विविधा मंदी व मंहगाई की मार झेलती जनता हो रही है ठगी का भी शिकार February 27, 2010 / December 24, 2011 by निर्मल रानी | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर छाई मंदी जहां बड़े -बडे उद्योगों तथा कारपोरेट जगत से जुडे लोगों को आर्थिक संकट से ठीक तरह से उबरने नहीं दे रही है वहीं बेतहाशा बढ़ती महंगाई ने भी आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। हालांकि सरकार द्वारा मंदी व महंगाई को लेकर तरह तरह के तर्क पेश […] Read more » Inflation ठग
विविधा हाय महंगाई… February 25, 2010 / December 24, 2011 by गोपाल सामंतो | 2 Comments on हाय महंगाई… आज देश में न जाने कितने ही लोग ऐसे है जो अपनी जेब में दो-दो मोबाईल फोन रखते हैं पर आश्चर्य की बात यह है कि अब खाने की थाली में एक साथ दो सब्जियां मुश्किल से ही देखने को मिलता है। दिन-ब-दिन ऐशो-आराम की वस्तुएं सस्ती होती जा रही है, पर मूलभूत आवश्यकताओं की […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा रिलायंस फ्रेश की बदौलत बढ़ी है देश में महंगाई February 21, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on रिलायंस फ्रेश की बदौलत बढ़ी है देश में महंगाई आम आदमी का जीना मुहाल कर देने वाली महंगाई पर तरह-तरह के विश्लेषण किए गए हैं लेकिन किसी ने भी यह जहमत उठाने की कोशिश नहीं की है कि आखिर हमारे देश में प्रचुर उत्पादन के बावजूद एकाएक शक्कर के साथ अन्य सभी खाद्य पदार्थों की कीमतों में क्यों बढ़ोत्री हुई है। कुछ दिन पहले […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा चूल्हे बुझ रहे हैं इंडिया ग्रेट बन रहा है February 20, 2010 / December 24, 2011 by सौरभ कुमार यादव | 3 Comments on चूल्हे बुझ रहे हैं इंडिया ग्रेट बन रहा है भारत की खुशकिस्मती है कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह अहलुवालिया जैसे नामी अर्थशास्त्री देश में मौजूद हैं। उन्हें छलांग मारते सेंसेक्स और शेयर बाजार में देश की प्रगति परिलक्षित होती है। देश की विकास दर कुलांचे मार रही है और केन्द्र में आम आदमी की सरकार होते हुए […] Read more » Inflation महंगाई
आर्थिकी महंगाई : कांग्रेस की काली करतूत January 18, 2010 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on महंगाई : कांग्रेस की काली करतूत आज जनता बेहाल है। बढ़ती कीमतों से वह परेशान है। जीवनावश्यक खाद्यान्नों के दामों में मानों जैसे आग लगी है। कीमत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। रोज की सुबह बढ़ते दामों के समाचार पढ़कर ही शुरूआत होती है। कल के दामों के हिसाब से पैसे लेकर बाजार में जाए, तो गणित गड़बड़ा […] Read more » Inflation महंगाई
आर्थिकी कांग्रेस शासन में महंगाई ने तोडी कमर January 12, 2010 / December 25, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | 5 Comments on कांग्रेस शासन में महंगाई ने तोडी कमर कांग्रेसनीत संप्रग सरकार को जनता ने जिस विश्वास के साथ सत्ता पर बैठने का अधिकार सौंपा वस्तुत: सरकार की नीतियों से नहीं लग रहा है कि वह जनता के प्रति गंभीर है। सरकार द्वारा जारी आकडों में भारत वैश्विक स्तर पर तेजी से उभर रहा है। देश में हर सेक्टर में दिन दूनी रात चौगनी […] Read more » Inflation कांग्रेस महंगाई
प्रवक्ता न्यूज़ मंहगायी की अर्थी निकालने वाले भाजपायियों की भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुप्पी चर्चित November 9, 2009 / December 25, 2011 by आशुतोष वर्मा | Leave a Comment नगर भाजपा ने अध्यक्ष एवं पार्षद सुजीत जैन के नेतृत्व में मंहगाई की शवयात्रा निकाल कर विरोध प्रर्दशन किया। इस अवसर पर विधायक नीता पटेरिया,पालिकाध्यक्ष पार्वती जंघेला,जिला भाजपा अध्यक्ष सुर्दशन बाझल सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित थे।नगर पालिका चुनावों की पूर्व संध्या पर ऐसे प्रदर्शन और आंदोलन होना कोई नयी बात नहीं हैं। यह तथ्य […] Read more » Bhajpa Inflation भाजपा मंहगायी
टॉप स्टोरी महंगाई पर हायतौबा न मचायें November 7, 2009 / November 8, 2009 by सतीश सिंह | 3 Comments on महंगाई पर हायतौबा न मचायें मंहगाई प्रति दिन बढ़ रही है। फिर भी योज़ना आयोग के अध्यक्ष श्री मोंटेक सिंह आहूलवालिया साहब का कहना है कि महंगाई को लेकर आम आदमी बेबज़ह हल्ला-गुल्ला न करें। खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ने से इसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है। अब दलालों और व्यापारियों के लिए किसानों की जेब में सेंध […] Read more » Inflation महंगाई सतीश सिंह
राजनीति चुनाव के बाद क्यों बढ़ती है महँगाई? November 4, 2009 / December 26, 2011 by मन ओज सोमक्रिया | Leave a Comment “अरे मेरे सरकार, बस एक बार इलैक्शन हो जाने दीजिए और हमें पावर में आने दीजिए, फिर आप जो चाहे वो करना। आपको जिस चीज का जितना रेट बढ़ाना है आप बढ़ा लेना। कोई आपको कुछ नहीं कहेगा।” जरा सोच के बताइए कि ये शब्द कौन कह रहा होगा और किस से कह रहा होगा? […] Read more » Inflation मन ओ. सोमक्रिया
कविता महँगाई का दंश – पुनीता सिंह August 23, 2009 / December 27, 2011 by पुनीता सिंह | 1 Comment on महँगाई का दंश – पुनीता सिंह बरसात आती है या महँगाई बरसती है बाजार मे हर चीज बहुत मंहगी है। बाहर बाढ जैसा नज़ारा है इधर घर की नाव डूबने को है। सब्ज़ियों के भाव बादल जैसे गरज रहे है हर चीज को महगाई ने डस लिया है इन्सान और इन्सानियत क्यों इतनी सस्ती हो गई? राह चलते इसके दूकानदारो की […] Read more » Inflation महँगाई