जन-जागरण महिला-जगत समाज कहां ले जाएगी उत्पीड़न की यह मानसिकता ? October 12, 2013 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान ह्यूमन राइट्स वॉच के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार “भारत में बाल यौन उत्पीड़न घरों, स्कूलों तथा आवासीय देखभाल केंद्रों में आम बात है। दिल्ली बलात्कार कांड के बाद सरकार द्वारा कानूनी और नीतिगत सुधार सुझाने के लिए गठित की गई समिति ने पाया कि बाल सुरक्षा नीतियाँ “स्पष्ट रूप से […] Read more »
राजनीति समाज छत्तीसगढ़ को फिर चाहिए रमन October 10, 2013 / October 10, 2013 by मयंक चतुर्वेदी | 1 Comment on छत्तीसगढ़ को फिर चाहिए रमन डॉ. मयंक चतुर्वेदी विकास, विकास और विकास देश में आज यह तस्वीर बनी है छत्तीसगढ़ राज्य की। एक छोटा प्रदेश कम संसाधन और क्षेत्रफल के बावजूद कैसे तरक्की पर तरक्की कर सकता है, इस प्रदेश के मामले में यह राज अब किसी से छिपा नहीं है। भारत में विकास के लिए जब राज्य पुनर्गठन […] Read more » छत्तीसगढ़ को फिर चाहिए रमन
राजनीति समाज अब चेतें का होत है , काँटन लीनी घेर।। October 3, 2013 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment विगत एक वर्ष के दौरान देश भर में साम्प्रदायिक दंगों की मानो बाढ़ सी आ गई है. देश के विभन्न हिस्सों में साम्प्रदायिक घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोत्तरी हुई है ,जम्मू में किस्तबाढ़ ,बिहार में बेतिया – नाबादा , मध्यप्रदेश में हरदा ,खरगोन ,देवास ,इंदौर तथा खंडवा इत्यादि कस्वों में हिन्दू मुस्लिम भाईचारा मानों क्षत […] Read more » अब चेतें का होत है काँटन लीनी घेर।।
शख्सियत समाज अराजनीतिक गांधी की अराजकता October 2, 2013 by ब्रह्मदीप अलुने | 1 Comment on अराजनीतिक गांधी की अराजकता प्रो.ब्रह्मदीप अलूने नेहरू ने दिसम्बर 1928 मे कलकत्ता अधिवेशन मे कहां था , ‘‘बापू,मेरे और आपके मध्य अंतर यह है कि आप धीमी गति मे विश्वास करते है जबकि मेरा लक्ष्य क्रांति है ।’’ गांधी का व्यंग्यात्मक उत्तर था ,‘‘मेरे तरूण, मैने क्रांति को पैदा किया है ,जबकि अन्यों ने केवल उसका शोर मचाया है […] Read more » अराजनीतिक गांधी की अराजकता
राजनीति समाज मुज़फ्फ़र नगर का एक सच यह भी… September 30, 2013 / September 30, 2013 by तनवीर जाफरी | 3 Comments on मुज़फ्फ़र नगर का एक सच यह भी… तनवीर जाफ़री पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मुज़फ्फरनगर जि़ला पिछले दिनों जाट व मुस्लिम समुदाय के मध्य हुए संघर्ष के परिणामस्वरूप धधक उठा। इन दोनों समुदायों के युवक व युवती के मध्य छेड़छाड़ जैसे प्रकरण से भडक़ी हिंसा में मुज़फ्फरनगर व आसपास के क्षेत्रों में दर्जनों लोग हिंसा की भेंट चढ़ गए। इस हिंसा में जहां […] Read more » मुज़फ्फ़र नगर
शख्सियत समाज राष्ट्रधर्म के ओजस्वी कवि दिनकर September 30, 2013 / September 30, 2013 by अनिता महेचा | 1 Comment on राष्ट्रधर्म के ओजस्वी कवि दिनकर राष्ट्रीय चेतना के मंत्र हैं उनकी रचनाएं अनिता महेचा मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रथम राष्ट्र कवि थे तो दिनकर उनके सच्चे उत्तराधिकारी थे। गुप्तजी की राष्ट्रीयता में सांस्कृतिक तत्व गहरा था, उसी का एक व्यापक पक्ष हमें दिनकर के काव्य में दृष्टिगत होता है। दिनकर ने प्रारंभ से ही ओजस्विता एवं तेजस्विता से परिपूर्ण कविताएं […] Read more » दिनकर
जन-जागरण समाज हेल्मेट- हमें खुद अपनी जान की चिंता नहीं है तो कानून क्या करेगा? September 30, 2013 / September 30, 2013 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी नाबालिगों को बाइक देना यानी बच्चो से प्यार नहीं दुश्मनी है! जो बच्चे अभी 18 साल के यानी बालिग भी नहीं हुए हैं, उनको उनके मांबाप लाड प्यार में बाइक दिलाकर उनकी जान तो ख़तरे में डाल ही रहे हैं साथ ही सड़क पर चलने वाले दूसरे लोगों की सुरक्षा को भी पूरा […] Read more » हेल्मेट
समाज जिन्ना का जिन्न बार-बार मत निकालो September 27, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment आशा की जा रही है कि सरकार और सुरक्षाबलों ने मुजफ्फरनगर दंगों पर नियंत्रण कर लिया है, पर अभी मन में भरे घृणित रंगों पर नियंत्रण किया जाना शेष है। दंगों और इन ‘घृणित रंगों’ का चोली दामन का साथ है। भारत में पंथ निरपेक्ष शासन की स्थापना करने का उद्देश्य भी यही था कि […] Read more » जिन्ना का जिन्न बार-बार मत निकालो
शख्सियत समाज शिरडी के सांई बाबा September 27, 2013 / September 27, 2013 by बीनू भटनागर | 1 Comment on शिरडी के सांई बाबा शिरडी के सांई बाबा एक योगी और फ़कीर थे। उनके भक्त हिन्दू और मुसलमान दोनों ही थे। वो ख़ुद हिन्दू थे या मुसलमान ये जानकारी भी नहीं है, उनके लियें इसका कोई महत्व भी नहीं था। उनके अनुसार सद्गुरु को समर्पित होना आध्यात्म का पहला क़दम है। सांई बाबा को मानने वाले भक्त भारत में […] Read more » शिरडी के सांई बाबा
जन-जागरण समाज धर्मनिरपेक्षता में ही निहित है देश का विकास September 26, 2013 by निर्मल रानी | 2 Comments on धर्मनिरपेक्षता में ही निहित है देश का विकास निर्मल रानी भारतवर्ष में विभिन्न धर्मों में सक्रिय सांप्रदायिक एवं कट्टरपंथी शक्तियां देश को अपने निजी स्वार्थ की खातिर सांप्रदायिक धु्रवीकरण के रास्ते पर ले जाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। निश्चित रूप से इसका प्रभाव कहीं-कहीं देखने को भी मिल रहा है। परंतु धर्मनिरपेक्षता के बुनियादी सिद्धांतों पर खड़ा हुआ हमारा […] Read more » धर्मनिरपेक्षता में ही निहित है देश का विकास
विधि-कानून समाज मुजफ़्फ़रनगर, लव ज़िहाद, और लचर संवैधानिक तंत्र September 25, 2013 by विनोद बंसल | Leave a Comment – विनोद बंसल मुजफ्फरनगर दंगे के बाद अब उच्चतम न्यायालय न सिर्फ़ दंगों की जांच करेगा बल्कि राहत एवं पुनर्वास कार्यो की निगरानी भी करेगा। मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक तनाव की हिंसक झड़पों के बाद उसके भीषण दंगे में तब्दील हो जाने के पीछे शासन और प्रशासन की सुस्ती या षडयत्रों के संकेत साफ दिख रहे […] Read more » लचर संवैधानिक तंत्र
राजनीति समाज सत्तालोलुप, चिंगारी को बना सकते हैं जंगल की आग September 23, 2013 / September 23, 2013 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on सत्तालोलुप, चिंगारी को बना सकते हैं जंगल की आग होशियार ! सत्तालोलुप, चिंगारी को बना सकते हैं जंगल की आग तनवीर जाफ़री भारतीय लोकतंत्र कहने को तो विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। परंतु दरअसल हमारे देश का ‘लोक’ विभिन्न वर्गों में जितना अधिक विभाजित है उतना शायद किसी अन्य लोकतांत्रिक देश का नहीं होगा। मज़े की बात तो यह है कि इस व्यवस्था […] Read more » चिंगारी को बना सकते हैं जंगल की आग सत्तालोलुप