राजनीति धीरे धीरे और भी निकल रहे हैं मांद से बाहर December 3, 2015 / December 3, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में कभी अध्यापक रहे इरफ़ान हबीब बहुत ग़ुस्से में हैं । उनका कहना है कि भारत के लोग आजकल बहुत असहनशील हो गये हैं । ऊपर से कोढ में खाज यह कि सरकार भी कुछ नहीं कर रही । वह भी इन्हीं लोगों के साथ […] Read more » Featured धीरे धीरे और भी निकल रहे हैं मांद से बाहर
जन-जागरण विविधा विश्ववार्ता जलवायु समझौते की ओर दुनिया December 2, 2015 / December 2, 2015 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on जलवायु समझौते की ओर दुनिया संदर्भः- जलवायु सम्मेलन पेरिस प्रमोद भार्गव जलवायु परिवर्तन में नियंत्रण के लिए पेरिस मे बारह दिनी जलवायु सम्मेलन शुरू हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के 195 सदस्य देश इसमें भागीदारी कर रहें हैं। इस बैठक में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने पर वैश्विक सहमति बनने की उम्मीद इसलिए है क्योंकि अमेरिका, चीन और भारत […] Read more » Featured जलवायु जलवायु समझौते की ओर दुनिया जलवायु सम्मेलन पेरिस
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मृत्यु अर्थात भय के पौराणिक देवता काल भैरव December 2, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | 1 Comment on मृत्यु अर्थात भय के पौराणिक देवता काल भैरव अशोक “प्रवृद्ध” संकटों, आपदाओं और भिन्न-भिन्न प्रकार की समस्याओं से त्रस्त कलियुग में भगवान भैरव नाथ का नाम स्मरण, पूजा-अर्चना वृहत रूप में की जाती है । परिवार में सुख-शांति, समृद्धि , स्वास्थ्य की रक्षा और अनेक समस्याओं के निदान हेतु तंत्र के जाने-माने महान देवता भैरव से सम्बन्धित भैरव तंत्रोक्त, बटुक भैरव कवच, […] Read more » Featured भय के पौराणिक देवता काल भैरव मृत्यु
धर्म-अध्यात्म सृष्टि को किसने, कैसे व क्यों बनाया? December 2, 2015 / December 2, 2015 by मनमोहन आर्य | 4 Comments on सृष्टि को किसने, कैसे व क्यों बनाया? हम जिस संसार में रहते हैं वह किसने, कैसे, क्यों व कब बनाया है? इस प्रश्न का उत्तर न तो वैज्ञानिकों के पास है और न हि वैदिक धर्म से इतर धर्म वा मत-मतान्तरों व पन्थों के आचार्यों तथा उनके ग्रन्थों में। इसका पूर्ण सन्तोषजनक व वैज्ञानिक तर्कों से युक्त बुद्धिसंगत उत्तर वेदों व वैदिक […] Read more » Featured सृष्टि को किसने कैसे व क्यों बनाया?
खेत-खलिहान विविधा कृषि के क्षेत्र में गहराता संकट December 2, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 13 Comments on कृषि के क्षेत्र में गहराता संकट आतंकवाद, प्रदूषण, धार्मिक उन्माद, सामाजिक अंतद्र्वंद और महंगाई जैसी समस्याओं के मध्य कृषि प्रधान देश में कृषि की समस्याओं का मुद्दा हमेशा गौण रह जाता हैं। विगत वर्ष देश के अनेक हिस्से सूखाग्रस्त रहे। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो आने वाले समय में भी स्थिति कुछ अच्छी नहीं दिख रही है। भारत में कृषि पूरी […] Read more » Featured कृषि कृषि के क्षेत्र में गहराता संकट
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म में पिता का गौरव December 2, 2015 / December 2, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment चार वेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद ईश्वरीय प्रदत्त ज्ञान के ग्रन्थ हैं। इन वदों का सर्वाधिक प्रमाणित भाष्य महर्षि दयानन्द सरस्वती एवं उनके द्वारा निर्दिष्ट पद्धति द्वारा उनके ही अनुवर्ती विद्वानों का किया हुआ है जिनमें पं. हरिशरण सिद्धान्तालंकार, पं. जयदेव विद्यालंकार, पं. क्षेमकरणदास त्रिवेदी, पं. विश्वनाथ विद्यालंकार, आचार्य पं. रामनाथ वेदालंकार आदि का […] Read more » Featured पिता का गौरव वैदिक धर्म में पिता का गौरव
राजनीति सुषमा पाक क्यों न जाएं? December 2, 2015 / December 2, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 2 Comments on सुषमा पाक क्यों न जाएं? पेरिस में नरेंद्र मोदी और नवाज़ शरीफ की जो मुलाकात हुई, उसके बारे में दोनों सरकारों ने ज्यादा कुछ बताया नहीं है लेकिन जो कुछ नवाज़ ने कहा और उससे भी ज्यादा, जो उनके फोटो ने कहा, वह दोनों देशों के लिए शुभ−संकेत है। दोनों इस तरह से बैठे बात कर रहे थे, मानो दो […] Read more » Featured सुषमा पाक क्यों न जाएं?
आलोचना विविधा साहित्य आमिर, जानते हो देशभक्ति क्या होती है? December 2, 2015 / December 2, 2015 by अश्वनी कुमार, पटना | 5 Comments on आमिर, जानते हो देशभक्ति क्या होती है? आमिर, तुने देश के लिए क्या किया? क्या अपने किसी बेटे को सीमा पर भेजा? कभी किसी आपदाओं में जाकर मदद की? देश के लिए अपना क्या खोया? तुम्हारी बेगम जो अब तुम्हें ये देश छोड़कर जाने को कहती है उससे जरा जाकर पूछो तो की असहिष्णुता का इतिहास किसकी रगों में है? ‘अतुल्य भारत’ […] Read more » Featured आमिर
राजनीति दलीय टकराव के बजाय जनता की सुनें December 2, 2015 by शाहिद नकवी | 1 Comment on दलीय टकराव के बजाय जनता की सुनें लाल किले की प्राचीर से डेढ़ साल पहले जिस किसी ने गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र मोदी को भावुकता मे बहते सुना था ,तब सचमुच लगा कि देश बदलाव के लिये अंगड़ाई ले रहा है ।विकास के लिये सवा सौ करोड़ देशवासियों को आवाज़ देने वाले मोदी ने हर किसी को भरोसा दिलाया […] Read more » Featured दलीय टकराव के बजाय जनता की सुनें
बच्चों का पन्ना विविधा सरल श्लोकों से बाल संस्कार December 2, 2015 / December 2, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 9 Comments on सरल श्लोकों से बाल संस्कार डॉ, मधुसूदन सूचना: मित्रों के अनुरोध पर: सरल श्लोकों का चयन, बालकों को हिन्दी-संस्कृत उच्चारण के अभ्यास के लिए। सूचना: (आप एक या आधी पंक्ति गाकर बच्चों को पीछे दोहराने के लिए कहें।) अर्थ कभी भी समझा जा सकेगा। पर उच्चारण बालकपन के १० वर्षों में ही सुदृढ हो सकेगा। शुद्ध उच्चारण बालकों का शुद्ध […] Read more » Featured बाल संस्कार सरल श्लोकों से बाल संस्कार
कला-संस्कृति विविधा कल्चर=संस्कृति=सिविलायज़ेशन? December 2, 2015 / December 2, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 6 Comments on कल्चर=संस्कृति=सिविलायज़ेशन? डॉ. मधुसूदन सारांश: ===>संस्कृत शब्दों के समानार्थी अंग्रेज़ी शब्द नहीं मिलते। ===>६८ वर्षों की स्वतंत्रता के बाद गुलाम मानसिकता। ===>जब तक अंग्रेज़ी रहेगी समस्या बनी रहेगी। ===> धर्म=रिलिजन=मज़हब(गलत) ===> संस्कृति=कल्चर=सिविलायज़ेशन (गलत) ===> शब्दार्थ विकृत हो कर रूढ हो जाता है। (एक) संस्कृत […] Read more » Featured कल्चर कल्चर=संस्कृति=सिविलायज़ेशन? संस्कृति सिविलायज़ेशन
राजनीति ’सेक्युलर’ शब्द पर गहराया विवाद November 30, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on ’सेक्युलर’ शब्द पर गहराया विवाद संदर्भः- राजनाथ सिंह का बयान प्रमोद भार्गव संसद के शरदकालीन सत्र के पहले दिन ही बहस की सुई ‘सेक्युलर‘ शब्द की व्याख्या पर अटक गई है। गोया, लगता है, यह सत्र भी कहीं पिछले सत्र की तरह इस शब्द का अपने-अपने ढंग से अर्थ निकालने में स्वाहा न हो जाए। क्योंकि यही बहस इसी साल […] Read more » ’सेक्युलर’ शब्द पर गहराया विवाद Featured सेक्युलर