विविधा शख्सियत अटलजी, जिन्होंने कभी हार नहीं मानी December 24, 2015 by डॉ. सौरभ मालवीय | 1 Comment on अटलजी, जिन्होंने कभी हार नहीं मानी भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर विशेष डॉ. सौरभ मालवीय टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात प्राची में अरुणिमा की रेख देख पाता हूं गीत नया गाता हूं टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी अंतर […] Read more » Atal Bihari Bajpai birthday of atal ji Featured अटलजी
जन-जागरण शख्सियत समाज गांधी के राम December 22, 2015 by गुलशन कुमार गुप्ता | 2 Comments on गांधी के राम यूं ही गांधी के आदर्श राम नहीं थे। जीवन की जटिलताओं को सहजता से स्वीकार करने के लिये हम किसी जीवित व्यक्ति को गुरू तो मान सकते हैं किन्तु भारत में उन्हें आदर्श मानने की परंपरा नहीं रही है। उसके पीछे कारण यह है कि जीवन की ऊहापोह में व्यक्ति का स्वयं सदैव आदर्शवादी बने […] Read more » Featured Gandhi s Ram गांधी के राम
धर्म-अध्यात्म शख्सियत पंडित सत्यानन्द शास्त्री का परिचय और उनकी साहित्य साधना December 13, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment एक दिन प्रा. राजेन्द्र जिज्ञासु जी की मेहता जैमिनी पर पुस्तक में स्वामी वेदानन्द तीर्थ जी पर कुछ शब्द पढ़े जिसमें कहा गया था कि आर्य संन्यासी विज्ञानानन्द जी ने उनसे एक बार स्वामी वेदानन्द जी का जीवनचरित लिखने का आग्रह किया था। वह भी इसे तैयार करना चाहते थे परन्तु अपनी व्यस्तताओं के कारण […] Read more » ‘पंडित सत्यानन्द शास्त्री साहित्य साधना
धर्म-अध्यात्म शख्सियत पं. गणपति शर्मा का वैदिक धर्म December 10, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on पं. गणपति शर्मा का वैदिक धर्म पं. गणपति शर्मा का वैदिक धर्म व महर्षि दयानन्द के प्रति श्रद्धा से पूर्ण प्रेरणादायक जीवन प्राचीनकाल में धर्म विषयक सत्य-असत्य के निणर्यार्थ शास्त्रार्थ किया जाता था। अद्वैतमत के प्रचारक स्वामी शंकराचार्य के बाद विलुप्त हुई इस प्रथा का उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में महर्षि दयानन्द ने पुनः प्रचलित किया। इसी शास्त्रार्थ परम्परा को पं. […] Read more » Featured पं. गणपति शर्मा का वैदिक धर्म
प्रवक्ता न्यूज़ शख्सियत अब आसमान तुम्हारा है, भगवान तुम्हारा है December 10, 2015 / December 10, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment न धान होगा, न आसमान होगा, नभ पर धान बोने वाला न वो किसान होगा क्योंकि विद्रोही पंक्तियों में, रिकॉर्डेड आवाजों में सीमित हो गया है…….लेकिन शब्दों के साथ किरदार लंबा है…. आवाजें तमाम थीं, सुबकियों की, श्रद्धांजलि की, ऊं शांति की. साथ ही उनकी रचना मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी […] Read more » rama shankar vidrihi ji अब आसमान तुम्हारा है भगवान तुम्हारा है
विविधा शख्सियत स्वदेशी हेतु प्रथम बलिदानी बाबू गेनू December 9, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” हजारों वर्षों की परतन्त्रता के पश्चात महर्षि दयानन्द सरस्वती ने देश को सर्वप्रथम स्वदेशी, स्वराज्य व स्वतन्त्रता का मन्त्र देते हुए कहा कि कोई कितना ही करे, परन्तु जो स्वदेशीय राज्य होता है वह सर्वोपरि उत्तम होता है। स्वदेश में स्वदेशी लोगों का व्यवहार अथवा शासन उत्तम होता है और परदेशी स्वदेश में […] Read more » Babu Genu प्रथम बलिदानी बाबू गेनू बाबू गेनू स्वदेशी
विविधा शख्सियत साक्षात्कार मोटीवेशन है सफल पुलिसिंग की बुनियाद : अमिताभ यश December 5, 2015 by प्रणय विक्रम सिंह | Leave a Comment प्रणय विक्रम सिंह कौरवों की भीड़ हो या पांडवों का नीड़ हो जो लड़ सका है वो ही तो महान है! हो दया का भाव, याकि शौर्य का चुनाव, याकि हार का हो घाव तुम ये सोच लो, मौत अंत है नहीं, तो मौत से भी क्यों डरें, ये जाके आसमान में दहाड़ दो रगो […] Read more » Featured मोटीवेशन है सफल पुलिसिंग की बुनियाद : अमिताभ यश
विविधा शख्सियत देश की सेवा को सदैव तत्पर आठवें राष्ट्रपति रामस्वामी वेंकटरमण December 3, 2015 / December 3, 2015 by प्रतिमा शुक्ला | Leave a Comment रामास्वामी वेंकटरमण एक भारतीय विधिवेत्ता, स्वाधीनता कर्मी, राजनेता और देश के आठवें राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे करीब चार साल तक भारत के उपराष्ट्रपति भी रहे। क़ानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में वकालत की और युवावस्था में भारत के स्वाधीनता आन्दोलन से भी जुड़े। उन्होंने ‘भारत […] Read more » Featured r venkataraman देश की सेवा को सदैव तत्पर आठवें राष्ट्रपति रामस्वामी वेंकटरमण
धर्म-अध्यात्म शख्सियत समाज महर्षि दयानन्द के बहुप्रतिभावान् अद्वितीय शिष्य स्वामी श्रद्धानन्द December 3, 2015 / December 3, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on महर्षि दयानन्द के बहुप्रतिभावान् अद्वितीय शिष्य स्वामी श्रद्धानन्द महर्षि दयानन्द (1825-1883) ईश्वर के सच्चे स्वरुप के जिज्ञासु तथा उसकी प्राप्ति के उपायों के अनुसंधानकर्त्ता थे। बाइसवें वर्ष में उन्होंने टंकारा जनपद मोरवी, गुजरात स्थित अपने सुखी व सम्पन्न परिवार का त्याग कर दिया था और देश भर में घूम कर सच्चे धार्मिक विद्वानों व योगियों की तलाश की। जो विद्वान व योगी मिले […] Read more » स्वामी श्रद्धानन्द
विविधा शख्सियत संगीत पद्मभूषण मिल गया,लेकिन तानसेन सम्मान के लायक नहीं है पंडित जसराज December 3, 2015 by राकेश अचल | Leave a Comment देश में संगीत सम्राट तानसेन के नाम पर बूते ३५ साल से दिए जा रहे राष्ट्रीय तानसेन सम्मान के लिए अब तक देश के अनेक मूर्धन्य और कुछ अन्य संगीतज्ञों को तानसेन सम्मान से विभूषित किया जा चुका है किन्तु मेवाती घराने के सुस्थापित संगीतज्ञ पंडित जसराज को अब तक जाने-अनजाने इस सम्मान के लायक […] Read more » Featured पंडित जसराज
राजनीति शख्सियत राजनीति का तीस मार खां शिवराज November 30, 2015 / November 30, 2015 by राकेश अचल | Leave a Comment मध्यप्रदेश में एक दशक तक लगातार राज करने वाले दूसरे मुख्यमंत्री बने श्री शिवराज सिंह चौहान के हिस्से में उपलब्धियां और विफलताएं एक समान हैं.चौहान से पहले ये स्थायित्व कांग्रेस शासन में दिग्विजय सिंह के हिस्से में आया था .शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के तीसवें मुख्यमंत्री हैं इसलिए आप उन्हें राजनीति का तीस मार खां […] Read more » Featured shivraj singh chouhan शिवराज
शख्सियत समाज महान आर्य संन्यासी स्वामी श्रद्धानन्द November 30, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वैदिक धर्म एवं संस्कृति के उन्नयन में स्वामी श्रद्धानन्द जी का महान योगदान है। उन्होंने अपना सारा जीवन इस कार्य के लिए समर्पित किया। वैदिक धर्म के सभी सिद्धान्तों को उन्होंने अपने जीवन में धारण किया था। देश भक्ति से सराबोर वह विश्व की प्रथम धर्म-संस्कृति के मूल आधार ईश्वरीय ज्ञान ‘‘वेद” के अद्वितीय प्रचारकों […] Read more » Featured स्वामी श्रद्धानन्द