विविधा जीवट वाले लोग December 17, 2010 / December 18, 2011 | 1 Comment on जीवट वाले लोग विजय कुमार एक संत हर बात में से कोई सार्थक संदेश देने का प्रयास करते थे। एक बार किसी ने उनसे पूछा कि क्या मृत्यु में भी कोई ऐसा संदेश है ? संत ने कहा – हां, दादा जी, दादी जी, पिताजी, माता जी आदि की मृत्यु में एक सार्थक संदेश है कि आना और […] Read more » People लोग
राजनीति कांग्रेस के 125 साल पर विशेष – बांटो, बांटो और बांटो December 14, 2010 / December 18, 2011 | Leave a Comment विजय कुमार अंग्रेजी शासन का एक प्रमुख सूत्र था – बांटो और राज करो । उनकी उत्तराधिकारी कांग्रेस ने भी अपने जन्मकाल से ही इसे अपना लिया। तब से दल के कई नाम बदले और कई चेहरे; पर उसने इस सूत्र को नहीं छोड़ा। खिलाफत के नाम पर कांग्रेस में मतभेद – 1915 में दक्षिण […] Read more » Congress कांग्रेस
राजनीति व्यंग्य: नैनो कांग्रेस December 14, 2010 / December 18, 2011 | Leave a Comment विजय कुमार वैज्ञानिक भी बड़े अजीब होते हैं। कुछ बड़े से बड़ी, तो कुछ छोटे से भी छोटी चीज बनाने में लगे रहते हैं। जब वैज्ञानिकों ने अणु की खोज की, तो लगा कि शायद छोटी चीज की खोज का काम पूरा हो गया; पर नहीं साहब। खुराफाती वैज्ञानिकों ने परमाणु की खोज कर ली। […] Read more » Congress कांग्रेस
विविधा श्रद्धांजलि/ममतामयी उषा दीदी December 6, 2010 / December 19, 2011 | 2 Comments on श्रद्धांजलि/ममतामयी उषा दीदी – विजय कुमार मां का हृदय सदा ही ममता से भरा होता है; पर अपने बच्चों के साथ अन्य बच्चों को भी वैसा ही स्नेह प्रेम देने वाली उषा दीदी का जन्म जनवरी, 1930 में आगरा में अत्यधिक सम्पन्न परिवार में हुआ था। सात भाइयों के बीच इकलौती बहिन होने के कारण उन्हें घर में […] Read more » Usha उषा दीदी
वर्त-त्यौहार बूढ़ी दीवाली December 2, 2010 / December 19, 2011 | Leave a Comment मार्गषीर्ष अमावस्या (5.12.2010) पर विशेष रोचक जानकारी पूरे विश्व में कार्तिक अमावस्या को दीवाली मनायी जाती है। कहते हैं कि भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी 14 साल के वनवास के बाद इसी दिन अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में प्रजा ने दीपमालिका सजाकर उनका स्वागत किया। न जाने कब से यह परम्परा चल रही […] Read more » Diwali बूढ़ी दीवाली
राजनीति हकीम लुकमान की दुकान में November 25, 2010 / December 19, 2011 | 2 Comments on हकीम लुकमान की दुकान में -विजय कुमार शीर्षक से आप मेरे स्वास्थ्य को लेकर भ्रमित न हों। यह आंखों देखा हाल मेरे एक बिहारी मित्र ने सुनाया है। हकीम लुकमान ने दुकान खोली, तो आज हर दिन की अपेक्षा अधिक रोगी दिखाई दिये। इतना ही नहीं, कई अति विशिष्ट जन (वी.आई.पी) भी उनकी प्रतीक्षा में था। हकीम साहब ने पहले […] Read more » bihar बिहार विधानसभा चुनाव
राजनीति फासिस्ट कौन ? November 20, 2010 / December 19, 2011 | 4 Comments on फासिस्ट कौन ? -विजय कुमार न जाने कब से दिग्विजय सिंह, अर्जुन सिंह, राहुल गांधी, सोनिया और उनके दुमछल्ले संघ पर झूठे आरोप लगा रहे थे। दिग्विजय सिंह के अनुसार संघ को पाकिस्तान से पैसा मिलता है। वह आई.एस.आई के लिए काम करता है। राहुल बाबा संघ और सिमी को एक सा बताते हैं। प्रणव मुखर्जी और चिदम्बरम […] Read more » who is an Fasist फासिस्ट कौन
पर्यावरण दीपावली और पर्यावरण November 8, 2010 / December 20, 2011 | 1 Comment on दीपावली और पर्यावरण हर बार की तरह इस बार भी प्रकाश का पर्व दीपावली सम्पन्न हो गया। लोगों ने जमकर आनंद मनाया; घर और प्रतिष्ठान सजाए; मिठाई खाई और खिलाई; उपहार बांटे और स्वीकार किये; बच्चों ने पटाखे और फुलझड़ियां छोड़ीं; कुछ जगह आग भी लगी; पर दीप पर्व के उत्साह में यह सब बातें पीछे छूट गयीं। […] Read more » Deepawali Environment दीपावली पर्यावरण
व्यंग्य अगले जनम मोहे….. October 29, 2010 / December 20, 2011 | Leave a Comment -विजय कुमार बाबा तुलसीदास लिख गये हैं – हानि लाभ जीवन मरण, यश अपयश विधि हाथ। सभी संतों ने इसे अपनी-अपनी तरह से कहा है। जहां तक पुर्नजन्म की बात है, भारतीय धर्म और पंथ तो इसे मानते हैं; पर विदेशी मजहब इसे स्वीकार नहीं करते। पिछले दिनों एक गोष्ठी में चर्चा का यही विषय […] Read more » vyangya
विविधा भारतीय पुरातत्व एवं तोजो इंटरनेशनल की विश्वसनीयता October 12, 2010 / December 21, 2011 | 2 Comments on भारतीय पुरातत्व एवं तोजो इंटरनेशनल की विश्वसनीयता -विजय कुमार अयोध्या प्रकरण पर प्रयाग उच्च न्यायालय की विशेष पीठ द्वारा 30 सितम्बर को दिये गये निर्णय पर अपने-अपने चश्मे के अनुसार विभिन्न दल, समाचार पत्र, पत्रिकाएं तथा दूरदर्शन वाहिनियां बोल व लिख रही हैं। इस निर्णय में मुख्य भूमिका भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और उसकी उत्खनन इकाई ने निभाई है। 1992 में बाबरी […] Read more » Indian अयोध्या पुरातत्व
व्यंग्य इनका दर्द भी समझें October 3, 2010 / December 22, 2011 | 2 Comments on इनका दर्द भी समझें -विजय कुमार मेरे पड़ोस में मियां फुल्लन धोबी और मियां झुल्लन भड़भूजे वर्षों से रहते हैं। लोग उन्हें फूला और झूला मियां कहते हैं। 1947 में तो वे पाकिस्तान नहीं गये; पर मंदिर विवाद ने उनके मन में भी दरार डाल दी। अब वे मिलते तो हैं; पर पहले जैसी बात नहीं रही। अब वे […] Read more » Ram Birthplace अयोध्या विवाद बाबरी मस्जिद रामजन्मभूमि
राजनीति फिर दाढ़ी में हाथ October 3, 2010 / December 22, 2011 | 2 Comments on फिर दाढ़ी में हाथ -विजय कुमार जम्मू-कश्मीर में गत 20 सितम्बर को सांसदों का जो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गया था, उसके कुछ सदस्यों ने उन्हीं भूलों को दोहराया है, जिससे यह फोड़ा नासूर बना है। इनसे मिलने अनेक दलों और वर्गों के प्रतिनिधि आये थे; पर देशद्रोही नेताओं ने वहां आना उचित नहीं समझा। अच्छा तो यह होता कि इन्हें […] Read more » Jammu Kashmir जम्मू- कश्मीर