कला-संस्कृति समाज हिंद स्वराज मध्यकालीन भारतीय समाज और विदेशी यात्री March 15, 2016 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री विदेशी यात्रियों की नजर में भारत : मध्यकालीन भारत के बारे में जिन विदेशियों ने भारत संबंधी कुछ विवरण लिखित रूप में छोड़ा, उनमें तीन लोगों का विशेष महत्व है – यूरोप का मेगस्थनीज, चीन का फाह्यान और अरब का अल- बिरूनी । इनमें सबसे पुराना मेगस्थनीज (ईसा पूर्व तीसरी […] Read more » Featured indian society and foreign tourist medieval indian society मध्यकालीन भारतीय समाज विदेशी यात्री
जन-जागरण हिंद स्वराज नेतृत्व, अनुशासन और संघशक्ति का प्रतीक ध्वज December 5, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” जाति और राष्ट्र को अतीत की स्मरण कराने वाले, उनकी रगों-नसों में प्राणों का संचार कराने वाले तथा उन्हें पूर्वजों की वीरता एवं गरिमा की ओर प्रेरित कर कर्तव्य पथ पर अग्रसर कराने वाले पताका, ध्वज अथवा झण्डे में नेतृत्व,अनुशासन और संघशक्ति तीनों एक ही साथ निहित समाहित हैं ।अतिप्राचीन काल से […] Read more » Featured अनुशासन नेतृत्व संघशक्ति का प्रतीक ध्वज
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विविधा हिंद स्वराज कपिलवस्तु का एक प्रमुख बौद्ध महाविहार-स्तूप November 20, 2015 / November 20, 2015 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 2 Comments on कपिलवस्तु का एक प्रमुख बौद्ध महाविहार-स्तूप सालारगढ़ डा. राधेश्याम द्विवेदी भारतीय संस्कृति एवं इतिहास में अध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक महापुरुषों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। महात्मा बुद्ध और तीर्थंकर महाबीर के प्रादुर्भाव से एक नये युग का सूत्रपात हुआ है।1 धर्म दर्शन तथा ललित कलाओ के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन दिखलाई पड़ने लगे हें। उत्तर प्रदेश के नेपाल की सीमा […] Read more » Featured कपिलवस्तु कपिलवस्तु का एक प्रमुख बौद्ध महाविहार-स्तूप प्रमुख बौद्ध महाविहार-स्तूप सा ला र ग ढ़
कला-संस्कृति महत्वपूर्ण लेख लेख साहित्य हिंद स्वराज हिन्दू धर्म ही नहीं जीवन दर्शन है November 18, 2015 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 3 Comments on हिन्दू धर्म ही नहीं जीवन दर्शन है डा राधेश्याम द्विवेदी हिन्दू राष्ट्र और हिन्दू धर्म को लेकर पूरे देश में कुछ लोगों ने एक मुहिम चला रखी है । अनेक राजनेता एवं धार्मिक जन इसका उल्टा.सीधा अर्थ निकालकर देश की भोली भाली जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं । वे अपनी पूर्वाग्रहयुक्त बातों को समाज एवं राष्ट्र पर थोपने का प्रयास कर […] Read more » Featured hindu Hinduism हिन्दू धर्म जीवन दर्शन है हिन्दू धर्म है
जन-जागरण राजनीति हिंद स्वराज हिन्दुओं के इतने बुरे दिन क्यों आ गए कि दलाई लामा से सहिष्णुता का सर्टिफिकेट लेना पड़ रहा है। November 17, 2015 by श्रीराम तिवारी | 1 Comment on हिन्दुओं के इतने बुरे दिन क्यों आ गए कि दलाई लामा से सहिष्णुता का सर्टिफिकेट लेना पड़ रहा है। काश मेरे पास भी कोई अकादमिक -साहित्यिक सम्मान पदक होता ! यदि राष्ट्रीय -अंतराष्ट्रीय किसी भी किस्म का कोई सम्मान पदक या साहित्यिक ,सामाजिक ,आर्थिक- वैज्ञानिक क्षेत्र में कोई विशिष्ठ उपलब्धि या ‘सनद’ मेरे पास होती ,तो फ़्रांस में हुए आतंकी हमलों के निमित्त, मैं ततकाल सारे सम्मान वापिस लौटा देता। पता नहीं मेरा यह […] Read more » Featured दलाई लामा से सहिष्णुता का सर्टिफिकेट
जन-जागरण विधि-कानून हिंद स्वराज लोकतंत्र का पर्व बनाम लोक कल्याण की भावना August 14, 2015 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment एम. अफसर खां सागर हर साल की तरह इस साल भी हम स्वतंत्रता दिवस का जश्न बड़े धूम-धाम से मना रहे हैं और मनाना भी चाहिए क्योंकि बड़ी कुर्बानियों के बाद देश को आजादी मिली है। कहीं शहादतों के कशीदे पढ़े जा रहे हैं तो कहीं लोकतंत्र का बखान मगर इन सबके बीच भूखतंत्र पर […] Read more » लोक कल्याण की भावना लोकतंत्र का पर्व
टॉप स्टोरी राजनीति हिंद स्वराज जन-गण-मन मंगलदायक जय हे August 12, 2015 / August 15, 2015 by नीलाक्ष “विक्रम” | 1 Comment on जन-गण-मन मंगलदायक जय हे नीलाक्ष “विक्रम” राष्ट्रगान के एक शब्द अधिनायक को लेकर नई बहस शुरू है। बहस और अदालती मामले पहले भी सुर्खियां बने हैं। इस बार राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे दो लोगों में इस मुद्दे पर मतभिन्नता है। ‘अधिनायक’ शब्द हटाने या न हटाने को लेकर राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और त्रिपुरा के […] Read more » जन-गण-मन मंगलदायक जय हे
विविधा हिंद स्वराज गाँव इतिहास बन जाएंगे। July 23, 2015 / July 23, 2015 by रविन्द्र शर्मा | Leave a Comment इस मंजर को बयां करने के लिए मुझे करीब 12 -13 बरस पीछे जाना पड़ेगा क्योंकि इतने सालों पहले जब मैं शहर से गाँव के बीच का सफर तय किया करता था तो खेतों में लहलहाती फसलों, खेतों में पसीना बहाते किसानों, बहती नदियां व पेड़ पौधों से सृजित हरी भरी जमीन को देखता। कभी […] Read more » गाँव इतिहास बन जाएंगे।
विविधा हिंद स्वराज भारतीय इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण विस्मृत घटनाओं का प्रामाणिक उपदेश July 19, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment प्राचीनकालीन परम्परा के अनुसार किसी व्यक्ति को ऋषि का पद तब ही प्राप्त होता था जो पूर्ण वेदज्ञानी, शास्त्रवेत्ता होने के साथ सत्य वक्ता, स्वार्थशून्य, निष्पक्ष, न्यायप्रिय व सिद्ध योगी होता था। आज इस श्रेणी के ही एक ऋषि द्वारा दिये गये भारत के इतिहास विषयक एक उपदेश का श्रवण व अध्ययन करते हैं। इसके […] Read more »
राजनीति हिंद स्वराज टाइम बम के मुहाने पर बिना संविधान के मरता हुआ देश पाकिस्तान July 17, 2015 / July 17, 2015 by हरिहर शर्मा | 2 Comments on टाइम बम के मुहाने पर बिना संविधान के मरता हुआ देश पाकिस्तान गुरुवार को पाकिस्तानी रेंजरों ने पांच सीमा चौकियों और जम्मू जिले में भलवाल, भार्थ, मलबेला, कानाचक और सिदेरवन आदि असैनिक गांवों पर मोर्टार तोपों से भारी गोलीबारी की, जिसमें दो बीएसएफ जवानों (अंजनी कुमार और वाई पी तिवारी) सहित छह लोग जख्मी हो गए | एक दिन पहले भी हुई इसी प्रकार हुई संघर्ष विराम […] Read more » पाकिस्तान
कविता हिंद स्वराज मुक्ति संग्राम में मेरा, अपने इष्ट से मिलन हो गया March 21, 2015 / March 21, 2015 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment अमर शहीद-भगतसिंह -राजगुरु -सुखदेव की शहादत को चिरस्मरणीय बनाते हुए-काव्यात्मक श्रद्धाँजलि ! मुक्ति संग्राम में मेरा ,अपने इष्ट से मिलन हो गया।। पग शहीदों ने आगे धरा ,वो युग का चलन हो गया। गुलामी के फंद काटने , जब जवानियाँ मचलने लगीं, तब क्रांति यज्ञ वेदी पर , शहादत का हवन हो गया।,,,,,[मुक्ति संग्राम में […] Read more » अपने इष्ट से मिलन हो गया अमर शहीद भगतसिंह मुक्ति संग्राम में मेरा मुक्ति संग्राम में मेरा अपने इष्ट से मिलन हो गया राजगुरु श्रद्धाँजलि ! सुखदेव
हिंद स्वराज देश निर्माण का संकल्प January 20, 2015 / January 20, 2015 by शिवदेव आर्य | Leave a Comment शिवदेव आर्य संसार के विभिन्न क्रियाकलापों को देखकर बड़ा आश्चर्य होता है। चित्र-विचित्र इस संसार में परिस्थितियों को देख ऐसा लगता है कि शायद परिस्थितियां पहले से ही विद्यमान है और मनुष्य समाज इन परिस्थितियों का मात्र अनुसरण कर रहा है। कभी ऐसा भी प्रतित होता है कि परिस्थितियों का निर्माण स्वयं मनुष्य करते […] Read more »