कविता काश ! तेरी निगाह मेरे से मिल जाती July 11, 2022 / July 11, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment काश ! तेरी निगाह मेरे से मिल जाती,मुझको तेरी पनाह भी मिल जाती।मै सुनाता तुझे के सावन के गीत,तेरी मेरी हरियाली तीज मन जाती।। नज़रों से नज़रे जो दोनो की टकराई,एक दिल से दूसरे दिल की हुई मिलाई।ये कैसी जिंदगी में प्यार की हुई घटना,जो दोनो ने जिंदगी भर एक दूजे से निभाई।। नजर को […] Read more » If only ! your eyes meet mine
कविता मानवता के धर्म से ही इंसानियत फैलेगी July 11, 2022 / July 11, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकईश्वर खोजने नही पाने की चीज है,खोजी जाती वो चीज जो खोई होती,खुद के अंदर से लेकर बाहर तक मेंहर जगह ईश्वर की उपस्थिति होती! ईश्वर से कुछ मांगना प्रार्थना नहीं है,ईश्वर की अराधना धन की चाह नहीं,ईश्वर की साधना सपना पाना नहीं है,ईश्वर को पा लो, बांकी सब सपना है! ईश्वर को […] Read more » Humanity will spread only through the religion of humanity मानवता के धर्म से ही इंसानियत फैलेगी
कविता विश्व जनसंख्या दिवस July 11, 2022 / July 11, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बढ़ेगी जब आबादी,अच्छे दिन कैसे आएंगे।होगे जब दस बच्चे,फिर बुरे दिन तो आएंगे।। बढ़ती जा रही है जनसंख्या कैसे नियंत्रण कर पाएंगे।करा नहीं नियंत्रण तुमने फिर तुम कहां हम जाएंगे।। पड़ी है बेड़ियां जनसंख्या की भारत मां के पैरों में।चलता रहा देश में ऐसा,रोड़ी चुभेगी मां के पैरों में।। बढ़ेगी जनसंख्या देश की,विकास रुक जाएगा।रोकी […] Read more » World Population Day
कविता एक ॐकार सतनाम बांकी सब सिर्फ नाम July 8, 2022 / July 8, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकएक ॐकार सतनाम, बाकी सब सिर्फ नाम,एक ॐ उच्चार सत सत्व सद् सत्य काम! एक ॐ अनाहत अनहद नाद, बांकी आहत,एक ॐ धुन निर्गुण एक ॐ ध्वनि शाश्वत! सारी ध्वनियां घर्षण से उपजती द्वंद्व आवाजएक ॐ आवाज है जो निकलती बिना साज! जब आहत होती प्रकृति ध्वनि निकलती तब,जब शांत होता व्योम तब […] Read more » एक ॐकार सतनाम बांकी सब सिर्फ नाम
कविता आदमी आज क्या क्या भूल गया। July 8, 2022 / July 8, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आदमी आज क्या क्या भूल गया।नई आने पर वह पुरानी भूल गया।। जब से टूथ पेस्ट बाजार में आया है।वह नीम की दातुन करना भूल गया है।। जब से घर में पानी नल लगवाया है।नदियों में स्नान करना वह भूल गया है।। जब से पिसा पिसाया आटा घर आया है।वह चक्की पर गेहूं पिसाना भूल […] Read more » What did the man forget today
कविता दान देकर भी प्रहलाद पौत्र बली दानव और कर्ण सूतपुत्र ही रह गए July 5, 2022 / July 5, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकयाजक जाति का दान पाने का अधिकार एक अस्त्र था,जिसके आगे राजा महाराजा निरस्त महाजन पस्त था!दान की महिमा इतनी अधिक गाई गई धर्म शास्त्रों मेंकि दान नहीं देनेवाले कृपण और विप्रद्रोही कहलाते थे! याजकों में दान की लिप्सा इतनी अधिक बढ़ गई थीकि गोधन स्वर्ण कन्या व जान भी दान मांग लेते […] Read more » Prahlad's grandson Bali Danav and Karna Sutaputra remained. प्रहलाद पौत्र बली दानव और कर्ण सूतपुत्र
कविता आस्तिक हो तो मानो सबका एक ही है ईश्वर July 4, 2022 / July 4, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकये रिश्ता है अपनापन और इंसानियत का,ये रिश्ता है आत्मीयता और रुहानियत का!इंसान हो इंसान से खुशी खुशी गले मिलो,चाहे मानते हो किसी भी धर्म मजहब को! रुह सभी जीव जन्तुओं की एक जैसी होती,आत्मा सबकी एक परमात्मा से ही निकली!मानव शरीर को पाना आत्मा की उपलब्धि,मानव देही आत्मा सचेत होती पाओ मुक्ति! […] Read more » If you are a believer it is as if there is only one God.
कविता तक्षशिला विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय पर संस्थापक कौन ज्ञात नहीं? July 4, 2022 / July 4, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकअगर विश्व में भारतीय ऋग्वेद हैप्रथम काव्य कृति तो तक्षशिला भीथा विश्व का प्रथम विश्वविद्यालयभारतीय गंधर्वदेश गांधार में स्थित! तक्षशिला को गंधर्व देश गांधार मेंरामानुज भरत ने पुत्र तक्ष के लिएव दूसरे पुत्र पुष्कल हेतु पुष्कलावतदो नगर बसाया था गांधार देश में! गांधार का उल्लेख ऋग्वेद में है, लेकिनगांधार वर्णन वाल्मीकि रामायण में […] Read more » Taxila is the world's first university but who is not known to be the founder? तक्षशिला विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय
कविता आदमी हो आदमी के लिए कुछ भला करो June 30, 2022 / June 30, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकराजनीति ना करो आदमी होआदमी के लिए कुछ भला करो जीओ और मरो! जब तुम काम करते हो मरने मारने के गंदे,तब तुम हो नहीं किसी रहमदिल खुदा के बंदे! ये झूठ के सब धर्म मजहब पूजा नमाज हज,झूठ के सारे ईश्वर खुदा रब जो फैलाते नफरत! अगर कोई जीवन दे नही सकता […] Read more » be a man do something good for the man आदमी हो आदमी के लिए कुछ भला करो
कविता आयु निर्धारण सिर्फ जन्म नहीं मानसिक आत्मिक स्थिति से होती June 29, 2022 / June 29, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमानव की आयु का निर्धारणसिर्फ जन्म नहीं मानसिक स्थितिऔर आत्मा के पूर्व जन्मों सेसंग्रहित ज्ञान व यादाश्त से होती! सब मानव समकालीन होते समकाल मेंएक साथ आत्मा की सदेह उपस्थिति सेचाहे कोई उम्र से बालक हो या युवक होया वृद्धावस्था में हीं क्यों ना आ गए हों! सृष्टि के आरंभ सेपरमात्मा की उपस्थिति […] Read more » Age is determined not only by birth but by mental and spiritual condition. आयु निर्धारण सिर्फ जन्म नहीं मानसिक आत्मिक स्थिति से होती
कविता ये कैसा स्वर्ग लोक जन्नत कश्मीर है? June 27, 2022 / June 27, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकये कैसा स्वर्ग लोक जन्नत कश्मीर है?बहुत बहाया इसने मानव का रुधिर है! आरंभ में कश्मीर था जनपद गांधार का,गांधार, कम्बोज था जंबूद्वीप भारत कासोलह महाजनपद में सम्मिलित हिस्सा! कश्मीर पश्चिमोत्तर में शारदा मठ से लेकरवनिहाल तक केशर की धरती का अंत छोर,शारदा पीठ स्थित मधुमती नदी के तीर पर,आज शारदा पीठ है […] Read more » What kind of heaven is this Lok Jannat Kashmir ये कैसा स्वर्ग लोक जन्नत कश्मीर है?
कविता पहला प्यार नहीं मिलता।। June 27, 2022 / June 27, 2022 by अजय एहसास | Leave a Comment हो जाती है शादी जबरनदिल का द्वार नहीं खुलताइस दुनिया में कभी किसी कोपहला प्यार नहीं मिलता । मिला साथ ना जीवन भर काबस कुछ पल ही साथ रहेछूटने में होती है मुश्किलजब हाथों में हाथ रहेहार गए दुनिया से तोबाहों का हार नहीं मिलताइस दुनिया में कभी किसी कोपहला प्यार नहीं मिलता।। है जो […] Read more » First love is not found.