आर्थिकी टेक्नोलॉजी न नौकरी, न नवाचार क्या करें ऐसी तकनीकी पढाई का ? September 28, 2014 by अरुण तिवारी | 1 Comment on न नौकरी, न नवाचार क्या करें ऐसी तकनीकी पढाई का ? स्थान था, देश की राजधानी दिल्ली। मौका था, राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम की तारीफ बताने के लिए आयोजित सम्मेलन का और केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा बताने लगे कमजोरी। कहने लगे कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बिहार-उङीसा के युवा दिल्ली-नोएडा जैसी जगहों पर 6,000 रुपये मात्र ही कमा पाते हैं। यह कोई […] Read more » तकनीकी पढाई
आर्थिकी ड्रेगन जैसा न हो भारत का विकास September 28, 2014 by अरुण तिवारी | 1 Comment on ड्रेगन जैसा न हो भारत का विकास अरुण तिवारी राहुल गांधी जी ने चुनाव के वक्त कहा था कि यदि हम पूरी शक्ति से काम में लग जायें, तो अगले कुछ सालों में चीन को पीछे छोङ देंगे। नरेन्द्र मोदी जी ने भी चीन की बराबरी करने की इच्छा जाहिर की है। ड्रेगन की बराबरी करने के लिए उन्होने ’मेक इन इंडिया’ के […] Read more » ड्रेगन ड्रेगन जैसा न हो भारत का विकास
आर्थिकी जनधन योजना के छलावे ? September 9, 2014 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on जनधन योजना के छलावे ? प्रमोद भार्गव देश में हरेक व्यक्ति का खाता हो,यह अच्छी बात है। लेकिन महज बैंक खाता खुल जाने से व्यक्ति की तकदीर बदल जाएगी,वित्तिय अछूतता या भेदभाव दूर हो जाएगा,यह भ्रम है। बल्कि जन-धन योजना के तहत बैंक खाते खोले जाने का जो सिलसिला शुरू हुआ है,उसकी परछाईं में कई आशंकाएं तो उत्पन्न हुई ही […] Read more » जनधन योजना के छलावे
आर्थिकी खैरात में बांटी कोयला खदानें September 4, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव जैसे-जैसे परत-दर-परत कोयला खदान आबंटन की जांच आगे बढ़ रही है,वैसे-वैसे घोटाले की तस्दीक पुख्ता हो रही है। इस पड़ताल का जो ताजा खुलासा सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने किया है,उसमें राजग,संप्रग और संयुक्त मोर्चा संस्कारों को भी जबरदस्त झटका लगा है। क्योंकि अदालत ने 1993 से लेकर 2010 के बीच जितने भी […] Read more » खैरात में बांटी कोयला खदानें
आर्थिकी आर्थिक छुआछूत’ के विरुद्ध शंखनाद September 1, 2014 / September 1, 2014 by प्रणय विक्रम सिंह | 2 Comments on आर्थिक छुआछूत’ के विरुद्ध शंखनाद प्रणय विक्रम सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जन-धन योजना’ के माध्यम से ‘आर्थिक छुआछूत’ के विरुद्ध शंखनाद कर दिया है। ‘मेरा खाता भाग्यविधाता’ के नारे के साथ प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री जन-धन योजना के पहले ही दिन डेढ़ करोड़ खाते खोले गए और पूरी दुनिया की बैंकिग व्यवस्था में एक नया कीर्तिमान जुड़ गया। प्रधानमंत्री […] Read more » आर्थिक छुआछूत’ के विरुद्ध शंखनाद
आर्थिकी टेक्नोलॉजी भारत में जी एम ट्राइल्स जारी रखने के बारे में एबल एजी के तर्क August 25, 2014 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ललिता नायडू बढ़ती जनसंख्या की आर्थिक एवं सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रस्तावित समाधानों में कृषि में जैवप्रौद्योगिकी का प्रयोग भी शामिल होना चाहिए। आईएसएएए ब्रीफ 44 रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 में 27 देशों के 1.8 करोड़ किसानों ने 17.5 करोड़ हैक्टेयर भूमि पर बायोटैक फसलें उगायीं, जो कि विश्व स्तर पर […] Read more » जी एम ट्राइल्स जारी रखने के बारे में एबल एजी के तर्क
आर्थिकी डब्ल्यूटीओ में भारत की भूमिका पर गर्व August 7, 2014 / August 7, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- डब्ल्यूटीओ में अपने रूख पर अडिग रहकर भारत सरकार ने जता दिया है कि उसकी पहली प्राथमिकता देश के करोड़ों गरीब लोगों के भोजन की बुनियादी जरूरत है, न कि व्यापारिक हित साधना! भारत के अड़ियल रवैये के चलते जिनेवा वार्ता असफल हो गई। इस असफलता का दोष डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश भारत पर […] Read more » डब्ल्यूटीओ डब्ल्यूटीओ में भारत की भूमिका पर गर्व भारत भारत की भूमिका
आर्थिकी सूखे का खतरा टलने की उम्मीद July 18, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- तत्काल बारिश का जिस तेजी से पूरे मध्य प्रदेश में विस्तार हुआ है, उससे लगता है कि सूखे की भयावह समस्या से एक हद तक प्रदेश सरकार निजात पा लेगी। फिर भी सूखे की आशंका से सचेत रहते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आपात स्थिति से निपटने का जो भरोसा जताया है और […] Read more » बारिश सूखा सूखे का खतरा सूखे से राहत
आर्थिकी बाजार को बढ़ावा देने वाला बजट July 11, 2014 / July 12, 2014 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on बाजार को बढ़ावा देने वाला बजट -प्रमोद भार्गव- रेल बजट ने ही नरेंद्र मोदी सरकार के बजट की दिशा तय कर दी थी। जाहिर है, आम बजट भी उसी दिशा आगे बढ़ना था। जिस तरह से रेलवे में एफडीआई और पीपीपी को प्रोत्साहित करने की खिड़कियां खोली गई हैं, उसे आगे बढ़ाते हुए आम बजट में इसके दरवाजे खोल दिए गए। […] Read more » अरुण जेटली आम बजट भाजपा सरकार राजग सरकार
आर्थिकी अब वसूली का समय है July 1, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- कीमतें बढ़ने के पीछे उत्पादन की कमी, मानसून इत्यादि जैसे कारण तो हैं ही। लेकिन महंगाई की असली वजह यह है कि खेती की उपज के कारोबार पर बड़े व्यापारियों, बिचौलियों और काला-बाज़ारियों का कब्ज़ा है। ये ही जिन्सों के दाम तय करते हैं और जान-बूझ कर बाज़ार में कमी पैदा करके चीज़ों […] Read more » अब वसूली का समय है नरेंद्र मोदी महंगाई मोदी सरकार
आर्थिकी आर्थिक विकास को प्रभावित करते एनजीओ June 19, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- संदर्भः- गुप्तचर ब्यूरो की जांच में एनजीओ की करतूत- देश के स्वयंसेवी संगठन एक बार फिर कठघरे में हैं। मध्य प्रदेश के सिंगरौली में कोयला खनन के खिलाफ आंदोलन जारी है। गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) की जांच से खुलासा हुआ है कि यह विरोध विदेशी आर्थिक मदद प्राप्त एक गैर सरकारी संगठन कर रहा […] Read more » अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास एनजीओ गैर सरकारी संगठन
आर्थिकी ‘वायदा’ के खेल पर रोक की जरूरत June 7, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- केंद्र की नई सरकार और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सबसे बड़ी और मुंहबाए खड़ी चुनौती ‘महंगाई’ है। वैसे तो वैष्विक स्तर पर रुपए की मजबूती से सोना और व्यावसायिक गैस सिलेण्डरों के दाम घटे हैं, लेकिन आम आदमी को राहत तब मिलेगी जब खाद्य वस्तुओं के दाम घटें। ऐसी आम धारणा […] Read more » नरेंद्र मोदी मोदी सरकार वायदा वायदा कारोबार