शख्सियत समाज आंबेडकर ..पूना से उना तक December 7, 2016 by ब्रह्मदीप अलुने | Leave a Comment जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते तब तक आपको कानून चाहे जो भी स्वतंत्रता देता है, वह आपके किसी काम की नहीं।बाबा आंबेडकर के ये विचार उस भारत के करोडों लोगों के लिए थे जिन्हें उन्होंने संविधान के जरिये कानूनन अधिकार तो दिए थे लेकिन सामाजिक अधिकार देना उनके वश में नही था। Read more » Dr. Bhimrao Ambedkar Featured आंबेडकर
राजनीति शख्सियत फिल्मों से राजनीतिक सफर तय करने वाली “पुरातची तलाइवी’ अब नहीं रहीं…. December 6, 2016 by अनिल अनूप | Leave a Comment राजनीति में जयललिता अम्मा और ‘पुरातची तलाईवी’ जैसे उपनामों से प्रसिद्द हुईं |जयललिता का पसंदीदा गाना ….ऐ मालिक तेरे बन्दे हम था| पहला फिल्मफेयर उन्हें शिवाजी गणेशन की तमिल फिल्म ‘"पट्टिकाडा पत्तनामा" (1971) के लिए मिला था। इसी साल तेलुगु फिल्म ‘श्री कृष्ण सत्य’ के लिए उन्हें दूसरा फिल्मफेयर मिला Read more » Featured J Jaylalitha जयललिता जयललिता जयराम तमिलनाडु राज्य की मुख्यमंत्री पुरातची तलाइवी
राजनीति शख्सियत ‘अम्मा‘ के रूप में पूजी जाने वाली राजनेत्री December 6, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment ऐसे बहुत कम सौभाग्यशाली होते हैं, जिन्हें एक पूरा राज्य और देश की बड़ी आबादी ‘अम्मा‘ कहकर पुकारे या ‘मां‘ मानकर पूजे। किंतु यह गंगा, सरस्वती या दुर्गा की तरह देवीतुल्य मान ली गईं मिथकों की पूजा नहीं है, बल्कि वर्तमान का यथार्थ है कि सिनेमा के पर्दे से संघर्श की शुरूआत करने वाली नायिका कैसे राजनीति के माध्यम से जन-सरोकरों से जुड़कर ‘अम्मा‘ कहलाने लग गईं। Read more » Dr. J Jayalalitha Featured Jayalalitha Tamilnadu Cheif minister J. Jayalalitha अम्माँ जयललिता आयंगर
राजनीति शख्सियत पुरातची तलाईवी (‘क्रांतिकारी नेता’) अम्मा जयललिता का महाप्रयाण December 6, 2016 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment तीन दशकों तक तमिलनाडु की राजनीति पर राज करने वाली अम्मा के नाम से मशहूर, भारतीय राजनीति के इतिहास में अपनी अलग छवि रखने वाली अंतिम सांस तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता एक अत्यंत लोकप्रिय, साहसी, संघर्षशील एवं सशक्त नेता थी। जयललिता एक पक्के इरादों वाली करिश्माई नेता थी। वो जो ठान लेती थी […] Read more » Dr. J Jayalalitha Featured जयललिता
लेख शख्सियत फिदेल कास्त्रो : एक किवदंती December 5, 2016 by उपासना बेहार | Leave a Comment फिदेल कास्त्रो का नाम सामने आते ही लोह पुरुष की छबी उभर आती है. इन्हें क्यूबा में कम्युनिस्ट क्रांति का जनक माना जाता है. क्यूबा के इस महान क्रांतिकारी और पूर्व राष्ट्रपति का 90 साल की आयु में 26 नवम्बर 2016 को हवाना में निधन हो गया. फिदेल कास्त्रो ने 49 साल तक क्यूबा में शासन किया जिसमें वे फरवरी 1959 से दिसंबर 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री और फरवरी 2008 तक राष्ट्रपति रहे. 2008 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. Read more » Featured Fidel Castro फिदेल कास्त्रो
राजनीति शख्सियत मुख्यमंत्री शिवराज के ग्यारह साल December 5, 2016 by जावेद अनीस | Leave a Comment 2014 में दिल्ली में मोदी की सरकार बनने के बाद आत्मसमर्पण की मुद्रा में आ गये और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईश्वर की भारत को दी गई भेंट बताने लगे. दरअसल शिवराज की यही सबसे बड़ी ताकत है कि वे बदलते वक्त के हिसाब से अपने आप को ढाल लेते हैं . Read more » Featured शिवराजसिंह चौहान
शख्सियत साक्षात्कार बुन्देलखण्ड के मालवीय थे परमपूज्य स्वामी ब्रह्मानंद जी December 1, 2016 by ब्रह्मानंद राजपूत | 1 Comment on बुन्देलखण्ड के मालवीय थे परमपूज्य स्वामी ब्रह्मानंद जी (122वीं जयंती 04 दिसंबर 2016 पर विशेष) स्वामी ब्रह्मानंद का व्यक्तित्व महान था। उन्होंने समाज सुधार के लिए काफी कार्य किए। देश की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने जहां स्वयं को समर्पित कर कईआंदोलनों में जेल काटी। आजादी के बाद देश की राजनीति में भी उनका भावी योगदान रहा है। स्वामी जी ने शिक्षा के क्षेत्र […] Read more » परमपूज्य स्वामी ब्रह्मानंद जी
विविधा शख्सियत सिनेमा औलाद के लिए षडयंत्र किया दिलीप कुमार ने पर बन न सके बाप….. December 1, 2016 by अनिल अनूप | 2 Comments on औलाद के लिए षडयंत्र किया दिलीप कुमार ने पर बन न सके बाप….. -अनिल अनूप भारतीय सिनेमा में ट्रेजडी किंग नाम से मशहूर दिलीप कुमार एक महान विश्वविदित लोकप्रिय अभिनेता हैंl दुखद सीन में अपनी मार्मिक एक्टिंग से सबके दिल को छू लेने की वजह से इन्हें ट्रेजडी किंग कहा गया. जन्म से उनका नाम मोहम्मद युसूफ खान था, हिंदी सिनेमा में आने के बाद इन्होनें अपना नाम […] Read more » Featured औलाद दिलीप कुमार
शख्सियत समाज नेहरु और पटेल का संगम थीं इंदिराजी November 20, 2016 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 2 Comments on नेहरु और पटेल का संगम थीं इंदिराजी डॉ. वेदप्रताप वैदिक श्रीमती इंदिरा गांधी का शताब्दि-वर्ष आज शुरु हो रहा है। केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं है और बड़े नोटों की भगदड़ मची हुई है। ऐसे बदहवासी के माहौल में इस अवसर पर इंदिराजी को पता नहीं कितना याद किया जाएगा लेकिन इसमें शक नहीं है कि वे बेजोड़ प्रधानमंत्री रही हैं, […] Read more » Featured Indira Gandhi इंदिराजी नेहरु और पटेल का संगम
शख्सियत समाज अमर शहीद लाला लाजपत राय जी के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलिं November 18, 2016 / November 18, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment भारत का पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी इंश्योरेंस कम्पनी के संस्थापक भी लाला लाजपत राय जी ही हैं। आपने अपनी माता जी की स्मृति में एक अस्पताल भी स्थापित किया था जो विभाजन होने के कारण पाकिस्तान में चला गया। लाला जी में क्रान्ति के विचार उत्पन्न करने का श्रेय लाला साईंदास, ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश और आर्याभिविनय आदि ग्रन्थों को मुख्य है। वह आर्यसमाज को अपनी माता और ऋषि दयानन्द जी को अपना पिता मानते थे। Read more » Featured अमर शहीद लाला लाजपत राय जी बलिदान दिवस श्रद्धांजलि
विविधा शख्सियत लाला लाजपतराय बलिदान दिवस-17 नवम्बर November 16, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment लाला लाजपत राय को भारत के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को 'पंजाब केसरी' भी कहा जाता है। लालाजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि थे। उन्हें 'पंजाब के शेर' की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त कर हिसार में वकालत प्रारम्भ की थी, किन्तु बाद में स्वामी दयानंद के सम्पर्क में आने के कारण वे आर्य समाज के प्रबल समर्थक बन गये। यहीं से उनमें उग्र राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई। Read more » Featured लाला लाजपतराय लाला लाजपतराय बलिदान दिवस
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म शख्सियत गुरुनानक देव : भारतीय धर्म और संस्कृति के पुरोधा November 8, 2016 / November 8, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment गुरुनानकजी का धर्म जड़ नहीं, सतत जागृति और चैतन्य की अभिक्रिया है। जागृत चेतना का निर्मल प्रवाह है। उनकी शिक्षाएं एवं धार्मिक उपदेश अनंत ऊर्जा के स्रोत हैं। शोषण, अन्याय, अलगाव और संवेदनशून्यता पर टिकी आज की समाज व्यवस्था को बदलने वाला शक्तिस्रोत वही है। धर्म के धनात्मक एवं गतिशील तत्व ही सभी धर्म क्रांतियों के नाभि केन्द्र रहे हैं। वे ही व्यक्ति और समाज के समन्वित विकास की रीढ़ है। Read more » Featured Guru Nanakdev Jayanti गुरुनानक देव भारतीय धर्म और संस्कृति के पुरोधा