राजनीति लोकतंत्र तो आहत हुआ, सरकार भले बने November 28, 2019 / November 28, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – अपने अनूठी एवं विस्मयकारी राजनीतिक ताकत से शरद पवार ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की असमंजस्य एवं घनघोर धुंधलकों के बीच जिस तरह का आश्चर्यकारी वातावरण निर्मित किया, वह उनके राजनीतिक कौशल का अद्भुत उदाहरण है। महाराष्ट्र में राजनीतिक नाटक का जिस तरह पटाक्षेप हुआ है उससे यही सिद्ध हुआ है […] Read more » Democracy democracy hurted in maharashtra politics एनसीपी महाराष्ट्र में राजनीतिक नाटक राजनीतिक नफा-नुकसान लोकतंत्र शिवसेना शिवसेना कांग्रेस एवं एनसीपी
समाज बच्चा चोर गिरोह की अफवाह पर बेलगाम होता भीड़तंत्र August 29, 2019 / August 30, 2019 by दीपक कुमार त्यागी | 1 Comment on बच्चा चोर गिरोह की अफवाह पर बेलगाम होता भीड़तंत्र दीपक कुमार त्यागी समाज व सोशल मीडिया के चंद गैर जिम्मेदाराना बयान वीरों के चलते देश में बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह से आयेदिन बेगुनाह लोगों की जान सांसत में है। कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेकर शान समझने वाली उन्मादी भीड़तंत्र में शामिल भीड़ देश में जगह-जगह लोगों को आयेदिन […] Read more » bheedtantra child thief Democracy
लेख दक्षिणपंथ का मुकाबला केवल वामपंथ से ही संभव : येचुरी July 4, 2019 / July 4, 2019 by संजय पराते | Leave a Comment रायपुर. देश की विविधता, संविधान, लोकतंत्र, संसदीय संस्ताओं की स्वायत्तता, धर्मनिरपेक्षता, जनतांत्रिक और मानवाधिकार आदि सब कुछ खतरे में है. चुनावों के बाद संघी गिरोह से नियंत्रित भाजपा सरकार द्वारा ‘फासीवादी हिन्दू राष्ट्र’ को स्थापित करने की मुहिम तेज हो गई है. वे तर्क की जगह कुतर्क को, विज्ञान की जगह अंधविश्वास को, इतिहास की […] Read more » Democracy DIVERSITY of this country Human Rights
विविधा पुलिस की हफ्ता वसूली और लोकतंत्र March 11, 2019 / March 11, 2019 by राकेश कुमार आर्य | 3 Comments on पुलिस की हफ्ता वसूली और लोकतंत्र राकेश कुमार आर्य भारत में पुलिस अंग्रेजों के शासनकाल में भारत के देशभक्त लोगों को पकड़ने , उन्हें पीटने और झूठे आरोपों में जेल भेजने का काम किया करती थी । एक प्रकार से यह तंत्र भारतवासियों का ‘ माइंड वाश ‘ कर उसमें ब्रिटिश राजतंत्र के प्रति राजभक्ति भरने का काम किया करता था […] Read more » Democracy पुलिस की हफ्ता वसूली
राजनीति नेतृत्व की शुचिता पर ही जनतंत्र का निर्वाह निर्भर है January 24, 2018 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था के संदर्भ मंे अमेरिकन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन को उद्घृत करते हुए कहा जाता है कि ‘ जनतंत्र जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता का शासन है।’ सिद्धान्ततः यह कथन आंशिक रुप से सत्य भी है क्योंकि इसमें जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित करते हैं। इस दृष्टि […] Read more » Democracy democracy depends only on the purity of leadership Featured purity of leadership The dependence of democracy जनतंत्र जनतंत्र का निर्वाह निर्भर नेतृत्व की शुचिता
राजनीति अमर अजेय है लोकतंत्र July 29, 2017 by विनायक शर्मा | Leave a Comment समय और समाज के साथ चलना बहुत बार हमारी मजबूरी हो जाती है। हम चाहे जिस क्षेत्र में हो, स्थायित्व के साथ-साथ उन्नति की अपेक्षा तो रहती ही है। समाज में नैतिकता की आवश्यकता के पक्षधर होते हुए भी परिस्थितिवश हमें जाने अनजाने में कुछ अनैतिक काम भी करने पड़ जाते हैं। ऐसे में देश […] Read more » Democracy लोकतंत्र
राजनीति एक साथ चुनाव से लोकतंत्र मजबूत होगा May 2, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment सही मायनों में हमारा लोकतंत्र ऐसी कितनी ही कंटीली झाड़ियों में फँसा पड़ा है। प्रतिदिन आभास होता है कि अगर इन कांटों के बीच कोई पगडण्डी नहीं निकली तो लोकतंत्र का चलना दूभर हो जाएगा। लोकतंत्र में जनता की आवाज की ठेकेदारी राजनैतिक दलों ने ले रखी है, पर ईमानदारी से यह दायित्व कोई भी दल सही रूप में नहीं निभा रहा है। ”सारे ही दल एक जैसे हैं“ यह सुगबुगाहट जनता के बीच बिना कान लगाए भी स्पष्ट सुनाई देती है। राजनीतिज्ञ पारे की तरह हैं, अगर हम उस पर अँगुली रखने की कोशिश करेंगे तो उसके नीचे कुछ नहीं मिलेगा। कुछ चीजों का नष्ट होना जरूरी है, अनेक चीजों को नष्ट होने से बचाने के लिए। जो नष्ट हो चुका वह कुछ कम नहीं, मगर जो नष्ट होने से बच सकता है वह उस बहुत से बहुत है। लोकतंत्र को जीवन्त करने के लिए हमें संघर्ष की फिर नई शुरूआत करनी पडे़गी। Read more » Democracy democracy will strenghthen with one time election Featured one time election एक साथ चुनाव लोकतंत्र मजबूत
राजनीति असाधारण जनादेश के नैतिक दायित्व April 28, 2017 by अतुल तारे | Leave a Comment प्रश्न उठता है कि ऐसा क्या है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में। उत्तर है देश को लंबे समय बाद ऐसा नेतृत्व मिला है जिसकी प्रामाणिकता, परिश्रम एवं निष्ठा पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं है। उत्तर है कि प्रधानमंत्री मोदी उस पार्टी के कार्यकर्ता हैं जिसका अधिष्ठान राष्ट सर्वोपरि है। उत्तर है, भाजपा के पीछे उन हजारों, लाखों, करोड़ों कार्यकर्ताओं एवं जन सामान्य का विश्वास है जो भाजपा के सदस्य नहीं हैं पर यह मानते हैं कि देश के लिए आज भाजपा आवश्यक है। उत्तर है, कि आज भाजपा को उनका भी समर्थन प्राप्त है जो परंपरागत रूप से भाजपा के साथ नहीं रहे हैं। Read more » BJP massive win in MCD election bjp victory Democracy Featured कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
मीडिया राजनीति फ़िक्सिंग का शिकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ? April 28, 2014 by तनवीर जाफरी | 6 Comments on फ़िक्सिंग का शिकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ? -तनवीर जाफ़री- भारतीय संविधान में हालांकि मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में कहीं कोई मान्यता नहीं दी गई है। उसके बावजूद मीडिया ने स्वयं को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में प्रचारित कर रखा है। और यह ‘भ्रांति’ समाज में धीरे-धीरे एक स्वीकार्य रूप भी धारण कर चुकी है। आज पूरा […] Read more » Democracy fixed media Fourth pillar fourth pillar of democracy media चौथा स्तंभ मीडिया लोकतंत्र लोकतंत्र का चौथा स्तंभ
पर्यावरण मीडिया की सर्वव्यापी उपस्थिति से जीवंत हो रहा है लोकतंत्र April 22, 2014 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment -संजय द्विवेदी- चुनाव जो मीडिया में ज्यादा और मैदान में कम लड़ा जा रहा बेहतर चुनाव कराने की चुनाव आयोग की लंबी कवायद, राजनीतिक दलों का अभूतपूर्व उत्साह,मीडिया सहभागिता और सोशल मीडिया की धमाकेदार उपस्थिति ने इस लोकसभा चुनाव को वास्तव में एक अभूतपूर्व चुनाव में बदल दिया है। चुनाव आयोग के कड़ाई भरे रवैये […] Read more » Democracy media मीडिया लोकतंत्र
राजनीति लोकतंत्र, अधिकार और “आप” की सरकार December 25, 2013 / December 25, 2013 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment – सिद्धार्थ मिश्र – इतिहास सदैव अपने आपको दोहराता है। इस दोहराव की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं जनआंदोलन। ये आंदोलन ही कहीं न कहीं नये चेहरों की ताजपोशी की सियासी पृष्ठभूमि भी तैयार करते हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की अप्रत्याशित सफलता आज इस बात का सबसे जीवंत प्रमाण है। तमाम उहापोह के बीच […] Read more » Democracy right and AAP government अधिकार और “आप” की सरकार लोकतंत्र
चुनाव इस चुनाव से टूटे कई मिथक March 14, 2012 / March 14, 2012 by सुनील अमर | 2 Comments on इस चुनाव से टूटे कई मिथक – सुनील अमर – देश की लोकतांत्रिक राजनीति में व्यक्ति से लेकर जाति और धर्म तक के कई मिथक पहले चुनाव से ही गढ़ लिये गये थे और वे थोड़े बहुत रद्दो-बदल के साथ हर चुनाव में अपना असर दिखाते रहे लेकिन संतोष की बात है कि उत्तर प्रदेश में सम्पन्न हुआ विधानसभा का यह […] Read more » Democracy चुनाव मिथक लोकतांत्रिक राजनीति