विविधा सरकारी स्कूलों की बदहाली का जिम्मेदार कौन? April 11, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on सरकारी स्कूलों की बदहाली का जिम्मेदार कौन? अबु बुशरा कासमी समाज में इज्जत की निगाह से देखे जाने वाले जिम्मेदार लोगों की जुबान से गैर जिम्मेदाराना बयान शोभा नहीं देता है। चाहे वह सरकार में बैठा कोई मंत्री हो अथवा सामाजिक कार्यकर्ता। कुछ दिनों पहले जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों […] Read more » नक्सलवाद श्रीश्री रविशंकर सरकारी विद्यालय
विविधा नशे की फसल उगाता कश्मीर March 28, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment जीनत जिशान फाजि़ल हो सकता है यह बात विश्वास करने के लायक न हो, परंतु यह सत्य है कि धरती का स्वर्ग कहलाने वाला कश्मीर भी अफगानिस्तान की राह पर चल पड़ा है। जिस प्रकार इस क्षेत्र में नशे की खेती जोर पकड़ती जा रही है उससे तो यही महसूस होता है। नशे का सेवन […] Read more » कश्मीर नशा
विविधा नदी जोड़ो परियोजना : संप्रग सुस्त, न्यायालय चुस्त March 2, 2012 by भवेश नंदन झा | 1 Comment on नदी जोड़ो परियोजना : संप्रग सुस्त, न्यायालय चुस्त भवेश नंदन झा सर्वोच्च न्यायालय ने ठंढे बस्ते में डाल दी गयी “नदी जोड़ो परियोजना” को समयबद्ध तरीके से लागू करने का निर्देश दिया है. यह देश के लिए बेहद सुखद समाचार है, जहाँ बिहार और असम जैसे राज्य पानी की अधिकता के चलते बाढ़ से त्रस्त रहते हैं वहीँ दक्षिण भारत में पानी की […] Read more » नदी जोड़ो परियोजना
विविधा आरक्षित उम्मीदवारों के मैरिट में चयन का औचित्य! February 28, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 5 Comments on आरक्षित उम्मीदवारों के मैरिट में चयन का औचित्य! डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ कुछ समय पूर्व मैंने एक खबर पढी थी कि अजा, अजजा एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित उनंचास फीसदी आरक्षित कोटे के अलावा शेष बचे सामान्य वर्ग के इक्यावन फीसदी पदों पर अजा, अजजा एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के तीस फीसदी प्रत्याशी मैरिट के आधार पर नियुक्त हो गये। इसे […] Read more » merit Reservation
विविधा जय बोलो सुखराम राज की February 27, 2012 by कुन्दन पाण्डेय | 1 Comment on जय बोलो सुखराम राज की कुन्दन पाण्डेय देश में इस समय सुखराम राज आ गया है। चौंकिए मत! इस राज में न तो सुख है, न राम। हैं तो बस सुखराम। क्योंकि सुखराम के भक्तों की संख्या दीन दूनी, रात चौगुनी की रफ्तार से बढ़ है। सुखराम का दिल बहुत ही छोटा है, लेकिन उसमें जगह अनलिमिटेड है। वह अपने […] Read more » भ्रष्टाचार सुखराम
महत्वपूर्ण लेख विविधा विचारधारा के पूर्वग्रह February 27, 2012 / April 13, 2012 by अनंत विजय | Leave a Comment अनंत विजय जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में विवादास्पद लेखक सलमान रश्दी को वहां आने से रोकने और वीडियो कांफ्रेंसिंग को रुकवाने में सफलता हासिल करने के बाद कट्टरपंथियों और कठमुल्लों के हौसले बुलंद हैं। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के घुटने टेकने के बाद अब बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने भी चंद कट्टरपंथियों के आगे घुटने […] Read more » एमएफ हुसैन तस्लीमा नसरीन
महत्वपूर्ण लेख विविधा शब्द वृक्ष – डॉ. मधुसूदन February 26, 2012 / February 26, 2012 by डॉ. मधुसूदन | 25 Comments on शब्द वृक्ष – डॉ. मधुसूदन प्रवेश: सूचना –> एकाग्रता से, धीरे-धीरे, कुछ विचार-करते करते इसे पढने का अनुरोध करता हूँ। यह लेख कुछ कठिन प्रतीत होगा। उसे सरल बनाने के लिए कठिन व्याकरणीय संकल्पनाओं को छोड़कर लिखने का प्रयास किया है। समय देकर एकाग्रता से, धीरे-धीरे, कुछ विचार करते-करते इसे पढ़ने का अनुरोध करता हूँ। (१)संस्कृत व्याकरण संस्कृत व्याकरण में, […] Read more » भारतीय भाषा शब्द रचना
विविधा दबे पांव नहीं, खुलेआम घुसाया घरों में पोर्न February 24, 2012 / February 24, 2012 by लीना | 2 Comments on दबे पांव नहीं, खुलेआम घुसाया घरों में पोर्न लीना ‘‘दबे पांव आपके घर में घुसा पोर्न’’ आवरण कथा और तस्वीर छापकर ( इंडिया टुडे, 23-29 फरवरी 2012) पत्रिका ने यह साबित कर दिया है कि इसका मकसद सिर्फ और सिर्फ अश्लीलता परोसकर बाजार में अपने को कायम रखना भर है। एम. जे. अकबर जैसे संपादक और हाल ही में दिलीप मंडल द्वारा पत्रिका […] Read more »
महत्वपूर्ण लेख विविधा आपरेशन बटाला हाउस के शहीद इन्स्पेक्टर मोहनचन्द शर्मा February 23, 2012 / February 27, 2012 by विपिन किशोर सिन्हा | 5 Comments on आपरेशन बटाला हाउस के शहीद इन्स्पेक्टर मोहनचन्द शर्मा कलम आज उनकी जय बोल विपिन किशोर सिन्हा १९ सितंबर, २००८ को सवेरे दिल्ली पुलिस को यह खुफिया जानकारी मिली कि नई दिल्ली के जामिया नगर क्षेत्र की चार मंजिली इमारत बटाला हाउस में पांच खूंखार आतंकवादी भविष्य के वारदात की योजना बना रहे हैं। दिल्ली पुलिस के इन्सपेक्टर मोहनचन्द शर्मा ने अविलंब कार्यवाही का […] Read more » mohanchand sharma
विविधा कालाधन : यथा राजा तथा प्रजा February 22, 2012 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कालाधन : यथा राजा तथा प्रजा प्रमोद भार्गव चाणक्य ने कहा था, किसी भी देश में न्यूनतम र्इमानदार और न्यूनतम ही बेर्इमान होते हैं किंतु जब बेर्इमानों पर नकेल कसने में शासन-प्रशासन कमजोर पड़ते हैं अथवा वे खुद बेर्इमान हो जाते हैं तो देश के ज्यादातर लोग बेर्इमानी का अनुसरण करने लग जाते हैं। इसी सच्चार्इ का पर्याय यह लोकोकित है, […] Read more » कालाधन
विविधा युवा हिंदुस्थान का नेतृत्व कैसा हो? February 21, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on युवा हिंदुस्थान का नेतृत्व कैसा हो? दत्तात्रेय होसबळे युवकों के नेतृत्व का विचार करने के पूर्व ‘युवा’ कौन, इसका वेध लेना चाहिए| जिनके नेतृत्व का विचार करने का समय आया है, उन युवकों की संकल्पना ही सही मायने में समझे बिना उनके नेतृत्व का विचार किया गया, तो सारा मंथन ही निष्प्रभ सिद्ध होगा| भारत यह युवकों का देश है, विश्व […] Read more » युवा
विविधा सामाजिक कुरीतियां हैं महिला शिक्षा की दीवार February 18, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment शकिला खालिक मैं अपने खानदान की ऐसी पहली लड़की हूं जिसने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। मैंने अभी अभी स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। मुझे इस बात की खुशी है कि सभी तरह के विरोधों के बावजूद मेरे गरीब माता-पिता उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लगातार उत्साहित करते रहते हैं। मुझे अपने माता-पिता […] Read more » महिला शिक्षा सामाजिक कुरीति