
फर्क है बस किरदारों का बाकी खेल पुराना है ….
Updated: December 9, 2011
एल.आर.गाँधी लूटना और लुटाना हमारा राष्ट्रिय व्यसन रहा है. अंग्रजों ने २०० साल राज किया और दो शताब्दियों में लगभग एक लाख करोड़ की लूट…
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जब जनमत के खिलाफ गए गाँधी
Updated: December 9, 2011
विकास सिंघल महात्मा गाँधी जो भारत के तथाकथित राष्ट्रपिता कहलाये जाते है, इनकी कोई भी आलोचना इस देश में राष्ट्र द्रोह करार दे दी जाती है.…
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चवन्नी का अवसान : चवनिया मुस्कान
Updated: December 9, 2011
श्यामल सुमन सच तो ये है कि चवन्नी से परिचय बहुत पहले हुआ और “चवनिया मुस्कान” से बहुत बाद में। आज जब याद करता हूँ…
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सच छिपाने को……..
Updated: December 9, 2011
संजय सक्सेना उत्तर प्रदेश की माया सरकार और उनके नुमांइदों ने हर उस आवाज को कुचल देने की कसम खाई है जो माया या उनके…
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दूसरी आजादी की लड़ाई में है विराट जन-भागीदारी : प्रो. कुसुमलता केडिया
Updated: December 9, 2011
प्रख्यात समाजवैज्ञानिक एवं गांधी विद्या संस्थान, राजघाट, वाराणसी की कार्यकारी निदेशक प्रो. कुसुमलता केडिया का मानना है कि स्वामी रामदेव और श्री अन्ना हजारे के…
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लड़की को लड़का बनाने की चाहत
Updated: December 9, 2011
प्रमोद भार्गव पितृसत्तात्मक मानसिकता और जीव वैज्ञानिक रूढ़िवाद हमारे देश के जन-मानस में कितनी गहरी पैठ बनाए हुए है, इसका पता लिंग परिवर्तन के लिए…
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कहां जाती हैं पकड़ी गई गायें —- 3
Updated: December 9, 2011
गाय और ग्लोबल वार्मिंग! लिमटी खरे दुनिया का चौधरी अमेरिका अब भारत की गौ माता पर अपनी कुदृष्टि डालने लगा है। अमेरिका को गाय फूटी…
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कहां जाती हैं पकड़ी गई गायें —- 2
Updated: December 9, 2011
. . . इसलिए कत्लखाने जाने लगी गायें लिमटी खरे मीडिया में जब तब यह खबर सुर्खियों में रहा करती है कि फलां जगह से…
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चण्डीदत्त शुक्ल राजीव गांधी एक्सिलेंस अवार्ड से सम्मानित
Updated: December 9, 2011
दैनिक भास्कर की मैगज़ीन डिवीज़न (अहा ज़िंदगी / लक्ष्य) के फीचर एडिटर, युवा कवि और पोर्टल चौराहा.इन के संपादक चण्डीदत्त शुक्ल को दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल…
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आपातकालीन दमन के अमिट व्रणचिह्न
Updated: December 9, 2011
कुन्दन पाण्डेय कहते हैं वक्त हर जख्म को भर देता है, लेकिन जख्म के चिह्न को वक्त मिटा नहीं पाता, धुंधला अवश्य कर देता है।…
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भविष्य का मीडिया और सामाजिक- राष्ट्रीय सरोकार
Updated: December 9, 2011
कुन्दन पाण्डेय आज का युग मीडिया क्रान्ति का युग है। समाचार पत्रों की प्रसार संख्या तो अनवरत बढ़ती ही जा रही है साथ ही 24…
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ये है दिल्ली मेरी जान
Updated: December 9, 2011
लिमटी खरे अण्णा बाबा अगर मोहरा नहीं तो फिर . . .! सियासी दल विशेषकर कांग्रेस का आरोप है कि बाबा रामदेव और अण्णा हजारे…
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