लेख अब अपराधी के मानस मूल्यांकन की सार्थक पहल March 5, 2022 / March 5, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- दुनिया के बहुत सारे देशों में फांसी की सजा का प्रावधान समाप्त किया जा चुका है और भारत में भी फांसी की सजा को समाप्त करने की मांग लगातार उठ रही है। प्रश्न है कि क्या मौत की सजा जैसे सख्त कानूनों के प्रावधान करने मात्र से अपराधों एवं अत्याचारों पर नियंत्रण पाया […] Read more » mental assessment of criminal Now meaningful initiative of mental assessment of criminal
कविता सुख नहीं दुख बांटने के लिए होते जन्म के रिश्ते March 4, 2022 / March 4, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | 1 Comment on सुख नहीं दुख बांटने के लिए होते जन्म के रिश्ते —विनय कुमार विनायककुछ रिश्ते बन कर आते हैंकुछ रिश्ते बनाए जातेबनकर आने वाले रिश्तों के प्रतिजिम्मेवारियां बहुत होतीतैयारियां कुछ नहीं होतीबस फर्ज वफादारियां निभाई जातीपिता भ्राता को देखकरअगर खिलखिलाने लगे बहन बेटियांतो सुकून मिलता हैसमझो निभ गई सारी जिम्मेदारियांजबतक ब्याही गई बहन बेटियांमुस्कुरा कर विदा होतीतो समझो मिट गई सभी दुश्वारियांजब ब्याही गई बहन बेटियांआंखें […] Read more »
कविता नागार्जुन का शून्यवाद; कुछ भी ध्रुव सत्य नहीं होता March 4, 2022 / March 4, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकनागार्जुन दक्षिण भारत के एक ब्राह्मण,एक सौ पचास से, ढाई सौ ई. मध्य में,माध्यमिक मतवादी बौद्ध दार्शनिक थे! आर्य नागार्जुन ने शून्यवाद दर्शन दिया,संसार में कुछ भी ध्रुव सत्य नहीं होता,सतत परिवर्तन को सत्य घोषित किया! नागार्जुन ने कहा था जिसे परम्परावादीवास्तविक ज्ञान कहते,वस्तुत:वे वस्तु केविषय में, निजी वक्तव्य होते किसी के! आमतौर […] Read more » ; nothing is true Nagarjuna's nihilism नागार्जुन का शून्यवाद
कविता बारूद के ढेर पर बैठी है आज ये दुनिया March 4, 2022 / March 4, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बारूद के ढेर पर बैठी है आज ये दुनिया,पता नही किधर जायेगी आज ये दुनिया।जब से हुआ है युद्ध रसिया यूक्रेन का,भयभीत हो गई है अब सारी ये दुनिया।। विश्व युद्ध न हो जाए,इससे परेशान है ये दुनिया,अपने अपने बचाव में लगी है सारी ये दुनिया,स्वार्थी सभी हो गए कोई किसी को न पूछता,कौन किसी […] Read more »
लेख शख्सियत समाज श्री रामकृष्ण परमहंस: भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत March 3, 2022 / March 3, 2022 by ललित गर्ग | 1 Comment on श्री रामकृष्ण परमहंस: भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत श्री रामकृष्ण परमहंस जयन्ती 4 मार्च, 2022 ललित गर्ग- प्राचीनकाल से ही भारत की रत्नगर्भा वसुंधरा माटी में ऐसे कई संत और महान व्यक्ति हुए है जिन्हें उनके कर्म, ज्ञान और महानता के लिए आज भी याद किया जाता है। जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और कर्तृत्व से न सिर्फ स्वयं को प्रतिष्ठित किया वरन् उनके अवतरण […] Read more » श्री रामकृष्ण परमहंस श्री रामकृष्ण परमहंस जयन्ती 4 मार्च
कहानी लास्ट एंड फाउंड March 2, 2022 / March 2, 2022 by दिलीप कुमार सिंह | Leave a Comment मुंबई के उपनगर मीरा रोड के बैंजो लेन में पहले तल पर “जाज “ ओपन एयर रेस्टोरेंट की ये एक उदास शाम थी । इस रेस्टोरेंट में सब कुछ खुला ही था यहां तक किचन भी ,सिर्फ वॉशरूम ढके -मूंदे थे। “जाज “ रेस्टोरेंट की खासियत ये थी कि यहाँ गीत-संगीत हमेशा गुंजायमान रहता था […] Read more » लास्ट एंड फाउंड
लेख संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी: गर्मी ले लेगी जान अगर नहीं लगी उत्सर्जन पर लगाम February 28, 2022 / February 28, 2022 by निशान्त | Leave a Comment जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट रिलीज़ हो चुकी है और यह रिपोर्ट बेहद खास है। ख़ास इसलिए क्योंकि इसमें साफ़ तौर पर वैश्विक स्तर पर बढ़ते कार्बन एमिशन और उसकी वजह से बदलती जलवायु का मानवता पर हो रहे असर का ज़िक्र है।रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के कुछ शहर, […] Read more » UN warning: heat will kill if emissions are not controlled गर्मी ले लेगी जान
जन-जागरण लेख स्त्री-पुरुष में अधिकारों का द्वंद ? February 26, 2022 / February 26, 2022 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment ‘मैरिटल रेप’ अब सिर्फ एक शब्द नहीं, हाल के दिनों में स्त्री अधिकार और उसके विमर्श का केंद्र बन गया है। भारत जैसे उदार देश में एक तरफ तीन तलाक और हालाला जैसी कुप्रथाएं पुरुष के एकाधिकार को साबित करती हैं। वहीं ‘मैरिटल रेप’ यानी वैवाहिक बलात्कार भी स्त्री अधिकारों का दमन है। यह समाजिक […] Read more » Rights conflict between men and women?
लेख आत्मदैन्य से मुक्ति का विमर्श है ‘भारतबोध का नया समय’ February 26, 2022 / February 26, 2022 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह राजपूत पत्रकारिता के आचार्य एवं भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी की नयी पुस्तक ‘भारतबोध का नया समय’ शीर्षक से आई है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर उन्होंने पूर्ण मनोयोग से अपनी इस पुस्तक की रचना-योजना की है। वैसे तो प्रो. द्विवेदी सदैव ही आलेखों के चयन एवं संपादन […] Read more »
कविता ज्ञान बांटने में नहीं कुछ खोने का डर February 25, 2022 / February 25, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमैं शब्दों का हमसफरमैं शब्द की साधना करता हूंमैं स्वर की अराधना करता हूंअक्षर-अक्षर नाद ब्रह्म हैमैं अक्षर की उपासना करता हूं! मैं लेखनी का मसीधरमैं भावचित्र बनाता कागज परलेखनी से लिपि उकेरकरमन के उद्गार को देता स्वरमैं वाणी की वंदना करता हूं! मैं पुस्तकों का हूं सहचरपुस्तक के पन्नों को खोलकरबंद विचारों […] Read more » Fear of losing nothing in sharing knowledge ज्ञान बांटने में नहीं कुछ खोने का डर
कविता गुरु की महिमा February 25, 2022 / February 25, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment गुरु बिन न ज्ञान होत है,गुरु बिन न कोई है समान |गुरु बिन मार्ग दिखत है,गुरु बिन बढे न कोई शान || गुरु ज्ञान की बेल है,बाकी सब है कंटीली बेल |ये ऊपर ले जायेगी,बाकी हो जायेगी सब फेल || गुरु की नित वंदन करो,हर दिन है गुरुवार |गुरु ही देता शिष्य को अच्छे अचार […] Read more » गुरु की महिमा
लेख बाघों की बढ़ती मौत चिंता का विषय February 24, 2022 / February 24, 2022 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment वन्यजीव प्रकृति की धरोहर हैं। वन्य प्राणियों की सुरक्षा हमारा मानवीय व राष्ट्रीय धर्म भी है। लेकिन इंसान की पैसा कमाने की लालच संरक्षित प्राणियों पर भारी पड़ रही है। भारत में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अनगिनत कानून होने के बावजूद भी संरक्षित जंगली प्राणियों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। हमारे […] Read more » The increasing death of tigers is a matter of concern बाघों की बढ़ती मौत