विधि-कानून विविधा पंजाब पुलिस की भूमिका January 7, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान इन दिनों पठानकोट एयरबेस पर चरमपंथी हमले के लिए सोशल मीडिया पर ही नहीं बल्कि तमाम जिम्मेदार लोगों द्वारा पंजाब पुलिस की भूमिका की खासी आलोचना हो रही है। कुछ हथियारंबद लोगों ने पठानकोट एयर बेस पर हमला किया था। कई घंटों तक चली कार्रवाई में सुरक्षा बलों के सात जवानों की मौत […] Read more » Featured the role of punjab police पंजाब पुलिस की भूमिका
विधि-कानून समाज मुस्लिम तलाक का कानून हिन्दूओं जैसा क्यों नही है December 31, 2015 by अरूण पाण्डेय | 2 Comments on मुस्लिम तलाक का कानून हिन्दूओं जैसा क्यों नही है कश्मीर में लगभग चालीस मुस्लिम महिलाओं ने शरीयत अदालत में वाद दाखिल किया और अपने शौहर को इसलिये तलाक दे दिया क्योेकि वह नशे में रहते थे और उनका मानसिक , शारीरिक व आर्थिक शोषण किया करते थे। जिसे मुस्लिम शरीयत अदालत ने सही माना ओर मंजूर कर लिया। इसी के साथ वह रास्ता भी […] Read more » Featured muslim divorce law is not like hindus मुस्लिम तलाक मुस्लिम तलाक का कानून
जन-जागरण विधि-कानून समाज क्या भविष्य में निर्भय हो पाएगी निर्भया ? December 30, 2015 by बी.आर.कौंडल | 1 Comment on क्या भविष्य में निर्भय हो पाएगी निर्भया ? बी. आर. कौण्डल आखिर भारतीय संसद ने जन आक्रोश को ध्यान में रखते हुए किशोर न्याय विधेयक 2015 को पास कर ही दिया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के उपरान्त यह कानून की शक्ल ले लेगा। देर से ही सही लेकिन भारतीय संसद ने यह दुरूस्त कदम ले ही लिया है जोकि आज से तीन साल […] Read more » Featured juvenile justice act क्या भविष्य में निर्भय हो पाएगी निर्भया ?
विधि-कानून समाज नाबालिग अपराधी आए वयस्क की श्रेणी में December 24, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव आखिरकार जन दबाव और आक्रोष के चलते बहुचर्चित किशोर न्याय विधेयक 2015 लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी बिना किसी गंभीर बहस-मुबाहिसा के पारित हो गया। एक गंभीर विधेयक को आनन-फानन में पारित हो जाना संतोषजनक स्थिति नहीं है। मई में लोकसभा से पारित होने के बाद इस विधेयक को कई मर्तबा चर्चा […] Read more » 18 to 16 Featured juvenile age from 18 to 16 नाबालिग अपराधी वयस्क की श्रेणी
विधि-कानून ये क़ानून की समीक्षा का सही समय है December 20, 2015 by राकेश अचल | Leave a Comment देश को हिलाकर रख देने वाले निर्भया कांड में दोषी नाबालिग़ की रिहाई के खिलाफ अगले चौबीस घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इस मुद्दे पर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी।निर्भया काण्ड के सजा याफ्ता आरोपी को अदालत से मिली सजा पूरी होने के बाद तकनीकी आधार पर रिहा किया जा […] Read more » Featured क़ानून की समीक्षा
राजनीति विधि-कानून अदालत का तमाचा December 18, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तरप्रदेश पर लोकायुक्त थोप कर हमारी शासन व्यवस्था पर करारा तमाचा जड़ दिया है। अपने देश या किसी प्रदेश में लोकपाल या लोकायुक्त नियुक्ति जिन्हें करनी है, वे न कर पाएं और यह काम अदालत को करना पड़े, यह कम शर्म की बात नहीं है। अदालत की तीन चेतावनियों के बावजूद उ.प्र. […] Read more » Featured अदालत का तमाचा
जन-जागरण विधि-कानून विविधा राज का विकास, पंचायती का ह्यस सुधार जरूरी November 26, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment पंचायती राज आईने मंे अक्स देखने का वक्त या राज का विकास, पंचायती का ह्यस सुधार जरूरी अपने नये पंचायती राज की उम्र 22 साल, सात महीने से कुछ दिन अधिक की ही हो गई है। आगे की दिशा निश्चित करने के लिए जरूरी है कि पंचायती राज के अभिभावक, आकलन करें। बतौर मानक, तीन […] Read more » Featured पंचायती का ह्यस सुधार जरूरी
विधि-कानून विविधा अदालतों को मेरे सिर्फ दो सुझाव November 7, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ.वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय और सरकार के बीच आजकल युद्ध छिड़ा हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीशों की नियुक्ति में पूर्ण स्वतंत्रता चाहता है। इसी संदर्भ को उसने ज़रा व्यापक कर दिया है। उसने देश के विधि विशेषज्ञों, जजों, वकीलों, सांसदों और प्रबुद्धजन से तो सुझाव मांगे ही हैं, साधारण लोगों से भी पूछा है कि […] Read more » अदालतों को मेरे सिर्फ दो सुझाव दो सुझाव
विधि-कानून समाज सार्थक पहल तीस वर्षो बाद देश की लाखों ‘शाहबानों’ को मिलेगा इंसाफ October 29, 2015 by संजय सक्सेना | Leave a Comment संजय सक्सेना हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी अदालत एक बार फिर कट्टरपंथियों की परवाह न करते हुए जनहित याचिका के माध्यम से तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिये कमर कस रहा है। धार्मिक रूढ़िवादी मान्यताओं से परे हट कर सुप्रीम कोर्ट ने मनमर्जी के तलाक, पहली पत्नी के रहते पति के दूसरी शादी […] Read more » Featured तीस वर्षो बाद देश की लाखों ‘शाहबानों’ को मिलेगा इंसाफ
विधि-कानून विविधा न्यायपालिका की तानाशाही October 27, 2015 / October 28, 2015 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment वीरेन्द्र सिंह परिहार लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार सर्वोच्च न्यायालय ने मोदी सरकार के ‘‘न्यायिक नियुक्ति आयोग’’ को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि यह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कहा गया कि संविधान द्वारा न्यायपालिका को स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है और एनजेएसी एक्ट से इस अधिकार मे […] Read more » Featured न्यायपालिका की तानाशाही
विधि-कानून विविधा सामाजिक न्याय और न्यायपालिका की भूमिका October 27, 2015 / October 28, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान इतिहास गवाह है कि अनेकों शताब्दियां बीत गईं लेकिन मानव सामाजिक न्याय को प्राप्त करने भटकता रहा है और इसी कारण दुनिया में कई युद्ध, क्रांति, बगावत, विद्रोह, हुये हैं जिसके कारण अनेक बार सत्ता परिवर्तन हुए हैं। अगर भारत की बात की जाये तो हमारा भारतीय समाज पहले वर्ण व्यवस्था आधारित था […] Read more » Featured न्यायपालिका की भूमिका सामाजिक न्याय
राजनीति विधि-कानून समान नागरिक संहिता के पेंच ? October 21, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- समान नागरिक संहिता पर सर्वोच्च न्यायालय का राजग सरकार को निर्देश- सर्वोच्च न्यायलय ने एक बार फिर चिंता जताई है कि ‘समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में केंद्र सरकार का क्या रुख है। अपनी स्पष्ट राय तीन सप्ताह के भीतर न्यायालय के सामने रखे।‘ दरअसल संविधान में दर्ज नीति-निर्देशक सिद्धांत भी […] Read more » Featured समान नागरिक संहिता समान नागरिक संहिता के पेंच ?