समाज शिक्षा अधिकार है तो मिलता क्यों नही ? May 10, 2017 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment समाजसेवी शब्बीर अहमद कहते हैं " हमें गांव में बसने की सरे आम सजा दी जा रही है। जिससे यह साबित हो रहा है कि शिक्षा भी केवल अमीर लोगों की जागीर बन चुकी है।गरीबों के बच्चे अमीरों की नौकरी के लिए ही इस्तेमाल किए जाते हैं और आगे भी किए जाते रहेंगे। नेता चुनाव के दौरान उच्च अधिकारियों के सामने इन गरीबों को ख्वाब दिखा कर उनका शोषण करते हैं। जिससे साफ जाहिर होता है कि हम लोकतांत्रिक भारत में नहीं रहते । आज के विकसित दौर में भी मोरी अड़ाई के बच्चे खुले आसमान तले शिक्षा लेने को मजबूर हैं।मिडिल स्कूलकी अधूरी बिल्डिंग के निर्माण को पूरा होना चाहिए ताकि कम से कम धूप और बारिश में भी उनकी पढ़ाई जारी रह सके "। Read more » Featured अधिकार जम्मू का सीमावर्ती जिला पुंछ शिक्षा शिक्षा अधिकार है
समाज शहरी नक्सलियो को बेनकाब करने की जरूरत May 10, 2017 by डा रवि प्रभात | Leave a Comment नक्सली अपने प्रभाव क्षेत्र में क्रूरतापूर्वक युवतियों का यौनशोषण कर रहे हैं,उन्हें मनमर्जी से उठाकर ले जाते हैं,उन महिलाओं का सामूहिक बलात्कार तक किया जाता है बड़े नक्सली कमांडरों द्वारा,यहां तक कि समय समय पर गर्भपात और जबर्दस्ती नसबंदी जैसे अमानुषी कुकृत्यों को भी अंजाम देने में नक्सली कतई नही हिचकते। नक्सली तमाम ठेकेदारों,आम जनता तथा उद्योगपतियों से अवैध धन उगाही में लिप्त हैं,जो इनका मुख्य धंधा है।जो निर्दोष आदिवासी इनक़े पाशविक कारनामो का विरोध करते हैं उन्हें सरेआम पत्थरो से कुचलकर मार दिया जाता है।अनेक बच्चो को अपहृत कर लिया जाता है, जो आदिवासी मांसाहार न करना चाहे उसे बलपूर्वक गाय तथा मनुष्य तक का मांस खिलाने का पैशाचिक कारनामा ये लोग करते सुनाई देते हैं। Read more » एस आर पी कल्लूरी छत्तीसगढ़ दिल्ली –विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर चन्दन कुमार नक्सलवादी संगठन शहरी नक्सली सुकमा
कला-संस्कृति समाज मोगरी से पुरुषों की पिटाई का सन्देश क्यों? May 9, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment अक्सर ऐसा देखा जाता है कि महिलाओं पर ज्यादा अत्याचार होते हैं, जबकि कई मामलों में पुरूष भी घरेलू हिंसा कि शिकार होते हैं और महिलाएं पुरुषों पर अत्याचार करती हैं। ‘पत्नी सताए तो हमें बताएं’ जैसे विज्ञापनों को एक समय अतिरंजना के तौर पर देखा जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय के आंकड़ों ने इस धारणा को बदल दिया है कि सिर्फ महिलाएं ही घरेलू हिंसा का शिकार बनती हैं। अब सिक्के का दूसरा पहलू सामने आया है, जिसमें पुरुषों को भी घर या समाज में किसी-न-किसी प्रकार की शारीरिक, मानसिक या आर्थिक हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। Read more » मोगरी से पुरुषों की पिटाई
समाज बिहार विद्यापीठ : मर रहे हैं गांधी के सपने May 6, 2017 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णन गांधी के विचारों और सपनों को अब तक आई सभी सरकारों ने अपने लिए भुनाया है, मगर उनके सपनों के भारत को वे पीछे छोड़ते चले गए। यह कहना है सर्व सेवा संघ के प्रकाशन के संयोजक रहे और युवा संवाद अभियान के राष्ट्रीय युवा संवाद अभियान के राष्टीय संयोजक अशोक भारत का। […] Read more » Featured बिहार विद्यापीठ
शख्सियत समाज राष्ट्र के जागरूक पुरोहित बाबा रामदेव May 6, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  वेद का आदेश है- वयं राष्ट्रे जागृयाम् पुरोहिता:।। ‘अर्थात हम अपने राष्ट्र में जागरूक रहते हुए अग्रणी बनें। राष्ट्र का नेतृत्व करें।’ जो जागरूकों में भी जागरूक होता है, वही राष्ट्रनायक होता है, वही पुरोहित होता है। यज्ञ पर पुरोहित वही बन सकता है जो जागरूकों में भी जागरूक है, […] Read more » Baba Ramdev Featured बाबा रामदेव योगगुरू बाबा रामदेव
समाज रिटायरमेंट बेहतर नए जीवन की शुरुआत May 5, 2017 / May 5, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment प्रायः लोग कहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद सक्रिय जीवन का अवसान हो जाता है। मगर किसी महीने की अंतिम तारीख तक तो आप एकदम सक्रिय रहे, लेकिन अगले महीने की पहली ही तारीख को प्रातः उठते ही आप अचानक निष्क्रिय कैसे हो गए? यह वास्तव में हमारी सोच का दोष है। इसके लिए हममें एक पूर्वाग्रह बन गया है। इस स्थिति से उबरना जरूरी है। रिटायर हम नहीं होते, रिटायर होता है हमारा कमजोर मन और उसमें उत्पन्न विचार जो हमें रिटायर कर देते हैं। इस लिए कभी भी अपने को ना तो रिटायर समझना चाहिए और ना ही टायर , अपितु इसे जीवन के एक कड़ी के रुप में अंगीकार करते रहना चाहिए। Read more » Featured रिटायरमेंट
जन-जागरण समाज मजदूरों के लिए विपरीत समय May 4, 2017 by जावेद अनीस | Leave a Comment पिछले साल अगस्त में लोकसभा में मोदी सरकार ने कारखाना (संशोधन) बिल 2016 पास करा लिया है. यह अधिनियम कारखानों को मज़दूरों से दुगना ओवरटाइम करवाने की छूट देता है. इस संशोधन के मुताबिक पहले के तीन महीने में 50 घंटे के ओवरटाइम के कानून के मुकाबले मज़दूरों से 100 घंटे ओवरटाइम करवाया जा सकेगा, इस तरह से साल भर में मज़दूरों से 400 घंटे का ओवरटाइम करवाया जा सकेगा. इस विधेयक को पेश करते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय कहा था कि ‘मोदी सरकार की ‘मेक इन इण्डिया’, ‘स्किल इन्डिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी कार्यकर्मों को देखते हुए यह संशोधन बेहद ज़रूरी बन गया है.’ उन्होंने दावा किया था कि ‘कारखाना अधिनियम में यह संशोधन मज़दूरों को अधिक काम करने और अधिक पैसा कमाने का अवसर देगा और इससे व्यापार करने की प्रक्रिया भी आसान बनेगी’. गौरतलब है कि 2014 में मोदी सरकार ने आने कुछ महीनों के अन्दर ही कारखाना (संशोधन) विधेयक लोक सभा में पेश किया था जिसके बाद उसे स्थायी समिति के पास भेजा दिया गया था. Read more » Featured Labour Day majdoor diwas
समाज ग्लोबलगिविंग की भारत में संभावनाभरी दस्तक May 3, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्गः- दुनियाभर के दानदाताओं को भारत में दान के लिये प्रोत्साहित किये जाने की दृष्टि से क्राउडफंडिंग एक सशक्त माध्यम है। भारत के लिए क्राउडफंडिंग भले ही नया हो पर इसकी अपार संभावनाएं हैं। आने वाले समय में क्राउडफंडिंग भारत की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं, सेवा उपक्रमों एवं धार्मिक कार्यों के लिये दान की उपलब्धता […] Read more » Featured global giving India क्राउडफंडिंग ग्लोबलगिविंग भारत में दान के लिये प्रोत्साहित
समाज कम्युनिस्ट और नक्सलवाद May 3, 2017 / May 5, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment उदाहरण के रूप में रूस में साम्यवादी क्रांति (1917) होते ही 1921 में अकाल पड़ा तो उसमें लगभग पौने तीन करोड़ लोग प्रभावित हुए थे उसमें सरकारी प्रबंधन से कुपित होकर 16000 नाविकों ने विद्रोह कर दिया था। जिसे रूस के तत्कालीन तानाशाह राष्ट्रपति लेनिन ने अपने 60000 सैनिकों की तैनाती कर निर्ममता से कुचलवा दिया था और 16000 नाविकों को स्वर्ग लोक पहुंचा दिया था। इसके पश्चात रूस में जब स्टालिन का शासन आया तो वहां दो करोड़ से अधिक लोगों की हत्याएं कर दी गयीं थीं। उनका अपराध केवल यह था कि वे साम्यवादी विचारधारा की क्रूरता के सामने बोलने का साहस कर रहे थे। Read more » Featured कम्युनिस्ट नक्सलवाद
समाज सार्थक पहल भारत में एक फादर टेरेसा भी है May 2, 2017 / May 2, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on भारत में एक फादर टेरेसा भी है आज सेवाधाम के 500 आवासी सीमेंट के पक्के भवनों में रहते हैं। सबके लिए साफ-सुथरे बिस्तर और पलंग लगे हुए हैं। सबको उत्तम भोजन मिलता है। अपंग बच्चों के लिए विशेष इलाज और कसरत का प्रबंध है। अब इस सेवाधाम को मांगे बिना ही करोड़ों रु. दान में मिलते हैं। मुंबई के गिरीश शाह और जयेश भाई का विशेष योगदान है। कश्मीर से केरल तक के लोग यहां हैं। यहां जाति और मजहब का कोई बंधन नहीं है। Read more » Father Teresa in India Sewadham Ashram Sudhir Bhai Goyal गिरीश शाह जयेश भाई फादर टेरेसा भारत सुधीर गोयल सेवाधाम
समाज विश्व भर के मुस्लिमों को राह दिखाएगा भारतीय मुस्लिम May 2, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment हाल ही में जब कोर्ट ने केंद्र से तीन तलाक के विषय में कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत करनें के लिए कहा तब नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछली सरकारों की तरह इस मुद्दें पर कन्नी काटने व चुप बैठे रहनें के स्थान पर संविधान की धारा 44 के मर्म को समझ कर अपनी जिम्मेदारी निभाई व तीन तलाक के मुद्दे पर स्पष्ट असहमति व्यक्त कर दी है. 1840 में यह विवाद प्रथम बार उभरा था और 1985 में राजीव गांधी सरकार के समय तो शाह बानो प्रकरण से यूनिफार्म सिविल कोड अतीव सुर्ख़ियों में आया था. Read more » Featured talaq Tin talaq तीन तलाक भाजपा भारत भारतीय मुस्लिम मुसलमान महिला को तलाक समान नागरिक संहिता
समाज औरत, तलाक, इस्लाम और केंद्र सरकार May 1, 2017 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment इसी तरह बलात्कार हुई महिला की स्थिति बहुत दयनीय है । किसी महिला का बलात्कार होने की स्थिति में आरोपी को दण्ड तभी दिलाया जा सकता है जब वह आरोपी स्वयं अपना अपराध मान ले या चार पुरूष गवाह मिलें । सामान्यतः ये दोनों ही बातें असम्भव है इसी कारण मुस्लिम देशों में महिलाओं को ही जिना का आरोपी मानकर पत्थर मारकर मारने की सजा सुनाई गयी है । स्पष्ट है कि यह कानून मूर्खता की पराकाष्ठा है लेकिन शरीयत के इस कानून को मुसलमान श्रेष्ठ मानते हैं । Read more » Featured इस्लाम इस्लाम में महिला इस्लाम में महिलाओं की वर्तमान स्थिति तीन तलाक तीन तलाक का मामला महिलाओं की स्थिति इस्लाम में