कहानी मकान का महूर्त April 5, 2022 / April 5, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment ” भैया, परसों नये मकान पे हवन है।छुट्टी का दिन है। आप सभी को सपरिवार आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।” छोटे भाई श्रीकृष्ण ने बड़े भाई रामकृष्ण से मोबाईल पर बात करते हुए कहा रामकृष्ण ने पूछा, ” क्या तू किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहा है ?”” नहीं भैया,ये अपना […] Read more » मकान का महूर्त
कहानी लास्ट एंड फाउंड March 2, 2022 / March 2, 2022 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment मुंबई के उपनगर मीरा रोड के बैंजो लेन में पहले तल पर “जाज “ ओपन एयर रेस्टोरेंट की ये एक उदास शाम थी । इस रेस्टोरेंट में सब कुछ खुला ही था यहां तक किचन भी ,सिर्फ वॉशरूम ढके -मूंदे थे। “जाज “ रेस्टोरेंट की खासियत ये थी कि यहाँ गीत-संगीत हमेशा गुंजायमान रहता था […] Read more » लास्ट एंड फाउंड
कहानी एहसासात -ए – मच्छर October 23, 2021 / October 23, 2021 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़रीगेंडामल को नित्य नये प्रयोग करने का बहुत शौक़ था। रोज़ की तरह एक दिन जब वह बाथरूम में नहाने गया तो अचानक ‘खाये पिये परिवारों’ के कई मोटे मच्छरों ने गेंडामल के निःवस्त्र शरीर की गेंडे जैसी खाल पर डंक चुभोना शुरू कर दिया। पहले तो गेंडामल ने डांस ट्वीस्ट आदि कर उन […] Read more » एहसासात -ए - मच्छर
कहानी कानूनी भ्रष्टाचार October 21, 2021 / October 21, 2021 by मनोहर पुरी | Leave a Comment — मनोहर पुरी —संज्ञावती एक राज्य के मुख्यमंत्री की मुंह लगी थी। कुछ उसे उपपत्नी और कुछ प्रेमिका भी कहते थे। वह राज्य के मुख्यमंत्री महेश कुमार की बचपन की सखी थी,यह सत्य सब जानते थे। दोनों के परिवार एक छोटे से गांव में निर्धनता का जीवन व्यतीत करते थे। उनके पड़ोसी गांव में एक […] Read more » कानूनी भ्रष्टाचार
कहानी मासूम शिव भक्त – एक सच्ची कहानी July 27, 2021 / July 27, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment शंकर एक अनाथ लड़का था। उसको जंगल में रहने वाले शिकारियों के एक गिरोह ने पाला था। उसके पास कोई औपचारिक शिक्षा भी नहीं थी – वह केवल एक चीज जानता था कि उसे कैसे जीवित रहना है। शिकार करना और उनको मारना तथा जंगल के फलों को खाना और नदी के पानी को पीकर […] Read more » शिव भक्त
कहानी ब्रांड न्यू June 24, 2021 / June 24, 2021 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment उसने दिहाड़ी के मजदूर रखे थे ,कुल जमा तीन थे , एक रेकी करता था ,दो काम करते थे ।इसके एवज में शाम को तीनों को दिहाड़ी मिला करती थी । शाम को कलेक्शन जमा होता था । नग गिने जाते थे, साबुत पीस आगे भेजे जाते थे , उन्हें धुलकर,प्रेस करके ,फिर नई मोहर […] Read more » brand new kafan ke saydagar
कहानी आपदा में अवसर May 13, 2021 / May 13, 2021 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment वो एक बड़े अखबार में काम करता था । लेकिन रहता छोटे से कस्बेनुमा शहर में था। कहने को पत्रकार था ,मगर बिल्कुल वन मैन शो था ।इश्तहार, खबर , वितरण , कम्पोजिंग सब कुछ उसका ही काम था । एक छोटे से शहर तुलसीपुर में वो रहता था । जयंत की नौकरी लगभग साल […] Read more » आपदा में अवसर
कहानी छोटो से भी शिक्षा मिल सकती है……. May 7, 2021 / May 7, 2021 by आर के रस्तोगी | 1 Comment on छोटो से भी शिक्षा मिल सकती है……. “सुबह से ही रसोई में नल से पानी रिस रहा है,” पत्नी बोली, जरा प्लम्बर को टेलीफोन कर दो वह जल्दी से आ जाए नहीं तो ऊपर की टंकी का सारा पानी खतम हो जायेगा। गर्मी का मौसम है वैसे ही पानी की बड़ी किल्लत चल रही है” । मैंने परिस्थिति का तुरंत जायजा लेते […] Read more » छोटो से भी शिक्षा
कहानी कोख का कर्ज March 1, 2021 / March 1, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment जगेश बाबू का कभी अपना जलवा था। रौबिले और गठिले जिस्म पर सफेद कुर्ता-धोती मारवाड़ी पगड़ी खूब फबती। हाथ में छड़ी और मुंह में पान की गिलौरी दबाए ताव से मूंछों पर हाथ भांजते रहते। शहर से गांव आते तो उनकी जेब में सूंघनी की डिब्बी और गमकौवा इत्र पड़ा रहता। जग्गन महतो गांव आते […] Read more » Womb loan कोख का कर्ज
कहानी मुख्यमंत्री September 27, 2020 / September 27, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment संत बद्रीनाथ कश्यप के लाखों अनुयायी थे। अपने अनुयायियों के लिए वो भगवान सदृश थे। उनके राज्य में वही राजनीतिक पार्टी विजयी होती थी, जिसके पक्ष में वो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से होते थे। उनकी कृपा से ही राजेश्वर सिंह विगत दस वर्षों से मुख्यमंत्री के पद पर आसीन थे।कुछ दिनों के बाद विधानसभा […] Read more » मुख्यमंत्री
कहानी एक अंतहीन इंतजार… August 10, 2020 / August 10, 2020 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment बंशीधर जी रोजना रेलवे स्टेशन जाते है। स्टेशन पर ना तो उनकी नौकरी है और ना ही वहां पर वे वेण्डर है। फिर भी स्टेशन जाना इनका रोज का काम है। वे दोपहर 3 बजे आने वाली ट्रेन के आने से पहले स्टेशन पर आ जाते हैं, अपने बेटे को लेने के लिए। वो बेटा […] Read more »
कहानी अंधे का क्या हुआ, मुझे नहीं पता August 6, 2020 / August 6, 2020 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | Leave a Comment घुडसवार भरे दरबार में अपनी बात पर अडा था – ‘‘ दुनिया का सर्वोतम घोडा मेरे पास है, जो इसे गलत साबित कर दे, मैं भरे दरबार में अपना सर कलम करा लूगाॅं।’’ और राजा का कहना था -‘‘ राजकोष भले ही खाली हो जाए पर यह घोडा मुझे, अपने अस्तबल में चाहिए।’’सेनापति ने धीमी […] Read more »