कविता भोर हो गयी है April 22, 2020 / April 22, 2020 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment विनायक त्यागी भोर हो गयी हैआँखे खोलोपृथ्वी मातासूर्य देव कोकरो सादर प्रणामघर वालों कोसुप्रभात बोलोंजल्दी से उठजाओं लालकरो जीवन मेंनित नये कमालतैयार होकरचलों स्कूलनहीं करनापढाई में कोई भूलपढ़ लिखकरबनना इंसानकरना जीवन मेंसदा अच्छा कामरोशन करनादुनिया मेंपरिवार औरदेश का नाम Read more » भोर हो गयी है
कविता एक कवि के मन की व्यथा April 21, 2020 / April 21, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment पड़े पड़े घर में ऊब गया हूँ ,घन चक्कर सा घूम गया हूँ |बाहर जाओ तो पुलिस डाटती है,घर रहो तो बीबी फटकारती है |लिखते लिखते कलम थक गयी है ,बुद्धि भी अब बहुत थक गयी है |हाथो में अब पड गये है छाले ,कागजो के भी पड गये है लाले |अब कही मन नहीं […] Read more » corona men during lockdown poem during lockdown एक कवि के मन की व्यथा
कविता परिंदे और प्रवासी मजदूर April 21, 2020 / April 21, 2020 by कैलाश सत्यार्थी | Leave a Comment कैलाश सत्यार्थी मेरे दरवाज़े के बाहर घना पेड़ था, फल मीठे थे कई परिंदे उस पर गुज़र-बसर करते थे जाने किसकी नज़र लगी या ज़हरीली हो गईं हवाएं बिन मौसम के आया पतझड़ और अचानक बंद खिड़कियां कर, मैं घर में दुबक गया था बाहर देखा बदहवास से भाग रहे थे सारे पक्षी कुछ बूढ़े […] Read more » परिंदे और प्रवासी मजदूर
कविता रूक जाओ अभी अपने घरो में April 20, 2020 / April 20, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment रूक जाओ अभी अपने घरो में, देश को राख मत होने दो |पहुँच गयी है संख्या हजारो में,इसे लाखो में मत आने दो || ले लो सबक दुसरे देशो से,जो मृत्यु के कागार पर खड़े हुए |शक्तिशाली होते हुये भी,मृत्यु के आगे लाचार हुये || पता नहीं कोरोना कितने प्राणियों को अपने साथ ले जाएगा […] Read more » रूक जाओ अभी अपने घरो में
कविता धरा हिल गयी April 19, 2020 / April 19, 2020 by बलराम सिंह | Leave a Comment बलराम सिंह युग है आज बवालों का, बे सिर पैर सवालों का। टिक टोक पर जाकर बोलें, क्या करना है भू जब डोले? दे भूकम्प का एक जायज़ा, ले ली खबर हवालों का॥ बे सिर पैर सवालों का … बे सिर पैर सवालों का … मोदी की अब बात चल गयी, कितनों को तो बहुत […] Read more » धरा हिल गयी
कविता लिखता हूँ बार बार उसको मिटा देता हूँ मै, April 19, 2020 / April 19, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment चारो तरफ है सन्नाटा ,अब क्या किया जाये ,दिल बहलाने के लिये, अब कुछ लिखा जाये |भेज दू क्या मै जो लिखता हूँ,मै तुम्हारे लिये ,जिससे दिल की बाते,दिल को सुना दिया जाये |\ लिखता हूँ बार बार उसको मिटा देता हूँ मै,हिम्मत नहीं होती है उसको बता दू मै |पता नहीं ये दिल,कमजोर हो […] Read more » लिखता हूँ बार बार उसको मिटा देता हूँ मै
कविता जीवन April 19, 2020 / April 19, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment मिलता है विषाद इसमेंइसमें ही मिलता हर्ष हैकहते हैं इसको जीवनइसका ही नाम संघर्ष है दोनों रंगों में यह दिखताकभी श्याम कभी श्वेत मेंकुछ मिलता कुछ खो जातारस जीवन का है द्वैत में लक्ष्य होते हैं पूर्ण कईथोड़े शेष भी रह जाते हैंस्वप्न कई सच हो जातेकुछ नेत्रों से बह जाते हैं चाहे बिछे हों […] Read more » life poem on life जीवन
कविता चलो प्यार की बाते करे April 19, 2020 / April 19, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment चारो तरफ है सन्नाटा ,अब क्या किया जाये ,दिल बहलाने के लिये, अब कुछ लिखा जाये |भेज दू क्या मै जो लिखता हूँ,मै तुम्हारे लिये ,जिससे दिल की बाते,दिल को सुना दिया जाये |\ लिखता हूँ बार बार उसको मिटा देता हूँ मै,हिम्मत नहीं होती है उसको बता दू मै |पता नहीं ये दिल,कमजोर हो […] Read more » चलो प्यार की बाते करे
कविता मोदी तेरी नीति को,करते हम सब प्रणाम | April 16, 2020 / April 16, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मोदी तेरी नीति को,करते हम सब प्रणाम |तूने देश को बचा लिया,नही निकलते भयंकर परिणाम ||न तूने कोई तोप चलाई,न कोई ली हाथ में ढाल |भारत के प्रधान मंत्री मोदी तूने कर दिया कमाल ||न कोई पुलिस बुलाई न जेल बनाई सबको खुश कर दिया |हाथ जोड़कर बड़ी नम्रता से,सबको घर में बंद कर दिया […] Read more » Modi salutes your policy we all salute him. करते हम सब मोदी को प्रणाम मोदी तेरी नीति को मोदी तेरी नीति को करते हम सब प्रणाम
कविता साहित्य नन्हे राजकुमार April 15, 2020 / April 15, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment मेरे नन्हे से राजकुमारकरता हूं मैं तुमसे प्यार जब भी देखूं मैं तुझकोऐसा लगता है मुझकोथा मैं अब तक बेचाराऔर क़िस्मत का माराआने से तेरे हो गया हैदूर जीवन का हर अंधियारमेरे नन्हे से राजकुमार… मेरे दिल की तुम धड़कनतेरी हंसी से मिटती थकनप्यारी लगे तेरी शरारततुम हो जीवन की ज़रूरततुझको देकर मेरे खुदा नेदिया […] Read more »
कविता किसी से ना कहो तो आज मन की बात कर लूं April 15, 2020 / April 15, 2020 by अलका सिन्हा | Leave a Comment — अलका सिन्हा भला लगने लगा है साथ में परिवार के रहनाबड़े ही शौक से घर का, हर इक कोना सजा रखनान जाने कब से ख्वाहिश थी दबी-सी, मन में रहती थीसजा बिटिया को दुल्हन सा, मिलन बारात कर लूंकिसी से ना कहो तो आज मन की बात कर लूं। मुझे चिढ़ हो गई अस्तित्ववादी […] Read more » किसी से ना कहो तो आज मन की बात कर लूं
कविता दौर कुछ ऐसा आया है …. April 14, 2020 / April 14, 2020 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा क्या कोलकाता , क्या खड़गपुरगया हो या टाटाकोरोना वायरस से कांपी दुनियागांव शहर है सन्नाटाहर चेहरे पर चस्पा दहशतदौर कुछ ऐसा आया है .कैसी होगी भविष्य की दुनियासोच कर दिल घबराया है .घर से चलेंगे बाबुओं के दफ्तरगरीब भटकेंगे दर – ब- दरअहसास से मन अकुलाया है ,दौर कुछ ऐसा आया है […] Read more » poem on lockdown दौर कुछ ऐसा आया है