लेख उधम सिंह ने उठाई थी अत्याचारियों के खिलाफ आव़ाज, दुनियाँ को भारतीय वीरता और दृढ़ता का दिया संदेश July 31, 2021 / July 31, 2021 by अरुण जायसवाल | Leave a Comment 31 जुलाई को भारत मां के वीर सपूत उधम सिंह की पुण्यतिथि मनाई जाती है, जिन्होंने बड़े ही बहादुरी से दुश्मन को उसी के घर में घुसकर मारा और जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लिया। सरदार उधम सिंह का नाम भारत की आजादी के इतिहास में एक महान क्रांतिकारी के रूप में दर्ज किया गया […] Read more » Udham Singh gave a message of Indian valor and perseverance to the world Udham Singh raised his voice against the tyrants उधम सिंह उधम सिंह की पुण्यतिथि
कविता आ लौट के आजा भारत मां के खून July 30, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायक आ लौट के आजा भारत मां के खून कि तुम फैले हुए हो काबुल से रंगून, तुम सगे भाई हो जैसे हिन्दू शक हूण! तुम भ्रमित होकर अपने में देखते गैर भारतीय, अरबी कबीले का गुण, तुम नहीं हो अरब के कबिलाई मूल, तुम हो बृहदतर भारत के हिन्दू कुल! इस तथ्य […] Read more » आ लौट के आजा भारत मां के खून
खेत-खलिहान लेख मानसून की बेरुखी से खरीफ की बुआई में विलम्ब होने से कृषक चिंतित July 30, 2021 / July 30, 2021 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” कृषि कार्य ही नहीं वरन देश की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए अहम मानी जाने वाली मानसूनी बारिश के बेरुखी के कारण खरीफ फसलों की बुआई में हो रही विलम्ब से देश के कृषक अभी से ही चिंतित, हतोत्साहित नजर आ रहे हैं। दक्षिणी -पश्चिमी मानसून के बिगड़े मिजाज से खरीफ की बुआई अर्थात […] Read more » खरीफ की बुआई में विलम्ब मानसून की बेरुखी
लेख शख्सियत समाज आम आदमी की आवाज बुलंद करते एंग्रीमैन पम्मा July 30, 2021 / July 30, 2021 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment योगेश कुमार गोयलतीखे तेवरों के साथ आम आदमी की आवाज को बुलंद करने के लिए विख्यात नेशनल अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत ंिसह पम्मा वैसे तो विगत 25 वर्षों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रामलीला मैदान सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर धरने-प्रदर्शन करते रहे हैं लेकिन ज्यादा चर्चा में वह उस समय आए थे, […] Read more » त नेशनल अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परमजीत ंिसह पम्मा
लेख भिक्षा मांगने की त्रासदी को जीना राष्ट्रीय शर्म है July 29, 2021 / July 29, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग –एक आदर्श शासन व्यवस्था की बुनियाद होती है समानता, स्वतंत्रता, भूख एवं गरीबी मुक्त शांतिपूर्ण जीवनयापन। राष्ट्र एवं समाज में भूख एवं गरीबी की स्थितियां एक त्रासदी है, विडम्बना है एवं दोषपूर्ण शासन व्यवस्था की द्योतक है। आजादी के बहत्तर वर्षों के बाद भी यदि भीख मांगने एवं भिखारियों के परिदृश्य देखने को […] Read more » It is a national shame to live the tragedy of begging भिक्षा भिक्षा राष्ट्रीय शर्म
कविता बूढ़ा पेड़ बरगद का July 29, 2021 / July 29, 2021 by लिमटी खरे | Leave a Comment तल्खियां मौसम की,हवाओं के थपेड़े,जाने और क्या – क्यासहा उसनेमगर रिश्ता कमजोरनहीं पड़ने दियाधरती से अपना! ज्यों – ज्योंउम्रदराज हुआरिश्ता और भीआगाध हुआउनका! हर मुसीबत को सह गयापर धरती कोअपने आलिंगन सेमुक्त ना होने दियाउसने! यही वज़ह है शायद…आज भी मुस्कुरा रहा हैमेरे गांव में बूढ़ा पेड़बरगद का! आशीष “मोहन” Read more » बूढ़ा पेड़ बरगद का
लेख सहारनपुर के मौलाना अब्दुल लतीफ़ ने बद्रीनाथ धाम पर ठोका मुस्लिमों का दावा July 28, 2021 / July 28, 2021 by आर बी एल निगम | Leave a Comment जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश चुनाव निकट आ रहे हैं, वोट ध्रुवीकरण की सियासत भी तेज होनी शुरू हो गयी है। पहले उत्तर प्रदेश समेत समस्त भारत को रामजन्मभूमि को विवादित बनाकर साम्प्रदायिकता की आग में झोंक रखा था, उसी तर्ज पर पर बद्रीनाथ को विवादित बनाकर देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने का प्रयास किया […] Read more » Maulana Abdul Latif of Saharanpur laid claim of Muslims on Badrinath Dham सहारनपुर के मौलाना अब्दुल लतीफ़ ने बद्रीनाथ धाम पर ठोका मुस्लिमों का दावा
कविता जितनी समस्या है विदेशी मजहब अपनाने से July 27, 2021 / July 27, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआज तमाम इस्लामी औ’ गैर-इस्लामी मुल्क में,जितनी समस्याएं है विदेशी मजहब अपनाने से! विदेशी मजहब मानने से, मानवता बदल जाती,पराई आस्था संस्कृति परंपरा अपना ली जाती! अपनी अच्छाई छोड़कर पराई बुराई पाई जाती,कोमलता को त्यागकर क्रूरता ग्रहण की जाती! हिन्दू बौद्ध संस्कृति के अफगानिस्तान की दशा,इस्लाम ग्रहण करने के बाद हो गई ऐसी […] Read more »
कविता कोरोना है इम्तिहानों का दौर July 27, 2021 / July 27, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment लौट आयेगी सभी खुशियां,अभी कुछ गमो का दौर है।जरा संभल कर रहो अभी,ये इम्तिहानों का दौर है।। बुरा वक़्त ये आया है,अच्छा वक़्त भी आयेगा।विश्वास कर ऊपर वाले पर,ये बुरा वक़्त भी टल जायेगा।। कर इबादत ऊपर वाले की,वहीं मदद तेरी कर पायेगा।ये बुरा वक़्त है चंद महीनों का,चन्द महीनों में कट जायेगा।। पहले भी […] Read more » Corona is the period of examinations कोरोना है इम्तिहानों का दौर
लेख बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर महामारी का असर July 27, 2021 / July 27, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- कोरोना महामारी के कारण बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। ज्यादातर राज्यों में जहां सवा साल से स्कूल बंद पड़े हंै, वहीं अस्पतालों में कोरोना पीड़ितों के दबाव के कारण बच्चों का इलाज प्रभावित हुआ है, उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधाएं सुलभ नहीं हो पायी है। महामारी के दौरान दो करोड़ […] Read more » corona and child impact of corona on child impact of corona on child study बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर महामारी का असर
लेख गांवों में रोजगार की सुविधाएं होंगी तो पलायन रुकेगा July 27, 2021 / July 27, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment नेहा कुमारी रांची, झारखंड कोरोना के संक्रमण ने जिस तरह गांवों को प्रभावित किया था, उससे यह साफ अंदाजा हो गया था कि इसे लेकर अभी भी लोगों में जागरुकता का अभाव है। वहीं अभी भले ही आंकड़ों में कमी आई है और टीकाकरण की रफ्तार को बल दिया गया है मगर कोरोना के तीसरे […] Read more » If there will be employment facilities in the villages then migration will stop. गांवों में रोजगार की सुविधाएं
कविता भारत का शिक्षा क्षेत्र में नहीं थी कोई शानी July 27, 2021 / July 27, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकभारत का शिक्षा क्षेत्र में नहीं थी कोई शानी,प्राचीन भारत में घर-घर में लोग होते ज्ञानी,तक्षशिला, बिहार का नालंदा और बिक्रमशिला,विश्वविद्यालय था पूरे विश्व में ख्यातनामी,तक्षशिला विश्वविद्यालय अब क्षेत्र पाकिस्तानी! छठी शताब्दी ई.पूर्व महावीर व बुद्ध काल से,नालंदा महाविहार मगध क्षेत्र में अवस्थित था,इस महाविहार को विश्वविद्यालय में ढाला था,गुप्तसम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने […] Read more » India had no competitor in the education sector भारत का शिक्षा क्षेत्र में नहीं थी कोई शानी