विविधा शहादतों का सिलसिला थमता क्यों नहीं – September 20, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment 18 सितम्बर 2016 घाटी फिर लाल हुई ! ये लाल रंग लहू का था और लहू हमारे सैनिकों का ! सोते हुए निहत्थे सैनिकों पर इस प्रकार का कायरतापूर्ण हमला ! इसे क्या कहा जाए ? देश के लिए सीने पर गोली तो भारत का सैनिक ही क्या इस देश का आम आदमी भी खाने […] Read more » Featured Uri Attack शहादतों का सिलसिला थमता क्यों नहीं ?
समाज चिकित्सा सुविधा से वंचित गर्भवती महिलाएं September 20, 2016 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment पूनम राजस्थान भाई की पत्नी को समय पर चिकित्सा सुविधा और सही दवा नही मिली जिस कारण उसकी मौत हो गई”। ये वाक्य है राजस्थान की तहसील लुनकरनसर के कालू गांव मे रहने वाली 45 वर्षीय भंवरी देवी के। जिन्हे इस बात का बेहद दुख है कि आजादी के इतने वर्षो बाद भी महिलाओं खास कर गांव मे महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए उत्तम सुविधाएं उपलब्ध नही कराई जा रही हैं। कारणवश गर्भवास्था के दौरान उनकी सही देखभाल नही हो पाती और महिलाएं मौत का शिकार हो रही हैं। यूं तो कालू गांव मे और भी कई समस्याएं हैं पर उन सबके बीच गर्भवती महिलाओं के लिए सही चिकित्सा सुविधा न होना चिंताजनक विषय है। यहां के ग्रामीणो से बात करने पर पता चला कि कालू गांव के प्रत्येक मुहल्ले मे स्वास्थ्य केंद्र नही है और जहां है भी वहां पर अच्छे डॉक्टर और नर्से मौजुद नही होती, और जो होते हैं, आपातकालिन स्थिति मे वो भी घर पर आने के लिए तैयार नही होते। ऐसी दयनीय स्थिति मे अक्सर लोगो को परेशानीयों का सामना करना पड़ता है। भंवरी देवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ इस बारे मे वो बताती है ” मेरी भाभी गर्भवती थी लेकिन समय पर चिकित्सा सुविधा और सही दवा नही मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। आखिरी समय मे उसकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उसे बिकानेर के अस्पताल मे रेफर कर दिया गया था पर वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। और प्राइवेट अस्पताल मे ले जाने के लिए हमारे पास पैसे नही थे। ऐसा सिर्फ मेरी भाभी के साथ नही हुआ बल्कि अबतक गांव की कई महिलाओं के साथ हो चुका है”। नाम न लिखे जाने की शर्त पर गांव की एक दुसरी महिला ने बताया कि “यहां आंगनबाड़ी का भी बुरा हाल है। बच्चे के जन्म से लेकर जन्म होने तक गर्भवती महिलाओं को खास व्यवस्था उपलब्ध नही कराई जाती। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों का वजन तो तौल लेती है परंतु जो बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं उनके लिए पोषक तत्व उपलब्ध नही कराया जाता। और बच्चो के लिए भेजा जाने वाला भोजन बच्चों मे कम और जान पहचान वाले लोगो के बीच बांट दिया जाता है। कोई बाहर वाला अगर भोजन लेना चाहे तो उसे उसकी किमत चुकानी पड़ती है”। खराब स्वास्थ्य सुविधा और आंगनबाड़ी की बुरी स्थिति के बारे मे भंवरी देवी ने बताया “मेरी बहू जब गर्भवती थी तो स्वास्थय केंद्र जाकर उसने टिकाकरण तो करा लिया था परंतु वहां से उसे टिकाकरण का कोई कार्ड नही दिया गया। बार बार पूछे जाने पर कहा गया कि आंगनबाड़ी आकर कार्ड प्राप्त किया जा सकता है लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र हमेशा बंद मिलता है। स्वास्थ्य केंद्र मे भी केवल टिकाकरण किया जाता है प्रसव के लिए वहां पर कोई सुविधा उपलब्ध नही है। और नर्सो को बुलाने पर वह घर पर नही आती, यहां तक की दवा भी मुफ्त मे नही बल्कि पैसे देने पर ही मिलती है। ऐसे मे गरीब व्यक्ति इस मंहगाई मे न तो पैसे दे सकता है न ही शहर जाकर इलाज करवा सकता है। मजबुरी मे गांव मे ही इलाज करवाना पड़ता है। भंवरी देवी आगे कहती है “गर्भवती महिला का इलाज यहां के स्वास्थ्य केंद्र मे सही से नही होता और अन्य बिमारीयों के इलाज के लिए जितने भी मरीज आते हैं उन सबको लगभग एक ही दवा दी जाती है। प्रसव की सही सुविधा न मिलने के कारण कितनी गर्भवती महिलाओं की अब तक मौत हो चुकी है, और कितने बच्चों की भी। मालुम हो कि जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एंव नवजात मृत्यु दर को कम करना है। इसके बावजुद राजस्थान के कालू गांव की यह स्थिति और दूसरी ओर राजस्थान जननी सुरक्षा योजना की वेबसाईट पर मौजुद आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत मे गर्भावस्था संबधी जटिलताओं के कारण हर साल करीब 67000 महिलाएं दम तोड़ देती हैं। इसी तरह जन्म के एक वर्ष के भीतर करीब 13 लाख बच्चे दम तोड़ देते हैं। विशेष रुप से बात आगर राजस्थान की करें तो मालुम होता है कि प्रतिवर्ष 5300 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था संबधी जटिलताओं के कारण होती है। इसी तरह लगभग 98500 शिशुओं की मृत्यु जन्म के एक वर्ष के भीतर ही हो जाती है। आंकड़े अपने आप मे सवाल खड़ा करते हैं जिसकी गंभीरता को समझ कर जल्द से जल्द इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भारत की प्रत्येक मां और बच्चे को सुरक्षा प्रदान की जा सके और जननी-शिशु सुरक्षा जैसी योजनाओं को सफलता प्राप्त हो। Read more » Featured जननी सुरक्षा योजना जननी-शिशु सुरक्षा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थय मिशन घोटाला
शख्सियत समाज महाराजा अग्रसेन : समाजवादी व्यवस्था के महासूर्य September 20, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment महाराजा अग्रसेन की जन्म जयन्ती- 1 अक्टूबर, 2016 ललित गर्ग कुशल शासकों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन कालजयी होता है और युग-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। ऐसे शासकों से न केवल जनता बल्कि सभ्यता और संस्कृति भी समृद्ध और शक्तिशाली बनती है। ऐसे शासकों की दृष्टि […] Read more » Featured महाराजा अग्रसेन समाजवादी व्यवस्था के महासूर्य
विविधा खुले में शौच से तौबा करते आदिवासी परिवार September 20, 2016 by मनोज कुमार | Leave a Comment 85 साल का आदिवासी गुगरी और उसकी बीवी कमला अब खुले में शौच के लिए नहीं जाते हैं। उनके घर में ही शौचालय बन गया है और अब दोनों इसका उपयोग करते हैं। इनकी तरह ही बैगा आदिवासी सुकाल ने भी खुले में शौच से तौबा कर ली है। खुद के घर में शौचालय बन […] Read more » Featured आदिवासी परिवार खुले में शौच खुले में शौच से तौबा करते आदिवासी परिवार
राजनीति केसर की क्यारी में बारूदी गंध September 19, 2016 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | Leave a Comment डा. अरविन्द कुमार सिंह अट्ठारह सैनिकों की शहादत को प्रणाम करते हुए कुछ निवेदन करना चाहूॅगा। दिल भरा है, माॅ सरस्वती शब्दों को सन्तुलित करे यही प्रार्थना है। देश की आजादी के बाद – पाकिस्तान को कश्मीर चाहिए था और कुछ लोगों को हिन्दुस्तान की गद्दी। इन दो चाहतो ने दोनो देश के हुक्मरानों का […] Read more » Featured Uri Attack केसर की क्यारी में बारूदी गंध
विविधा शहीदों को सलामी कब तक ? September 19, 2016 by अतुल तारे | Leave a Comment जम्मू कश्मीर के उरी क्षेत्र में आतंकी हमला सिर्फ एक आतंकवादी हमला नहीं है, यह सीधे-सीधे पाकिस्तान का हमला है। हमले में 17 सैनिक फिर शहीद हो गए है। हाल ही के हमलों को गिनें तो पहले गुरुदासपुर फिर पठानकोट और अब उरी में सैनिकों का बलिदान देखकर देशवासी स्तब्ध हैं, दुखी हंै और वे […] Read more » Featured शहीदों को सलामी शहीदों को सलामी कब तक ?
राजनीति सपा के राजनीतिक नाटक के निहितार्थ September 19, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी उत्तरप्रदेश सरकार के समक्ष पैदा हुआ संकट फिलहाल टलता हुआ दिखाई दे रहा है। परंतु इस सत्य को नकारा नहीं जा सकता कि सपा में एक छत्र राज करने वाले मुलायम परिवार का यह महाभारत मात्र परिवार के सदस्यों के स्वार्थ के कारण ही हुआ। एक तरफ मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल […] Read more » Akhilesh yadav Featured political drama of SP Shivpal Yadav अमरसिंह राजनीतिक नाटक सपा
विविधा एक विफल देश का शोक गीत ! September 19, 2016 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment संजय द्विवेदी पाकिस्तान प्रायोजित हमलों से तबाह भारत आज दुखी है, संतप्त है और क्षोभ से भरा हुआ है। उसकी जंग एक ऐसे देश से है जो असफल हो चुका है, नष्ट हो चुका है और जिसके पास खुद को संयुक्त रखने का एक ही उपाय है कि भारत के साथ युद्ध के हालात बने […] Read more » Featured Pakistan terrorist country terrorist attack in Uri पाकिस्तान विश्व शांति के लिए खतरा पाकिस्तान
विविधा आखिर कब तक शहादत देते रहेंगे हिन्दुस्तानी जवान…? September 19, 2016 by अतुल गौड़ | Leave a Comment पड़ोसी देश पाकिस्तान न केवल आतंकी हव के रूप में अपनी पहचान बना चुका है बल्कि भारत देश के लिए अब वह नासूर हो गया है। यही कारण है कि लगातार हमले और उकसाने की कार्रवाई से भारत क्षुब्द्ध तो नजर आता है, लेकिन हरकत में नहीं। सवाल यही है कि आखिर कब तक भारतीय […] Read more » Featured terrorist attack in Uri तक शहादत देते रहेंगे हिन्दुस्तानी जवान
मीडिया डीएवीपी की विज्ञापन नीति में संशोधन क्यों ? September 19, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) की विज्ञापन नीति में पहले भारत सरकार की ओर से देश की तीन बड़ी संवाद समितियों को वरीयता दी गई थी, साथ में सभी समाचार पत्र-पत्रिकाओं से कहा गया था कि इन तीन में से किसी एक की सेवाएं लेना अनिवार्य है। जैसे ही यह निर्देश […] Read more » Featured डीएवीपी डीएवीपी की विज्ञापन नीति में संशोधन
कला-संस्कृति विंध्य रेंज की एक विशिष्ट पुरापाषाणिक संस्कृति खत्म होने की कगार पर September 19, 2016 / September 19, 2016 by अनुज हनुमत | Leave a Comment चित्रकूट से तीस किलोमीटर दूर मानिकपुर के पास सरहट नामक स्थान पर प्राचीनतम शैलचित्र भारी संख्या में मौजूद हैं। ये तीस हजार साल पुराने बताए जाते हैं। पहले मैं भी मानता था की ये महज कुछ चित्रों का समूह बस है लेकिन इनका विस्तृत अध्ययन करने के बाद लगा की ये तो पाठा की पाषाणकालीन […] Read more » Featured विंध्य रेंज की एक विशिष्ट पुरापाषाणिक संस्कृति विशिष्ट पुरापाषाणिक संस्कृति
कला-संस्कृति विविधा मैकाले-अंग्रेजी शिक्षा-पद्धति से भारतीय भाषाओं की दुर्गति September 19, 2016 by मनोज ज्वाला | 5 Comments on मैकाले-अंग्रेजी शिक्षा-पद्धति से भारतीय भाषाओं की दुर्गति मनोज ज्वाला विद्यालय सरकारी हों या गैर-सरकारी ; उनमें पढने वाले बच्चों को वही सिखाया-पढाया जा रहा है , जिससे वे अपनी जडों से कट जाएं और नहीं तो कम से कम उनकी भाषा और संस्कार तो बदल ही जायें । बोल-चाल और भाषा-संस्कार में अधिक से अधिक अंग्रेजी और अंग्रेजियत का व्यवहार ही आज […] Read more » Featured अंग्रेजी-मैकाले शिक्षा-पद्धति भारतीय भाषाओं की दुर्गति