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विविधा

मोदी प्रधानमंत्री हैं, ब्रांड एम्बेस्डर नहीं

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दृश्य और छवियां लोगों के ज़ेहन में लम्बे समय तक ताज़ा रहती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो और वीडियो का प्रयोग करके इन कंपनियों ने जो विज्ञापन जारी किये थे, वे भी अभी तक अधिकांश उपभोक्ताओं के ज़ेहन में ताजा ही होंगे। ऐसे में क्या इन कंपनियों द्वारा महज़ माफी मांग लेना काफी है। एक सवाल यह भी उठता है कि क्या सचमुच देश की इन नामी कंपनियों को ऐसे किसी कानून या गाइडलाइन की जानकारी नहीं थी या यह कृत्य जान-बूझकर संभावित मुनाफे के दृष्टिगत किया गया था।

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समाज

बृद्धावस्था बोझ नहीं, परिवार व समाज के उद्धारक बनें

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दादा दादी , नाना नानी के संरक्षण में बच्चों में आत्मविश्वास और सुरक्षित होने की भावना बढ़ती है। जिन घरों में गृहणियां बाहर नहीं जातीं , वहां भी वरिष्ठ सदस्यों की प्रासंगिकता रहती है। पति पत्नी एक मर्यादा में रहते हैं। बात बात में आपे से बाहर नहीं होते।बुढ़ापे को बेकार मत समझिए। इसे सार्थक दिशा दीजिए। तन में बुढ़ापा भले ही आ जाए, पर मन में इसे मत आने दीजिए। आप जब 21 के हुए थे तब आपने शादी की तैयारी की थी, अब अगर आप 51 के हो गए हैं तो शान्ति की तैयारी करना शुरू कर दीजिए। सुखी बुढ़ापे का एक ही मन्त्र हैं। दादा बन जाओ तो दादागिरी छोड़ दो और परदादा बन जाओ तो दुनियादारी करना छोड़ दो।

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विश्ववार्ता

नेपाल एक बार फिर गृहयुद्ध की ओर

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नेपाल में मानवाधिकार बार-बार आरोपों के घेरे में घिरती रही है। और एक बार फिर सप्तरी कांड से मानवाधिकार के ऊपर प्रश्नचिह्न खड़ा हुआ है। सप्तरी कांड में जिस प्रकार शहीदों व घायलों को गोली लगी है उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि नेपाली पुलिस नियम-कानून जानती ही नहीं है। या जानती है तो नियम-कानून को ताक पर रखकर वहां काम करती है। अधिकतर को कमर के ऊपर पेट, छाती, गर्दन, मस्तिश्क में गोली व चोट लगा है।

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कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार समाज

होली पर्व भारत में बहुसांस्कृतिक समाज के जीवंत रंगों का प्रतीक

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होली पर्व पूरे देश में परंपरा, हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है। होली पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली पर्व हमारे देश में उपस्थित बहुसांस्कृतिक समाज के जीवंत रंगों का प्रतीक है। होली पर्व देश में हमारी संस्कृति और सभ्यता के मूल सहिष्णुता और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देने वाला पर्व है। इस पर्व को सभी लोगों को शांति, सौहार्द और भाईचारे की भावना से मनाना चाहिए।

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