चिंतन भारत मां की वेदना January 10, 2014 / January 10, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -नजमून नवी खान- धरातल पर तमाम देश हैं। मगर भारत देश को ही हम माता के नाम से पुकारते हैं। माता जो केवल अपने बच्चो के भला के बारे में ही सोचती हैं। जिसका जीवन अपने बच्चे के इर्द-गिर्द ही सीमित रहता है। जो अपने बच्चों पर सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए सदैव तत्पर […] Read more » India भारत मां की वेदना
जरूर पढ़ें भारत की सही पहचान – ३ October 18, 2012 / October 18, 2012 by विश्वमोहन तिवारी | 3 Comments on भारत की सही पहचान – ३ भाग दो से आगे हमारी राष्ट्र की परिभाषा का मुख्य आधार संस्कृति है, जीवन मूल्य हैं, यह हम ऋग्वेद में देख चुके हैं। अथर्ववेद में इसी भावना का विस्तार है; इस के कुछ सूक्त इस परिभाषा को और सुदृढ़ करते हैं, जब वे जन मानस में मानसिक एकता तथा समानता का उपदेश देते हैं। अथर्ववेद […] Read more » India
जरूर पढ़ें राजनीति भारत को कैसे मिले अब तक के अपने राष्ट्रपति May 14, 2012 / June 10, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 3 Comments on भारत को कैसे मिले अब तक के अपने राष्ट्रपति – राकेश कुमार आर्य रायसीना हिल्स पर बना राष्ट्रपति भवन गणतांत्रिक भारत के हर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना है। आजादी से पूर्व इसे वायसरीगल हाउस के नाम से जाना जाता था। लेकिन 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.15 बजे जब डा. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेकर गणतांत्रिक […] Read more » Dr. A. P. J. Abdul Kalam Dr. Rajendra Prasad Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Dr. Shankar Dayal Sharma Dr. Zakir Hussain Fakhruddin Ali Ahmed Gyani Zail Singh India K. R. Narayanan Nilam Sanjeeva Reddy Pratibha Devi Singh Patil Pratibha Devisingh Patil pratibha patil President president of india Presidents of India R. Venkat Raman Rakesh Arya V. V. Giri Varahgiri Venkat Giri आर. वेंकट रमण के. आर. नारायणन ज्ञानी जैल सिंह डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम डॉ शंकर दयाल शर्मा डॉ. जाकिर हुसैन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन नीलम संजीवा रेड्डी प्रतिभा देवी सिंह पाटिल प्रतिभा पाटिल फखरूद्दीन अली अहमद भारत भारत के राष्ट्रपति राकेश आर्या राष्ट्रपति वाराहगिरि वेंकट गिरि
विश्ववार्ता आतंकवाद पर कितनी सफल है भारत की कूटनीति April 13, 2012 / April 13, 2012 by विनायक शर्मा | 1 Comment on आतंकवाद पर कितनी सफल है भारत की कूटनीति विनायक शर्मा पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी के भारत में एक दिवसीय निजी दौरे के एक समाचार पर न्यूज चैनलों और एलेक्ट्रिनिक मीडिया ने दिन भर इस प्रकार प्रवचन चलाये रखा कि इसके पीछे देश के लिए जो विशेष सरोकार की बात थी वह पूर्णतया ढक सी गई। वैसे भी देखा गया है कि साधन संपन्न, […] Read more » India pakistan Terrorism and Pakistan आतंकवाद भारत की कूटनीति
चिंतन आखिर देश किस दिशा में जा रहा है? April 12, 2012 / April 12, 2012 by राजेश कश्यप | 1 Comment on आखिर देश किस दिशा में जा रहा है? राजेश कश्यप विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश और विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शुमार होने के लिए तेजी से अग्रसित राष्ट्र एकाएक आखिर किस दिशा में मुड़ गया है? जिस देश का इतिहास ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा, देशभक्ति, परोपकारिता, मानवता, भातृभावना, कर्मठता, सौहार्द, समर्पणता, शौर्य, त्याग, बलिदान, शहादत, सादगी, सकारात्मकता, सात्विक आस्था जैसी अनेक अनूठी, अद्भूत, […] Read more » India world largest democratic country लोकतांत्रिक देश
हिंद स्वराज क्या हमारे देश को अभिशाप से मुकित मिलेगी March 30, 2012 / March 30, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment सुरेश गोयल धूप वाला परमपिता परमात्मा की भारत भू: पर असीम कृपा रही है। भारतवर्ष धन-धान्य, बल, बुद्धि, कोशल ज्ञान-विज्ञान से परिपूर्ण एक सम्पूर्ण राष्ट्र रहा है। धर्म और अध्यात्म के मामले में भारत संसार में अध्यातिमक गुरू माना गया है। प्राकृतिक सम्पदा के अपार भंडार भी भारत भूमि पर ही रहे। पवित्र जल की […] Read more » India देश को अभिशाप से मुकित
कला-संस्कृति अरब की प्राचीन समृद्ध वैदिक संस्कृति और भारत March 21, 2012 / March 21, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 7 Comments on अरब की प्राचीन समृद्ध वैदिक संस्कृति और भारत – विश्वजीत सिंह ‘अनंत’ अरब देश का भारत, भृगु के पुत्र शुक्राचार्य तथा उनके पोत्र और्व से ऐतिहासिक संबंध प्रमाणित है, यहाँ तक कि “हिस्ट्री ऑफ पर्शिया” के लेखकसाइक्स का मत है कि अरब का नाम और्व के ही नाम पर पड़ा, जो विकृत होकर “अरब”हो गया। भारत के उत्तर-पश्चिम में इलावर्त था, जहाँ दैत्य […] Read more » India vaidic culture अरब की प्राचीन समृद्ध वैदिक संस्कृति और भारत भारत
लेख विश्व विजेता भारत January 28, 2012 / January 28, 2012 by डॉ. राजेश कपूर | 7 Comments on विश्व विजेता भारत विश्व की सभ्यताओं का प्रारम्भ अथवा उनका मूल भारतीय संस्कृति में ही मिलता है। यह बात केवल भारत नहीं , विश्व के अनेक विद्वानों ने कहीलिखी है। अतीत काल में भारत में सबसे अधिक प्रचलित भाषा संस्कृत रही है। यूँ तो अनेक बोलियाँ और भाषाएँ सदा ही प्रचालन में रहती आई हैं पर संस्कृत का […] Read more » India Indian Culture भारतीय संस्कृति विश्व विजेता भारत
राजनीति जनता की जनवादी क्रांति से ही भारत को चीन पर बढ़त हासिल हो सकती है। January 11, 2012 / January 12, 2012 by श्रीराम तिवारी | 7 Comments on जनता की जनवादी क्रांति से ही भारत को चीन पर बढ़त हासिल हो सकती है। श्रीराम तिवारी विगत दिनों भारत के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने भुवनेश्वर में स्वदेशी तकनीकी को बढ़ावा देने का ऐलान किया और इस क्षेत्र में चीन की बढ़त को स्वीकार किया।अब यक्ष प्रश्न ये है कि क्या अमेरिकी मंत्रनाओं से चीन आगे बढ़ा है? भारत किन कारणों से पिछड़ा है ? इन सवालों के उत्तर […] Read more » can india be as rich as china China India जनता की जनवादी क्रांति भारत को चीन पर बढ़त
गजल पड़ौसी पड़ोसी है हिंदू न मुस्लिम……. November 3, 2011 / December 5, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on पड़ौसी पड़ोसी है हिंदू न मुस्लिम……. इक़बाल हिंदुस्तानी हरेक तश्नालब की हिमायत करूंगा, समंदर मिला तो शिकायत करूंगा। अगर आंच आई किसी जिंदगी पर, हो अपना पराया हिफ़ाज़त करूंगा। अभी तो ग़रीबों में मसरूफ हूँ मैं, मिलेगी जो फुर्सत इबादत करूंगा। तरक्की की ख़ातिर वो यूं कह रहा था, मैं जिस्मों की खुलकर तिजारत करूंगा। ज़मीर अपना बेचंू जो दौलत कमाउ, […] Read more » hindu India muslims pakistan पड़ौसी पड़ौसी है हिंदू न मुस्लिम
पुस्तक समीक्षा पुस्तक समीक्षा/ ‘भारत क्या है’ October 6, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कृष्ण जी मिश्र ‘भारत क्या है’ के नाम से विख्यात सलिल ज्ञवाली की पुस्तक, जो भारतीय सोच और व्यापकता से प्रेरित शीर्ष वैज्ञानिकों, दार्शनिकों, और संतों के वाणी का संकलन है, उसकी उपयोगिता और महत्त्व को मैं शब्दों में वर्णित नहीं कर सकता. यह पुस्तक एक त्रिवेणी की तरह अद्भुत चिंतन के स्रोत से निकलने […] Read more » India भारत क्या है
धर्म-अध्यात्म पर्यावरण गंगा और भारत September 16, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. सौरभ मालवीय | 16 Comments on गंगा और भारत सौरभ मालवीय गंगा शब्द का अर्थ तीव्रगामनी होता है लेकिन भारत में इस शब्द का अर्थ एक पवित्र नदी के रूप में है। इसका अर्थ पुरूषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति का साधन है यू तो संसार में हजारों नदियां हैं और भारत में भी एक सौ तेरह विपुल जल वाली नदियां है परन्तु भारतीय आस्था में […] Read more » India गंगा