टॉप स्टोरी इस्लामिक रूढिवादिता का दंश January 27, 2015 / January 28, 2015 by अनुराग सिंह ' शेखर' | Leave a Comment एक बार फिर समूची दुनिया आतंकवाद के कायराने कुकृत्य का गवाह बनी। धार्मिक उन्माद के खिलाफ बेबाकी से लिखने वाली पत्रिका शार्ली अब्दो के दफ्तर पर हमला कर 12 लोगों की हत्या सामान्य हत्या नहीं अपितु अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हत्या थी।ऐसा पहली बार नहीं हुआ था-इससे महज एक दशक पहले नीदरलैंड के फिल्म निर्माता […] Read more » इस्लामिक रूढिवादिता
टॉप स्टोरी विश्ववार्ता ओबामा की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं और शंकाएं January 21, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव सब जानते हैं कि अमेरिका इस समय दुनिया का सबसे प्रमुख शक्तिशाली देश है,इसलिए उसके राष्ट्रपति का भी शक्तिशाली और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण माना जाना लाजिमी है। स्वाभाविक है,किसी विकसित देश का ऐसा प्रभुत्वशाली व्यक्ति किसी विकासशील देश के राष्ट्रिय पर्व में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंते है तो उस देश की […] Read more » ओबामा की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं
जन-जागरण टॉप स्टोरी समाज जनसंख्या बढ़ाओ अभियान के निहितार्थ January 15, 2015 / January 15, 2015 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी – केंद्र में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की बहुमत की सरकार बनने के बाद कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठनों व इनके नेताओं द्वारा हिंदू मतों के ध्रुवीकरण के उद्देश्य से जहां कई प्रकार के नए राग छेड़े गए हैं उनमें हिंदुओं की जनसंख्या बढ़ाने का भी एक नया राग बड़े ही ज़ोर-शोर से अलापा […] Read more » populaion increase जनसंख्या बढ़ाओ अभियान
टॉप स्टोरी इस्लाम : यह कैसा धर्म ? आलोचना सहनेभर की जो ताकत नहीं रखता January 14, 2015 / January 14, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी शार्ली अब्दो में नरसंहार करने वाले अलकायदा के आतंकवादी भाइयों को फ्रांस के सुरक्षाकर्मियों ने ढेर कर दिया, यह खबर सुनकर दुनिया के तमाम लोगों को लगा होगा कि चलो आतंकवादी मारे गए, अच्छा हुआ। लेकिन इन दो मजहबी कुंठा से ग्रस्त आतंकियों के मारे जाने से क्या समस्या हल हो गई […] Read more » इस्लाम
टॉप स्टोरी वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन से देश को मिलता नया अर्थ January 12, 2015 / January 12, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | 2 Comments on वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन से देश को मिलता नया अर्थ डॉ. मयंक चतुर्वेदी दुनियाभर के उद्योगपतियों को एकत्र कर देश की आर्थिक दशा सुधारने की दिशा में जो यह वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन आरंभ हुआ, उसने आज भारतभर में यह संदेश दे दिया है कि अब देश के दिन बदल रहे हैं। भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अर्थ, कृषि, औद्योगिक आदि सभी क्षेत्रों में विकास करने के लिए […] Read more » वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन
टॉप स्टोरी खुल सकता है सुनंदा की मौत का राज? January 10, 2015 / January 10, 2015 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment श्रीनगर के एक होटल में काम करने से लेकर आईपीएल की कोच्चि टीम में हिस्सेदारी को लेकर विवादों में रहने वाली और किसी जमाने में पेज थ्री पार्टियों की शान रहीं सुनंदा पुष्कर की संदेहास्पद मृत्यु के एक साल बाद दिल्ली पुलिस का यह रहस्योदघाटन कि उनकी मौत ज़हर देने से हुई है, सियासत में […] Read more » सुनंदा की मौत
जन-जागरण टॉप स्टोरी दुनिया के समक्ष असल खतरा तो यह ‘वैश्विक मजहबी उन्माद’ ही है। January 10, 2015 / January 10, 2015 by श्रीराम तिवारी | 2 Comments on दुनिया के समक्ष असल खतरा तो यह ‘वैश्विक मजहबी उन्माद’ ही है। दुनिया के अधिकांस हिस्सों में वेरोजगार युवाओं को जीवकोपार्जन का साधन मिले या ने मिले ,रोटी -कपडा -मकान मिले न मिले किन्तु यदि वे चाहें तो उन्हें ए के-४७ से लेकर क्लाशिन्कोव जैसे आधुनिकतम तीव्र मारक क्षमता वाले हथियार , पर्याप्त गोला बारूद और निर्देशित ‘टारगेट’ तक पहुँच इत्यादि संसाधन आसानी से मिल जाया करते हैं ! अपराध जगत की रक्तरंजित सेवा में जुटे […] Read more »
टॉप स्टोरी विश्ववार्ता असभ्यताओं के संघर्ष का समय ! January 10, 2015 / January 10, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment दूसरे विश्वासों को सम्मान और राष्ट्रवाद से ही रूकेगी खून की होली -संजय द्विवेदी फ्रांस से लेकर सीरिया, ईराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से लेकर दुनिया के तमाम देशों में बहता खून आखिर क्या कह रहा है? मानवता के शत्रु, पंथ की नकाब पहनकर मनुष्यों के खून की होली खेल रहे हैं। वे यह सारा कुछ […] Read more » "संघर्ष" का समय असभ्यता
जन-जागरण टॉप स्टोरी मोदी जी को निष्कंटक शासन करनें दें !! January 8, 2015 by प्रवीण गुगनानी | 3 Comments on मोदी जी को निष्कंटक शासन करनें दें !! सन्दर्भ:साक्षीजी महाराज/चार बच्चें इस देश में आठ सौ वर्षों बाद आये हिंदुत्व ध्वजा धारी के शासन को यदि निष्कंटक चलनें देना हो तो हिन्दुत्ववादी पूज्य संतो, जन प्रतिनिधियों और नेताओं को भी अपनें विषयों, मुद्दों, कथनों को तनिक राजनैतिक, कूटनीतिक, राजनयिक और चाणक्य शैली में ही रखना होगा! इस घनघोर राजनैतिक-कूटनैतिक हो गए विश्व […] Read more » चार बच्चें साक्षीजी महाराज
जन-जागरण टॉप स्टोरी जब मोटा मंथली देते हैं तो डर किसका और कैसा ?? January 8, 2015 / January 8, 2015 by आलोक कुमार | 1 Comment on जब मोटा मंथली देते हैं तो डर किसका और कैसा ?? बिहार में पिछले नौ सालों से ऊपर के ‘सुशासनी शासनकाल’ में ‘और’ कुछ तो फला-फूला नहीं ही लेकिन राजनीति , सत्ता और सरकारी महकमों के संरक्षण में शराब के वैध – अवैध कारोबार ने बेशक नई ऊंचाईयाँ हासिल कीं l आज आलम ये है कि शहर के गली –मुहल्लों से लेकर सूबे के ग्रामीण इलाकों […] Read more »
टॉप स्टोरी महामना और अटल : भारत रत्न का सार्थक निर्णय December 26, 2014 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on महामना और अटल : भारत रत्न का सार्थक निर्णय सुरेश हिन्दुस्थानी भारत की दो विभूषियों ग्वालियर के सपूत श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी एवं हिन्दी के पुरोधा महामना मदनमोहन मालवीय को भारत रत्न मिलने की प्रसन्नता देश के वातावरण में चतुर्दिक दृश्यव्य है। कहना चाहिए कि आज भारत देश धन्य हो गया। निश्चित ही यह दोनों महान विभूति भारत के अनमोल रतन हैं। दोनों के […] Read more » अटल भारत-रत्न \ महामना
टॉप स्टोरी समाज सावधान : बाड़ खेत को खा रही है December 26, 2014 / December 26, 2014 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment महर्षि व्यास लिखते हैं :- जात्या च सदृशा: सर्वे कुलेन सदृशास्तथा। न चोद्योगे न बुद्घया वा रूपद्रव्येण वा पुन:। भेदोच्चैव प्रदानच्च भिद्यन्ते भिद्यन्ते निपुभिर्गणा:।। (महा. शा. 107. – 30, 31) अर्थात जाति और कुल में सभी एक समान हो सकते हैं, परंतु उद्योग, बुद्घि, रूप, तथा सम्पत्ति में सबका एक सा होना संभव नही है। […] Read more » dharmantaran