कविता कोयल की तेरी बोली February 10, 2021 / February 10, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआज देखा ठूंठ पर बैठावृद्ध कोयल को बेतहाशा रोतेअपने बच्चों की नादानी परबच्चे जो कौवे के कोटर में पलकर बड़े होतेजो होश संभालते ही घर छोड़ देते!कोयल जिसे घर नहीं होताजो हर शाख, जर्रा-जर्रा को घर समझता!जाने कैसे कोयल के बच्चेलड़ पड़े घर के लिए!समझाया भी था उसने‘कोयल की संतानों/ खुद को पहचानो’कुछ […] Read more » कोयल की तेरी बोली
लेख शख्सियत समाज संघ एवं सेवा के सुमेरु थे दर्शनलाल जैन February 10, 2021 / February 10, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग –वीर प्रसूता भारत माता की कोख से ऐसे अनगिनत लाल जन्में, जिन्होंने देश हित में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। राष्ट्रसेवी, समाजसेवी एवं संघसेवी दर्शनलाल जैन उनमें से एक हैं, जिन्होंने अपने जीवन के 94 वर्षों में जब से उनकी प्रज्ञा जागृत हुई, एक-एक क्षण राष्ट्र, समाज एवं व्यक्ति उत्थान एवं उन्नयन के […] Read more » Darshan Lal Jain Darshan Lal Jain was the Sumeru of the sangh and service दर्शनलाल जैन
कविता चाहे जितना जलाओ विचार जलता नहीं February 9, 2021 / February 9, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकचाहे जितना जलाओ विचार जलता नहीं,विचार मरता नहीं एकबार उग आने पर!युगों-युगों तक जीवित रहता रहेगा विचार! विचार एक सीधी रेखा है कागज पर,जो मिटता नहीं विचारक के मिट जाने पर! विचार एक अनाशवान हथियार है,जिसका होता नहीं कोई मारक प्रतिहथियार! एक विचार प्रतिस्थापित होता नेक विचार से,एक रेखा के समानांतर दूसरी बड़ी […] Read more » चाहे जितना जलाओ विचार जलता नहीं
कविता ऋतुराज बसन्त February 9, 2021 / February 9, 2021 by शकुन्तला बहादुर | Leave a Comment Read more » ऋतुराज बसन्त
लेख सूझ-बूझ से मुग़ल सल्तनत को जमींदोज़ किया February 8, 2021 / February 8, 2021 by इ. राजेश पाठक | Leave a Comment Read more » मुग़ल सल्तनत को जमींदोज़ किया
कविता भाषा नहीं किसी धर्म-मजहब की, ये पुकार है रब की February 8, 2021 / February 8, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकपाट दो मन की खंदक-खाई,भाषा की दीवार नहीं होतीहवा सी उड़कर जाती-आती, भाषा मन पर सवार होती! इसपार-उसपार उछल जाती, खुद ही विस्तार हो जाती,भाषा ध्वनि का झोंका है, पूरे संसार में फैलती जाती! बड़े-बड़े साम्राज्य ढह गये,उजड़ गये भाषा की मार से,बड़ी धारदार होती भाषा,किन्तु बिना तलवार की होती! भाषा सदा से […] Read more »
लेख घूंघट में रह कर स्वावलंबी बनती ग्रामीण महिलाएं February 8, 2021 / February 8, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment राजेश निर्मल सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश इंसान और पशु में बस इतना ही फ़र्क है कि पशु अपना सारा जीवन खाने और सोने में गुज़ार देता है, लेकिन इंसान की शिक्षा उसे इतना सक्षम बनाती है कि वह खुद के साथ साथ अपना और अपने समाज को बढ़ाने में मदद करता है। बाबा साहब अम्बेडर हमेशा कहा […] Read more » Rural women become self-sufficient by living in the veil स्वावलंबी बनती ग्रामीण महिलाएं
पर्यावरण लेख क्या टल सकती थी चमोली में ग्लेशियर फटने से हुई तबाही? February 8, 2021 / February 8, 2021 by निशान्त | Leave a Comment रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूटने से हुई भारी तबाही क्या टल सकती थी? अगर 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन में दी गयी चेतावनी पर ध्यान दिया गया होता तो अगर ये आपदा टल नहीं सकती थी, तो कम से कम इसके जोखिम को कम करने के लिए उचित […] Read more » Could the destruction of the glacier in Chamoli be averted? चमोली में ग्लेशियर फटने से हुई तबाही
साहित्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा बलिदान था “15 फरवरी 1932 का तारापुर शहीद दिवस” February 8, 2021 / February 8, 2021 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment देश को आजादी कितनी कुर्बानियों के बाद हासिल हुई है, इसका अंदाजा शायद नई पीढ़ी को नहीं होगा. इसमें उनका दोष भी नहीं है. वे आजाद भारत में पैदा हुए हैं और बिल्कुल अलग परिवेश में जी रहे हैं. इन 70 वर्षों में काफी कुछ बदल चुका है. लेकिन उन्हें इस बारे में […] Read more » 15 फरवरी 1932 का तारापुर शहीद दिवस तारापुर गोलीकांड तारापुर शहीद दिवस
लेख विज्ञान की जननी है वेद February 7, 2021 / February 7, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है वि+ज्ञान अर्थात विशेष ज्ञान,ही विज्ञान है|विज्ञान में “वि” पूर्वप्रत्यय है जो शब्दों के आरम्भ में जुड़कर अर्थ देता है|विज्ञान को अंग्रेजी में‘साइंस’कहते है,यह शब्द लेटिन भाषा के “साइन्सिया” शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है जानना।अतएव हम कह सकते हैं किसी भी ज्ञान का विशेष स्वरुप […] Read more » विज्ञान की जननी है वेद
कविता अहिंसा की हिंसा February 7, 2021 / February 7, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकअहिंसक का हिंसा का शिकार हो जाना है,अहिंसा का हिंसा के प्रति अहिंसक हो जाना! हिंसा एक कुप्रथा है, अहिंसा धर्म से पोषित,ईसा अहिंसक थे इतना कि हिंसकों के लिएउनके दिल से आखिरी उद्गार निकला क्षमा! ईसापूर्व अशोक शोकग्रस्त तब हुए,जब हिंसा केविरुद्ध युद्ध विरत हो अहिंसक बौद्ध हो गए,हिंसकों का सबसे बड़ा […] Read more » अहिंसा की हिंसा
लेख समाज बुजुर्गों का ख़्याल रखना हमारा कर्तव्य February 6, 2021 / February 6, 2021 by सोनम लववंशी | 1 Comment on बुजुर्गों का ख़्याल रखना हमारा कर्तव्य किसी ने सच ही कहा है कि हम सब कुछ बदल सकते है, लेकिन अपने पूर्वज नहीं। उनके बिना न ही हमारा वर्तमान सुरक्षित है और ना ही भविष्य की नींव रखी जा सकती है। हमारे पूर्वज ही इतिहास से भविष्य के बीच की कड़ी होते है। इन सबके बावजूद अफ़सोस की आज हम अपने […] Read more » It is our duty to take care of the elderly बुजुर्गों का ख़्याल रखना हमारा कर्तव्य