उत्पाद समीक्षा खान-पान लेख खाद्य पदार्थों विशेषकर मसालों की जांच प्रक्रियाओं पर सवालिया निशान लगना है लाजिमी . . . April 30, 2024 / April 30, 2024 by लिमटी खरे | Leave a Comment (लिमटी खरे) भारत में आदि अनादि काल से प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाले मसालों का उपयोग न केवल भोजन को स्वादिष्ट बनाने वरन अनेक बीमारियों से बचाव के लिए भी लगातार ही किया जाता रहा है। मसालों के व्यवसायिक उपयोग से लाभ कमाने की अंधी दौड़ ने इनमें मिलावट भी आरंभ कर दी है। […] Read more » ban on everest and mdh masala
Tech उत्पाद समीक्षा टेक्नोलॉजी लेख क्रिप्टो की अंधी गलियां May 27, 2022 / May 27, 2022 by रवि कुमार TMU | Leave a Comment रवि कुमारमैं आपका दर्द झकझोर देने वाले इस एक छोटे से किस्से के जरिए बयां कर रहा हूं। हालिया माय टोकन नाम की एक नकली ऐप निवेशकों को अरबों-खरबों रुपए का चूना लगाकर फुर्र हो गई। मानों, इंवेस्टर्स के स्वर्णिम सपने पलक झपकते ही धूल-धूसरित हो गए। यूं तो इस ऐप का श्रीगणेश अक्टूबर, 2021 […] Read more » scam behind crypto The blind alleys of crypto
उत्पाद समीक्षा लेख सार्थक पहल केसर की सुगंध से महका कश्मीर January 11, 2021 / January 11, 2021 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment ● श्याम सुंदर भाटियासच मानिए, कश्मीरी आतंकवाद ने केसर की खुशबू को भी कैद कर रखा था। धारा 370 हटने के करीब डेढ़ साल बाद अब केसर की सुगंध भी आजाद होने लगी है, क्योंकि आख़िरकार टेररिस्ट टैक्स अलविदा हो गया है। तीन दशक में पहली बार दिल्ली समेत दीगर सूबों के केसर कारोबारी घाटी […] Read more » Kashmir infused with the aroma of saffron केसर की सुगंध से महका कश्मीर
उत्पाद समीक्षा लेख बढ़ते उपभोक्तावाद पर संयम का अंकुश जरूरी December 23, 2020 / December 23, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस- 24 दिसम्बर, 2020-ः ललित गर्ग:-उपभोक्ता में उत्पादकता और गुणवत्ता संबंधित जागरूकता को बढ़ाने, जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, अधिक दाम, कम नाप-तौल इत्यादि संकटों से उपभोक्ता को मुक्ति दिलाने एवं उपभोक्ता संरक्षण कानूनों के बारे में लोगों को जानकारी देकर उपभोक्ता के हितों की रक्षा करने केे उद्देश्य से भारत में 24 दिसंबर को […] Read more » Restoration of rising consumerism is necessary उपभोक्तावाद पर संयम राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस
उत्पाद समीक्षा पत्रकारिता के दार्शनिक आयाम का आधार है ‘आदि पत्रकार नारद का संचार दर्शन’ May 5, 2018 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment पत्रकारिता के दार्शनिक आयाम का आधार है ‘आदि पत्रकार नारद का संचार दर्शन’ – लोकेन्द्र सिंह (लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हैं।) भारत में प्रत्येक विधा का कोई न कोई एक अधिष्ठाता है। प्रत्येक विधा का कल्याणकारी दर्शन है। पत्रकारिता या कहें संपूर्ण संचार विधा के संबंध में भी भारतीय दर्शन उपलब्ध […] Read more » Featured अनुसंधान आध्यात्मिक संचार कृषि पत्रकारिता तीर्थ वर्णन धार्मिक रिपोर्टिंग पर्यटन पर्यावरण प्रश्नोत्तरी यात्रा वृत्तांत साक्षात्कार सांस्कृतिक पत्रकारिता साहित्यिक पत्रकारिता
आर्थिकी उत्पाद समीक्षा विधि-कानून विविधा खाद्य सुरक्षा कानून देशभर में लागू November 6, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment अनाज वितरण की विसंगतियों के चलते राज्य सरकारें आबंटित कोटा वक्त पर नहीं उठातीं हैं। क्योंकि पीडीएस के अनाज का ढुलाई खर्च उन्हें उठाना होता है। दरअसल अब सरकारों को भण्डारण के इंतजाम पंचायत स्तर पर करने की जरूरत है। यदि ऐसा होता है तो अनाज का दोतरफा ढुलाई खर्च तो बचेगा ही, इस प्रक्रिया में अनाज का जो छीजन होता है उससे भी निजात मिलेगी। Read more » Featured Food Security Bill खाद्य सुरक्षा कानून खाद्य सुरक्षा कानून देशभर में लागू
उत्पाद समीक्षा खान-पान जन-जागरण विविधा देशी गाय बनाम विदेशी गाय March 26, 2016 by अनिल गुप्ता | Leave a Comment न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने १९९३ ई. में डायबिटीज (टाइप-१), ऑटो इम्यून रोग, कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी कई बीमारियों की जड़ यूरोपियन गायों का दूध होने का दावा (हाइपोथिसिस)पेश किया है!इस दूध को वे A1 दूध कहते हैं!यूरोपियन गोवंशमें से होल्सटीन, फ्रिजियन, जर्सी, स्विसब्राउन के दूध में BCM 7 जहर होने का मुद्दा उठने के बाद […] Read more » foreigner cows indian cows देशी गाय विदेशी गाय
उत्पाद समीक्षा फाइलों के खोह में अटकी दलहन क्रांति January 1, 2014 / January 1, 2014 by संजय स्वदेश | 1 Comment on फाइलों के खोह में अटकी दलहन क्रांति पीली क्रांति पर ग्रहण संदर्भ : दलहन और तिहलन का घटता उत्पादन बढ़ता आयात खास बात : देश में हर साल 30 हजार करोड़ के खाद्य तेल का आयात किया जा रहा है। 90 के दशक में तिलहन के मामले में देश आत्म निर्भरता के करीब था। देश में घरेलू जरूरत का 97 प्रतिशत तक […] Read more » दलहन और तिहलन का घटता उत्पादन बढ़ता आयात
उत्पाद समीक्षा भारत के मार्टिन लूथर हैं फ्रांसिस August 26, 2013 / August 26, 2013 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on भारत के मार्टिन लूथर हैं फ्रांसिस डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत का सांस्कृतिक पुर्नजागरण अधूरा ही रह गया। स्वाधीनता आने पर राजनीतिक जागृति तो फैल गई लेकिन भारतीय समाज के कई महत्वपूर्ण हिस्से सोते ही रह गए। हिंदुओं को जगाने का काम महर्षि दयानंद, राजाराम मोहन राय, वीर सावरकर, भीमराव आंबेडकर, ज्योतिबा फूले और राम मनोहर लोहिया जैसे महापुरुषों ने किया जरुर […] Read more » भारत के मार्टिन लूथर हैं फ्रांसिस
उत्पाद समीक्षा खतरनाक है बोतलबंद पानी पर बढ़ती निर्भरता May 30, 2013 / May 30, 2013 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on खतरनाक है बोतलबंद पानी पर बढ़ती निर्भरता प्रमोद भार्गव अब तक बोतलबंद पानी को पेयजल स्त्रोतों से सीधे पीने की तुलना में सेहत के लिए ज्यादा सुरक्षात्मक विकल्प माना जाता रहा था, किंतु नए अध्ययनों से पता चला है कि राजधानी दिल्ली में विभिन्न ब्राण्डों का जो बोतलबंद पानी बेचा जा रहा है, वह शरीर के लिए हानिकारक है। इसकी गुणवत्ता इसे […] Read more » खतरनाक है बोतलबंद पानी पर बढ़ती निर्भरता बोतलबंद पानी
उत्पाद समीक्षा खेत-खलिहान जीन संवर्धित फसलों की प्रासंगिकता February 1, 2013 / February 1, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment भारत में जीन संवर्धित (जीएम) फसलों पर किये जाने वाले प्रयोग को लेकर शुरु से ही विवाद रहा है। कुछ लोग इस तरह के प्रयोग के पक्ष में हैं, तो वहीं कुछ विरोध में। इस बाबत फसलों पर केनिद्रत भारतीय जैव प्रौधोगिकी नियामक प्राधिकरण विधेयक (बीआरएआर्इ), 2009 को लेकर पहले भी काफी हो-हल्ला मच चुका […] Read more »
उत्पाद समीक्षा सफेद दूध का काला कारोबार November 24, 2012 / November 24, 2012 by डॉ0 आशीष वशिष्ठ | Leave a Comment डॉ. आशीष वशिष्ठ दूध देशभर के आशीर्वाद में पिरोया हुआ शब्द है। रिश्ते में बड़ा आज भी छोटे को आशीष देते समय दूध और पुत्र का आशीर्वाद देता है लेकिन अब दूध में ऐसा जहर घोला जा रहा है कि आशीर्वाद देने वाला भी अपने आपको गलत महसूस करने लगा है। केन्द्र तथा राज्य सरकारें […] Read more » सफेद दूध का काला कारोबार