विश्ववार्ता चीनः भारत कोप-भवन में क्यों बैठे? May 15, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment वह क्षेत्र कानूनी तौर पर भारत का है। यह भारतीय संप्रभुता का उल्लंघन है। यह बात कागजी तौर पर सही है लेकिन सच्चाई क्या है? भारत की सरकार ने इस क्षेत्र को वापस लेने के लिए आज तक क्या किया है? कुछ नहीं। वह कभी उसे लेने का दावा भी नहीं करती। मुझे खुशी है कि सुषमा स्वराज आजकल उसके बारे में कभी-कभी बोल देती हैं। हमारे नेताओं को शायद पता नहीं है कि 1963 में हुए एक समझौते के तहत पाक ने चीन को इस क्षेत्र की 5180 वर्ग किमी जमीन भेंट कर दी थी। भारत इस समझौते को गैर-कानूनी मानता है। नेताओं को यह भी पता नहीं होगा कि इस समझौते की धारा 6 में कहा गया है कि कश्मीर-समस्या का स्थायी हल निकलने पर इस पर पुनर्विचार होगा। Read more » China India News One Belt One Road (OBOR) pakistan POK चीन नरेंद्र मोदी श्रीलंका
विश्ववार्ता फ्रांस में नए सूर्य का उदय May 10, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment मेक्रों फ्रांस के शायद ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं, जिनकी संसद में उनका एक भी सांसद नहीं है। यदि अगले माह जून में होने वाले संसदीय चुनावों में उनकी पार्टी बहुमत ले पाई तो वे राष्ट्रपति के तौर पर अपना काम आसानी से कर सकेंगे। यों भी फ्रांस के 25 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं, आर्थिक स्थिति असंतोषजनक है, आतंक का खतरा बना हुआ है और जातीय तनाव भी कायम है। यूरोपीय आर्थिक समुदाय भी आजकल संकटग्रस्त है। अमेरिका के ट्रंप और रुस के पुतिन इस परिस्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं। Read more » Featured इमेन्युअल मेक्रों फ्रांस
विश्ववार्ता दक्षिण कोरिया का बुसन सबसे बड़ा नगर May 2, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment कोरियाई भाषा यहाँ की आधिकारिक भाषा है जो अल्टिक भाषा परिवार से सम्बन्धित है। कोरियाई लेखन लिपि, हांगुल, का आविष्कार 1446 में राजा सेजोंग के काल में हुआ था जिसका उद्देश्य अपनी प्रजा में शिक्षा का प्रसार करना था। हुन्मिन जिओंगिउम की शाही उद्घोषणा में चीनी वर्णों को एक आम व्यक्ति द्वारा सीखना बहुत कठिन माना जाता था, जिसका शाब्दिक अर्थ है "ध्वनियां जो लोगों को सिखाने के लिए उपयुक्त हैं"। कोरियाई लिपि, चीनी लेखन लिपि से भिन्न है क्योंकि यह ध्वन्यात्मक कोरियाई से भिन्न है। बहुत से मौलिक शब्द कोरियाई में चीनी भाषा से लिए गए और वृद्ध कोरियाई अभी भी हाञ्जा में लिखते हैं, जो चीनी चित्रलिपि और जापानी काञ्जी के समान है, क्योंकि जापानी शासनकाल के दौरान कोरियाई में बोलना और लिखना प्रतिबन्धित था। 2000 में सरकार ने रोमनीकरण प्रणाली लाने का निर्णय लिया। अंग्रेज़ी अधिकान्श प्राथमिक विद्यालयों में द्वितीय भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है। इसके अतितिक्त माध्यमिक विद्यालयों में दो वर्षों तक चीनी, जापानी, फ़्रान्सीसी, जर्मन, या स्पेनी भाषाएं भी पढ़ाई जाती हैं। Read more » Busan South Korea दक्षिण कोरिया बुसन
विश्ववार्ता बोस्टन, संयुक्त राज्य अमेरिका पुराना शहर May 2, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment बोस्टन की यात्रा के दौरान आप फ्रीडम ट्रेल का भ्रमण कर अमेरिकी इतिहास के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं। इस चार किलोमीटर लंबे भ्रमण के दौरान आप अमेरिकी क्रांति के बारे में जान सकते हैं। इतिहास के पाठ जानने के बीच आपको ऐसी जगह पर कुछ खाने-पीने का मौका भी मिल सकता है जहां 2013 के बोस्टनवासी अक्सर जाते रहते हैं। प्रस्तुत है बोस्टन॒ के स्थानीय दर्शनीय स्थलों और लोकप्रिय ठिकानों की जानकारी। Read more » बोस्टन
विश्ववार्ता हिंदुओं ने बांग्लादेश को मुक्ति दिलाई, फिर हिंदु होना वहां जुर्म क्यों है? May 2, 2017 / May 2, 2017 by मनीष ठाकुर | Leave a Comment आंकड़े चीख चीख कर बताते हैं कि कैसे वहां हिंदुओं की संख्या लगातार घट रही हैं.कैसे वहां भय का माहोल है.सोशल मीडिया पर वहां हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर लिखने वाले हिंदुओं की तो तुरंत हत्या पाकिस्तान के ईश निंदा कानून की तरह कर दिया जाता है.हां बावजूद इसके कुछ मुस्लिम पत्रकार हैं जो बांग्लादेश में लगातार हो रहे हिंसा पर कुछ तथ्यात्मक रिपोर्ट जारी करते हैं. 20 अप्रैल 2017 को ढाका ट्रीब्यून में सईरत सलकेन’ ‘हमारे हाथों में खून’ शीर्षक लिखते है....मैं जुमे का नमाज पढने के बाद अपनी चटाई समेट रहा था तो देखा सामने वाले एक निर्माणाधीन मकान में कुछ लोग हल्ला करते हुए हाथों मे लोहे का सरिया लेकर घुस रहे थे. मैं भी पीछे पीछे गया तो देखा कुछ मजदूर थे जो वहां काम कर रहे थे कुछ सो रहे थे. हाथों में सरिया लिए लोग मजदूरों की पिटाई करने लगे यह कहते हुए की इबादत के समय सो रहे हो? मजदूरों ने जवाब दिया लेकिन हम तो हिंदु हैं ! पिटाई करने वालो ने उन्हें पिटते और गाली देते हुए कहा तो अपनी पूजा क्यों नही करते? सईकत आगे लिखते हैं हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहा है सरकार मौन है,स्वतंत्र विचारवालों की लगातार हत्या हो रही है. Read more » Bangladeshi Hindus condition of Hindus in Bangladesh Featured फिर हिंदु होना वहां जुर्म क्यों बांग्लादेश शत्रु संपत्ति कानून हिंदुओं
विश्ववार्ता बात मुद्दे की करो, बकवास न करो चीन April 24, 2017 / April 24, 2017 by ओंकारेश्वर पांडेय | Leave a Comment चीनी सरकार के साथ चीन की मीडिया का भारत के प्रति रुख लगातार धमकाने वाला है, जिससे भारत कतई नहीं डरने वाला। हाल ही में चीन के सरकारी मीडिया ने बीजिंग द्वारा अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों का नाम रखने पर भारत की प्रतिक्रिया को 'बेतुका' कहकर खारिज करते हुए चेताया कि अगर भारत ने दलाई लामा का 'तुच्छ खेल' खेलना जारी रखा तो उसे 'बहुत भारी' कीमत चुकानी होगी। दलाई लामा की अरूणाचल यात्रा से बौखलाये चीन ने इन छह स्थानों के ‘मानकीकृत’ आधिकारिक नामों की घोषणा कर पहले से जटिल चल रही स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है। Read more » Featured अरुणाचल प्रदेश चीन दलाई लामा पाकिस्तान भारतीय मीडिया
विश्ववार्ता तालिबान का काफिराना हमला April 24, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment तालिबान ने यह हमला उस मस्जिद पर किया है, जहां अफगानिस्तान के फौजी नमाज़ पढ़ रहे थे। नमाज पढ़ने और खाना खाते हुए निहत्थे जवानों को मारने वाले लोग क्या अपने आप को मुसलमान कहने के हकदार हैं? Read more » Featured तालिबान
विश्ववार्ता भारत-नेपाल रिश्तों के कबाब में हड्डी बनता चीन April 18, 2017 by ओंकारेश्वर पांडेय | Leave a Comment आज भी नेपाल में चीन का सालाना निवेश और व्यापार सबसे बड़ा है। वह नेपाल की सेना को प्रशिक्षण तो देता ही है साथ ही युद्ध सामग्री भी मुहैया कराता है। चीन के राष्ट्रपति भले ही नेपाल नहीं गए हों लेकिन चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की पोलिटब्यूरो के कई सदस्य नेपाल आ चुके हैं। इस संदर्भ में नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की यात्रा में देखना है कि क्या उनकी इस यात्रा में कुछ संधियां होंगी? संधियों पर हस्ताक्षर न भी हों पर भारत-नेपाल के बढ़ते तालमेल के कई प्रमाण दिखने की उम्मीद है। Read more » Featured चीन-नेपाल सैन्य अभ्यास नेपाल में चीन का सालाना निवेश भारत - नेपाल हड्डी बनता चीन
विश्ववार्ता मानवाधिकार की रक्षा के बहाने आतंकवादियों की मदद की अमेरिकी साज़िश? April 17, 2017 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री अमेरिका ने 2003 में अपने सहयोगी देशों की सेनाओं के साथ इराक़ पर इस बहाने से हमला किया था कि इराक़ में सद्दाम हुसैन ने सामूहिक विनाश के रासायनिक हथियारों का ज़खीरा छुपा रखा है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ ने विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से अमेरिका के इस आरोप की जांच भी कराई। […] Read more » Featured ISIS अमेरिकी साज़िश आईएसआईएस नामक आतंकी संगठन आतंकवादियों की मदद आतंकवादियों की मदद की अमेरिकी साज़िश इराक़ पर सैन्य आक्रमण सद्दाम हुसैन
विश्ववार्ता अमेरिका हमले आतंकवाद मिटाने को करता है या आतंक पैदा करने को……. April 16, 2017 by शादाब जाफर 'शादाब' | 1 Comment on अमेरिका हमले आतंकवाद मिटाने को करता है या आतंक पैदा करने को……. परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह किम जोंग लंबे समय से अमेरिका की आंखों में खटक रहा है. उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट और रासायनिक हथियारों को लेकर ट्रंप किम जोंग को चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन किम जोंग ने दो टूक शब्दों में कहा कि वो अमेरिका से डरने वाला नहीं हैं. सीरिया पर अमेरिकी हमले को लेकर भी उत्तर कोरिया ने ट्रंप पर निशाना साधा था.इस हमले के बाद उत्तर कोरिया से अमेरिका के रिश्ते में भी कोई बड़ा बदलाव देखा जा सकता है.क्यो कि अमेरीका ने जो अफगानिस्तान में बम गिराया है Read more » Featured GBU 43 Massive Ordnance Air Blast अफगानिस्तान अमेरिका आतंकवाद सीरिया
विश्ववार्ता चीन की बेचैनी April 15, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on चीन की बेचैनी दीगर मुल्कों में भारतीय प्रोडक्ट क्वालिटी और साख में चीन के माल को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, जिससे चीन बुरी तरह चिढ़ा हुआ है। चीन की चीप-टाइप बिजनेस ट्रिक्स के कारण कई मुल्कों के साथ तो उसके कारोबार और मुनाफे में गिरावट भी आई है। कुछ माह पहले, चीन ने कुछ अफ्रीकी देशों में अपने कारोबार को भारत से कड़ी चुनौती मिलने के बाद वहां भारतीय प्रोडक्ट्स को बदनाम करने की मुहिम छेड़ दी थी, और ‘मेड इन इंडिया’ के नकली ठप्पे लगाकर बड़े पैमाने पर अपना घटिया माल बाज़ार में उतार दिया था। ज़ाहिर है बिजनेस में सीधे ढंग से भारत का मुकाबला न कर पाने के कारण चीन खामख्वाह अरुणाचल जैसे मुद्दे उठाकर इसकी बांहें मरोड़ने की चाल चल रहा है। Read more » China Featured India चीन चीन की बेचैनी दलाईलामा से एलर्जी
विश्ववार्ता भारत-बांग्ला प्रेमालाप April 8, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment उनका मानना है कि 2011 में मनमोहनसिंह इस जल-संधि को संपन्न करने पर इसीलिए उतारु थे कि उधर दोनों देशों के बीच यह संधि हो और इधर ममता सरकार गिर जाए। ममता बनर्जी का कहना है कि यदि तीस्ता का पानी बांग्लादेश को दिया गया तो हमारे खेत सूख जाएंगे। लाखों किसान भूखे मर जाएंगे। इसीलिए इस बार भी यह संधि नहीं हो पाएगी। फिर भी ममता दिल्ली आकर हसीना को दिए जा रहे भोज में भाग लेंगी। Read more » Featured बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद शेख हसीना शेख हसीना वाजिद की भारत-यात्रा