राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान September 29, 2010 / December 22, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on ये है दिल्ली मेरी जान -लिमटी खरे चूल्हे में हगें, शनीचर को दोष दें. . . बुंदेलखण्ड की बहुत पुरानी कहावत है -‘‘चूल्हे में हगें, शनीचर को दोष दें. . .। अर्थात पुराने जमाने के शौचालयों के बजाए अलह सुब्बह जाकर चूल्हे में जाकर पॉटी कर दी और सुबह जब देखा तो कहने लगे शनी भारी हो गया है हमारे […] Read more » Delhi
राजनीति गिलानी-मलिक-मीरवायज़ के सामने घिघियाता हुआ सा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल… September 22, 2010 / December 22, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | 8 Comments on गिलानी-मलिक-मीरवायज़ के सामने घिघियाता हुआ सा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल… प्रतिनिधिमंडल में गये हुए नेताओं की मुखमुद्रा, भावभंगिमा और बोली ऐसी थी, मानो भारत ने कश्मीर में बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो। शुरु से आखिर तक अपराधीभाव से गिड़गिड़ाते नज़र आये सभी के सभी। मुझे अभी तक समझ नहीं आया कि अरुण जेटली और सुषमा स्वराज जैसे लोग इस प्रतिनिधिमण्डल में शामिल हुए ही क्यों? रामविलास पासवान और गुरुदास दासगुप्ता जैसे नेताओं की नज़र विशुद्ध रुप से बिहार और पश्चिम बंगाल के आगामी चुनावों के मुस्लिम वोटों पर थी। यह लोग गये तो थे भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्डल के रुप में, लेकिन उधर जाकर भी मुस्लिम वोटरों को लुभाने वाली भाषा से बाज नहीं आये। Read more » Terrorism in Kashmir
राजनीति गांधीवाद के हत्यारे कम्युनिस्ट! September 22, 2010 / December 22, 2011 by रामदास सोनी | 13 Comments on गांधीवाद के हत्यारे कम्युनिस्ट! -रामदास सोनी स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही देश की शिक्षा पद्धति और विभिन्न वैचारिक प्रतिष्ठानों पर वामपंथी विचारधारा से प्रभावित लोगो का वर्चस्व रहा है। भारत के गौरवशाली इतिहास को कायरता का इतिहास बताने वाले वामपंथियों ने भारत को पिछले छ: दशकों में निराशा के गर्त में धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपने […] Read more » Communist कम्युनिस्ट गांधीवाद
राजनीति स्वायतत्ता तोहफा नहीं, गुलामी की दावत September 21, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on स्वायतत्ता तोहफा नहीं, गुलामी की दावत – भरतचंद्र नायक गत दिनों लोक सभा में जब कश्मीर के बिगड़ते हालात पर चर्चा के दौरान ठोस कदम उठाने की पुरजोर वकालत की जा रही थी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्र सरकार में मंत्री डॉ.फारुख अब्दुल्ला ने फरमाया कि ऐसे वक्त जब भारत सरकार दुनिया की एक बड़ी ताकत है और जम्मू-कश्मीर के […] Read more » Autonomy जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता
राजनीति भाजपा और कमल नाथ में जारी है नूरा कुश्ती September 21, 2010 / December 22, 2011 by लिमटी खरे | 2 Comments on भाजपा और कमल नाथ में जारी है नूरा कुश्ती -लिमटी खरे कांग्रेसनीत केंद्र सरकार में भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ और मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी में नूरा कुश्ती तेज हो गई है। कभी भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार के लोक कर्म मंत्री दिल्ली जाकर मध्य प्रदेश को कमल नाथ द्वारा सबसे अधिक राशि देने के चलते कमल नाथ की शान में कसीदे […] Read more » Congress कमलनाथ कांग्रेस भाजपा
राजनीति जब कौआ चले हंस की चाल September 21, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 4 Comments on जब कौआ चले हंस की चाल -पंकज झा पौराणिक पक्षी हंस के बारे में मान्यता है कि अगर उसके सामने आप दूध मिला पानी रख दें तो वह पानी को अलग कर ‘दूध’ ग्रहण कर लेता है. शास्त्रों में इसे नीर-क्षीर विवेक कहा गया है. ‘साहित्य’ से भी यही अपेक्षा की जा सकती है वह यदि सर्वजन हिताय काम ना कर […] Read more » Violence हिंसा
राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान September 20, 2010 / December 22, 2011 by लिमटी खरे | 2 Comments on ये है दिल्ली मेरी जान -लिमटी खरे राजा युवराज साथ साथ होंगे सक्रिय कांग्रेस के ताकतवर महासचिव राजा दिग्विजय सिंह के कुलदीपक युवराज जयवर्धन सिंह के मन मस्तिष्क में भी राजनीति के बियावान में हाथ अजमाने की इच्छाएं कुलाचंे मारने लगी हैं। राजा और युवराज दोनों ही सक्रिय राजनीति में एक साथ पदार्पण कर सकते हैं। युवराज जयवर्धन सिंह ने […] Read more » Delhi
राजनीति सिर्फ बयानबाजी से दूर नहीं होगी कश्मीर समस्या September 20, 2010 / December 22, 2011 by रामदास सोनी | 9 Comments on सिर्फ बयानबाजी से दूर नहीं होगी कश्मीर समस्या -रामदास सोनी कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने गत दिनों अपने एक बयान में कश्मीर घाटी की विस्फोटक स्थिति के बारें में राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करते हुए कहा कि स्थिति को संभालने के लिए उमर को आज समर्थन और सहयोग की दरकार है, कश्मीर की समस्या […] Read more » kashmir कश्मीर समस्या
राजनीति कंगाल पड़े बंगाल में रा-हुल-रा-हुल September 19, 2010 by प्रकाश चण्डालिया | 4 Comments on कंगाल पड़े बंगाल में रा-हुल-रा-हुल -प्रकाश चंडालिया कांग्रेस के चिकने चुपड़े युवराज राहुल गाँधी को तीन दिन के बंगाल दौरे से वहां की उबड़-खाबड़ सियासी जमीन का अंदाज जरुर लग गया होगा. पार्क स्ट्रीट के रेस्तरां में मुर्ग मसल्लम उड़ाने से लेकर शांति निकेतन में नौजवान लड़कियों के रा-हुल रा-हुल नारों की मस्ती के बीच राहुल ने फुर्सत के क्षणों […] Read more » राहुल गांधी
राजनीति हरमदवाहिनी का मिथ और यथार्थ September 19, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on हरमदवाहिनी का मिथ और यथार्थ -जगदीश्वर चतुर्वेदी पश्चिम बंगाल में तमाम समाचार पत्रों में ‘हरमदवाहिनी’ के पदबंध का कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के खिलाफ दुष्प्रचार आम बात है। इस नाम से माओवादी-ममता और मीडिया के लोग माकपा को कलंकित करना चाहते हैं वे बार-बार मीडिया में यह प्रचार कर रहे हैं कि लालगढ़ इलाके में माकपा संचालित ‘हरमद वाहिनी’ के कैंप […] Read more » Myth हरमदवाहिनी
राजनीति सांप्रदायिक शक्तियों को पहचानती है देश की जनता September 17, 2010 / December 22, 2011 by तनवीर जाफरी | 6 Comments on सांप्रदायिक शक्तियों को पहचानती है देश की जनता -तनवीर जाफ़री राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों देश के सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के एक सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने देश में बढ़ रहे ‘भगवा आतंकवाद’ के खतरों के प्रति चिंता क्या व्यक्त कर दी कि मानो उन्होंने कोई बहुत बडा अपराध कर दिया हो। अतिवादी हिंदुत्व की राजनीति करने वाले […] Read more » Sectarianism साम्प्रदायिकता
राजनीति सभ्यता के राममार्ग से भटके मोहन भागवत September 15, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 6 Comments on सभ्यता के राममार्ग से भटके मोहन भागवत -जगदीश्वर चतुर्वेदी आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने उत्तर प्रदेश उच्चन्यायालय के फैसले के आने के पहले ही अपनी राय जाहिर कर दी है वे अपने अनुरूप फैसला चाहते हैं । उन्हें बाबरी मस्जिद गिराने का कोई दुख और अफसोस नहीं है। वे अपने मुँह से बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की बात तक नहीं करना […] Read more » Civilization सभ्यता