विधि-कानून सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आरक्षित वर्गों के गले की हड्डी ना बन जाये? March 19, 2015 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment जाट जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग से बाहर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने आरक्षित वर्गों और जातियों के समक्ष अनेक सवाल खड़े कर दिये हैं। आगे लिखने से पूर्व यह साफ करना जरूरी है कि जाट जाति आरक्षण की पात्र है या नहीं? इस बात का निर्णय करने का मुझे कोई हक […] Read more » आरक्षित वर्गों के गले की हड्डी सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
आलोचना जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख मीडिया विधि-कानून विविधा व्यंग्य वाकई, मॉल के पास तक ही रहता है संविधान का राज March 17, 2015 / March 17, 2015 by बी.पी. गौतम | Leave a Comment फिल्में सिर्फ मनोरंजन भर का साधन नहीं हैं। आंदोलन का भी माध्यम हैं फिल्में। देश और समाज की दशा प्रदर्शित कर सामाजिक परिवर्तन में बड़ी सहायक रही हैं फिल्में। दलितों और महिलाओं के साथ पिछड़े वर्ग की सोच बदलने में फिल्मों की भूमिका अहम रही है। हाल-फिलहाल एनएच- 10 नाम की फिल्म चर्चा में है। […] Read more » comments against woman dangerous delhi eve teasing law Mall मॉल मॉल के पास तक ही रहता है संविधान का राज वाकई संविधान का राज
आलोचना चिंतन जरूर पढ़ें परिचर्चा महत्वपूर्ण लेख महिला-जगत विधि-कानून समाज स्त्री-पुरुष संबंध: पूर्व और पश्चिम March 14, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 8 Comments on स्त्री-पुरुष संबंध: पूर्व और पश्चिम (एक) साहस भीड पर एक पत्थर मार कर कुछ कहना चाहता हूँ, कि रूको मेरी बात सुनो। आज, मैं तालियों के लिए नहीं लिख रहा । वैसे दुःख पर तालियाँ कैसी? एक दुःसाहस ही करता हूँ। यह मेरा अपना दृष्टिकोण है। आज ही सुन लो; कल देर हो जाएगी। एक सुशुप्त ज्वालामुखी देश में उबाल […] Read more » changing woman gender biased gender discourse gender equality live in relation relationship sexual views woman in the modern world womans world स्त्री-पुरुष संबंध: पूर्व और पश्चिम
जन-जागरण विधि-कानून आइए जाने भूमि अधिग्रहण बिल March 13, 2015 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | 1 Comment on आइए जाने भूमि अधिग्रहण बिल विचारधारा का विरोध, राष्ट्रविरोध नही होता डा. अरविन्द कुमार सिंह सुख, शान्ति एवं समृद्धि जहाँ आज शहर, वहाँ कल खेती थी। आज जहाँ उद्योग, वहा कल खेती थी। जहाँ रोड, रेलवे लाईन वहाँ कल खेती होती थी। जमीन या तो किसी व्यक्ति विशेष की है फिर सरकार की। शहर के लोगो […] Read more » भूमि अधिग्रहण बिल
राजनीति विधि-कानून संसद में कश्मीर संकल्प के बाद विफल 21 वर्ष February 21, 2015 / February 21, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment भारतीय गणराज्य में जम्मू कश्मीर राज्य का एक भिन्न प्रकार का ही स्थान रहा है. संवैधानिक स्तर पर एक भिन्न प्रावधानों वाला राज्य और भारतीय जनमानस में एक असहजता भरा राज्य !! कश्मीर को असहजता से सहजता की ओर ले जानें के प्रयास बहुतेरे हुयें हैं, ये प्रयास कई अवसरों पर ईमानदार और कई […] Read more » संसद में कश्मीर संकल्प
विधि-कानून जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में विधान सभा चुनाव को लेकर उठा विवाद February 9, 2015 / February 9, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री किसी भी न्यायालय में जो वक़ील वकालत करते हैं , उनकी एक अपनी संस्था रहती है , जिसे बार एसोसिएशन कहा जाता है । आम आदमी की भाषा में कहना हो तो इसे उस न्यायालय की वक़ील यूनियन कहा जा सकता है । इस बार एसोसिएशन के बाक़ायदा चुनाव होते हैं […] Read more » जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट विधान सभा चुनाव विधान सभा चुनाव को लेकर उठा विवाद
विधि-कानून नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति: क्या समझा जाएगा शिक्षकों का दृष्टिकोण ? February 3, 2015 / February 3, 2015 by सुरेन्द्र कुमार पटेल | Leave a Comment 66वें गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति लांच की है।अखबारों में आ रहे विज्ञापनों के अनुसार नई शिक्षा नीति के निर्माण में जन-जन का मन्तव्य जाना जाएगा।स्थानीय स्तर पर नई शिक्षा नीति पर सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे , उन पर बहस कराया जावेगा। सार्थक बहस से जो निष्कर्ष प्राप्त होगे उन्हें नई […] Read more » नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
विधि-कानून समान नागरिक संहिता राष्ट्रीय एकता का प्रतीक January 30, 2015 / January 31, 2015 by बी.आर.कौंडल | 1 Comment on समान नागरिक संहिता राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बी.आर.कौंडल विविधता में एकता का समावेश इस बात का प्रतीक है कि हम विभिन्न धर्म, भाषा व संस्कृति के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे है | संविधान रचेताओं ने विभिन्न राष्ट्रों के संविधान का अध्ययन करने के उपरांत भारत के संविधान की रचना की थी तथा जो-जो प्रावधान उन्हें अपने राष्ट्र के अनुकूल लगे, […] Read more » समान नागरिक संहिता
विधि-कानून हमारा संविधान और ब्रिटिश सत्ताधीश January 28, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कांग्रेस में गांधीजी का आविर्भाव 1914 ई. से हुआ। 1922 ई. में गांधीजी ने पहली बार कहा कि भारत का राजनैतिक भाग्य भारतीय स्वयं बनाएंगे। कांग्रेस के इतिहास लेखकों ने गांधीजी के इस कथन को संविधान निर्माण की दिशा में उनकी और कांग्रेस की पहली अभिव्यक्ति के रूप में निरूपति किया है। जिसका अभिप्राय है […] Read more » ब्रिटिश सत्ताधीश हमारा संविधान
विधि-कानून अध्यादेशों पर राष्ट्रपति की चिंता January 24, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव सात माह के कार्यकाल में केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेशों के जरिए कानून बनाने की प्रक्रिया पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गंभीर चिंता जताई है। राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होने के नाते अभिभावक की भूमिका में भी रहते हैं। इसलिए उनकी चिंता पर गौर करने की जरूरत है। महामहिम ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों और […] Read more » अध्यादेश राष्ट्रपति की चिंता
विधि-कानून महाभारत का एक श्लोक और हमारा संविधान January 24, 2015 / January 24, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment मनुष्य के लिए सबसे उत्तम संविधान क्या है? यह प्रश्न इस जगत के सृष्टा के हिरण्यगर्भ रूपी मानस में उस समय भी था जब कोई नही था और कोई था तो वह-च्च्भूतस्य जात: पतिरेक आसीत्ज्ज् सभी भूतों (प्राणियों) का एक मात्र स्वामी ईश्वर था। तब उस ‘एक’ ने अपनी समस्त प्रजा के लिए (मानव मात्र […] Read more » महाभारत का एक श्लोक हमारा संविधान
विधि-कानून भारतीय संविधान -कमजोर लोगों के शोषण का एक साधन January 12, 2015 / January 12, 2015 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | Leave a Comment श्री सेठ दामोदर स्वरुप ने डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में दिंनाक 19.11.1949 को संविधान सभा में बहस को आगे बढाते हुए आगे कहा कि महात्मा गाँधी ने अपने जीवनभर विकेन्द्रीयकरण की वकालत की है| आश्चर्य का विषय है उनके विदा होते ही हम इस बात को भूल गए हैं और राष्ट्रपति व केंद्र को […] Read more » भारतीय संविधान