कहानी ग्रुप डी December 14, 2019 / December 14, 2019 by कुमार विमल | 4 Comments on ग्रुप डी कुमार विमल दामोदर बाबू एक किसान थे. घर में उनके अतरिक्त पत्नी और दो बच्चे थे. बड़ा लड़का ओर छोटी लड़की. किसान का परिवार था, सारा परिवार मिलकर खेती करता था, घर में अन्न की कमी न थी. खेती से पर्याप्त उत्पादन कर लेते थे,जिससे परिवार का गुजारा अच्छे से चल जाता था. एक दिन […] Read more » ग्रुप डी
कहानी अम्मा October 20, 2019 / October 20, 2019 by बीनू भटनागर | Leave a Comment अम्मा की उम्र यही होगी क़रीब 78 साल और बाबूजी होंगे 82 के। अम्मा बड़ी लगन से पूजा पाठ व्रत उपवास करती थीं उनके व्रत उपवास पूजा पाठ सब सफल हुए क्योंकि उनके दोनों बेटे बहुत लायक निकले, अच्छी बहुएं मिली, आदर सत्कार मिला और किसी को क्या चाहिये। उम्र के साथ स्वास्थ्य में गिरावट […] Read more »
कहानी मोदी की सौगन्ध May 30, 2019 / May 30, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment खाता हूँ सौगन्ध सविंधान की जो मुझे यहाँ तक लाया है |करूँगा सब के साथ समान व्यवहार जो मुझे सिखाया है || रखूँगा नहीं बदले की भावना,सबको साथ में लेकर चलूँगा मै |सब के साथ सबका विकास करूँगा,यही सौगन्ध खाऊंगा मै || मै हूँ जनता का प्रधान सेवक,सबकी सेवा करूँगा मै |जब तक मेरे शरीर […] Read more »
कहानी साहित्य एक सच्ची घटना May 21, 2019 / May 21, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी पिछले दिनों हमारे मेरठ शहर में एक प्रसिद्ध ज्योतिषी व विद्वान जो देहरादून के रहने वाले है का आगवन हुआ जिनकी भविष्यवाणी काफी सही निकलती थी | माना जाता है की उनकी वाणी में माँ सरस्वती विराजमान है जिसके कारण उनके पास भीड़ लगी रहती थी और काफी ख्याति हो गयी |उन्हें […] Read more » a true story Story true incident
कहानी साहित्य मां तुझे सलाम March 12, 2019 / March 12, 2019 by अल्का श्रीवास्तव | 1 Comment on मां तुझे सलाम र “इक़बाल भाई! ये देखो अमन की चिट्ठी आई है। ज़रा पढ़कर बताना तो, क्या लिखा है उसने? वह होली पर घर तो आ रहा है न? कहीं पिछली बार की तरह इस बार भी उसकी छुट्टियां रद्द तो नहीं हो गयीं?” कमला देवी एक साँस में बोलती चली गयीं। “अरे कमला बहन! अमन होली वाले […] Read more »
कहानी अनिका एक पहेली March 12, 2019 / March 12, 2019 by विजय हरित | Leave a Comment कभी कभी जीवन में कुछ ऐसा घटित होता है जिसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। मैं हॉस्पिटल अपने एक परिचित को देखने गया था, परिचित को देखने के बाद मैं थोड़ी देर के लिए रिसेप्शन के सामने एक कुर्सी पर बैठ गया, तभी मुझे डॉक्टर से बात करती एक लड़की दिखाई थी, जो बेहद सिंपल […] Read more » अनिका
कहानी साहित्य शव का छलावा January 9, 2019 by जगदीश यादव | Leave a Comment रहस्य कथा जगदीश यादव श्मशान साधना कई तरहों से की जाती है। इस साधना का गूढ़ रहस्य तो वही साधक समझ सकता है जो इसकी जानकारी रखता हो या फिर उसने श्मशान साधना की होगी। बहरहाल आज आपको जो बताने जा रहा हूं वह भी कम रोमांचक नही है। ‘तेलिया मशान’ साधना से साधक किसी भी […] Read more »
कहानी नाम गुम जाएगा November 23, 2018 / November 26, 2018 by डॉ कविता कपूर | Leave a Comment डॉ. कविता कपूर अक्तूबर का महिना था, दिल्ली में अभी ठण्ड ने दस्तक दी ही थी, पर पठानकोट से जब मैं ट्रेन में चढ़ी, पठानकोट की ठण्ड ने मुझे कोट की याद दिला दी | सुबह के पाँच बज रहे थे, समय बिताने के लिए मैं खिड़की से बहार देखने लगी | मेरे डिब्बे में […] Read more » शिवदास सिंह नाम गुम जाएगा फौजी दिल्ली राजस्थान
कहानी चौर्यकला का नूतन अध्याय November 19, 2018 / November 19, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार भारत एक कलाधर्मी देश है। कला के गाना, बजाना, चित्रकला, मूर्तिकला, लेखन आदि 64 प्रकार हैं। इनमें एक ‘चौर्यकला’ भी है। इसका प्राथमिक ज्ञान तो हमें बचपन में ही हो जाता है। मां जब पिताजी से छिपाकर कुछ पैसे रख लेती है। बच्चे बाजार से सामान लाते समय दो-चार रु. बचा लेते हैं। […] Read more » चौर्यकला का नूतन अध्याय तकिये तौलिये
कहानी क्या भगवान है ? November 1, 2018 / November 1, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आरके रस्तोगी एक मेजर के नेतृत्व में 15 जवानो की एक टुकड़ी हिमालय पर्वत में अपने रास्ते पर थी उन्हें ऊपर कही तीन महीने के लिए दूसरी टुकड़ी के लिए तैनात होना था . दुर्गम स्थान,ठण्ड और बर्फवारी ने चढ़ाई की कठिनाई और बढ़ा थी|बेतहासा ठण्ड में मेजर ने सोचा कि अगर उन्हें यहाँ एक […] Read more » अंगीठी क्या भगवान है ? मेजर साहब
कहानी रेल की खिड़की से शहर – दर्शन …!! August 24, 2018 / August 24, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | 1 Comment on रेल की खिड़की से शहर – दर्शन …!! तारकेश कुमार ओझा किसी ट्रेन की खिड़की से भला किसी शहर के पल्स को कितना देखा – समझा जा सकता है। क्या किसी शहर के जनजीवन की तासीर को समझने के लिए रेलवे ट्रेन की खिड़की से झांक लेना पर्याप्त हो सकता है। अरसे से मैं इस कश्मकश से गुजर रहा हूं। जीवन संघर्ष के […] Read more » Featured गीतांजलि ट्रेन रेल की खिड़की से शहर - दर्शन ...!! हावड़ा - मुंबई
कहानी पांच से 25 करोड़ की यात्रा August 22, 2018 / August 22, 2018 by विजय कुमार | 1 Comment on पांच से 25 करोड़ की यात्रा विजय कुमार, बचपन में एक कहानी पढ़ी थी। पुनर्जीवन पर शोध कर रहे जेम्स नामक एक वैज्ञानिक की मृत्यु हो गयी। मरने से पहले उसने वसीयत में लिख दिया कि उसका शव रासायनिक लेप लगाकर 25 साल तक रख दिया जाए। उसे विश्वास था कि इतने समय में वह दवा बन जाएगी। तब वह […] Read more » Featured अभिनेता और अभिनेत्रियों जेम्स डॉक्टर पांच से 25 करोड़ की यात्रा राजनेता शव रसायन लगाकर