राजनीति क्रिकेट और राष्ट्रवाद June 7, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment यह एक सुखद संकेत है कि राष्ट्रीय समाचार चैनल “जी न्यूज” ने आईसीसी के चैंपियन ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत-पाक मैच का विरोध करके राष्ट्रवाद की सर्वोपरिता का परिचय कराया है । बर्मिंघम ( इंग्लैंड ) में 4 जून को खेलें गये दो चिरप्रतिद्वंदी टीमों के मैच का अपनी सभी चैनलो पर सीधा प्रसारण न […] Read more » Featured आईसीसी क्रिकेट चैंपियन ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट जी न्यूज भारत-पाक मैच राष्ट्रवाद
विविधा खेल की राजनीति और राजनीति का खेल June 7, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment भारत ने पाकिस्तान के विरूद्घ दो 'सर्जिकल स्ट्राईक' कर दी हैं, जिन्हें वह नकार रहा है, कि-'मेरे साथ कुछ नही हुआ, भारत की सेना और सरकार झूठ बोल रही है कि उसने कोई सर्जिकल स्ट्राईक की है।' पाकिस्तान की हां में हां मिलाकर भारत के कुछ 'जयचंदों' ने भी तुरंत भारत की सेना से 'सर्जिकल स्ट्राईक' के प्रमाण मांग लिये। अब इंगलैंड की भूमि से भारत की क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान के विरूद्घ एक तीसरा 'सर्जिकल स्ट्राईक' कर दिखाया है। Read more » Featured खेल की राजनीति राजनीति का खेल
विविधा किसान आक्रोश के निहितार्थ और हिंसा June 7, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment मंदसौर में जो कुछ हुआ वह चिन्ता का विषय है। कांगे्रस की उसमें भूमिकी रही होगी, यह भी स्वाभाविक है। क्योंकि मध्यप्रदेश में कांगे्रस विपक्षी दल की भूमिका में है। विपक्षी दल होने के नाते उससे सरकार के समर्थन की अपेक्षा करना संभव ही नहीं है। सरकार की ओर से भी कहा गया है कि इस आंदोलन के पीछे कांगे्रस का हाथ है। यह सही भी हो सकता है, लेकिन संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि आंदोलन में असामाजिक तत्व भी शामिल हो गए थे, ऐसे में सवाल आता है कि अगर असामाजिक तत्व शामिल थे तब सरकार का गुप्तचर विभाग क्या कर रहा था। Read more » Featured किसान मंदसौर मंदसौर में किसानों के हिंसक आंदोलन हिंसक आंदोलन
समाज आखिर किसानों को गुस्सा क्यों आया ? June 7, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment भाजपा ने लोकसभा चुनाव के घोषणा-पत्र में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने और किसानों को उपज का लागत से डेढ़ गुना दाम दिलाने का वादा किया था। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल बीत जाने के बावजूद इस दिशा में कोई उल्लेखनीय पहल नहीं हुई। इसके उलट विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले की तुलना में कम ही बढ़े हैं। Read more » farmer dying out of debt farmrers in debt Featured अन्नदाता किसानों को गुस्सा
विश्ववार्ता जलवायु परिवर्तन समझौते को झटका June 7, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment ट्रंप की इस आत्मकेंद्रित मानसिकता का तभी अंदाजा लग गया था, जब इटली में दुनिया के सबसे धनी देशों के समूह जी-7 की शिखर बैठक में पेरिस संधि के प्रति वचनबद्धता दोहराने के संकल्प पर ट्रंप ने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था। ट्रंप ने तब जल्दी ही इस मसले पर अपनी राय स्पष्ट करने का संकेत दिया था। अब ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में भाषण देकर अपना मत तो साफ किया ही, साथ ही भारत और चीन पर आरोप लगाया कि इन दोनों देशों ने विकसित देशों से अरबों डाॅलर की मदद लेने की शर्त पर समझौते पर दस्तखत किए हैं। Read more » Featured कार्बन उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन भारत
मीडिया राष्ट्रवादी पत्रकारिता का दौर June 7, 2017 / June 23, 2017 by राजीव प्रताप सिंह | Leave a Comment भारत की अवधारणा एक ऐसे राष्ट्र की अवधारणा है जिसके लिए संघर्ष को निर्माण का आधार रूप में कभी स्वीकार नहीं किया गया. यहाँ आदि काल से ही चिंतन को प्राथमिकता दी गई और अनेकों भाषा, समुदाय, जाति इत्यादि के मष्तिष्क और शरीर यहाँ आएं और यहीं के होकर रह गए. ऐसे में सम्पूर्ण विश्वजगत […] Read more » Featured पत्रकरिता पत्रकरिता का मूल धर्म क्या राष्ट्रवादी पत्रकारिता सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
लेख साहित्य कौन कहता है कि हम एक हजार वर्ष गुलाम रहे June 7, 2017 by राकेश कुमार आर्य | 3 Comments on कौन कहता है कि हम एक हजार वर्ष गुलाम रहे झूठे चाटुकारों से और लेखनी को बेचकर व आत्मा को गिरवी रखकर लिखने वाले इतिहासकारों से स्वतंत्रता के अमर सैनानियों के ये पावन स्मारक यही प्रश्न कर रहे हैं। समय के साथ हम इन प्रश्नों को जितना उपेक्षित और अनदेखा करते जा रहे हैं-उतना ही बड़ा प्रश्नचिन्ह लगता जा रहा है। Read more » 712 ई. में मौहम्मद बिन कासिम Featured गुरू अर्जुन गुरू गोविंद सिंह गुरू तेगबहादुर गोरा और बादल जयमल और फत्ता दुर्गादास और शिवाजी पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी महाराणा सांगा और प्रताप राजा कर्ण हजार वर्ष गुलाम हरि सिंह नलवा
विविधा गाय की रक्षा मानवता की रक्षा June 6, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी गौमाता चराचर जगत की माता हैं। इनकी रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। अथर्ववेद में आता है कि गौहत्यारे को काँच की गोली से उड़ा दो। अतः हे भारतवासियो ! जागो और गोवंश की हत्या रोकने के लिए आगे आओ। गौमाता धरती का गौरव है। भारत की 40 करोड़ एकड़ भूमि पर […] Read more » Featured गाय गाय की वैज्ञानिक महत्ता व फायदे गोमांस भक्षण के भीषण दुष्परिणाम
राजनीति सहारनपुर: हर इक फ़साद ज़रूरत है अब सियासत की June 6, 2017 by अलकनंदा सिंह | Leave a Comment घटनाक्रम के अनुसार करीब 600 दलितों और 900 ठाकुरों की आबादी वाले गांव शब्बीरपुर से हिंसक चक्र की जो शुरुआत हुई, उसमें जहां दलितों का कहना है कि ठाकुरों ने उन्हें गांव के रविदास मंदिर परिसर में बाबासाहिब अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित नहीं करने दी थी। वहीं बाद में राजपूत राजा महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में ठाकुरों के एक जुलूस पर एक दलित समूह ने आपत्ति जतायी तो इससे हिंसा फूट पड़ी। इसमें एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी और 15 लोग घायल हो गये। Read more » Featured सहारनपुर सहारनपुर हिंसा
समाज उत्तर प्रदेश की उच्च मेडिकल शिक्षा June 6, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment हर साल देश भर में 55,000 डॉक्टर अपना एमबीबीएस और 25,000 पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करते है। विकास की इस दर के साथ, वर्ष 2020 तक 1.3 बिलियन आबादी के लिए भारत में प्रति 1250 लोगों पर एक डॉक्टर (एलोपैथिक) होना चाहिए और और 2022 तक प्रति 1075 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए (जनसंख्यारू 1.36 बिलियन)। दूसरे विशेषज्ञ का कहना है कि, “हालांकि, समिति को सूचित किया गया है। एक रात में डॉक्टर नहीं बनाया जा सकता है और यदि हम अगले पांच सालों तक हर साल 100 मेडिकल कॉलेज जोड़ते हैं तभी वर्ष 2029 तक देश में डॉक्टरों की संख्या पर्याप्त होगी।“ Read more » Featured उच्च मेडिकल शिक्षा उत्तर प्रदेश
राजनीति जीप के बोनट पर फारुक अहमद धर और बचाव में उतरे उमर अब्दुल्ला – June 6, 2017 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment उमर अब्दुल्ला और उनकी मानवाधिकार ब्रिगेड यह तो चिल्ला रही है कि मेजर गोगोई को , फारुख अहमद धर को जीप के बोनट पर नहीं बिठाना चाहिए था लेकिन यह नहीं बताती कि उस हालत में उसे इसके स्थान पर क्या करना चाहिए था ? स्थल सेनाध्यक्ष जनरल रावत ने बिल्कुल सही प्रश्न उठाया है कि यदि सीमा पर शत्रुओं के मन में और देश के भीतर देश के खिलाफ बन्दूक़ उठा लेने वालों के मन में सेना का भय नहीं रहेगा तो देश का भविष्य ख़तरे में पड़ जाएगा । Read more » Featured आतंकवादियों का समर्थन उमर अब्दुल्ला नैशनल कान्फ्रेंस पत्थर ब्रिगेड फारुख अब्दुल्ला मानवाधिकार ब्रिगेड मेजर गोगोई सोशल मीडिया ब्रिगेड
विधि-कानून विविधा पूर्वाग्रही राजनीति की भेंट चढ़ता संविधान का अनुच्छेद 48 June 6, 2017 by अलकनंदा सिंह | Leave a Comment जानवर कई बार बिकते हैं। कई हाथों से गुजरते हैं। हर खरीदार उनसे बदसलूकी करता है। जानवरों को ठीक से खाना-पानी नहीं मिलता क्योंकि हर खरीदार को पता होता है कि इसे आखिर में कत्ल ही होना है। कई बार तो जानवरों को फिटकरी वाला पानी दिया जाता है, जिससे उनके गुर्दे फेल हो जाएं। इससे उनके शरीर में पानी जमा हो जाता है। इससे जानवर हट्टे-कट्टे दिखते हैं। इससे उनकी अच्छी कीमत मिलती है। उन्हें पैदल ही एक बाजार से दूसरे बाजार ले जाया जाता है। Read more » Featured अनुच्छेद 48 केंद्र सरकार जानवरों की तस्करी पशु बाजार पशु वध में बेदर्दी मवेशियों की खरीद-फरोख्त