आर्थिकी जन-जागरण विविधा प्रधानमंत्री ने कहा है अपनी मिट्टी के दिए जलाना November 10, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment नरेंद्र मोदी संभवतः पुरे विश्व में ऐसे प्रथम राष्ट्राध्यक्ष होंगे जिनके भाषणों में देश के बहुत छोटे छोटे से लगनें वाले किन्तु विराट प्रभाव वाले विषय प्रमुख स्थान पाते हैं. पिछले माह जब राष्ट्र के नाम अपनें संबोधन की श्रंखला “मन की बात “ में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र जी मोदी ने देश की जनता से निवेदन […] Read more » प्रधानमंत्री ने कहा है अपनी मिट्टी के दिए जलाना मिट्टी के दिए
जन-जागरण विविधा आरक्षण बनाम शिक्षा में सुधार November 6, 2015 by विजय कुमार | 1 Comment on आरक्षण बनाम शिक्षा में सुधार पिछले दिनों पांचजन्य साप्ताहिक में सरसंघचालक श्री मोहन भागवत का एक साक्षात्कार छपा, जो मुख्यतः दीनदयाल जी के विचारों पर केन्द्रित था। उसमें एक जगह उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ जिन्हें मिलना चाहिए था, वह उतना नहीं मिल पा रहा है। अतः इस बात की समीक्षा होनी चाहिए कि डा. अम्बेडकर की भावना के […] Read more » Featured improvement in education Reservation आरक्षण शिक्षा में सुधार
जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख विविधा इतिहासकारों का छद्म November 6, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भ- इतिहासकारों द्वारा सम्मान लौटाने की घोषणाः- प्रमोद भार्गव भाषाई साहित्यकारों द्वारा सम्मान लौटाने के क्रम में अब माक्र्सवादी विचारधारा के सांचे में ढालकर इतिहास लेखन करने वाले इतिहासकार भी शामिल हो गए हैं। यह होना ही था,क्योंकि ये लोग इतिहास और साहित्य लेखन की एक ही बौद्धिक परंपरा के निष्ठांवान अनुयायी हैं। गोया,देश में […] Read more » Featured इतिहासकारों का छद्म
जन-जागरण टॉप स्टोरी मीडिया साहित्य तब कहां गया था तुम्हारा धर्म? November 3, 2015 / November 3, 2015 by देविदास देशपांडे | Leave a Comment किसी जंगल में शिकार का दौर चलता है, तब आम तर पर कुछ लोग जानवर के पीछे आवाज लगाते चलते है। ये लोग जानवर को एक दिशा में धकेलते है ताकि असली शिकारी उसकी शिकार कर सकें। फिलहाल देश में पुरस्कार वापसी का जो दौर चला है, वह इसी प्रथा की याद दिलाता है। अपने […] Read more » Featured samman vapsi तब कहां गया था तुम्हारा धर्म? पुरस्कार वापसी
जन-जागरण विविधा गाय पर बढ़ता विवाद November 2, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on गाय पर बढ़ता विवाद प्रमोद भार्गव दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोमांस खाने की अफवाह का मामला अभी पूरी तरह ठंडा भी नहीं हुआ था कि दिल्ली के केरल भवन में गोमांस परोसे जाने का विवाद गहरा गया। यहां हिंदू सेना के कुछ लोगों ने रसोई में घुसकर हंगामा भी किया। जांच में यह तय हुआ कि केरल भवन […] Read more » Featured गाय पर बढ़ता विवाद
जन-जागरण विविधा शख्सियत संकल्प का बल November 2, 2015 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री वेदों में अनेक स्थलों पर संकल्प शक्ति का बखान किया गया है। यजुर्वेद का संकल्प सूक्त तो इसका एक भण्डार ही है। संकल्प की शक्ति कैसी होती है और यदि संकल्प कर लिया जाए तो कैसे — कैसे चमत्कार किए जा सकते हैं – इसी का एक उदाहरण यहाँ प्रस्तुत है। इजरायल देश […] Read more » Featured एलिज़र बेन यहूदा संकल्प का बल
जन-जागरण विविधा पुरस्कार वापसी का सच November 2, 2015 / November 2, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | 1 Comment on पुरस्कार वापसी का सच प्रख्यात अन्तर्राष्ट्रीय लेखिका तसलीमा नसरीन ने दिनांक २९.१०.१५ को अपने एक बयान में कहा है कि पहले मुझे लग रहा था कि सच में साहित्यकार पुरस्कार वापिस करके अपने दुख की अभिव्यक्ति कर रहे हैं, परन्तु अब भारत में जिस तरह से पुरस्कार वापिस किए जा रहे हैं और जो कारण दिया जा रहा है, […] Read more » Featured
जन-जागरण विविधा हिंदुत्व समर्थकों और विरोधियों में सीधे संघर्ष October 31, 2015 by अनिल गुप्ता | 2 Comments on हिंदुत्व समर्थकों और विरोधियों में सीधे संघर्ष श्री नरेंद्र मोदी जी का भारत के प्रधान मंत्री पद पर आरूढ़ होना नियति की इच्छा से संभव हुआ है!माँ भारती पिछले एक हज़ार वर्षों से सिसक रही थी कि कोई तो आये और उसके कष्टों का निवारण करे!सभी हिंदुत्व प्रेमियों के सहयोग से मोदी जी प्रधान मंत्री बने! पिछले एक हज़ार वर्षों में देश […] Read more » Featured हिंदुत्व समर्थकों और विरोधियों में सीधे संघर्ष
जन-जागरण विविधा देश धर्म के नये क्रन्तिकारी ! October 30, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राजीव चौधरी अभी पिछले कुछ दिन पहले की बात है, राजीव चौक गेट नम्बर 7 से आगे पालिका बाजार के सामने एक आदमी चाय पी रहा था उसने चाय पीने के बाद प्लास्टिक कप को बराबर में फेंक दिया उसके बाद जेब से सिगरेट की डब्बी से सिगरेट निकलकर उसे खाली कर फेंक दिया मैने […] Read more » देश धर्म के नये क्रन्तिकारी !
जन-जागरण विविधा पानी बिना जि़ंदगानी कहां ? October 29, 2015 by निर्मल रानी | 1 Comment on पानी बिना जि़ंदगानी कहां ? निर्मल रानी ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सभी ग्रह मंडलों में पृथ्वी निश्चित रूप से अकेला ऐसा ग्रह है जिसपर प्राणियों का जीवन संभव हो सका है। ज़ाहिर है इसकी एकमात्र वजह यही है कि पृथ्वी पर प्राणियों की सबसे बड़ी ज़रूरत अर्थात् पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। एक अनुमान के अनुसार पृथ्वी पर […] Read more » Featured no life without water पानी पानी बिना जि़ंदगानी कहां ?
जन-जागरण विविधा बारुद के ढेर पर बैठा हुआ देश October 23, 2015 / October 23, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक क्या स्वतंत्र भारत में कभी ऐसा हुआ है कि किसी राष्ट्रपति को दो हफ्तों में तीन बार अपील करनी पड़े? राष्ट्रपति को बार−बार क्यों कहना पड़ रहा है कि लोग सद्भाव और सहनशीलता का वातावरण बनाए रखें? प्रधानमंत्री ने दबी जुबान से वही बात दोहराई, जो राष्ट्रपति ने कही। दोनों की अपीलों […] Read more » Featured बारुद के ढेर पर बैठा हुआ देश
जन-जागरण राजनीति सवाल भी कम नहीं हैं सम्मान वापसी अभियान पर October 23, 2015 by उमेश चतुर्वेदी | 1 Comment on सवाल भी कम नहीं हैं सम्मान वापसी अभियान पर उमेश चतुर्वेदी वैचारिक असहमति और विरोध लोकतंत्र का आभूषण है। वैचारिक विविधता की बुनियाद पर ही लोकतंत्र अपना भविष्य गढ़ता है। कोई भी लोकतांत्रिक समाज बहुरंगी वैचारिक दर्शन और सोच के बिना आगे बढ़ ही नहीं सकता। लेकिन विरोध का भी एक तार्किक आधार होना चाहिए। तार्किकता का यह आधार भी व्यापक होना चाहिए। कथित […] Read more » Featured सम्मान वापसी अभियान