जन-जागरण विविधा टाइट जींस तथा पश्चिमी सभ्यता के कपङों के नुकसान June 29, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मयंक गुप्ता ड्रेसेज के मामले में युवाओं की पहली पसंद है जींस। जींस में इतनी वैरायटी आ गयी हैं कि युवाओं का ध्यान किसी और तरफ जाता ही नहीं। लेकिन ज्यादा टाइट जींस पहनने से आप बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं। टाइट कपड़ों से नुकसान- टाइट फिटिंग वाली जींस, स्कटर्स और अन्य ड्रेसेज […] Read more » टाइट जींस पश्चिमी सभ्यता के कपङों के नुकसान:
जन-जागरण विविधा आश्रम का स्थान कैसा हो? June 28, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 7 Comments on आश्रम का स्थान कैसा हो? ज्ञानेश्वरी से अनुवाद: आश्रम का स्थान कैसा हो? डॉ. मधुसूदन यह ज्ञानेश्वरी की अनुवादित पंक्तियाँ है। ध्यान-साधना ध्यान साधना के लिए, मठ या आश्रम का स्थान कैसा हो? इस विषय पर ज्ञानेश्वरी की १९ ओवियाँ मराठी से सरल हिन्दी में, अनुवादित की है। धीरे धीरे कविता प्रस्तुति की शैली में, पढने का अनुरोध है। जिस […] Read more » आश्रम का स्थान कैसा हो?
जन-जागरण विविधा अब आ गया आम का आनंद June 22, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित ऋतुओं के देश भारत की विशेषता है कि यहां पर हर ऋतु के अनुकूल फल प्रकृति उपलब्ध कराती है। गर्मी में आवश्यकता के अनुरूप रसीले फलों की प्रचुरता रहती है।इन्हीं रसीले फलों के बीच सजता है फलों का राजा रसीला आम। आम “आम” और ”खास“ सभी का फल है। आम का वैज्ञानिक […] Read more » varietis of mangoes आम आम का आनंद
जन-जागरण धर्म-अध्यात्म विविधा एक ईश्वर के अनेक नामों का आधार June 19, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on एक ईश्वर के अनेक नामों का आधार मनमोहन कुमार आर्य जिस प्रकार से नेत्रहीन मनुष्य संसार के दृश्यों के बारे में कल्पनायें करता है उसी प्रकार लगता है कि हमारे अल्पज्ञानी लोगों ने ईश्वर व धर्म के बारे में कल्पायें कीं और अपने ज्ञान के अनुरूप ही ईश्वर का स्वरूप भी निर्धारित किया। ज्ञान की वृद्धि के लिए ज्ञान चर्चा, शंका-समाधान, अनुसंधान […] Read more » Featured अनेक नामों का आधार ईश्वर के अनेक नाम एक ईश्वर
जन-जागरण विविधा पुनर्जागरण में हिन्दी लोक जागरण की स्थिति June 18, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी पुनर्जागरण का तात्पर्य है फिर से जागना। सचेत एवं चेतन्य होना। व्यक्ति, समाज या देश जो पहले जागा हुआ था, जो प्रत्येक क्षेत्र में अपना सर्वांगीण विकास कर रहा था, परंतु किन्हीं कारणों से वह सुषुप्ति की अवस्था में पहुंच गया है, उसका पुन: पहले की भांति सचेत एवं जाग्रत होना। डॉ. […] Read more » Featured पुनर्जागरण में हिन्दी लोक जागरण की स्थिति
जन-जागरण विविधा हास्यास्पद है वैश्विक स्वीकृति प्राप्त योग का विरोध June 18, 2015 / June 18, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” एक ओर जहाँ केन्द्र सरकार ने इक्कीस जून को आहूत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में से कई मुस्लिम संगठनो के विरोध के बाद सूर्य नमस्कार को हटाने का निर्णय कर लिया है वहीँ दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आनुसंगिक संस्था संस्कार भारती ने केन्द्र सरकार […] Read more » Featured योग योग का विरोध वैश्विक स्वीकृति प्राप्त योग का विरोध
जन-जागरण विविधा गो माता सम्पूर्ण विश्व की माता है June 15, 2015 / June 15, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment सभी पशुओं में गाय ऐसा प्राणी है जिसका भारत ही नहीं संसार के सभी लोग दुग्धपान हैं। भारत की धर्म व संस्कृति उतनी ही पुरानी है जितनी की यह सृष्टि। सृष्टि बनने के बाद परमात्मा ने प्रथम भारत में ही आदि सृष्टि की थी। उस समय भारत या आर्यावर्त्त पूरे भूगोल में संसार का पहला […] Read more » Featured गो माता विश्व की माता
जन-जागरण टॉप स्टोरी विविधा सार्थक पहल योग दिवस पर भारत करेगा विश्व का नेतृत्व June 15, 2015 / June 15, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी कहा जाता है कि विश्व का आध्यात्मिक और वैचारिक दर्शन जहां पर समाप्त होता है, भारत का दर्शन वहाँ से प्रारम्भ होता है। भारत आज भी कई मामलों में विश्व के अनेक देशों से बहुत आगे है। हमारा भारत देश आज भी इतना संसाधन सम्पन्न है कि विश्व के कई देश अनेक विधायों […] Read more » Featured भारत योग दिवस विश्व का नेतृत्व
जन-जागरण विविधा फैशन पर भारी व्यवसायिकता June 4, 2015 / June 4, 2015 by निर्मल रानी | Leave a Comment -निर्मल रानी- भारतवर्ष के उपभोक्ता इन दिनों महंगाई की चौतरफा मार झेल रहे हैं। रोज़मर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं तथा खाद्य सामग्री आए दिन महंगी होती जा रही हैं। पैकिंग वाली वस्तुओं में तो जब देखो कंपनियां अपने उत्पाद के मूल्य बढ़ा देती हैं। जबकि उनका वज़न कम कर देती हैं। दैनिक उपयोगी वस्तुओं तथा […] Read more » Featured नो गारंटी नो वारंटी फैशन फैशन पर भारी व्यवसायिकता
जन-जागरण न्यूयॉर्क टाइम्स के संवाददाता गार्डिनर हैरिस ने कहा- दिल्ली सबसे गंदा, प्रदूषित और भीड़भाड़ वाला शहर June 3, 2015 / June 3, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment -शैलेन्द्र चौहान – क्या हम अपने देश और समाज के स्वस्थ विकास के प्रति सजग हैं ? इसका एक नितांत खेद परक उदहारण सामने आया है। अपना तीन वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने पर अगले ही दिन अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के संवाददाता गार्डिनर हैरिस दिल्ली छोड़ वाशिंगटन के लिए रवाना हो गए। अपना कार्यकाल […] Read more » Featured गार्डिनर हैरिस दिल्ली दिल्ली में प्रदूषण दिल्ली सबसे गंदा न्यूयॉर्क टाइम्स
जन-जागरण मानसून की अस्थिरता से बढ़ता सूखे का खतरा June 2, 2015 / June 2, 2015 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment -सिद्धार्थ शंकर गौतम- देश में भीषण गर्मी का दौर जारी है। एक ओर सूरज जहां आग बरसा रहा है वहीं मानसून को लेकर मायूसी बढ़ती जा रही है। ३० मई तक मानसून आने के पूर्वानुमान ध्वस्त हो चुके हैं और अब जनता से लेकर सरकार के माथे पर बल पड़ना शुरू हो गए हैं। आमतौर […] Read more » Featured गर्मी मानसून मानसून की अस्थिरता से बढ़ता सूखे का खतरा सूखे का खतरा
जन-जागरण यूं धुएं में न उड़ाओ जिंदगी यारो May 31, 2015 / May 31, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment -अरुण तिवारी- तंबाकू नशा है और इसे इस्तेमाल करने वाले – नशेड़ी! संभव है यह संबोधन तंबाकू खाने वालों को बुरा लगे, लेकिन समय का सच यही है और विश्व तंबाकू निषेध दिवस की चेतावनी भी। भारत में जितनी भी चीजें नशे के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं, मात्रा के पैमाने पर इनमें तंबाकू […] Read more » Featured तंबाकू बीड़ी यूं धुएं में न उड़ाओ जिंदगी यारो सिगरेट