति में खाड़ी क्षेत्र और पश्चिम एशिया क्षेत्र को महत्वपूर्ण […] Read more » Featured Modi's Palestinian visit मोदी मोदी की फिलिस्तीनी यात्रा
आर्थिकी विविधा मोदी के आर्थिक सुधारों पर अंतर्राष्ट्रीय मोहर November 23, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment “कालखंड या समय या इतिहास को हम दो भागों में विभाजित करते हैं, एक bc अर्थात बिफोर क्राइस्ट और दुसरे dc अर्थात एन्नो डोमिनी. इस प्रकार स्वातंत्र्योत्तर भारत कीअर्थव्यवस्था अब दो कालखंडो से जानी जायेगी एक नरेंद्र मोदी/नोटबंदी के पूर्व की अर्थव्यवस्था और दुसरी नरेंद्र मोदी द्वारा इस प्रतिबंध के बाद की अर्थव्यवस्था”. 9 नवम्बर2016 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सनसनीखेज ढंग से घोषित की गई नोटबंदी के तत्काल बाद एक समाचार पत्र हेतु लिखी गई अपनी त्वरित टिप्पणी में जब मैंने यह उपरोक्तवाक्य लिखा था तब इस वाक्य पर मैं स्वयं केवल दृढ़ था किंतु मेरे इस कथन पर आज मैं दृढ़ से एक कदम आगे बढ़कर सुदृढ़ हूँ. इस संदर्भ में एक कथन और स्मरण कराता हूँ किदेश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रम पद पर आसीन होने के बाद कहा था कि –“ हम कारोबारी सुगमता में विश्व बैंक की रेटिंग को 50 वें स्थान से नीचें ले जायेंगे”. मोदी जी कायह वचन व संकल्प पूर्णता की ओर बढ़ता दिखाई पड़ रहा है. विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के बाद यह विश्वास व्यक्त किया जाने लगा था कि अब विश्व व्यापार जगत में भारत कीस्थिति में सुधार होगा व अन्तराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग की मूडीज व फ्लीच जैसी संस्थाएं भारत की क्रेडिट रेटिंग में खासा सुधार कर सकती हैं. अब मध्य नवंबर, 2017 तक यहसंभावना तथ्य में बदल गई है और मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग सुधार कर देश के ठीक ठाक चल रहे आर्थिक मूड को प्रसन्नचित्त व तेजी के मूड में बदल दिया है. इस क्रेडिटरेट में सुधार से पूर्व भारत की रेटिंग दयनीय स्थिति में पहुँच गई थी और “जंक स्टेटस” से मात्र एक कदम दूर थी. भारत के संदर्भ में यह रेटिंग सुधार पिछले 13 वर्षों में पहलीबार हुआ है. इस रेटिंग सुधार ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत हेतु केंद्र में एक ईमानदार व स्पष्ट बहुमत धारी सरकार कितना महत्त्व रखती है. नोटबंदी व जीएसटी जैसे बड़े व क्रांतिकारी निर्णयों के बाद मोदी सरकार कई बार दबाव में दिखती थी व प्रतीत होता था कि आलोचनाएँ उसे कुंठित करेंगी किंतु सरकारइन दुराशाओं को झुठलाया व सतत अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही. इस संदर्भ में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर जैसी उसकी महत्वाकांक्षी योजनाओं ने सरकारी धन के तथाकथितलीकेज को एकदम बंद कर दिया अरबों रुपया यथोचित आवश्यकता वाले व्यक्तियों तक सीधा पहुँचने लगा. कालेधन की समानान्तर अर्थव्यवस्था बड़े स्तर प प्रभावित हुई वदेश का राजस्व बढ़ने लगा है. इस बढ़े राजस्व से केंद्र की मोदी सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं को निर्बाध चला सकती है व चला भी रही है. नोटबंदी के नवम्बर 2016 के बाद पहली नवम्बर 2017 को विश्व बैंक ने कारोबारी सुगमता विषयक एक रिपोर्ट प्रस्तुत की. कारोबारी सुगमता (ईज ऑफ डुइंगबिजनस लिस्ट ) की इस रिपोर्टिंग में विश्व बैंक ने भारत की रेटिंग में 30 अंकों का सुधार करते हुए भारत को 130 वें स्थान से सुखद रूप से 100 वें स्थान पर ला खड़ा किया.रेटिंग के इस सुधार ने दुसरे ही दिन सेंसेक्स और एनएसई में आई उछाल से अपना महत्त्व स्पष्ट कर दिया था. यद्दपि इस रेटिंग के निर्धारण में नोटबंदी को वैश्विक सन्दर्भों मेंअपवाद घटना मानकर निर्णायक तथ्यों से अलग रखा गया है तथापि नोटबंदी का, अनिवार्यतः जो प्रभाव समूची अर्थव्यवस्था पर पड़ा, उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों हीस्थितियों में विश्व बैंक की रेटिंग के संदर्भ में अलग नहीं रखा जा सकता है. मेरा कथन बड़ा ही स्पष्ट है कि चालू वर्ष में जबकि नोटबंदी व जीएसटी के बाद के कई सुधार अपनाव्यापक प्रभाव बताने लगे हैं. यह निश्चित लग रहा है कि ये प्रभाव इस रेटिंग को और श्रेयस्कर स्तर पर ले जाने में खासे सफल होंगे. अमेरिकी रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने भारत कीसॉवरन क्रेडिट रेटिंग्स को एक पायदान ऊपर कर दिया. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत सरकार के स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारी करनेवाली रेटिंग्स ‘Baa3′ से बढ़ाकर’Baa2’ कर दी और रेटिंग आउटलुक को स्थिर से बढ़ाकर सकारात्मक कर दिया. यहां यह बड़ी ही उल्लेखनीय बात है कि देश के तीन वित्तीय विशेषज्ञ माने जाने वाले तीन पूर्ववित्त मंत्री मनमोहन, चिदंबरम व यशवंत सिन्हा बड़े ही दुराशयी, मिथ्या व तर्कहीन सिद्ध हो गए. नोटबंदी व जीएसटी के ये तीन बड़े आलोचक जो आर्थिक क्षेत्रों के बड़ेजानकार माने जाते हैं, उनकी आलोचना के मुख्य बिंदु ही धराशायी हो गए. विपक्ष के हाथों से आर्थिक आलोचना का एक बड़ा मुद्दा न केवल खसक गया अपितु अकारण,निराधार व थोथी आलोचना हेतु विपक्ष की भद्द भी पिट गयी. कांग्रेस व भाजपा के ही यशवंत सिन्हा को सिरे से नकारते हुए मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी को एक अच्छाकदम बताया है, साथ ही अन्य कई फैसलों की भी तारीफ की है. मूडीज़ की रिपोर्ट में इस रैंकिंग में सुधार की वजह भारत के द्वारा किए जा रहे आर्थिक और सांस्थानिक सुधार हैंको भी बताया है. भारत को निवेश हेतु बेहतर माहौल वाला देश बताया गया है और मूडीज ने मोदी सरकार द्वारा सरकारी कर्ज को कम करने की प्रवृत्ति को रेटिंग सुधार काएक कारण बताते हुए उसकी प्रसंशा की है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी के कारण तीव्र गति से बढ़ने वाले अंतर्राज्यीय व्यापार से भी बहुत आशाएं व्यक्त की हैं. आधार,डॉयरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम जैसे सुधारों से भी नॉन परफॉर्मिंग लोन और बैंकिंग सिस्टम में आये सुधार की भी प्रसंशा की गई है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में भारतीयजीडीपी में आई कमी को तात्कालिक कमी बताया है व मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों को दीर्घकालिक सुधार बताते हुए उनकी प्रसंशा की है और इस आधार पर भारत कीजीडीपी ग्रोथ मार्च 2018 तक 6.7 % होगी, यह अनुमान लगाया है. और इसके भी आगे जाकर 2019 तक जीडीपी एक बार फिर 7.5 फीसदी तक पहुंचेगी इस आशा को भीबलवती बताया है. निश्चित ही विश्व बैंक व मूडीज की रिपोर्टों व प्रसंशा से भारत का आर्थिक माहौल सुधरा है और अब अनेक प्रकार की आशाएं व्यक्त की जाने कगी हैं, जैसे – देश में भीकर्ज सस्ता होगा, भारतीय कंपनियों को सस्ता कर्ज मिलेगा. विदेशी कम्पनिया भारत में अधिक पैसा लगाएंगी. अन्य अन्तराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग कम्पनियां भी भारत की रेटिंग मेंवृद्धि करेंगी. आम जनता, कारोबारियों व उद्योगपतियों का सरकार पर भरोसा बढ़ेगा जिससे सकल उत्पाद बढेगा व इन सबके परिणाम स्वरूप महंगाई कम होगी. शेयर बाजारसुधरेंगे, आम निवेशकों को अधिक रिटर्न देंगे इससे भारतीय मुद्रा रुपया मजबूत होगा और अन्ततोगत्वा सरकार का राजस्व बढ़ेगा जिससे चहुँओर विकास होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहप्रदेश गुजरात में चल रहे चुनाव इस दिशा में निश्चित ही मोदी सरकार को कुछ बढ़त प्रदान करेंगे. व्यवसाइयों के प्रदेश गुजरात के इनचुनावों में कांग्रेस के पास जातिवाद का जहर फैलाने के अतिरिक्त नोटबंदी, जीएसटी और कारोबारी विफलता ही एक मात्र मुद्दा थी. अब स्थिति यह है कि गुजरात की जनताजातिवाद के नाम पर विभक्त हो नहीं रही व मूडीज की सुधरी हुई रेटिंग ने व विश्व बैंक की प्रसंशा ने कांग्रेस से एक बड़ा चुनावी हथियार छीन लिया है. अन्तराष्ट्रीय संस्थानों सेकेंद्र सरकार को और उसके बहुचर्चित निर्णयों को जो मान्यता मिली है इसके दीर्घकालीन व तात्कालिक दोनों ही परिणाम मोदी सरकार को मिलेंगे इतना तय है. Read more » moodys जीएसटी नोटबंदी भारत कीअर्थव्यवस्था मोदी
राजनीति मोदी ने दो नहीं, तीन तारपीडो मारे हैं। November 15, 2017 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment वीरेन्द्र सिंह परिहार जहां तक नोटबंदी का सवाल है इसके पक्ष और विपक्ष में बहुत सारी बहसें हुई हैं। नोटबंदी से उम्मीद यह थी कि करीब तीन लाख करोड़ रुपए का कालाधन रद्द हो जाएगा। पर तकरीबन पूरा-का-पूरा कालाधल वापस आ गया। इस तरह से यदि नोटबंदी की योजना का मूल्यांकन हो तो यह कहा […] Read more » economic reform Featured Modi Narendra Modi notebandi जीएसटी तीन तारपीडो नोटबंदी भारतीय अर्थ व्यवस्था मंदी मोदी