राजनीति विधि-कानून न्यायिक नियुक्ति आयोग की गुत्थी October 19, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | Leave a Comment पीयूष द्विवेदी सभी राजनीतिक दलों द्वारा संसद में एकसुर से पारित किए गए ‘राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग-२०१४’ (एनजेएसी) क़ानून को निरस्त कर सर्वोच्च न्यायालय ने मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है। न्यायालय द्वारा इस क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए न केवल निरस्त किया गया बल्कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की पुरानी कोलेजियम व्यवस्था को पुनः […] Read more » Featured कोलेजियम व्यवस्था न्यायिक नियुक्ति न्यायिक नियुक्ति आयोग राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग
राजनीति विधि-कानून लोकतांत्रिक स्तंभों में टकराव October 19, 2015 by आदर्श तिवारी | Leave a Comment सुप्रीम कोर्ट नेशुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय न्यायिक न्युक्ति आयोग को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया है तथा इससे संबंधित अधिनियम को भी रदद् कर दिया.केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की न्युक्ति और तबादले के लिए राष्ट्रीय न्यायिक न्युक्ति आयोग एक्ट का गठन किया […] Read more » Featured लोकतांत्रिक स्तंभों में टकराव
विधि-कानून विविधा संविधान की हुई जीत। October 17, 2015 / October 17, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment बी. आर. कौण्डल सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को असंवैधानिक ठहरा कर यह साबित कर दिया कि इस देश में संविधान सर्वोपरि है न की विधायिका। भारतीय संविधान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता का प्रावधान किया गया है जिसकी सुरक्षा करना न्यायपालिका का धर्म है। हाल के फैसले में उच्चतम न्यायालय ने उस धर्म […] Read more » Featured संविधान
विधि-कानून विविधा सीबीआई की मिट्टी पलीत के बाद क्या? October 17, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment हमारे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जैसी मिट्टी अभी पलीत हुई है, वैसी पहले कभी नहीं हुई। एक विशेष अदालत ने फैसला दिया है कि इस ब्यूरो के उस अधिकारी की जांच होनी चाहिए, जिसने टेलिकॉम सचिव श्यामल घोष और तीन टेलिकॉम कंपनियों के विरुद्ध झूठा आरोप-पत्र बनाया और उन्हें किसी के इशारे पर बदनाम […] Read more » Featured सीबीआई की मिट्टी पलीत सीबीआई की मिट्टी पलीत के बाद क्या?
राजनीति विधि-कानून सबके कल्याण की संहिता October 15, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि वह देश के सभी नागरिकों के लिए समान आचार संहिता कब बनाएगी। बनाएगी या नहीं? उसने यह इसलिए पूछा है कि संविधान के नीति−निर्देशक तत्वों में ऐसा कहा गया है। समान आचार संहिता की मांग सिर्फ भाजपा करती है। अन्य कोई राजनीतिक दल नहीं […] Read more » Featured uniform civil code सबके कल्याण की संहिता
विधि-कानून विविधा आत्मदाह के प्रयास को गैर-आपराधिक बनाने का निर्णय October 3, 2015 / October 3, 2015 by वीरेश्वर तोमर | Leave a Comment वीरेश्वर तोमर अंततः केन्द्र सरकार ने आत्महत्या को गैर -आपराधिक बनाने का निर्णय विचाराधीन कर ही लिया| यह विधि आयोग की 210वीं रिपोर्ट (वर्ष 2014) के आधार पर किया गया| अतः भारतीय दंड संहिता की धारा 309 को हटा दिया जायेगा, जो आत्महत्या का प्रयास करने वाले को अपराधी मानते हुए एक वर्ष के कारावास […] Read more » Featured आत्मदाह
आर्थिकी विधि-कानून समाज आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज क्यों ? September 27, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | 1 Comment on आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज क्यों ? पीयूष द्विवेदी आरक्षण तो इस देश में हमेशा से ही बहस, विवाद और राजनीति का विषय रहा है । पर फ़िलहाल कुछ समय से ये विषय ठण्डा पड़ा था जिसे गुजरात में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पटेल आरक्षण की मांग को लेकर उठे विवाद ने एकबार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया । […] Read more » Featured आर्थिक आधार पर आरक्षण आर्थिक आधार पर आरक्षण से परहेज
विधि-कानून विविधा संयुक्त सुरक्षा परिषद् में पुनर्गठन की पहल September 24, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on संयुक्त सुरक्षा परिषद् में पुनर्गठन की पहल प्रमोद भार्गव सुरक्षा परिषद् में सुधार और विस्तार की मांग जब-तब अंगड़ाई लेती रही है। किंतु यह पहली बार संभव हुआ है कि इस मांग को औपचारिक विचार-विमर्श के लिए संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने सर्व-सम्मति से मंजूर किया है। इस नाते यह एक वैश्विक परिघटना है,क्योंकि इसके पहले इस तरह के प्रस्ताव दो बार […] Read more » Featured संयुक्त सुरक्षा परिषद् सुरक्षा परिषद् में पुनर्गठन की पहल
जन-जागरण विधि-कानून समाज अब समान नागरिक संहिता लागू करने का सही समय September 4, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित आजकल बिहार विधानसभा चुनावों का दौर चल रहा है। बिहार के चुनावों में जातिगत मुददा हावी है इसी बीच केंद्र सरकार ने धर्म आधारित जनगणना के आंकड़ों को बेहद शांत तरीके से जारी कर दिये हैं जिसके बाद जनमानस में एक नयी बहस को भी जन्म दे दिया है। इन आंकड़ों को देखकर […] Read more » समान नागरिक संहिता
विधि-कानून विविधा बाल मजदूरी August 27, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment पियूष पटेरिया बच्चों को देख न जाने क्यों अपने आप ही चहरे पर एक मुस्कान सी आ जाती है , सच ही कहा किसी ने बच्चो मे भगवान होते है बच्चो से भी ज्यादे आगर कोई ओर प्यारी चीज हो तो वो है बचपन , सभी का बचपन एक अलग ही रोचक ओर मजेदार होता […] Read more » बाल मजदूरी
विधि-कानून विविधा शिक्षा में सामाजिक न्याय की पहल August 23, 2015 / August 23, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः इलाहाबाद हाईकोर्ट का सरकारी स्कूलों में पढ़ें नौकरशाहों के बच्चे:- प्रमोद भार्गव सरकारी शिक्षा में सुधार के तमाम प्रयोगों की असफलता के तारतंभ में इलाहाबाद उच्चन्यायालय का शिक्षा में बुनियादी सुधार से संबंधी अहम् फैसला आया है। बशर्तें इसे बहाने बनाकर टाला न जाए। शिव कुमार पाठक द्वारा दायर जनहित याचिका पर फैसला सुनाते […] Read more »
विधि-कानून विविधा समाज भारतीय भाषाएँ और छात्रों के मानवीय अधिकारों का प्रश्न- डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री August 21, 2015 / August 21, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on भारतीय भाषाएँ और छात्रों के मानवीय अधिकारों का प्रश्न- डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री पिछले दिनों उत्तराखंड के नगर रुड़की में स्थित आई.आई.टी (भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान ) ने अपने पचास से भी ज़्यादा छात्रों को बाहर का दरवाज़ा दिखा दिया । संस्थान का कहना है कि ये छात्र पढ़ाई लिखाई में बहुत पिछड़े हुये हैं । यहाँ का कोर्स पूरा कर पाना इन छात्रों के बस का काम […] Read more »