जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख विविधा शिक्षा-माध्यम के बदलाव का प्रबंधन September 23, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 11 Comments on शिक्षा-माध्यम के बदलाव का प्रबंधन डॉ. मधुसूदन (एक) क्रान्तिकारी प्रगति का मूल: शिक्षा के माध्यम का बदलाव, भारत की क्रान्तिकारी प्रगति का सशक्त मौलिक कारण मानता हूँ। यह ऐसा धुरा है, जिस पर सारे राष्ट्र की प्रगति का चक्रीय (Merry Go Round) हिण्डोला आधार रखता है, और कुशलता पूर्वक चतुराई से, प्रबंधन करनेपर, प्रचण्ड गति धारण कर सकता है; सपने […] Read more » Featured शिक्षा-माध्यम के बदलाव का प्रबंधन
राजनीति आरक्षण: भागवत का सही सुझाव September 23, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on आरक्षण: भागवत का सही सुझाव डॉ. वेदप्रताप वैदिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख श्री मोहन भागवत के बयान का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं। उन्होंने वही बात कहने की हिम्मत दिखाई है, जो मैं पिछले कई वर्षों से लिख रहा हूं और कह रहा हूं। मोहनजी ने यही तो कहा है कि आरक्षण के आधार पर पुनर्विचार हो ताकि वास्तविक […] Read more » Featured आरक्षण भागवत
टॉप स्टोरी राजनीति नेताजी के सच को सामने लाना जरूरी September 23, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्थानी भारत के महानायक नेताजी सुभाष चंद बोस की मौत (?) के रहस्य खुलने की कवायद शुरू हो गई है। तीन आयोगों की जांच में क्या परिणाम आया, इस बात को देश की जनता के समक्ष आना ही चाहिए। अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष […] Read more » Featured reaveal the truth behind sunbhash chandra bose death
जन-जागरण शख्सियत मृत्यु के रहस्य से उठता पर्दा September 22, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव आजादी के 68 साल बाद भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमायी मौत से पर्दा कोई सरकार नहीं उठा पाई। तीन जांच आयोग बैठे,बावजूद राज अपनी जगह कायम रहा। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन 64 फाइलों को खोल दिया है,जिन्हें लेकर ये आशंकाएं प्रगट होती रही हैं कि इनमें […] Read more » Featured
राजनीति शख्सियत समाज बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार September 22, 2015 by प्रवीण गुगनानी | 1 Comment on बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार सरसंघचालक जी अर्थात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, प्रमुख मोहन रावजी भागवत के आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार की आवश्यकता व्यक्त करनें से वैचारिक तूफ़ान खड़ा हो गया है. संघप्रमुख ने आरक्षण के औचित्य पर प्रश्न कतई नहीं किया है, यह स्पष्ट है. मीडिया ने जानबूझकर उनसे बीते वर्षों में समय समय पर सार्वजनिक तौर पर उलझानें […] Read more » Featured बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार
राजनीति विश्ववार्ता नेपाल: भारत चले फूंक-फूंककर September 22, 2015 / September 22, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक नेपाल में नए संविधान की घोषणा का दिन वैसा क्यों नहीं हो सकता था,जैसा कि अन्य देशों में प्रायः होता है? नेपाल के सातवें संविधान की घोषणा के पहले 40 लोग मारे गए और अभी मधेस में प्रदर्शनों का तांता लगा हुआ है। राष्ट्रपति रामबरन यादव खुद मधेशी हैं। उन्होंने इस संविधान को सिर […] Read more » Featured नेपाल भारत
राजनीति भ्रष्टाचार मिटाने की दिशा में प्रभावी कदम September 22, 2015 / September 22, 2015 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment वीरेन्द्र सिंह परिहार हमारे देश में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। कुल मिलाकर यदि इसे देश की मुख्य समस्या ही नहीं बल्कि मूल समस्या कहा जाए तो कतई अतिशयोक्ति नहीं होगी। कहने वाले कह सकते हैं कि देश में व्याप्त भयावह गरीबी, बेकारी एवं महंगाई को क्यों देश की मुख्य समस्या नहीं कहा जाना चाहिए? […] Read more » effective ways to eradicate corruption Featured भ्रष्टाचार
धर्म-अध्यात्म ईश्वर न्यायकारी व दयालु अवश्य है परन्तु वह कभी किसी का कोई पाप क्षमा नहीं करता September 22, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ईश्वर कैसा है? इसका सरलतम् व तथ्यपूर्ण उत्तर वेदों व वैदिक शास्त्रों सहित धर्म के यथार्थ रूप के द्रष्टा व प्रचारक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने अपने ग्रन्थों में अनेक स्थानों में प्रस्तुत किया है जहां उनके द्वारा प्रस्तुत ईश्वर विषयक गुण, विशेषण व सभी नाम तथ्यपूर्ण एवं परस्पर पूरक हैं, विरोधी नहीं। सत्यार्थ प्रकाश के […] Read more » ‘ईश्वर न्यायकारी व दयालु अवश्य है Featured ईश्वर किसी का कोई पाप क्षमा नहीं करता
आर्थिकी राजनीति पूँजीवाद की कोई और शक्ल ? September 22, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान आदिकालीन साम्यवादी समाज में मनुष्य पारस्परिक सहयोग द्वारा आवश्यक चीजों की प्राप्ति और प्रत्येक सदस्य की आवश्यकतानुसार उनका आपस में बँटवारा करते थे। परंतु यह साम्यवाद प्राकृतिक था; मनुष्य की सचेत कल्पना पर आधारित नहीं था। आरंभ के ईसाई पादरियों के रहन-सहन का ढंग बहुत कुछ साम्यवादी था, वे एक साथ और समान […] Read more » capitalis Featured पूंजीवाद
राजनीति शिक्षामित्रः सही निर्णय पर नाजायज आंदोलन , दबाव की राजनीति September 22, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित 12 सितम्बर 2015 के दिन इलाहाबाद हाइ्र्रकोर्ट ने एक ओर अत्यंत ऐतिहासिक निर्णय सुनाया जिसके बाद प्रदेश में निुयक्त किये गये 1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रदद कर दिया । शिक्षामित्रों का समायोजन रदद हो जाने के बाद प्रदेशभर के शिक्षामित्र आक्रोशित हो रहे हैं। अनेक शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली है जबकि […] Read more » Featured दबाव की राजनीति शिक्षामित्र सही निर्णय पर नाजायज आंदोलन
राजनीति गठबंधन की गाँठ, असमंजस में मतदाता September 22, 2015 by हिमकर श्याम | Leave a Comment हिमकर श्याम राजनीति संभावनाओं का खेल है, यहां कुछ भी असंभव नहीं. सियासत में कुछ भी स्थायी नहीं होता. यही उसका स्वभाव है. न दोस्ती, न दुश्मनी. पांच साल पहले भाजपा और जदयू मिलकर चुनाव लड़े और प्रचंड बहुमत से जीते भी. दोनों का एजेंडा एक था. दूसरी तरफ लालू और रामविलास थे. कांग्रेस अकेले दम मैदान में […] Read more » Bihar politics Featured असमंजस में मतदाता गठबंधन की गाँठ
कहानी विविधा शख्सियत दर्द या दवा September 22, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment पांच सितम्बर को भारत में ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। यह हमारे दूसरे राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन का जन्मदिन है, जो एक श्रेष्ठ शिक्षक भी थे। इस दिन राष्ट्रपति महोदय देश भर के श्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करते हैं। शिक्षक होने के नाते मुझे भी इसमें रुचि रहती है कि इस बार कौन-कौन सम्मानित हुआ ? […] Read more » Featured