आर्थिकी विविधा सबकुछ बिकेगा, खरीदार कहां? May 11, 2016 by हरि शंकर व्यास | Leave a Comment रिपोर्ट चौंकाने वाली है। ‘द हिंदू’ की एक रपट ने आज की हकीकत का खुलासा करते हुआ बताया है कि भारत में फिलहाल सबकुछ ‘सेल’ पर है! एयरपोर्ट, सड़क, बंदरगाह, स्टील प्लांट, सीमेंट कारखाने, रिफायनरी, मॉल, कॉरपोरेट पार्क, लैंड बैंक, कोयला खान, तेल ब्लॉक, एक्सप्रेस हाईवे, वायु तरंगें, फार्मूला वन टीम, होटल, प्राइवेट जेट से […] Read more » big companies getting bankrupt Featured loads of loans on big companies खरीदार कहां? सबकुछ बिकेगा
आर्थिकी विविधा नौकरी मांगने वाले अब देंगे नौकरियां May 11, 2016 by सुवर्णा सुषमेश्वरी | 1 Comment on नौकरी मांगने वाले अब देंगे नौकरियां सुवर्णा सुषमेश्वरी भारत प्राचीन काल से ही सम्पूर्ण विश्व में अपने कार्यों, तेज दिमाग और उच्च कौशल क्षमता के कारण प्रसिद्ध रहा है। वर्तमान भारत के युवा भी बहुत प्रतिभावान, उच्च कौशल वाले और नवीन विचारों से परिपूर्ण हैं। लेकिन भारत विभाजनोपरांत देश में नवाचार को बढ़ावा नहीं दिए जाने , नए प्रतिभाओं को दुनिया […] Read more » Featured job seekers will give jobs Standup India Start Up India नौकरियां नौकरी मांगने वाले
आर्थिकी राजनीति हम गरीब हैं या चोर या फिर…? May 9, 2016 by हरि शंकर व्यास | Leave a Comment भारत की आर्थिकी कितनी पोली और बिना जड़ों की है, इसकी हम और आप सचमुच थाह नहीं पा सकते। सर्वमान्य आंकड़ा है कि भारत सवा अरब लोगों का देश है। कई देशों की आबादी से भी बड़ा भारत में मध्यवर्ग है। आए दिन सुनते हैं कि अमीर बढ़ रहे हैं। अमीरी बढ़ रही है और […] Read more » Featured आयकर आयकर रिटर्न वेतनभोगी
आर्थिकी राजनीति अकर्मण्यता को बढ़ावा देने वाली योजनाएं May 8, 2016 / May 9, 2016 by सुवर्णा सुषमेश्वरी | 1 Comment on अकर्मण्यता को बढ़ावा देने वाली योजनाएं -सुवर्णा सुषमेश्वरी भारत विभाजन पश्चात हमारे देश में भारत में अकर्मण्यता को बढ़ावा देने वाली योजनाओं की भरमार रही है। लोकतांत्रिक विवशता व राजनैतिक तदर्थवाद के चलते भारत में अकर्मण्यता और सुस्ती को बढ़ावा देने वाली योजनाएं बनती रही हैं। इनसे देश की अधिसंख्य जनता निष्क्रय, अकर्मण्य एवं आत्मसम्मान से रहित होती गई है। इन […] Read more » Featured government schemes for poor अकर्मण्यता योजनाएं
आर्थिकी विविधा एसबीआई में बंद हुआ नकद जमा काउंटर April 30, 2016 / April 30, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी उपभोक्ताओं को कतारों से छुटकारा भी नहीं:- रिजर्व बैंक सभी नकद जमा करने वाली मशीनों को राष्ट्रीय वित्तीय स्विच एनएफएस से जोड़ने पर विचार कर रहा है। इससे सभी मशीनों का परस्पर संबंध हो सकेगा और ग्राहक किसी भी बैंक की मशीन से अपने बैंक खाते में पैसा जमा कर सकेंगे। एटीएम […] Read more » Featured
आर्थिकी समाज रामदेव के स्वदेशी मॉडल से पेट में मरोड़ क्यों? April 27, 2016 by प्रवीण दुबे | 2 Comments on रामदेव के स्वदेशी मॉडल से पेट में मरोड़ क्यों? प्रवीण दुबे बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान अपनी बिक्री 5,000 करोड़ रुपये के पार जाने तथा इस वर्ष का लक्ष्य 10,000 करने की घोषणा क्या की कुछ लोगों के पेट में मरोड़ उठने लगी। आश्चर्य की बात यह है कि बाबा रामदेव की इस उपलब्धि पर कपड़े फाडऩे वालों […] Read more » Featured पेट में मरोड़ रामदेव रामदेव के स्वदेशी मॉडल स्वदेशी मॉडल
आर्थिकी विविधा कर्ज के खिलाड़ी : विजय माल्या March 16, 2016 / March 16, 2016 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कर्ज के खिलाड़ी : विजय माल्या संदर्भः देश से माल्या का भागना प्रमोद भार्गव सर्वोच्च न्यायालय का शिकंजा अपने ऊपर कसता देख विजय माल्या जिस चालाकी से देश छोड़कर नौ दो ग्यारह हो गए, उससे लगता है,सरकार चाहे संप्रग की रही हो या राजग की पूंजीपतियों के पक्ष में इनकी कार्य संस्कृति एक जैसी ही रहती है। शराब और फिर […] Read more » Featured Vijay Mallaya विजय माल्या
आर्थिकी राजनीति व्यापक आर्थिक परिवर्तन लाने वाला ऐतिहासिक बजट March 6, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित केंद्रीय वितमंत्री अरूण जेटली ने वर्ष 2016- 17 का बहुप्रतीक्षित बजट पेशकर दिया है। एक प्रकार से यह बजट मोदी सरकार का पहला पूर्णकालिक बजट माना जा सकता है। अभी तक जो बजट सरकार की ओर से पेश किये गये थे उसमें यूपीए- दो की झलक दिखलायी पड़ रही थी। यह पहला ऐसा […] Read more » Budget 2016 Featured व्यापक आर्थिक परिवर्तन लाने वाला ऐतिहासिक बजट
आर्थिकी खेत-खलिहान विविधा बजट पर किसान परिचर्चा March 4, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment 1-किसानों की व्यथा मैथिली शरण गुप्त ने किसानों की व्यथा इस प्रकार व्यक्त की है- हो जाए अच्छी फसल पर लाभ कृषकों को कहां खाते खवाई बीज ऋण से है रंगे रक्खे जहां 2-बजट से आस बंधी आज भी कुछ ऐसा ही हाल है किसानों का। अगर प्रकृति की नजर टेढ़ी गुई तो फसल बरबाद। […] Read more » Featured बजट बजट पर किसान परिचर्चा
आर्थिकी विविधा जेटली का सराहनीय बजट March 3, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment नरेन्द्र मोदी सरकार में वित्तमंत्री अरूण जेटली ने अपना दूसरा आम बजट संसद में पेश किया है। जिसकी कुल मिलाकर सराहना की जा रही है। वैसे इस बजट को गंभीरता से पढ़ा व समझा जाए तो यह वास्तव में गांव-गरीब की चिंता करने वाला और उनके लिए कुछ करके दिखाने का संकल्प व्यक्त करने वाला […] Read more » जेटली का सराहनीय बजट
आर्थिकी राजनीति बजट 2016 – नमो जेटली की कृषि पुनर्व्याख्या March 2, 2016 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment संदर्भ: मोदी की एग्रोनामिक्स भारत में अब तक की सभी दिल्ली सरकारों व उनकें प्रधानमंत्रियों के अपनें एजेंडे रहें हैं. कभी मशीनीकरण, कभी औद्योगिक क्रांति, कभी गरीबी हटाओं, कभी मारुती कार, कभी कंप्यूटर, कभी समाजवाद, तो कभी वैश्वीकरण आदि विभिन्न सरकारों व प्रधानमंत्रियों के एजेंडे के प्रमुख व प्रिय विषय रहें हैं. मात्र दो प्रधानमन्त्री […] Read more » Budget 2016 Featured नमो जेटली की कृषि पुनर्व्याख्या बजट 2016
आर्थिकी राजनीति बजट से तो राहुल गाँधी झूठे प्रतीत होते हैं March 1, 2016 / March 1, 2016 by विकास आनन्द | Leave a Comment विकास आनन्द कल केंद्रीय बजट 2016-17 वित्त मंत्री अरुण जेटली दवरा प्रस्तुत किया गया.जिस तरह का बजट पेश किया गया उससे यह साफ लगता है कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा लगातार लगाये जा रहे आरोप ‘सूट-बूट की सरकार’ कोरा बकवास के अलावा कुछ नहीं है. 2016 का संघीय बजट की विशेषता को एक वाक्यों […] Read more » Featured बजट से तो राहुल गाँधी झूठे प्रतीत होते हैं