आर्थिकी अमल में लाया जाए सेबी का प्रस्ताव June 4, 2014 by रमेश पांडेय | Leave a Comment -रमेश पाण्डेय- सेबी का प्रस्ताव अगर अमल में आता है तो सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की करीब 30 सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री से 50,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटा सकती है। सेबी ने सभी सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक हिस्सेदारी का प्रस्ताव किया है। इस बारे में निर्णय वित्त मंत्रालय को करना है। […] Read more » अमल में लाया जाए सेबी का प्रस्ताव सेबी सेबी प्रस्ताव
आर्थिकी नरेंद्र मोदी के सामने अर्थव्यवस्था की चुनौतियां May 21, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -नरेन्द्र देवांगन- आम चुनावों में देश के मतदाताओं ने कांग्रेस की कार्यशैली को पूरी तरह से नकार दिया है। पिछले एक दशक में अपनी सरकार के दौरान कांग्रेस ने देश को अच्छी विकास दर दी थी। एक समय तो यह दर 7.8 प्रतिशत से भी अधिक हो गई थी। लेकिन सरकार के अंतिम दो वर्षों […] Read more » अर्थव्यवस्था आर्थिक चुनौतियां नरेंद्र मोदी
आर्थिकी भारत के व्यापार को चौपट करने का यूरोपीय षड्यंत्र May 5, 2014 / May 5, 2014 by प्रवीण दुबे | Leave a Comment -प्रवीण दुबे- 1998 में जब श्री अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने परमाणु परीक्षण करके पूरी दुनिया को भारत की ताकत का अहसास कराया था। वे विश्व की महाशक्ति अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए तमाम आर्थिक प्रतिबंधों से न तो घबराए थे और न झुके थे। पूरी दुनिया ने देखा था […] Read more » भारत का व्यापार भारतीय व्यापार यूरोपीय षड्यंत्र
आर्थिकी कृषि निर्यात में फिसड्डी साबित हो रहा भारत May 3, 2014 by रमेश पांडेय | 2 Comments on कृषि निर्यात में फिसड्डी साबित हो रहा भारत -रमेश पाण्डेय- मई की तपती गरमी से लेकर अगस्त की सिंझाती सांझ तक पूरे देश में क्या राजा क्या रंक सबका मुंह मीठा करवाने के कारण ही शायद यहां आम को श्फलों का राजाश् कहा जाता है। लेकिन इस बार मई की शुरुआत में ही आमों के सरताज श्अल्फांसोश् का स्वाद श्फीकाश् पड़ गया है। […] Read more » कृषि कृषि व्यवस्था भारत की कृषि भारत में कृषि
आर्थिकी नयी सरकार की चुनौतियां April 21, 2014 / April 21, 2014 by कन्हैया झा | Leave a Comment -कन्हैया झा राजनैतिक दलों ने अपने घोषणा-पत्र में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का जिक्र किया है, जिनके लिए बजट में धन की व्यवस्था करनाएक चुनौती होगी. केंद्र सरकार एक वर्ष में लगभग 15 लाख करोड़ रुपये खर्च करती है, जबकि करों आदि से सरकार को केवल 9.4 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होता है. यदि सरकार की आमदनी को 100 रुपये मानें तो […] Read more » challenges before new government नयी सरकार की चुनौतियां
आर्थिकी आर्थिक मंदी में चुनावी तड़का April 15, 2014 / April 15, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- भारत में फिलहाल मंदी के आलम पर निर्वाचन का पर्दा डल गया है, लेकिन हकीकत यह है कि मजबूत अर्थव्यवस्था के दावे ढोल में पोल हैं। सरकारी मतदाताओं को लुभाने के दृष्टिगत केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की जो घोषणा की हैं और अंतरिम बजट रोजगार योजनाओं के मद में आगामी वित्तीय […] Read more » election twist in economic crisis आर्थिक मंदी में चुनावी तड़का
आर्थिकी सच ही तो कह रहे हैं रिजर्व बैंक के गवर्नर April 12, 2014 by रमेश पांडेय | Leave a Comment -रमेश पाण्डेय- रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन का यह कहना कि किसी भी देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार, उस देश को अपने बाह्य झटकों से पूरी तरह नहीं बचा सकता। यह उनकी सही और सटीक दृष्टि है। हाल ही में वाशिंगटन के ब्रूकिंग्स इंस्टीच्यूशन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में राजन ने कहा […] Read more » Raghuram Rajan RBI governor सच ही तो कह रहे हैं रिजर्व बैंक के गवर्नर
आर्थिकी ‘मुहावरा रह गई दाल-रोटी’ February 28, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -भरतचंद्र नायक- हर मुल्क का आत्मदर्शन, प्रतिबद्धताएं और वर्जनाएं होती हैं जो कौम की दिशा निर्देश बनती है। भारत में दाल रोटी की पूर्ति करने के लिए आजीविका चलते रहना हमारे परम संतोष का विषय रहा है। इसलिए खेती को आजीविका के बजाय धर्म और संस्कृति के रूप में आत्मसात किया गया है। आाजदी के […] Read more » ‘मुहावरा रह गई दाल-रोटी’ Agriculture condition in India
आर्थिकी बिहार में गैरबराबरी की बढ़ती खाई February 26, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment आलोक कुमार विकास दर के आँकड़ों में वृद्धि दर्शाने के बावजूद बिहार में ग्रामीण जनता की जरुरत के हिसाब से मुठ्ठी भर भी नए रोजगार का सृजन नहीं हो पाया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बदहाली , ग्रामीण इलाकों के कुटीर और शिल्प उद्योगों का ठप्प पड़ना, घटती खेतिहर आमदनी और मानव-विकास के सूचकांकों से मिलती खस्ताहाली […] Read more » बिहार में गैरबराबरी की बढ़ती खाई
आर्थिकी महंगाई के कारण यह भी हैं! October 26, 2013 / October 28, 2013 by कन्हैया झा | Leave a Comment भारत में पिछली शताब्दी के प्रारम्भ से ही अनाज के व्यापार में आढती शामिल हो गए थे. फसल आने से पहले ही ये किसानो से तथा खाद्यान प्रोसेसर जैसे कि बिस्कुट आदि के उत्पादक, आदि से सौदा कर लेते थे. इससे किसानों को भी उचित दाम मिल जाता था तथा खाद्यान प्रोसेसर भी निश्चित मूल्य […] Read more » Featured महंगाई
आर्थिकी भूमि अधिग्रहण बिल और विकास समस्या September 18, 2013 / September 18, 2013 by कन्हैया झा | 2 Comments on भूमि अधिग्रहण बिल और विकास समस्या कन्हैया झा भूमि अधिग्रहण बिल केंद्र सरकार ने 5 सितम्बर 2013 में पास कर दिया है. जिस प्रकार खाद्य सुरक्षा बिल के पीछे सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की प्रतिष्ठा जुडी थी उसी प्रकार भूमि अधिग्रहण बिल से राहुल गांधी की प्रतिष्ठा जुडी है. पिछले कुछ समय से वे कुछ किसानों के […] Read more » भूमि अधिग्रहण बिल
आर्थिकी महत्वपूर्ण लेख वैश्विक उन्नति का मापदण्ड और उसके प्रभावक पहलु। September 18, 2013 / September 18, 2013 by डॉ. मधुसूदन | 19 Comments on वैश्विक उन्नति का मापदण्ड और उसके प्रभावक पहलु। डॉ. मधुसूदन (एक) प्रवेश: शीर्षक देने में, कुछ कठिनाई, अनुभव कर रहा हूँ। यदि प्रश्न उठाए जाएंगे, तो और उत्तर ढूंढने का प्रामाणिक प्रयास किया जाएगा।वैसे यह विषय एक से अधिक आलेखों के लिए उचित है। आ.गङ्गानन्द जी के,अनुरोध पर , इस आलेख में, “पश्चिमी सभ्यता (संस्कृति?) के उन पहलुओं पर रोशनी डालनेका प्रयास किया […] Read more » वैश्विक उन्नति का मापदण्ड