राजनीति शख्सियत प. दीनदयाल उपाध्याय जी और भारतीय राष्ट्रवाद February 11, 2021 / February 11, 2021 by विकास आनन्द | Leave a Comment विलक्षण बुद्धि, सरल व्यक्तित्व एवं नेतृत्व के अनगिनत गुणों के स्वामी , प. दीनदयाल उपाध्याय जी की हत्या सिर्फ 52 वर्ष की आयु में 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय के पास रेलगाड़ी में यात्रा करते समय हुई थी. उनका पार्थिव शरीर मुगलसराय ( आज का प दीनदयाल उपाध्याय ) स्टेशन के वार्ड में पड़ा पाया […] Read more » P. Deendayal Upadhyay P. Deendayal Upadhyay and Indian Nationalism प. दीनदयाल उपाध्याय जी भारतीय राष्ट्रवाद
लेख शख्सियत भारत के स्पार्टाकस तिलका मांझी February 10, 2021 / February 10, 2021 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment वैसे तो विधर्मी आक्रांताओं के विरुद्ध भारत भूमि ने हजारों-लाखों लाल जन्मे हैं किंतु औपनिवेशिक आक्रांताओं के विरुद्ध जो आदि विद्रोही हुये या प्रथम लड़ाके हुये उस वीर को तिलका मांझी के नाम से जाना जाता है। तिलका मांझी को जबरा पहाड़िया नाम से भी जाना जाता है। ऐसा निस्संकोच कहा जा सकता है कि […] Read more » तिलका मांझी
लेख शख्सियत समाज संघ एवं सेवा के सुमेरु थे दर्शनलाल जैन February 10, 2021 / February 10, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग –वीर प्रसूता भारत माता की कोख से ऐसे अनगिनत लाल जन्में, जिन्होंने देश हित में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। राष्ट्रसेवी, समाजसेवी एवं संघसेवी दर्शनलाल जैन उनमें से एक हैं, जिन्होंने अपने जीवन के 94 वर्षों में जब से उनकी प्रज्ञा जागृत हुई, एक-एक क्षण राष्ट्र, समाज एवं व्यक्ति उत्थान एवं उन्नयन के […] Read more » Darshan Lal Jain Darshan Lal Jain was the Sumeru of the sangh and service दर्शनलाल जैन
लेख शख्सियत शुद्ध साधुता की सफेदी में सिमटा विलक्षण व्यक्तित्व : साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी February 6, 2021 / February 6, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:- इक्कीसवीं सदी तो महिलाओं के वर्चस्व की सदी मानी जाती है। उन्होंने विभिन्न दिशाओं में सृजन की ऋचाएं लिखी हैं, नया इतिहास रचा है। अपनी योग्यता और क्षमता से स्वयं को साबित किया है। उन्होंने राजनीति से लेकर चांद तक अपनी हिम्मत और हौसले की दास्तान लिखकर सिद्ध कर दिया है कि […] Read more » साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी
शख्सियत समाज आचार्य महाश्रमण ने रचा अहिंसा यात्रा का स्वर्णिम इतिहास January 28, 2021 / January 28, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- दिल्ली में राष्ट्रीय गौरव दिवस पर हिंसा, अराजकता एवं उपद्रव का जहां एक काला पृष्ठ रचा गया, वही दूसरी ओर सुदीर्घ लम्बी पदयात्राओं के निमित्त से आयोज्य आचार्य श्री महाश्रमण की ‘अहिंसा यात्रा’ ने हिंसा, अराजकता और युद्ध के माहौल में अहिंसक जीवनशैली, अहिंसा की प्रतिष्ठापना और उसके प्रशिक्षण का एक सफल उपक्रम […] Read more » आचार्य महाश्रमण
शख्सियत काल चिंतन के चितेरे : राजेंद्र अवस्थी January 24, 2021 / January 24, 2021 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप वर्ष 2009 के आखिरी महीने के लगभग आखिरी दिन, 30 दिसंबर को कैसे भुलाया जा सकता है, जब देश के अत्यंत लोकप्रिय एवं चिंतनशील साहित्यकार, पत्रकार तथा संपादक राजेंद्र अवस्थी का निधन हो गया था। उनके निधन की खबर बुद्धिजीवी पाठकों को निराश करने वाली थी, क्योंकि श्रेष्ठ साहित्यिक-दार्शनिक रचनाओं के पिपासु सुधी […] Read more » Rajendra Awasthi राजेंद्र अवस्थी
राजनीति शख्सियत रामलला की अनन्य भक्त राजमाता विजयाराजे सिंधिया January 24, 2021 / January 24, 2021 by विवेक कुमार पाठक | Leave a Comment आज जब अयोध्या में हिन्दू आस्था और स्वाभिमान के प्रतीक राममंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है, देश भर में आम और खास सभी समानता से मर्यादा पुरषोत्तम के लिए श्रद्धापूर्वक समर्पण निधि अर्पण कर रहे हैं ऐसे में कई ऐसे नाम सहसा ही स्मृतिपटल पर आ जाते हैं जिन्होंने राममंदिर निर्माण को जीवन […] Read more » rajmata vijayaraje sindhia राजमाता विजयाराजे सिंधिया
लेख शख्सियत साहस, स्वाभिमान एवं स्वानुशासन के जीवंत प्रतीक थे- नेताजी सुभाष चंद्र बोस January 23, 2021 / January 23, 2021 by प्रणय कुमार | Leave a Comment महापुरुष या स्वतंत्रता सेनानी किसी जाति, प्रांत या मज़हब के नहीं होते। वे सबके होते हैं और सब उनके। उन पर गौरव-बोध रखना स्वाभाविक है। परंतु महापुरुषों या स्वतंत्रता सेनानियों को वर्गों या खाँचों में बाँटना अनुचित चलन है। यह उनके व्यक्तित्व एवं विचारों को संकीर्णता में आबद्ध करना है, उन्हें छोटा करना है। बल्कि […] Read more » self-respect and self-governance - Netaji Subhash Chandra Bose नेताजी सुभाष चंद्र बोस
राजनीति शख्सियत पराक्रम के महारथी नेताजी सुभाषचंद्र बोस January 23, 2021 / January 23, 2021 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलकभारतीय समाज व राष्ट्र के जीवन में नवीन प्राणों का संचार करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन जितना अधिक रोमांचकारी है, उतना ही अधिक रहस्यमयी भी। उन्होंने अपनी देशभक्ति से देश की आत्मा को चैतन्यता से भरकर ब्रिटिश सत्ता को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। पर विडंबना है कि उस महान देशभक्त […] Read more » नेताजी सुभाषचंद्र बोस सुभाषचंद्र बोस
लेख शख्सियत वैश्विक पराक्रम के युग पुरुष थे नेता जी January 22, 2021 / January 22, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment सुभाष चंद्र बोस को “नेता जी” कहा जाता है|नेता का शाब्दिक अर्थ होता है नेतृत्व करने वाला अर्थात अगुआ या अगुआई करने वाला|यह उपाधि,भारत में सिर्फ सुभाष चंद्र बोस को ही मिली है|जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर ने ही सुभाष चंद्र बोस को पहली बार ‘नेताजी’ कहकर बुलाया था।सत्र 2021 में भारतीय स्वतंत्रता के प्रमुख […] Read more » सुभाष चंद्र बोस
विज्ञान शख्सियत डॉ सी वी रमन –एक नोबल प्राइज विजेता January 22, 2021 / January 22, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment प्रारंभिक जीवन :- चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में 7 नवम्बर 1888 को हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर व माता का नाम पार्वती अम्मा था। वो अपने माता-पिता के दूसरे नंबर की संतान थे। उनके पिता चंद्रशेखर अय्यर ए वी नरसिम्हाराव महाविद्यालय, विशाखापत्तनम, (आधुनिक आंध्र प्रदेश) में भौतिक […] Read more » Dr. CV Raman Dr. CV Raman - A Nobel Prize Winner चंद्रशेखर वेंकट रमन डॉ सी वी रमन
महत्वपूर्ण लेख लेख शख्सियत समाज त्याग, बलिदान, परमार्थ और पराक्रम की अनूठी परंपरा और खालसा-पंथ January 21, 2021 / January 21, 2021 by प्रणय कुमार | Leave a Comment जब राष्ट्राकाश गहन अंधकार से आच्छादित था, विदेशी आक्रांताओं एवं आतताइयों द्वारा निरंतर पदाक्रांत किए जाने के कारण संस्कृति-सूर्य का सनातन प्रकाश कुछ मद्धिम-सा हो चला था, अराष्ट्रीय-आक्रामक शक्तियों के प्रतिकार और प्रतिरोध की प्रवृत्तियाँ कुछ क्षीण-सी हो चली थी, जब पूरी दुनिया में धर्म और संस्कृति, उदारता और विश्व-बंधुत्व का गौरव-ध्वज फ़हराने वाले महान […] Read more » अजीत सिंह और जुझार सिंह कंघा और कच्छा कड़ा कृपाण केश गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा स्थापित खालसा पंथ जोरावर सिंह जी और फ़तेह सिंह जी राजा भीमचंद के विरुद्ध भंगारी का युद्ध वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फ़तेह सन 1690 में राजा भीमचंद के अनुरोध पर मुग़लों के विरुद्ध नादौन का युद्ध सन 1700 में मुगलों और पर्वतीय राजाओं की संयुक्त सेना के विरुद्ध आनंदपुर साहिब का युद्ध सन 1703 में केवल 40 सिख योद्धाओं के साथ मुगल सेना के विरुद्ध प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक 'चमकौर का युद्ध' सन 1704 में महत्त्वपूर्ण एवं अंतिम मुक्तसर का युद्ध