कला-संस्कृति विविधा सांस्कृतिक साम्राज्यवाद August 5, 2011 / August 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on सांस्कृतिक साम्राज्यवाद कैलाश बुधवार देश को स्वतंत्र हुए इतने वर्ष हो जाने के बाद भी अक्सर यह दुख दुहराया जाता है कि हमारी दास मानसिकता नहीं गई पर मेरा भय एक नई दासता के बारे में है। पिछले साम्राज्यवादी कंगूरे ढह गए पर हम बेसुधी में एक नए साम्राज्यवाद के आगे घुटने टेके जा रहे हैं। लाखो […] Read more » सांस्कृतिक साम्राज्यवाद
कला-संस्कृति संस्कृति के हत्यारे August 5, 2011 / December 7, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on संस्कृति के हत्यारे राजेन्द्र जोशी (विनियोग परिवार) पांच सौ साल पहले यह दुनिया आज की तुलना में सुखी और हिंसा रहित थी। लेकिन 1492 में एक ऐसी घटना घटी जिसने सारे विश्व के प्रवाह को मोड़ दिया। पहले देश-विदेश से वस्तु के आयात-निर्यात का काम जहाजों से होता था। ऐसे जहाजों को यूरोप के लुटेरे लूट लेते थे […] Read more » culture संस्कृति
कला-संस्कृति कहो कौन्तेय-४ July 27, 2011 / December 8, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | 1 Comment on कहो कौन्तेय-४ विपिन किशोर सिन्हा पिछला भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें समस्त आवेग, आवेश उद्वेग और अशान्त हस्तिनापुर से बहुत दूर गंधमादन पर्वत के शतशृंग शिखर पर सुनील सरोवर के किनारे हमारी पर्णकुटी थी। चारों ओर हरी भरी वनस्पतियां थीं। वृक्ष फलों से लदे रहते थे। हिरणों और खरगोशों के झुंड कुटी के आसपास भ्रमण […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय
कला-संस्कृति कला की कसौटी पर हुसैन July 20, 2011 / December 8, 2011 by शंकर शरण | 1 Comment on कला की कसौटी पर हुसैन शंकर शरण प्रसिद्ध चित्रकार हुसैन के देहांत पर हमारे अधिकांश अंग्रेजी अखबारों में चर्चा राजनीति, हिन्दुत्वा, कलाकार की अभिव्यक्ति स्वाधीनता और भारत की कथित छवि की हुई। अजीब है कि वहाँ ठीक कला पर कोई विचार नहीं हुआ। दूसरी ओर, हुसैन की कुरुचिपूर्ण प्रवृत्तियों, राजनीतिक रुख और देश-बदल आदि पर आलोचनात्मक लेखों पर कहा जाता […] Read more » MF Hussain एम.एफ. हुसैन कला
कला-संस्कृति मध्य प्रदेश द्वारा की गई एक प्रशंसनीय सांस्कृतिक पहल July 2, 2011 / December 9, 2011 by लालकृष्ण आडवाणी | 2 Comments on मध्य प्रदेश द्वारा की गई एक प्रशंसनीय सांस्कृतिक पहल लालकृष्ण आडवाणी एक अकेले कलाकार द्वारा दर्शर्कों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले एक घंटे के एकल नाटक को सर्वप्रथम देखने का अवसर मुझे सत्तर वर्ष पूर्व तब मिला जब मैं कराची के सैंट पैट्रिक हाई स्कूल का विद्यार्थी था। जहां तक मुझे स्मरण आता है तो वह कलाकार आयरलैण्ड के प्रसिध्द अभिनेता थे जिन्होंने शेक्सपीयर […] Read more » Madhya Pradesh अनुपम खेर नाट्य विद्यालय मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान
कला-संस्कृति संस्कृति से सर्वनाश की और…………………….. July 1, 2011 / December 9, 2011 by राम नारायण सुथर | 2 Comments on संस्कृति से सर्वनाश की और…………………….. आज विश्वभर में खतरे का बिगुल भयंकर नाद कर रहा है उसका सन्देश है की हम सावधान हो जाये तथा संसार की अनित्यता के पीछे जो महान सत्य अंतर्निहित है उसे पहचान ले आज चारो और अशांति असंतोष स्वार्थ और सकिर्नता का भयंकर रूप प्रकट हो गया है मानव की पाशविक प्रवृत्ति को सिनेमा अखबार […] Read more » culture संस्कृति
कला-संस्कृति दो गज जमीन भी न मिली कूए यार में June 11, 2011 / December 11, 2011 by वीरेन्द्र जैन | 2 Comments on दो गज जमीन भी न मिली कूए यार में वीरेन्द्र जैन पिछले दिनों जब हम लोग 1857 की एक सौ पचासवीं जयंती मना रहे थे तब मित्रों ने बड़े जोर शोर से बहादुर शाह ज़फर की कब्र को म्यांमार से भारत लाने की भावुक माँग की थी। बहादुर शाह जफर को तो विदेशी सरकार ने म्यांमार में दफन होने के लिए मजबूर किया था […] Read more » MF Hussain एम.एफ. हुसैन मकबूल फिदा हुसैन
कला-संस्कृति डॉ.लाल रत्नाकार की पेंटिंग पर बैठक May 17, 2011 / December 13, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ०१ मई २०११ स्थान आर-२४,राजकुंज, राजनगर, गाजियाबाद| इस बार की बैठक डा. लाल रत्नाकार की पेंटिंग और उनकी कला यात्रा पर केंद्रित थी। पिछले महीने ही मंडी हाउस में उनकी कृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई थी और तभी से बैठक के साथी उस पर बहस करना चाहते थे। पहली मई को हुई इस बैठक की […] Read more » डॉ.लाल रत्नाकार
कला-संस्कृति दिल्ली के रंगमंच पर आज बुश पर पड़ेगा जूता May 14, 2011 / December 13, 2011 by संजय कुमार | 1 Comment on दिल्ली के रंगमंच पर आज बुश पर पड़ेगा जूता संजय कुमार ‘द लास्ट सैल्यूट’ नाटक के नयी दिल्ली में मंचन के जरिये भारतीय रंगमंच कल, 14 मई को इतिहास रचने जा रहा है। बुश पर जूते की दास्तान पर आधारित ‘द लास्ट सैल्यूट’ नाटक के निर्माता हैं चर्चित फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट। निर्देशन अरविंद गौड़ का है और पटकथा लिखी है लेखक-रंगकर्मी राजेश कुमार […] Read more »
कला-संस्कृति कैकई का राष्ट्रहित May 3, 2011 / December 13, 2011 by जगदम्बा प्रसाद गुप्ता ”जगत” | 1 Comment on कैकई का राष्ट्रहित “कोशलोनाम मुदित, स्फीतो जनपदो महान। निविश्टः सरयू तीरे, प्रभूत धनधान्यवान ॥” प्राचीन काल में कोशल जनपद की महत्ता का वर्णन वाल्मीकि रामायण के उक्त श्लोक से स्वतः सिद्ध हो जाती है। ऐसे महान जनपद में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने वाली महान समरांगणी एवं अद्वितीय बुद्धिमती माता कैकेयी ने आसन्न महासंकट का अनुभव करते हुए जो […] Read more » National interest
कला-संस्कृति जानि सरद रितु खंजन आए May 2, 2011 / December 13, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | Leave a Comment ‘घर की मुर्गी दाल बराबर’- बाहर की मुर्गी मुर्ग मुसल्लम, अर्थात घर की मुर्गी दाल समान तुच्छ! मानव स्वभाव भी कितना विचित्र है! यह कहावत केवल मुर्गी पर ही नहीं, जोगी पर भी, ‘लॉन’ पर भी, ‘‘पड़ोसी की लॉन ज्यादा हरी होती है’’ और अनेकों पर लागू होती है। इसलिए जब एक चपल, सरस, सुगढ़ […] Read more »
कला-संस्कृति टेक्नोलॉजी मीडिया फेसबुक और मीडिया का सांस्कृतिक परिवेश April 2, 2011 / December 14, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on फेसबुक और मीडिया का सांस्कृतिक परिवेश जगदीश्वर चतुर्वेदी फेसबुक संचार की दुनिया में लंबी छलांग है। यह एक ऐसा सामाजिक मंच है जिस पर आप व्यापार, संवाद, संचार, विचार-विमर्श, राजनैतिक प्रचार, सामाजिक गोलबंदी आदि कर सकते हैं। यह ऐसा मंच है जो व्यक्तिगत और सामाजिक एक ही साथ है। यह ऐसा मंच भी है जो संचार के साथ -साथ आपके […] Read more » Facebook फेसबुक संस्कृति