समाज जनगणना के अंतर्गत जातिगणना सामाजिक समरसता एवम एकात्मता के प्रयासों को दुर्बल करेगी – रा.स्व.संघ June 1, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on जनगणना के अंतर्गत जातिगणना सामाजिक समरसता एवम एकात्मता के प्रयासों को दुर्बल करेगी – रा.स्व.संघ सरकार्यवाह श्री. भैया जी जोशी की नागपुर में 23/5/2010, रविवार को दोपहर में हुई प्रेसवार्ता का शब्दांकन अभी इस समय जनगणना की तैयारी चल रही है। इसमें दो-तीन विषय हैं, जिन्हें मैं आपके सामने रखना उचित समझता हूँ। एक, इसी समय नेशनल पापुलेशन रजिस्टर बनाने की बात शुरू हुई है, यह तो बनेगा पर इसमें […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जनगणना : हिन्दू हम सब एक June 1, 2010 / December 23, 2011 by विजय कुमार | 6 Comments on जनगणना : हिन्दू हम सब एक -विजय कुमार अब तो फिल्म देखे बरसों हो गये; पर छात्र जीवन में ऐसा नहीं था। उस समय फिल्मों में नायक-नायिका के साथ एक खलनायक भी होता था। प्राय: प्राण, प्रेम चोपड़ा, अजीत, शत्रुघ्न सिन्हा, डैनी आदि कलाकार यह भूमिका करते थे। कुछ फिल्मों में खलनायक भिखारियों के गिरोह का मुखिया होता था। वह छोटे […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जातीय जनगणना समतापूर्ण समाज के लिए उपयोगी June 1, 2010 / December 23, 2011 by अरुण माहेश्वरी | 5 Comments on जातीय जनगणना समतापूर्ण समाज के लिए उपयोगी -अरुण माहेश्वरी भारत में वर्ण-व्यवस्था की प्राचीनता अब बहस का विषय नहीं है। वर्ण-व्यवस्था सनातन धर्म का मूलाधार रही है। इतिहासकारों ने इस विषय पर भी काफी गंभीर काम किये हैं कि वर्ण-व्यवस्था के ढांचे के अंदर ही जातियों के लगातार विभाजन और पुनर्विभाजन के जरिये कैसे यहां एक प्रकार की सामाजिक गतिषीलता बनी रही […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
विश्ववार्ता समाज हर साल 50 लाख लोगों को निग़ल जाता है तम्बाकू May 31, 2010 / December 23, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 3 Comments on हर साल 50 लाख लोगों को निग़ल जाता है तम्बाकू -फ़िरदौस ख़ान दुनियाभर में तम्बाकू सेवन का बढ़ता चलन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुक़सानदेह साबित हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी इस पर चिंता ज़ाहिर की है. तम्बाकू से संबंधित बीमारियों की वजह से हर साल क़रीब 5 मिलियन लोगों की मौत हो रही है, जिनमें लगभग 1.5 मिलियन महिलाएं शामिल हैं. […] Read more » Tobacco consumption तम्बाकू सेवन
समाज दूरगामी दुष्प्रभाव होंगे जाति आधारित जनगणना के May 31, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो -दीनानाथ मिश्र जाति प्रथा की जड़ें गहरी हैं, हज़ारों साल गहरी। यह नहीं कि इतिहास में इसको समाप्त करने की कोशिश नहीं हुई लेकिन इसके महाप्रयास भी जातीय निष्ठा का कुछ नहीं बिगाड़ सके। यह नहीं कि इस प्रथा का कोई लाभ नहीं हुआ। बलात् हिंसा पूर्वक धर्म परिवर्तन के खूनी अभियानों को बहुत हद […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जाति न पूछो साधु की…. May 31, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 3 Comments on जाति न पूछो साधु की…. -गिरीश पंकज महान कवि कबीर ही कह गए हैं शायद, कि – जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान. मोल करो तलवार का पड़ी रहन दो म्यान। आज से छह सौ साल पहले जातिवाद के कारण सामाजिक समरसता पर असर पड़ता देख कर कवि ने जाति विरोधी दोहा लिखा था और समाज को प्रगतिशील […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज मैंने मंजिल को तलाशा मुझे बदज़ात मिले May 27, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 1 Comment on मैंने मंजिल को तलाशा मुझे बदज़ात मिले – पंकज झा महिलाओं-बच्चियों के साथ किये जा रहे उत्पीड़न की शृंखला में टेनिस खिलाड़ी रही रुचिका गहरोत्रा का मामला एक बार और चर्चा में है. उन्नीस साल पहले हुए इस घटना में, जिसमें यौन-उत्पीड़न के विरुद्ध तीन साल तक लड़ने के बाद थक हार कर बच्ची ने आत्महत्या कर ली थी. अब जाकर इस […] Read more » Ruchika Gahrotra रुचिका गहरोत्रा
समाज ज़िन्दगी से भागते लोग May 24, 2010 / December 23, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 7 Comments on ज़िन्दगी से भागते लोग -फ़िरदौस ख़ान यह एक विडंबना ही है कि ‘जीवेम शरद् शतम्’ यानी हम सौ साल जिएं, इसकी कामना करने वाले समाज में मृत्यु को अंगीकार करने की आत्महंता प्रवृत्ति बढ़ रही है। आत्महत्या करने या सामूहिक आत्महत्या करने की दिल दहला देने वाली घटनाएं आए दिन देखने व सुनने को मिल रही हैं। कोई परीक्षा […] Read more » life ज़िन्दगी
समाज अविवाहित सहजीवन का विषाद ! विवाह का प्रसाद – हृदयनारायण दीक्षित May 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on अविवाहित सहजीवन का विषाद ! विवाह का प्रसाद – हृदयनारायण दीक्षित सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहित सहजीवन को वैध ठहराया है। कोर्ट की अपनी सीमा है। उसने मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21) की ही व्याख्या की है। उसने विवाह नामक संस्था को अवैध नहीं ठहराया लेकिन भारतीय शील, मर्यादा और संस्कृति के विरोधी बम हैं। टिप्पणीकार इसे आधुनिकता की जरूरत बता रहे हैं। लेकिन ऐसे अति आधुनिक (उनकी […] Read more » Marrige विवाह सहजीवन
समाज कश्मीरी हिंदुओं का सफाया – ऑपरेशन नम्बर दो May 11, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 3 Comments on कश्मीरी हिंदुओं का सफाया – ऑपरेशन नम्बर दो -डॉ कुलदीप चंद अग्निहोत्री पिछले कुछ सौ सालों से मतांतरण के कारण कश्मीरी हिंदुओं की संख्या लगातार घटती जा रही है। अनेकानेक कारणों से अधिकांश कश्मीरी हिंदू इस्लाम मजहब में दीक्षित हो गए। लेकिन फिर भी कश्मीर घाटी में लगभग 4 लाख हिंदू बचे रहे जिन्होंने तमाम प्रलोभनों को ठुकराते हुए और शासकीय अत्याचारों को […] Read more » Kashmiri Hindu कश्मीरी हिन्दू
समाज मई दिवस पर विशेष – दादातंत्र, युद्धतंत्र और भोगतंत्र से तबाह मजदूरवर्ग May 1, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 4 Comments on मई दिवस पर विशेष – दादातंत्र, युद्धतंत्र और भोगतंत्र से तबाह मजदूरवर्ग -जगदीश्वर चतुर्वेदी मई दिवस को आज जिस उल्लास और जोशोखरोश के साथ मनाया जाना था वह जोशोखरोश गायब है। मजदूरवर्ग गंभीर संकट में है, यह संकट बहुआयामी है। आर्थिकमंदी में पूंजीपतियों को संकट से उबारने के लिए पैकेज दिए गए लेकिन इन पैकेजों का लाभ मजदूरों तक नहीं पहुँचा है। मंदी से पूंजीपतिवर्ग को कम […] Read more » May Diwas मई दिवस मजदूर
समाज कौन सुध लेगा मेहनतकशों की May 1, 2010 / December 24, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 1 Comment on कौन सुध लेगा मेहनतकशों की -फ़िरदौस ख़ान भारत में हर साल काम के दौरान हज़ारों मज़दूरों की मौत हो जाती है। सरकारी, अर्ध सरकारी या इसी तरह के अन्य संस्थानों में काम करते समय दुर्घटनाग्रस्त हुए लोगों या उनके आश्रितों को देर सवेर कुछ न कुछ मुआवज़ा तो मिल ही जाता है, लेकिन सबसे दयनीय हालत दिहाड़ी मज़दूरों की। पहले […] Read more » Labour Day मजदूर दिवस मेहनतकश