विधि-कानून विविधा भारतीय पुलिस संस्कृति में भ्रष्टाचार की जड़ें July 19, 2017 / July 19, 2017 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 1 Comment on भारतीय पुलिस संस्कृति में भ्रष्टाचार की जड़ें भारतीय पुलिस में भ्रष्टाचार सर्वविदित और सुज्ञात है| जो इस विभाग में ईमानदार दिखाई देते हैं वे भी लगभग ईमानदारी का नाटक ही कर रहे हैं और वे महाभ्रष्ट नहीं होने से ईमानदार दिखाई देते हैं| भ्रष्ट भी दो तरह के होते हैं – एक वे जो माँगते नहीं अपितु दान दक्षिणा स्वीकार करते है […] Read more » corrupt Indian police Featured भारतीय पुलिस भारतीय पुलिस में भ्रष्टाचार
समाज बिगड़ते वर्तमान हालात नवयुवकों एवं राष्ट्र के भविष्य के लिए बेहद चिंतनीय है. July 19, 2017 by शालिनी तिवारी | Leave a Comment ब हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री किसी मुल्क के राष्ट्राध्यक्ष को गीता भेट की थी और कहा था कि मेरे पास इससे ज्यादा देने को कुछ भी नहीं है और विश्व के पास इससे ज्यादा लेनें को भी कुछ नहीं है. परन्तु आज हमारी युवा पीढ़ी चौबीसो घड़ी सोशल साइट्स पर इतनी व्यस्त है कि उसके पास गीता जैसा नीतिशास्त्र और रामायण जैसा प्रयोगशास्त्र पढ़नें की फुरसत ही नहीं है. Read more » Featured नवयुवकों एवं राष्ट्र के भविष्य के लिए बेहद चिंतनीय है.
व्यंग्य साहित्य हां, भगवान है July 19, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment अब पटना में देखो। वहां विपक्ष से अधिक बखेड़ा सत्ता पक्ष में ही चल रहा है। पहलवान हर दिन लंगोट लहराते हैं; पर बांधते और लड़ते नहीं। लालू जी का निश्चय है कि उनके घर का हर सदस्य उनकी भ्रष्ट परम्परा को निभाएगा। उन्होंने चारा खाया था, तो बच्चे प्लॉट, मॉल और फार्म हाउस खा रहे हैं। आखिर स्मार्ट फोन और लैपटॉप वाली पीढ़ी अब भी घास और चारा ही खाएगी क्या ? उधर नीतीश कुमार अपने सुशासन मार्का कम्बल से दुखी हैं। पता नहीं उन्होंने कम्बल को पकड़ रखा है या कम्बल ने उन्हें। इस चक्कर में शासन भी ठप्प है और प्रशासन भी। फिर भी हर साल की तरह वहां बाढ़ आ रही है। इससे सिद्ध होता है कि भगवान का अस्तित्व जरूर हैं। Read more » Featured भगवान
राजनीति माया का राजनीतिक स्टंट July 19, 2017 by विनायक शर्मा | Leave a Comment -विनायक शर्मा राज्यसभा की सदस्या और जातिवादी दल बसपा की सुप्रीमो मायावती को सदन में कौन बोलने नहीं देता है ? किस पर इतना आक्रोश कि बोलने न देने के आरोप के साथ ही सदस्यता से ही त्यागपत्र ? राज्यसभा के सभापति और उपसभापति, दोनों ही न केवल विपक्ष से हैं, बल्कि उस दल विशेष […] Read more » Featured political stunt political stunt of Mayawati resignation of Mayawati the resignation of mayawati mere a electoral stunt बसपा की सुप्रीमो मायावती माया माया का राजनीतिक स्टंट राजनीतिक स्टंट
समाज शिक्षा का उद्देश्य July 18, 2017 / July 18, 2017 by सुनील कुमार ठाकुर | Leave a Comment सुनील कुमार ठाकुर जब भी लोगों के बीच महाभारत कालीन एकलव्य का नाम लिया जाता है तब अनेकों लोगों द्वारा उसका गुणगान किया जाता है। उसकी एकाग्रता, लगन और त्याग का उदाहरण दिया जाता है और बच्चों को उसका अनुसरण करने की सलाह भी दी जाती है। साथ ही साथ लोग द्रोणाचार्य को उनकी कठोर […] Read more » Featured purpose of education एकलव्य शिक्षा का उद्देश्य
कहानी साहित्य कब्र का अजाब July 18, 2017 by आरिफा एविस | Leave a Comment आरिफा एविस ‘नहीं, मदरसे में रूही नहीं जायेगी . ‘पर क्यों अम्मी?’ ‘कहा ना अब वो नहीं जायेगी मदरसे में बस..’ ‘तो क्या रूही आपा अपना कुरआन पूरा नहीं कर पाएंगी ?’ ‘मैंने यह तो नहीं कहा कि रूही अपना कुरआन पूरा नहीं करेगी. मैंने तो इतना ही कहा कि वो अब मदरसे में पढ़ने […] Read more » Featured punishment in the grave कब्र का अजाब
राजनीति मां-बेटा पार्टी और ये उम्मीदवार July 18, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment यदि मीरा कुमार और गोपाल गांधी जैसे श्रेष्ठ उम्मीदवार उक्त पदों के लिए खोजे जा सकते हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए क्यों नहीं खोजे जा सकते हैं ? मुझे पूरा विश्वास है कि मीराजी और गोपालजी कांग्रेस पार्टी को मां-बेटे की तुलना में काफी अच्छी चला सकते हैं। Read more » Featured Rahul Gandhi Sonia Gandhi कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गोपाल गांधी मां-बेटा पार्टी मीरा कुमार
मीडिया पत्रकारिता की विश्वसनीयता : भरोसे का वज़न करता समाज July 17, 2017 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार इन दिनों भरोसा तराजू पर है. उसका सौदा-सुलह हो रहा है. तराजू पर रखकर उसका वजन नापा जा रहा है. भरोस कम है या ज्यादा, इस पर विमर्श चल रहा है. यह सच है कि तराजू का काम है तौलना और उसके पलड़े पर जो भी रखोगे, वह तौल कर बता देगा लेकिन […] Read more » Featured पत्रकारिता पत्रकारिता की विश्वसनीयता विश्वसनीयता
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म कांवड़ यात्रा पर किच – किच क्यों ? July 17, 2017 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा बचपन के दिनों में श्रावण के महीने में अपने शहर के नजदीक से बहने वाली नदी से जल भर कर प्राचीन शिव मंदिर में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया करता था। कुछ बड़े होने पर शिवधाम के तौर पर जेहन में बस दो ही नाम उभरते थे। मेरे गृहप्रदेश पश्चिम बंगाल […] Read more » Featured कांवड़ यात्रा बाबा तारकनाथ धाम बाबा बैद्यानाथ धाम
विविधा पत्थरबाजो के मानवाधिकार July 15, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- पत्थरबाज को आयोग द्वारा 10 लाख का मुआवजा देने का फैसला- प्रमोद भार्गव यह भारत जैसे ही देश में संभव है कि आतंकवादियों को संरक्षण देने वाले किसी व्यक्ति को मुआवजा देने की सिफारिश कोई आयोग करे। जम्मू-कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने एक अजीबो-गरीब फैसला दिया है। आयोग ने राज्य सरकार से सेना द्वारा मानव […] Read more » Featured Human Rights human rights for stone pelters Stone pelters मानवाधिकार
विविधा कश्मीर में शान्ति बहाली ही शहीदों को सच्ची श्रधांजलि होगी July 15, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment 26 जुलाई 2017, 18 वाँ कारगिल विजय दिवस वो विजय जिसका मूल्य वीरों के रक्त से चुकाया गया, वो दिवस जिसमें देश के हर नागरिक की आँखें विजय की खुशी से अधिक हमारे सैनिकों की शहादत के लिए सम्मान में नम होती हैं । 1999 के बाद से भारतीय इतिहास में जुलाई का महीना हम […] Read more » Featured कश्मीर कारगिल क्षेत्र कैप्टन सौरभ कालिया टाइगर हिल तोलोलिंग पिम्पल काम्पलेक्स मनोज पाण्डे विक्रम बत्रा शहीदों को सच्ची श्रधांजलि संजय कुमार
विविधा महंगी न्याय प्रणाली July 15, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य देश को आजाद हुए 70 वर्ष हो गये, पर दुर्भाग्य है हमारा कि आज भी हमारे देश में लगाया पैंतीस हजार वही कानून लागू हैं, जो अंग्रेजों ने अपने शासनकाल के दौरान लागू किये गये थे। कानूनी प्रक्रिया भी वही है, जो अंग्रेजों ने यहां चलायी थी। अंग्रेजों की न्यायप्रणाली में दोष […] Read more » Featured Indian judiciary getting costlier justice delay justice denied लोकतंत्र