आर्थिकी हिंद स्वराज भारत को लेकर विश्वबैंक की भविष्यवाणी को समझने का दौर January 15, 2015 / January 15, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारत जाग उठा है, भारत दौड़ रहा है, भारत इस वक्त वह सभी कुछ करता नजर आ रहा है, जो कि कल तक एक सपना लगता था। जिस आबादी को लेकर तरह-तरह के तंज कसे जाते थे आज वही आबादी और उसकी श्रमशक्ति भारत की ताकत बन चुकी है। कल तक जिस […] Read more » विश्वबैंक की भविष्यवाणी
हिंद स्वराज धर्मान्तरण December 18, 2014 by फखरे आलम | Leave a Comment हंगामा है क्यों बरपा थोड़ी सी जो पी है डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है। धर्मान्तरण ही तो किया है! क्या धर्मान्तरण करना इतना जघन्य अपराध् है। जबरन तो धर्म परिवर्तन नहीं किया है? अथवा करवाया गया है। अगर करवाया भी गया है तो इसके लिए वर्तमान की केन्द्र सरकार जिम्मेवार केसे […] Read more » religious conversion धर्मान्तरण
टॉप स्टोरी समाज हिंद स्वराज धर्मांतरण क़ानून पर चुप क्यों शकुनि राजनीतिज्ञ? December 16, 2014 / December 16, 2014 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment सामयिक है कि देश धर्मांतरण पर गांधीजी के विचार पढ़े यद्दपि मैं व्यक्तिगत रूप से इस देश का हिन्दू होनें के नातें हिंदुत्व के प्रति दबाव और भय में हूँ तथापि आगरा की घटना के बाद गुस्साए हुए तथाकथित विकसित, सेकुलर, बुद्धिजीवी और प्रगतिशील समाज (स्वयंभू) की स्थिति पर मुझे बड़ा आनंद आ रहा है! […] Read more » conversion law? politician silent on conversion law?
जन-जागरण हिंद स्वराज हिन्दू राष्ट्रधर्म हैं, कोई विवाद नहीं! December 13, 2014 / December 13, 2014 by दीपक शर्मा 'आज़ाद' | 1 Comment on हिन्दू राष्ट्रधर्म हैं, कोई विवाद नहीं! एक राष्ट्र अपने धर्म का अपमान करने की जब भूल करने लगता है तब उसे भारत विभाजन के दौर से गुजरना पड़ता है, जब वही राष्ट्र दुबारा अपने धर्म को भूल उसका अपमान करता है तो उसे जम्मू और कश्मीर सुंदरता नहीं एक दाग की भांति लगने लगता है| और जब वह अपने इन कठोर […] Read more » hindu is a national religion not a dispute hindu is national religion हिन्दू कोई विवाद नहीं! हिन्दू राष्ट्रधर्म हैं
हिंद स्वराज हमारा प्राचीन देश आर्यावर्त व भारत December 11, 2014 / December 11, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ३म् हमारे देश का संविधान सम्मत नाम “भारत” है। अंग्रेजी में इसे इण्डिया कहते हैं। प्राचीन नाम जो भारत से भी पुराना है वह आर्यावर्त है। सृष्टि के आदि में आर्यों द्वारा इसे बसाये जाने और उनके यहां रहने के कारण इसका नाम आर्यावर्त था। आर्यावर्त से पूर्व इस देश का अन्य कोई नाम नहीं […] Read more » भारत हमारा प्राचीन देश आर्यावर्त
हिंद स्वराज देवनागरी रोमन विवाद भाग ३ August 22, 2014 by डॉ. मधुसूदन | 9 Comments on देवनागरी रोमन विवाद भाग ३ -डॉ. मधुसूदन- (एक) सारांश ॐ — देवनागरी लेखन का अभ्यास, उंगलियों की लचक बढ़ाता है, रोमन लिपि में लेखन उंगलियों की लचक नहीं बढ़ाता। ॐ –देवनागरी लिपि नें ध्वनि को ही अमर कर दिया है । इस के कारण, परम्परित उच्चारण निरन्तर शुद्ध और सुरक्षित है। रोमन में लिखे उच्चारण अलग-अलग देशों में एक समय […] Read more » देवनागरी देवनागरी रोमन विवाद भाग ३ रोमन हिन्दी
हिंद स्वराज स्वतंत्रता संग्राम में रा.स्व.सं. की भूमिका-2 August 12, 2014 by अनिल गुप्ता | Leave a Comment सत्याग्रह ६ अप्रेल १९३० को दांडी में समुद्रतट पर गांधीजी ने नमक कानून तोड़कर जनांदोलन प्रारम्भ किया.संघ का कार्य उस समय तक केवल मध्यभारत में ही प्रभावी हो सका था.वहां पर नमक कानून के स्थान पर जंगल कानून तोड़कर सत्याग्रह करने का निश्चय हुआ.डॉ. हेडगेवार द्वारा संघ के सरसंघचालक का दायित्व डॉ परांजपे को सौंपकर […] Read more » स्वतंत्रता संग्राम में रा.स्व.सं. की भूमिका-2
हिंद स्वराज हिंदी – वर्तनी, लिपि और उच्चारण July 28, 2014 by बी एन गोयल | 7 Comments on हिंदी – वर्तनी, लिपि और उच्चारण -बीएन गोयल- प्रवक्ता में कुछ दिनों से हिंदी के बारे में एक अच्छी, लम्बी और सार्थक चर्चा चल रही है। डॉ. मधुसूदन ने अपने लेखों में हिंदी और अगंरेज़ी भाषाओं की तुलना इन की वर्तनी, लिपि और उच्चारण के आधार पर की है। उन का विश्लेषण वास्तव में तार्किक और प्रशंसनीय है। मैं मात्र हिंदी […] Read more » उच्चारण लिपि वर्तनी हिंदी
हिंद स्वराज भारत में भारतीय भाषाओं का सम्मान और विकास July 28, 2014 by प्रोफेसर महावीर सरन जैन | 4 Comments on भारत में भारतीय भाषाओं का सम्मान और विकास -प्रोफेसर महावीर सरन जैन- राजतंत्र में, प्रशासन की भाषा वह होती है जिसका प्रयोग राजा, महाराजा और रानी, महारानी करते हैं। लोकतंत्र में, ´राजभाषा’ शासक और जनता के बीच संवाद की माध्यम होती है। लोकतंत्र में, हमारे नेता चुनावों में जनता से जनता की भाषाओं में जनादेश प्राप्त करते हैं। जिन भाषाओं के माध्यम से […] Read more » भारत में भारतीय भाषाओं का सम्मान और विकास भारतीय भाषा भाषा विकास भाषा सम्मान
हिंद स्वराज हिंदी शासकीय संज्ञाएं July 23, 2014 by डॉ. मधुसूदन | Leave a Comment -डॉ. मधुसूदन- (एक) आज का उद्देश्य। आज का उद्देश्य है यह दिखाना कि, हिंदी में संस्कृत द्वारा कितनी सारी संज्ञाएं रची जा सकती हैं। यह प्रत्यक्ष उदाहरणों से दिखाना; चाहता हूँ; किसी और के कथन या उद्धरण से नहीं। जब पाठक इन शब्दों को अंग्रेज़ी के शब्दों के आमने सामने देख कर तुलना करेगा, तो […] Read more » हिंदी शासकीय संज्ञाएं हिन्दी
हिंद स्वराज हिंदी शासकीय संज्ञाएं June 21, 2014 by डॉ. मधुसूदन | 6 Comments on हिंदी शासकीय संज्ञाएं -डॉ, मधुसूदन- (एक) आज का, उद्देश्य। आज का, उद्देश्य है, यह दिखाना कि, हिंदी में संस्कृत द्वारा कितनी सारी संज्ञाएँ रची जा सकती है। यह प्रत्यक्ष उदाहरणों से दिखाना; चाहता हूँ; किसी और के कथन या उद्धरण से नहीं। जब पाठक इन शब्दों को अंग्रेज़ी के शब्दों के आमने सामने देख कर तुलना करेगा, तो […] Read more » हिन्दी हिन्दी शासकीय संज्ञाएं
हिंद स्वराज वर्धा हिन्दी शब्दकोश के बहाने से हिन्दी के विकास के संबंध में कुछ विचार June 12, 2014 by प्रोफेसर महावीर सरन जैन | 40 Comments on वर्धा हिन्दी शब्दकोश के बहाने से हिन्दी के विकास के संबंध में कुछ विचार -प्रोफेसर महावीर सरन जैन- मैं दस पंद्रह दिन पहले अमेरिका से भारत लौटा तो मेरे अनेक मित्रों ने मुझे टेलिफोन करके यह सूचना दी कि महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा ने ´वर्धा हिन्दी शब्दकोश’ का प्रकाशन किया है। मैंने कहा कि यह तो अच्छी सूचना है। मगर उनका कहना था कि यह कोश हिन्दी की […] Read more » वर्धा वर्धा हिन्दी वर्धा हिन्दी शब्दकोश हिन्दी हिन्दी विकास