लेख श्रीकृष्ण की धर्म नीति August 31, 2021 / August 31, 2021 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment ‘‘नरोचित किन्तु क्या यह कर्म होगा ?नहीं इससे मलिन क्या धर्म होगा ?’’अर्जुन की इस जिज्ञासा पर कृष्ण का उत्तर विस्मयजनक है; अद्भुत है-‘‘हंसे केशव, वृथा हठ ठानता है,अभी तू धर्म को क्या जानता है ?कहूँ जो पाल उसको धर्म है यह।हनन कर शत्रु का सदधर्म है यह।।क्रिया को छोड़, चिंतन में फंसेगा,उलटकर काल तुझको […] Read more » श्रीकृष्ण की धर्म नीति
लेख शख्सियत सारस्वत व्यक्तित्व के धनी डाॅ बेचन August 29, 2021 / August 29, 2021 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment (पुण्य तिथि 30अगस्त पर विशेष)कुमार कृष्णनबहुआयामी सारस्वत व्यक्तित्व के धनी थे डाॅ विष्णु किशोर झा ‘बेचन’। बिहार के साहित्यिक,सांस्कृतिक एवं शैक्षिक जीवन के सशक्त हस्ताक्षर थे। ज्ञान-प्रभा से दीप्त उनका मुख-मण्डल सदैव स्निग्ध मुस्कान से खिला रहता था, जो सहज ही सबको आकर्षित करता था।एक महान शिक्षाविद, समर्थ साहित्यकार, समालोचक, प्रखर चिंतक, कला-संस्कृति के महान […] Read more » Dr. Bechan rich in Saraswat personality डाॅ बेचन डाॅ विष्णु किशोर झा डाॅ विष्णु किशोर झा बेचन
कविता जीवन की कुछ सच्चाईयां August 29, 2021 / August 29, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मृत्यु है जीवन का अंतिम छोर,ये तो सबको एक दिन आयेगी।इससे बच न सका कोई प्राणी,ये तो सबको संग ले जायेगी।। आता है जीवन में उतार चढाव,कोई भी नही इससे बच पाया है।जीव मरने के बाद जाता कहां हैं,ये सच कोई भी जान न पाया है।। चार दिन की है जवानी तेरी,फिर तो बुढ़ापा आ […] Read more » जीवन की कुछ सच्चाईयां
लेख आपके यहां क्या खास है? August 29, 2021 / August 29, 2021 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमारआपके यहां खास क्या मिलता है? यह सवाल हमारे यहां आम है. शौकिन भारतीय जहां कहीं भी जाते हैं, उनका सबसे पहले सवाल यही होता है. इस सवाल के जवाब में हर स्थान की कुछ ना कुछ खासियत भी होती है. इन्हीं खासियतों को हम भारतीय समाज की संस्कृति और परम्परा कहते हैं. विविध […] Read more » What's special about madhya pradesh नमक वाली चाय बैतूल जिले में काजू और काफी शरबती गेहूं और सोयाबीन होशंगाबाद रेशम उत्पादन के लिए मशहूर
धर्म-अध्यात्म लेख ईश्वर अनादि काल से हमारा साथी है और हमेशा रहेगा August 29, 2021 / August 29, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यअथर्ववेद के एक मन्त्र ‘अन्ति सन्तं न जहात्यन्ति सन्तं न पश्यति। देवस्य पश्य काव्यं न ममार न जीर्यति।।’ में कहा गया है कि ईश्वर जीवात्मा के अति समीप है। वह जीवात्मा का त्याग नहीं करता। इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि ईश्वर हमारे अति समीप है, जीवात्मा उसका त्याग नहीं कर सकता […] Read more » God is our companion from time immemorial and always will be ईश्वर
लेख सार्थक पहल कुछ और नहीं समझीयेगा , फर्क है सिर्फ नज़रिए का August 29, 2021 / August 29, 2021 by इ. राजेश पाठक | Leave a Comment ‘१७००० फीट ऊँचाई पर स्थित ये वो भूभाग है, जहां घांस का टुकड़ा भी नहीं उगता. लद्दाख अनुपयोगी, और रहने के लायक जगह नहीं है. हम खुद भी नहीं जानते कि वास्तव ये कहाँ स्थित है.’ अक्साई चिन को चीन के हांथों गवांते हुए , जवाहरलाल नेहरु नें ये बात कही थी.लेकिन अब स्थिति बदल […] Read more » electrification in laddhakh electrification in leh मोबाइल टॉवर का निर्माण लद्दाख सियाचिन ग्लेसिएर
कविता नए दौर का धृतराष्ट्र August 28, 2021 / August 28, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकतुमघृणा के पात्र हो,क्योंकि तुम धृतराष्ट्रहो!तुमने समग्र मानवता ही नहींसमग्रसृष्टि जगत के हिस्सों केस्नेह, प्यार, सहकार को समेटकरअपने लाड़ले दुर्योधन की झोली में देडाला! तुम्हारी कृपा का मोहताज वहचींटा भी थाजिसे तुमने लाड़ले की एक मुस्कान के लिएअंगूठे से दाबकरपिचक डाला था! उस चिड़े को भी जोअपनीचिड़ीकेसाथतुम्हारे आंगन मेंफुदक रहा थाजिसे तुमने लाडले […] Read more » Dhritarashtra of the new era नए दौर का धृतराष्ट्र
कविता जैनतीर्थंकर ऋषभदेव से महावीर तक August 26, 2021 / August 26, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायक ऋषभदेव हैं आदि जैन तीर्थंकर कहलाते आदिनाथ जिनके दाएं पैर के अंगूठे में पवित्र चिन्ह ‘लांछन’ है वृषभ का! ऋषभदेव ही वृषभनाथ हैं विष्णु के अंशावतार प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव से महावीर तक चौबीस हुए तीर्थंकर ऋषभदेव को निर्वाण मिला कैलाश पर्वत शिखर पर! फिर अजितनाथ,संभवनाथ,अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ,पद्मप्रभ, सुपार्श्वनाथ, चंद्रप्रभ, पुष्पदंत सुविधिनाथ,शीतलनाथ,श्रेयांसनाथ का निर्वाण […] Read more » From Jaintirthankara Rishabhdev to Mahavira ऋषभदेव से महावीर
कला-संस्कृति लेख वर्त-त्यौहार अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण की चमक August 26, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment जन्माष्टमी – 30 अगस्त, 2021 पर विशेष -ललित गर्ग – श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत नायक हैं। उनका जन्मोत्सव मानवजाति में उल्लास-उमंग को संचार करने के साथ नवीन मानवता के अभ्युदय का प्रतीक है, क्योंकि उन्होंने मनुष्य जाति को नया जीवन-दर्शन दिया। जीने की शैली सिखलाई। उनकी जीवन-कथा चमत्कारों से भरी है, लेकिन वे […] Read more » Janmashtami janmashtami 30 august 2021 krishnashtami Shri Krishna's shine in the vast sky of spirituality जन्माष्टमी - 30 अगस्त श्रीकृष्ण
लेख शिक्षण संस्थाओं को खोलने की जल्दबाजी कहीं महंगी ना पड़ जाए ? August 25, 2021 / August 25, 2021 by श्रीनिवास आर्य | Leave a Comment श्रीनिवास आर्य आंकड़ों के हिसाब से संक्रमण की रफ्तार बेशक धीमी दिख रही हो, लेकिन कोरोना महामारी से अभी छुटकारा नहीं मिला है। वैक्सीन के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। फिर बच्चों के लिए तो वैक्सीन अभी आई तक नहीं। ऐसे में उन्हें स्कूल बुलाना उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ हो सकता है। यह […] Read more » The hurry to open educational institutions should not be costly? शिक्षण संस्थाओं को खोलने की जल्दबाजी
लेख कर्तृत्वशक्ति का अहसास कराती महिलाएं August 24, 2021 / August 24, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment महिला समानता दिवस-26 अगस्त, 2021 ललित गर्ग महिला समानता दिवस 26 अगस्त को मनाया जाता है। सन 1920 में इस दिन संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान में 19वां संशोधन स्वीकार किया गया था। यह दिन महिलाओं को पुरुषों के समान मानने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। न्यूजीलैंड विश्व का पहला देश है, […] Read more » women feeling the power of duty कर्तृत्वशक्ति का अहसास कराती महिलाएं
लेख हिंदी दिवस हिन्दी आख़िर क्यों ? August 24, 2021 / August 24, 2021 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment संवाद की समरूपता में निहित है राष्ट्र की प्रगति § डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भाषा किसी दो सजीव में संवाद स्थापित करने का माध्यम है। जीव-जन्तु, पशु-पक्षियों और मनुष्य के अस्तित्व से ही संवाद का आरम्भ माना जाता है। प्रत्येक सजीव अपनी प्रजाति से किसी ने किसी भाषा में संवाद करते हैं। कोयल की कुहुक […] Read more » why hindi is important Why in Hindi? हिन्दी