Tag: China

राजनीति

भारत बनाम चीन

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। लेकिन सबसे बड़ा सच यह है कि यह पं. जवाहरलाल नेहरु के वक्त का भारत नहीं है, यह नरेन्द्र मोदी के वक्त का भारत है। चीन के ज्यादा शक्तिशाली होने और ज्यादा संख्याबल होने के बाबजूद भारत बखूवी चीन का मुकाबला कर सकता है। लोगों को यह पता होना चाहिए कि संख्याबल से ही युद्ध नहीं जीते जाते। चाहे वह फौजों की संख्या हो या हथियारों की संख्या हो। दुनिया में इसका सबसे बड़ा उदाहरण इजरायल है, जो संख्या में बहुत कम होने के बाबजूद कई बार अरब देशों की विशाल सेनाओं को बुरी तरह पराजित कर चुका है।

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विश्ववार्ता

चीनः भारत कोप-भवन में क्यों बैठे?

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वह क्षेत्र कानूनी तौर पर भारत का है। यह भारतीय संप्रभुता का उल्लंघन है। यह बात कागजी तौर पर सही है लेकिन सच्चाई क्या है? भारत की सरकार ने इस क्षेत्र को वापस लेने के लिए आज तक क्या किया है? कुछ नहीं। वह कभी उसे लेने का दावा भी नहीं करती। मुझे खुशी है कि सुषमा स्वराज आजकल उसके बारे में कभी-कभी बोल देती हैं। हमारे नेताओं को शायद पता नहीं है कि 1963 में हुए एक समझौते के तहत पाक ने चीन को इस क्षेत्र की 5180 वर्ग किमी जमीन भेंट कर दी थी। भारत इस समझौते को गैर-कानूनी मानता है। नेताओं को यह भी पता नहीं होगा कि इस समझौते की धारा 6 में कहा गया है कि कश्मीर-समस्या का स्थायी हल निकलने पर इस पर पुनर्विचार होगा।

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विश्ववार्ता

चीन की बेचैनी

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दीगर मुल्कों में भारतीय प्रोडक्ट क्वालिटी और साख में चीन के माल को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, जिससे चीन बुरी तरह चिढ़ा हुआ है। चीन की चीप-टाइप बिजनेस ट्रिक्स के कारण कई मुल्कों के साथ तो उसके कारोबार और मुनाफे में गिरावट भी आई है। कुछ माह पहले, चीन ने कुछ अफ्रीकी देशों में अपने कारोबार को भारत से कड़ी चुनौती मिलने के बाद वहां भारतीय प्रोडक्ट्स को बदनाम करने की मुहिम छेड़ दी थी, और ‘मेड इन इंडिया’ के नकली ठप्पे लगाकर बड़े पैमाने पर अपना घटिया माल बाज़ार में उतार दिया था। ज़ाहिर है बिजनेस में सीधे ढंग से भारत का मुकाबला न कर पाने के कारण चीन खामख्वाह अरुणाचल जैसे मुद्दे उठाकर इसकी बांहें मरोड़ने की चाल चल रहा है।

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