टॉप स्टोरी विविधा व्यापम:घोटाला या ‘आपदा’? July 14, 2015 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on व्यापम:घोटाला या ‘आपदा’? तनवीर जाफ़री वैसे हमारे देश में कहने को तो देश के राजनेता विभिन्न विचारधाराओं में कथित रूप से बंटे हुए हैं। कुछ स्वयं को गांधीवादी विचारधारा का पैरोकार बताते हैं तो कुछ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का झंडा स्वयंभू रूप से उठाए नज़र आते हैं। कुछ समाजवादी विचारधारा के ध्वजावाहक बनते हैं तो कुछ साम्यवादी विचारों के […] Read more » आपदा’? घोटाला व्यापम
विविधा व्यंग्य औरतों का प्रवेश वर्जित है July 14, 2015 by अशोक गौतम | Leave a Comment यूनान के आर्थिक तौर पर दिवालिया होने की खबर ज्यों ही स्वर्गलोक तक पहुंची तो धन की देवी लक्ष्मी और कुबेर के हाथ पावं फूल गए। उन्हें जंबूद्वीप में चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा ही दिखाई देने लगा। तब उन्होंने स्वर्गलोक में एकदम आपातकालीन बैठक बुलाई । बैठक की अध्यक्षता करते कुबेर ने कहा कि […] Read more » औरतों का प्रवेश वर्जित है
टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण लेख विविधा मिसाइल निर्माण में आत्मनिर्भर हुआ देश July 13, 2015 / July 13, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भ-‘आकाश‘मेक इन इंडिया का कमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना ‘मेक इन इंडिया‘ ने आकार लेना शुरू कर दिया है। इस परिप्रेक्ष्य में सबसे बड़ी उपलब्धि पहली स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली तकनीक से र्निमित ‘आकाश मिसाइल‘ अस्तित्व में आ गई है। इसे औपचारिक रूप से थल सेना के बाद वायु सेना के बेड़े में […] Read more » मिसाइल निर्माण
खेत-खलिहान विविधा दालों की बढती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आयात करने का निर्णय July 13, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” देश में दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार 5,000 टन उड़द और 5,000 टन तुअर दाल का आयात करने जा रही हे। उड़द दाल के साथ 5,000 टन तुअर के आयात के लिए सरकार पहले ही निविदा जारी कर चुकी है। उपभोक्ता मामलों के सचिव […] Read more »
विविधा व्यंग्य व्यंग्य बाण : गाड़ी नंबर ग्यारह July 11, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment पिछले दिनों 21 जून को पूरी दुनिया में ‘योग दिवस’ मनाया गया। इससे बाकी लोगों को कितना लाभ हुआ, ये तो वही जानें; पर हमारे शर्मा जी में एक चमत्कारी परिवर्तन हुआ। उनके पड़ोसी गुप्ता जी ने उन्हें रोज कुछ देर ‘शीर्षासन’ करने की सलाह दी थी। पहले तो शर्मा जी ने सिर नीचे और […] Read more » गाड़ी नंबर ग्यारह
विविधा तब का और अब का भारत—एक अवलोकन July 11, 2015 by गंगानन्द झा | Leave a Comment जेरेमी सीब्रुक अनुवाद—गंगानन्द झा तीस साल पहले जिस भारत को मैं गया था, वह आज के भारत से बिलकुल अलग मुल्क था। विदेशी के जेहन में उस वक्त यह अभी भी एक धुँधले, लेकिन व्यापक खतरे के खिलाफ आगाह करता था। सैलानी जरते थे कि उन्हें कोई छूत न लग जाए. भारत गन्दगी और मुसीबत […] Read more » भारत
विविधा समाज विनाश की ओर बढ़ती मानवता July 11, 2015 / July 16, 2015 by अनिल कुमार पाण्डेय | 1 Comment on विनाश की ओर बढ़ती मानवता 11 तारीख को मनाए जाने वाले विश्व जनसंख्या दिवस पर अनिल कुमार पाण्डेय विश्व जनसंख्या दिवस कोई साधारण दिवस नहीं, बल्कि सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। विश्व में सुपर सोनिक गति से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के उद्देश्य से ही यह दिवस मनाया जाता है। ये बात […] Read more » विश्व जनसंख्या दिवस
विविधा व्यापमं बनाम यमराज July 11, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment गंगा प्रसाद मरते पत्रकार… निडर होते अपराधी हर रोज कही ना कही कोई ना कोई और किसी ना किसी की डोर टूट ही जाती है…जमाने में जीना है तो जमाने के हिसाब से जीना होगा… अगर जमाने के हिसाब से नहीं जिया तो किसी ना किसी दिन जिंदगी की डोर तोड़ दी जाएगी…और ये भी […] Read more » व्यापमं बनाम यमराज
विविधा समाज जीवन का पुनर्मूल्यांकन और जर्जर समाज July 8, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जीवन का पुनर्मूल्यांकन और जर्जर समाज घनश्याम भारतीय भारत गांवो का देश है, क्योंकि देश की अधिकांश आबादी गांवो में बसती है। इसलिए गांवो और ग्रामीणो की दशा सुधारने के लिए सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रयास तो किये जा रहे है परन्तु वह परिणाम सामने नही आ पा रहा है जो आना चाहिए। इसका अर्थ यह हुआ कि […] Read more » जर्जर समाज जीवन का पुनर्मूल्यांकन
आर्थिकी विविधा विश्ववार्ता यूनान की अर्थव्यवस्था का पतन July 6, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on यूनान की अर्थव्यवस्था का पतन डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री पश्चिमी देशों के मानकों के अनुसार यूनान विकसित देशों की कोटी में आता है । वह यूरोपीय यूनियन का सदस्य भी है । विकसित देशों के माडल का उदाहरण आम तौर विकासशील और पिछड़े देशों को इसलिये दिया जाता है ताकि वे भी इसका अनुसरण करें और प्रगति की सीढ़ियाँ फलांगते […] Read more » यूनान की अर्थव्यवस्था
बच्चों का पन्ना विविधा आओ जानें डायनासोर की दुनिया July 6, 2015 by अभिषेक कांत पांडेय | Leave a Comment अभिषेक कांत पाण्डेय स्टीवन स्पीलबर्ग की जुरासिक पार्क फ्रेंचाइजी की नई फिल्म ‘जुरासिक वर्ल्ड’ इन दिनों खूब धूम मचा रही है। इससे पहले भी एक फिल्म ‘जुरासिक पार्क’ आई थी, जिसने पूरी दुनिया में डायनासोर नाम के जीव से परिचय कराया था। तुमने भी वह फिल्म देखी होगी, आखिर कहां चले गए ये डायनासोर, कैसे […] Read more » डायनासोर की दुनिया
गजल विविधा सुलगा हुआ जग लग रहा July 1, 2015 / June 30, 2015 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment सुलगा हुआ जग लग रहा, ना जल रहा ना बुझ रहा; चेतन अचेतन सिल-सिला, पैदा किया यह जल-जला । तारन तरन सब ही यहाँ, संस्कार वश उद्यत जहान; विधि में रमे सिद्धि लभे, खो के भरम होते सहज । आत्मीय सब अन्तर रहे, माया बँधे लड़ते रहे; जब भेद मन के मिट गये, उर सुर […] Read more » सुलगा हुआ जग लग रहा