ज्योतिष मनोरंजन आपका बेड रूम या शयन कक्ष वास्तु सम्मत किस दिशा में होना चाहिए ?? October 4, 2020 / October 4, 2020 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment भवन में बेड रूम व शयन कक्ष का महत्वपूर्ण स्थान होता हैं । शयन कक्ष बनाते समय वास्तु के नियमों का पालन करने से उस शयन कक्ष में शयन करने वाले के साथ साथ गृह-स्वामी और परिवार के सभी सदस्य सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं। वास्तु अनुरूप शयन कक्ष होने पर जातक को नींद अच्छी […] Read more » Which direction should your bed room or bedroom be held in Vastu? शयन कक्ष वास्तु सम्मत
सिनेमा सितारों के आगे जहाँ और भी है. October 3, 2020 / October 3, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment — डॉo सत्यवान सौरभ, बॉलीवुड और विवादों का एक मजबूत रिश्ता है। चाहे बात कास्टिंग काउच, पतनशीलता, भाई-भतीजावाद, पूर्वाग्रह या उच्च और पराक्रमी के संबंधों के बारे में हो, बॉलीवुड ने निश्चित रूप से वैश्विक मीडिया में लंबे समय तक केंद्र के मंच पर कब्जा कर लिया है। अब, एक बार फिर, मनोरंजन उद्योग खुद […] Read more » कंगना रनौत कास्टिंग काउच डिबेंचरी सरफेसिंग नशीली दवाओं की लत बॉलीवुड और ड्रग बॉलीवुड में 90% नशा
मनोरंजन सिनेमा नशे का श्रंगार हमेशा से ही करता रहा है बालीवुड September 28, 2020 / September 28, 2020 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप फ़िल्म इंडस्ट्री के बारे में सोचकर आपके दिमाग में इन दिनों कौन सी बातें कौंधती हैं? अगर सकारात्मक लहजे में सोचें तो मनोरंजन का जरिया और आर्ट एवं कल्चर का गढ़। वहीं नकारात्मक लहजे में सोचें तो नेपोटिज्म का अड्डा, बॉलीवुड माफिआयों की दुकान समेत अनगिनत नकारात्मक विचार। इन सबसे इतर आजकल फ़िल्म […] Read more » Bollywood has always been a drug addict नशे का श्रंगार बालीवुड
मनोरंजन सिनेमा फिल्मी हस्तियों पर नशे के बदनुमा दाग September 27, 2020 / September 27, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग-फिल्म अभिनेता सुशांत की आत्महत्या के कारणों तक पहुंचा जायेगा या नहीं, पर उनकी आत्महत्या की जांच से उधड़ती फिल्मी एवं टीवी सीरियलों की दुनिया में व्याप्त ड्रग्स एवं नशे की घातक एवं त्रासद स्थितियांें ने अवश्य चिन्ता को बढ़ाया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अनेक चर्चित फिल्म अभिनेत्रियों कोे इस नशे का […] Read more » Bad stains of film addicts नशे के बदनुमा दाग
टेलिविज़न मनोरंजन मीडिया मीडिया का संकीर्णतावादी चरित्र September 25, 2020 / September 25, 2020 by डॉ. ज्योति सिडाना | Leave a Comment डॉ. ज्योति सिडाना मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है क्योंकि सार्वजनिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के एक साधन के रूप में तथा देश के लोकतान्त्रिक चरित्र का प्रचार-प्रसार करने में मीडिया की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है. यह एक तथ्य है कि मीडिया समाज के सभी सदस्यों […] Read more » Media parochial character मीडिया का संकीर्णतावादी चरित्र
व्यंग्य सिनेमा बॉलीवुड की नयी थाली नीति September 23, 2020 / September 23, 2020 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment नवेन्दु उन्मेष बॉलीवुड विश्वविद्यालय का वेबिनार आयोजित था। विश्वविद्यालय के कुलपति औरसभी विभागाध्यक्ष बॉलीवुड की नयी शिक्षा नीति से लेकर थाली नीति पर अपनेविचार व्यक्त कर रहे थे। वेबिनार में वे बतला रहे थे कि अब विश्वविद्यालयमें थाली नीति को भी शामिल कर लिया गया है। थाली नीति के आने से यहांपढ़ने-वाले सभी अभिनेता-अभिनेत्रियों के […] Read more » बॉलीवुड की नयी थाली नीति
टेलिविज़न टॉप स्टोरी मीडिया गंभीर समस्याओं का समाधान करने की जगह ध्यान हटाने की कला में माहिर होते सिस्टम में बैठे कुछ लोग September 22, 2020 / September 22, 2020 by दीपक कुमार त्यागी | Leave a Comment दीपक कुमार त्यागी विश्व में भारत की पहचान एक सबसे बड़े पूर्णतः लोकतांत्रिक व्यवस्था को मानने वाले देश के रूप में होती है, जहां पर आम लोगों के द्वारा चुनी गयी सरकार लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करते हुए जनहित के सभी कार्यों को समय रहते संपन्न कराती रहती है। हमारा प्यारा देश भारत सम्पूर्ण […] Read more » Some people sitting in the system specializing in the art of deflecting instead of solving serious problems अभिनेत्री कंगना रनौत पर हो रहे अत्याचार कोरोना वायरस महामारी सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की घटना
टेलिविज़न लेख समाज अंधविश्वास ,उदारीकरण व पैसे के पीछे भागता मीडिया झोंक रहा है देश को बर्बादी के गड्ढे मे September 19, 2020 / September 19, 2020 by भगवत कौशिक | Leave a Comment भगवत कौशिक यदि किसी समाज का आर्थिक विकास की अपेक्षाकृत बौद्धिक विकास न हो तो वह समाज अंधविश्वासों में और भी गहरे धंसता चला जाता है। फिर उस समाज में लोगों के अंधविश्वास का फायदा उठाकर अपना घर भरने वाले परजीवियों का साम्राज्य विकसित होने लगता है। भारत के मामले में यही हुआ है। 90 […] Read more » liberalization and money is putting the country in the pit of ruin Media rushing behind superstition अंधविश्वास उदारीकरण पैसे के पीछे भागता मीडिया
सिनेमा बच्चन के बयान पर बवाल की बरसात! September 19, 2020 / September 19, 2020 by निरंजन परिहार | Leave a Comment निरंजन परिहार मुंबई। अमिताभ बच्चन परेशान हैं। वे इतने तो समझदार हैं ही कि यह जानते हैं कि कुछ विषयों पर न बोलना, बोलने से ज्यादा बेहतर होता है। इसलिए, सिनेमा में ड्रग्स के मामले में वे कुछ नहीं बोले। लेकिन करे कोई भरे कोई कहावत का भुगतान कर रहे हैं। सिनेमा जगत में ड्रग्स […] Read more » jaya bachchan statement on drugs peddeler in bollywood Ruckus on Jaya Bachchans statement बच्चन के बयान पर बवाल
मनोरंजन सिनेमा किस थाली की चिंता है जया जी, सिनेमा तो नशे की नाली बन गया है ! September 17, 2020 / September 17, 2020 by निरंजन परिहार | Leave a Comment -निरंजन परिहार अगर वह किसी हिंदी सिनेमा का कोई सीन होता, और वे इतने ही दमदार तरीके से बोलतीं, तो लोग हर डायलॉग पर तालियां बजाते, वाह वाह करते और खुश हो जाते। क्योंकि वे अभिनय बहुत अच्छा कर लेती हैं। जीवन भर किया भी तो वहीं है। सो, जया बच्चन सुपर हिट हो जाती। […] Read more » cinema has become a drain of intoxication Jaya ji is worried about which plate सिनेमा नशे की नाली
मनोरंजन सिनेमा तपते लोहे पर वक्त की सही चोट है हरियाणा में फिल्म सिटी का बनना September 16, 2020 / September 16, 2020 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment सुशील कुमार ‘नवीन’ हरियाणा सरकार पिंजौर के पास फिल्मसिटी बनाने के लिए अब पूरे मूड में है। घोषणा तो दो साल पूर्व की है पर सरकार की सक्रियता से लगता है कि लोगों का यह सपना अब जल्द पूरा होगा। अनिश्चितता के दौर से गुजर रही मायानगरी मुम्बई का हरियाणा बेहतर विकल्प साबित हो सकता […] Read more » Film city in Haryana हरियाणा में फिल्म सिटी
टेलिविज़न ‘दूरदर्शन’ जो दिलों में सदा जिंदा है September 15, 2020 / September 15, 2020 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment – डॉ. पवन सिंह मलिक दूरदर्शन, इस एक शब्द के साथ न जाने कितने दिलों की धड़कन आज भी धड़कती है। आज भी दूरदर्शन के नाम से न जाने कितनी पुरानी खट्टी-मिट्ठी यादों का पिटारा हमारी आँखों के सामने आ जाता है। दूरदर्शन के आने के बाद पिछले साठ वर्षों में न जाने कितनी पीढ़ियों ने […] Read more » Doordarshan always alive in the hearts दूरदर्शन